यह पुजा उन औरतों और पुरुषों को समर्पित है जो इस कठोर दुनिया में संघर्षरत रहने के बजाय आत्महत्या को चुन लिया। मैंने आज एक दूध पीती बच्चि को अपने मां से जुदा होते देखा। इस बच्चि को यह भी पता नहीं उसकी मां इस दुनिया में नहीं हैं। उसका भरण पोषण कौन करेगा उसका देख भाल कौन करेगा यह भी उसको पता नहीं?। एक बाप को दिखा जिसकी नौकरी छूट जाने से घर का भरण पोषण करने में असमर्थ होने के कारण इस दुनिया को अलविदा बोल दिया।
वीरा लक्ष्मी, साहस संचार की एक शक्तिशाली देवी मानी जाती हैं, जिन्हें वीरता, साहस और शत्रुओं के ऊपर विजय प्राप्त कराने वाली की देवी के रूप में पूजा जाता है। इन्हें विशेष रूप से उन भक्तों द्वारा आराधना की जाती है जो कठिनाइयों का सामना कर रहे होते हैं या जो जीवन में किसी महत्वपूर्ण लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संघर्षरत हैं। वीरा लक्ष्मी का स्वरूप आठ भुजाओं वाला होता है, जिसमें हर भुजा में विभिन्न अस्त्र-शस्त्र धारण किए होती हैं, जो उनकी शक्ति और सामर्थ्य का प्रतीक हैं।
यह हर प्रकार के शत्रु से युद्ध में विजय प्राप्त कराती है, और यह अपने भक्तों को मानसिक और शारीरिक शक्ति प्रदान करती हैं। जिस से भक्त कठिनाइयों का सामना करने में सक्षम होता हैं, इसके साथ वीरा लक्ष्मी उन्हें साहस देती हैं और उन्हें अपने लक्ष्यों की ओर अग्रसरित करती हैं। उसके अलावा, माता समृद्धि, सौभाग्य और सफलता का प्राप्ति में सहायक होती है।
माता की उपासना प्रत्येक गुरुवार को करनी चाहिए । इस दिन नजदीक के लक्ष्मी मंदिर या किसी भी देवी के मंदिर में जाए या भगवान विष्णु के मंदिर में पूजा पाठ करने से भी चलेगा। वहां जाकर पुजारी से कहे आप के लिए वह मां लक्ष्मी के वीरा लक्ष्मी के रूप के पूजा पाठ कर दे। जब पूजारी आपके दिए हुए नैवेद्य को मां को अर्पित करने के बाद बचे हुए नैवेद्य वापस कर दे तो आप तुरंत घर ना आए। इसके बाद आप मंदिर की किसी कोने में बैठ जाए और मां की ध्यान करते हुए मंत्र पढ़े या फिर माता की लक्ष्मी चालीसा व स्तुति पाठ करें। यह सब करने के बाद घर वापस आ जाए।
गुरुवार को मंदिर में पूजा पाठ करें और बाकी दिनों मे घर पर ही रहकर मां की पूजा पाठ करें।
अपने पूजा घर को प्रत्येक दिन साफ सुथरा रखें।
पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे फूल, दीपक, अगरबत्ती, और नैवेद्य तैयार करें ।
इसके बाद अपने आसन पर बैठ कर नैवेद्य माता को अर्पित करें। सभी विधि पूरे होने के बाद रुद्राक्ष माला से माता वीरा लक्ष्मी के मंत्रों का जप करें।
।।"ॐ श्रीं ह्लीं क्लीं श्रीं महावीरा लक्षम्यौ नमः"।।
इस साधारण मंत्र को एक माला जप करें
इस साधारण मंत्र को एक माला जप करें या फिर आप जितना चाहें उतना जप कर सकते हैं।
:नवरात्रि में विशेष पूजा:
नवरात्रि लक्ष्मी पूजा के अवसर पर विशेष पूजा का आयोजन करें, नवरात्रि ९ दिन में सच्चे मन से मां की सेवा करें। ब्राह्मण बुलाकर पूजा पाठ करने की जरूरत नहीं आप सच्चे मन से लगन से जो भी पूजा पाठ करेंगे वही काफी है। आपकी आर्थिक स्थिति अगर ठीक है तो कुछ बच्चोंको बुला कर उनको भोजन करवाए।
श्री वीरा लक्ष्मी कई गुणों और शक्तियों से युक्त हैं। इनमें से कुछ प्रमुख हैं:
वीरता: ये अपने भक्तों में साहस और आत्मविश्वास भरती हैं।
सुरक्षा: शत्रु से युद्ध(वाद-विवाद )के मैदान में या जीवन के संघर्षों में ये अपने भक्तों को सुरक्षा प्रदान करती हैं एवं इन सभी मुश्किल हालातो से छुटकारा दिलाती है।
समृद्धि: इनके आशीर्वाद से भक्तों को धन, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
श्री वीरा लक्ष्मी की पूजा करने से भक्तों को अनेक लाभ मिलते हैं:
कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति:-भक्तों को जीवन की चुनौतियों का सामना करने की शक्ति मिलती है।
आर्थिक समृद्धि:- आर्थिक संकट से उबरने में सहायता मिलती है।
सुख-शांति:- परिवार में सुख-शांति का वातावरण बना रहता है।
श्री वीरा लक्ष्मी का उपासना न केवल भक्तों को बाहरी संघर्षों में जीत दिलाती है, बल्कि यह आंतरिक शक्ति और मानसिक स्थिरता भी प्रदान करती है। उनकी आराधना से भक्त अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। उनकी कृपा से जीवन में आने वाले सभी बाधाएँ दूर होती हैं, और विजय और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ प्रतिदिन की पूजा के बाद आपको महसूस होगा आपका जीवन में कुछ ना कुछ परिवर्तन हो रहा है।
"जय मां वीर लक्ष्मी"