Meaning of Meera Love - 6 - What else is hidden??? in Hindi Travel stories by sunita maurya books and stories PDF | मीरा प्रेम का अर्थ - 6 - और क्या क्या छुपाया है???

Featured Books
Categories
Share

मीरा प्रेम का अर्थ - 6 - और क्या क्या छुपाया है???

तालियों की गड़गड़ाहट के बीच मुस्कुराती मीरा की नजरे माधव पर पड़ी तो उसने देखा कि माधव बस एक टक उसी को देखे जा रहा था उसके चेहरे पर हेरानी के भाव थे.....मीरा ने मुस्कुराते हुए ही कन्फ्यूज होके माधव को देखने लगी फिर वहां से उठी और अपने हाथ से गिटार को अपने साथ वाली लड़की को दे दी। और मुस्कुराते हुए माधव की तरफ बढ़ने लगी ....मीरा माधव के पास पहुंची तब तक सबने तलिया बजाना बंद कर दिया था...माधव हेरानी से देखते हुए ही मीरा से बोला......तुम्हारे अंदर और कितने टैलेंट हैं ....और क्या क्या राज छुपाया हुआ है तुमने. तुम खुबसूरत भी हो। पढाई में भी अच्छी हो, डांस भी कर लेती हो, गिटार भी बजाती हो। ......माधव हेरानी से मीरा को देखकर बोल रहा था ....

माधव के मुंह इस तरह अपनी तारीफ सुनके मीरा हल्के से मुस्कुराती है तभी मीरा के पीछे से एक लड़की मीरा के कंधे अपने दोनो हाथ रख के हंसते हुए बोलती है....अरे तुम अभी जानते नहीं हमारी मीरा मे क्या क्या टैलेंट है......मिलते रहो पता चल जाएगा ........ये कहते हुए उस लड़की ने बाकी सब से कहा। .... चलो अब हम चलते हैं.... फिर से उसने मीरा से कहा... ठीक है मीरा और तुम्हारा थेंकस तुम्हारी वजह से हमारा प्रेक्टिस पूरा हो पाया ......उसकी बात सुनके मीरा ने हल्के से मुस्कुराते हुए इशारे में कहा... इटस ओके.....इसके बाद बाकी सब लोग धीरे-धीरे वहां से चले जाते हैं ........अब वहां सिर्फ मीरा, माधव और सुधा ही थे...माधव मीरा की तरफ देख रहा था। माधव. मीरा को इस तरह देख रहा था जैसे वो आँखो ही आँखो से मीरा में समा जाना चाहता था .......मीरा भी उसकी आँखों में खोई हुई थी। वही पास खडी सुधा ये सब देख रही थी। उसने एक नज़र दोनों को देखा और उनदोनो के बीच में आते हुए बोली....

" अब मीरा के टेलेंट के बारे में बाद में जानना अभी तुम्हारा टाइम हो गया है यहाँ से जाने का . अब तुम्हें यहां से जाना चाहिए .......सुधा ने कहा लेकिन माधव ने सुधा की बात का कोई भी रिएक्ट नहीं किया ...तो हेरान होकर सुधा ने माधव को देखा और फिर मुड़कर मीरा की तरफ देखा वो दोनों अभी भी वैसे ही खड़े थे...ये देख सुधा ने अपना एक हाथ सर पर मार लिया। और फिर वहां से हट गई....तभी मीरा ने हल्के से अपनी पलकें झपकाईं। और फिर चोंक कर नीचे देखने लगी... उसने देखा कि माधव ने उसके एक हाथ को अपने हाथ में ले लिया था...ये देख मीरा ने माधव की तरफ हेरान होकर देखा...तभी माधव मुस्कुराते हुए बोला......डरो मत....मैं ऐसा वैसा कुछ करूंगा। आख़िर इतने दिनों से तुमसे मिल रहा हूँ इतना तो विश्वास कर ही सकती हो मुझ पर। .....माधव के इतना कहने पर मीरा ने अपनी आंखे बड़ी करके पलकें 2 बार झपकाई....

माधव उसकी आंखो मैं ही देख रहा था...जब माधव को मीरा की आंख में राहत नजर आई तो माधव ने कहा....मीरा तुम्हारी आंखें बहुत खूबसूरत है जी करता है इन्हें देखता रहू और खो जाउ।....मीरा माधव की बात सुन के अपनी आँखे बड़ी करके माधव को देखने लगती है .....मीरा की आंखें अब बड़ी नजर आ रही थी उसकी आंखों की घनी पलके आंखों में काजल लगा उसकी आंखों की खुबसूरती और भी ज्यादा बढा रहा था .....

.जब मीरा ने माधव को ऐसा देखा तो माधव के शरीर में एक सिहरन सी दोड गई .......उसका मन हुआ कि कस के मीरा को गले से लगा ले लेकिन ऐसा करने से उसने आपको रोक लिया। और गहरी सांस छोड़ते हुए उसने मीरा से कहा....मीरा तुम ऐसे मेरी तरफ मत देखा करो मुझे कुछ कुछ होने लगता है ....दिल करता है तुम्हारा इस चेहरे को अपने हाथों में लू और तुम्हारी इन आँखों को प्यार से चूम लू और इससे पहले कि माधव आगे कुछ कहते हैं सुधा माधव के कानो में एक भोंपू बजा देती है... उसकी आवाज काफी तेज थी और और कानो में छुभ रही थी जिससे बचने के लिए माधव और मीरा दोनो अपने कानो को अपने दोनो हाथो से ढक लेते है......थोड़ी देर बाद वो आवाज बंद कर देती है.. माधव अपने कानों से हाथ हटाता है और सुधा को घूर के देखने लगता है.... तभी सुधा अपने दोनों हाथ बांध के माधव से कहती है ......

हो गया तुम्हारा अब ये अपनी तारीफ की ट्रेन पर ब्रेक मारो और जाओ यहां से तुम्हारा टाइम खत्म हो गया है .......सुधा की बात सुन के माधव को गुस्सा तो बहुत आ रहा था लेकिन जब उसने अपनी कलाई में पहली घड़ी में देखा तो उस्मे 3:10 ऑलरेडी हो चुके थे.....ये देख कर माधव ने मीरा की तरफ देखा और मुस्कुराते हुए बोला... ...मेरा सब कुछ तुम्हारा है लेकिन तुम्हें देने के लिए मेरे पास टाइम ही नहीं है ....अभी मुझे जाना पड़ेगा बाकी की बाते कल करेंगे हम्म्म.. चलो बाय ध्यान रखना ..... माधव ने मीरा से ये कहकर जाने लगा तभी माधव को अचानक एहसास हुआ कि वो आगे नहीं बढ़ पा रहा था .....उसने मुड़कर देखा तो मीरा ने उसका हाथ पकड़ा हुआ था...ये देख माधव के दिल की धड़कन तेज़ हो गई...वो ये सोचने लगा कि शायद मीरा का मन भी उसको छोड़ने का नहीं कर रहा है.. वो और बाते करना चाहती है ...ये सब सोचते हुए माधव के चेहरे पर एक बड़ी सी मुस्कान आ गई... तभी मीरा ने उसके कंधे पर थपथपाया...मीरा के ऐसे करने पर माधव अपने होश में आया और मीरा से बोला......मैं जानता हूं तुम्हारा अभी दिल मेरे बिना नहीं लगता लेकिन अगर ऐसा रोकोगी तो मैं नहीं जा पाऊंगा और मेरा जाना भी जरूरी है...

माधव की बात सुनकर मीरा मुस्कुराए अपना एक हाथ माधव के सर पर हल्के से मारते हुए उसको अपनी आंखो के इशारे से साइड में देखने को कहा... माधव कन्फ्यूज होके उस तरफ देखने लगा.. उसने देखा कि वहा माधव का बैग था जिसे वो अपने साथ लेके आया था.... लेकिन वो जल्दीबाजी में उसको वही भूला जा रहा था जिसे याद दिलाने के लिए मीरा ने माधव को रोका था... .... ये सोच माधव ने मुस्कुराते हुए मीरा को देखा और बोला.... तुम्हें मेरा कितना ख्याल है और मेरी चीज़ो का भी.देखो ना अगर तुम मुझे याद नहीं दिलाती तो मुझे अपना बैग यहीं भूल जाता ना.... तभी माधव मीरा के थोड़ा पास आकर धीरे से मीरा से बोला.... और अब अगर तुम्हारी अनुमति हो तो मैं अपना बैग लेलू..ये कहकर माधव और भी ज्यादा मुस्कुराने लगा....



....ये देख मीरा का ध्यान अपने हाथ पर गया। उसने अभी भी माधव का हाथ पकड़ा हुआ था...ये देख उसने जल्दी से माधव का हाथ अपने हाथ से छोड़ दिया.....और हडबडाते हुए मीरा ने माधव की तरफ देखा माधव अभी भी मुस्कुरा रहा था और मुस्कुराते हुए ही वो अपने बैग के पास गया और बैग को अपने हाथ में लेके अपने कंधों पर टांग लिया और एक बार मीरा की तरफ देखकर माधव ने धन्यवाद कहा और वहा से चला गया...मीरा उसको जाते हुए देख रही थी..तभी मीरा की आंखों के सामने माधव का चेहरा आने लगा जिस पल वो मीरा के बेहद करीब था और उसकी आंखे माधव की आंखो में देख रही थी....मीरा को माधव की आंखो में बहुत प्यार नजर आ रहा था अपने लिए ......ये सोच के उसके दिल की धड़कने भी तेज़ हो गई। वो अपनी गहरी सोच में डूबी हुई थी तभी उसके कंधों पर सुधा ने अपने हाथ रखे और बोली...ओहो मैडम अब चले या बस उसको ही जाते हुए देखना है। दूसरो को काम ही करती रहोगी या फिर कभी अपना भी कितना असाइनमेंट पेंडिंग है उनको भी तो पूरा करना है चलो अब सुधा ने मीरा का हाथ पकड़ा और अपने हाथ लेके वहां से चली गई......

अगले दिन माधव जब कॉलेज कैंपस में पहुंचा था गार्डन एरिया में सुधा अकेली बैठी नोटबुक में कुछ लिख रही थी ..माधव ने हेरान होकर इधर उधर देखा लेकिन वहा आस पास मीरा कहीं नहीं थी .... ये देख वो चलते हुए सुधा के पास आकर बैठ गया और फिर आस पास देखते हुए सुधा से पूछा ......सुधा मीरा कहीं नज़र नहीं आ रही है...कहाँ है वो?...

माधव की बात सुनके सुधा ने कहा....मीरा अंदर है किसी टीचर अपने असाइनमेंट के बारे में बात कर रही है....सुधा की बात सुनके माधव कुछ सोचते हुए अपना सर हा में हिलाया और इधर उधर देखते हुए उसकी नजर सुधा पर पड़ी वो कुछ लिखते हुए रुक गई और कुछ सोचने लगी.... उसको ऐसे करते देख माधव ने कहा.... क्या हुआ क्या सोच रही हो तुम अगर कुछ समझ नहीं आ रहा है तो इंतजार कर लो मीरा आती होगी उससे पूछ लेना....तभी अपने में बुदबुदाते हुए बोला...मीरा को पता है मेरे पास बस लिमिटेड टाइम होता है लेकिन उसे इसी समय अपने असाइनमेंट के लिए जाना था....

तभी सुधा ने तिरछी नजरों से माधव को देखा और बोली ......मीरा के पास और दूसरा काम भी है तुमसे मिलने के अलावा और वैसे भी उसको काफी देर हो गई है वहा गए मुझे नहीं लगता वो जल्दी आ भी पाएगी..ये कहते हुए सुधा अपने काम में लग गई... सुधा की बात सुनके माधव और बेचैन हो गया और निराश होके बोला... शिट यार उसे मिलने के लिए मैं इतनी जल्दी आता हूं और आज उसको देखे बिना मैं कैसे रह पाउंगा ....निराश होते हुए वो सुधा को देखता है वो अपनी नोटबुक में कुछ लिख रही थी उसने.. सुधा की नोट बुक में देखा उसमें कई सारी समान की लिस्ट थी। जो चीजे गिफ्ट में दी जाती है.....ये देख उसने सुधा से पूछा...

अरे. तुम ये गिफ़्टस की लिस्ट क्यों बना रही हो .......माधव का सवाल सुनके सुधा ने कहा...अरे जब गिफ्ट की लिस्ट बना रही हु तो जाहिर सी बात किसी को गिफ्ट देना होगा। इसलिए बना रही हू........सुधा का जवाब सुन के माधव ने कहा... "वो तो मुझे भी पता है किसी को देना ही होगा लेकिन अगर गिफ्ट देना है तो मार्केट से गिफ्ट लो और दे दो इसमे इतनी लिस्ट बनाने की क्या जरूरत है?."...

अरे जिसे गिफ्ट देना है वो बहुत स्पेशल है इस तरह के गिफ्ट की लिस्ट बना रही हूं ताकि उनमें से एक अच्छा गिफ्ट फाइनल हो सके उसके बाद उसको कोई अच्छा गिफ़्ट दु... आखिर किसी खास के लिए गिफ्ट भी खास होना चाहिए ना ........सुधा के मुँह से खास शब्द सुन के माधव कुछ सोच में पड़ गया और कुछ सोचते हुए ही उसके चेहरे पर एक शैतानी मुस्कान आ गयी और वो सुधा से छेड़ने के अंदाज़ में बोला.......किसी खास हा!..वो तो है किसी खास के लिए कोई खास गिफ्ट ही होना चाहिए.... ऐ हाय कितनी छुपीरुस्तम हो तुम तो मुझे आज तक शक नहीं हुआ कि तुम्हारा बॉयफ्रेंड भी हो सकता है.......माधव के मुँह से ये बात सुनके सुधा ने चौंककर माधव को देखा....माधव अपनी बात आगे बढ़ाते हुए बोला... ...अरे तुम्हारा रूड बिहेवियर देख कर मुझे लगा था कि तुम सिंगल होगी लेकिन तुम भी मिंगल निकली हो.... ये कहते हुए माधव ने सुधा को मजाकिया अंदाज में अपने कंधे से सुधा के कंधे पर हल्के से मारा और आगे बोलने लगा ......मतलब कि तुम्हारे अंदर भी दिल है उस्मे भी प्यार है.फीलिंग ... वो भी किसी के लिए धड़कता है......वैसे वो इसी कॉलेज में है क्या अगर हां तो मिलवाओ ना मुझे.... मैं भी तो देखु आखिर किसने तुम जैसे नकचिडी का दिल चुरा लिया.....माधव मैं अपने होठों पर अपने हाथ की उंगली से टैप करते हुए कुछ सोचते हुए सुधा से बोलने लगा.... अच्छा बताओ तुम जब रोमांटिक बातें करते हो तो कैसी करती हो.... मैं तुम्हें देखना चाहता हूं ......

.माधव के मुँह से ये सब सुन के सुधा के गाल शरम से और आँखे गुस्से से लाल हो गई ....और माधव को घूरते हुए सुधा ने माधव से कहा ...... बंद करो अपनी बकवास क्या क्या बोले जा रहे हो होश भी है कोन बॉयफ्रेंड किसका बॉयफ्रेंड अरे कुछ भी बोले जा रहे हो मेरे बारे में... मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं है समझे तुम....

सुधा का ऐसा रिएक्शन देख के माधव ने फिर से अपने चेहरे पर शेतानी मुस्कान लाते हुए बोला...अरे बस भी करो सारी लड़कियाँ ये सब छुपाने के लिए यहीं बहाना देती है .. मुझे पता है तुम शर्मा रही हो हेना .. फिर थोड़ा पास आते हुए धीमी आवाज में बोला... अच्छा वैसे ये मीरा को पता है की तुम्हारा बॉयफ्रेंड है.......ये बात सुनके सुधा ने फिर से माधव को गुस्से से घूर का देखा.... तभी माधव ने एक आंख मारते हुए कहा.... सुनो अगर नहीं पता तो कोई बात नहीं। मुझे बता सकती हो मैं इसको सीक्रेट रखूंगा विश्वास करो........माधव की बात सुनके सुधा ने अपनी गुस्से भरी आंख से घूरा और अपनी मुट्ठिया कस्ते हुए बोली ......तुमको समझ नहीं आता क्या बोला मैंने.. ऐसा कुछ नहीं हैं मैं और ना कभी होगा.... और क्या सीक्रेट है अगर कोई सीक्रेट होगा भी तो मैं क्या तुमको बताऊंगी। मैं अपनी सबसे बेस्ट फ़्रेंड को बताऊंगी समझे .......और अब कुछ और शब्द बोले तो तुम्हारी जुबान खिंच लुंगी ........

सुधा के मुँह से ऐसी गुस्से भरी धमकी सुनके माधव को सच में लगा कि वो कुछ ज्यादा ही बोल गया इसलिए और सुधा से दूर हटकर बैठ गया और शांत होते हुए बोला... अच्छा तो फिर तुम ये लिस्ट क्यों बना रही हो... और किस खास के लिए ये सब कर रही हो ..

......सुधा ने गुस्से में ही बोला......वो तो मैं यह मीरा के जन्मदिन के लिए गिफ्ट लेने के लिए कन्फ्यूज थी इसलिए मैं ऐसा कर रही थी...उसके अलावा मेरी जिंदगी में कोई खास नहीं है...सुधा के मुँह से मीरा के जन्मदिन की बात सुनके माधव ने चौंका गया और उसने सुधा से फिर से पूछा... क्या कहा तुमने मीरा का जन्मदिन है पर कब? ......माधव की बात का जवाब देते हुए सुधा ने कहा .......हा 2 दिन बाद मीरा का जन्मदिन है उसके लिए गिफ़्ट की लिस्ट बना रही थी... उसने मुझसे कुछ सिलेक्ट करना था मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या दू उसको गिफ्ट में ....सुधा अपना गुस्सा शांत करते हुए लंबी सांस छोड़ी और अपने कंधे नीचे लटकाते हुए बोली...... मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है.... इनमें से काफी सारे गिफ्ट तो मैं उसको पहले ही दे चुकी हूं.अब समझ नहीं आ रहा क्या दू उसको....ये कहते हुए उसने अपना मुँह अपनी नोटबुक में डाल दिया.......

तभी माधव ने कुछ सोचा हुए कहा.... क्यों ना हम उसको कोई अच्छा सा सरप्राइज़ दे... माधव की आवाज सुधा के कानो में पड़ी जिससे कंफ्यूज होके सुधा ने अपना सर बाहर निकाला और माधव को देखने लगी और बोली..... सरप्राइज?....किस तरह का सरप्राइज दोगे तुम?.....

मैं नहीं, हम देंगे....माधव के मुँह से सुन सुधा ने कहा... हम!.. हम दोनों क्या सरप्राइज़ प्लान करेंगे .... सिर्फ 2 दिन ही है इतने कम टाइम में क्या सरप्राइज प्लान करेंगे हम......

माधव ने कुछ सोचते हुए कहा...देखो जितना हो सके वो तो करेंगे ना...तो सुधा ने माधव की बात पर कहा...लेकिन करेंगे क्या और कैसे?... .माधव ने अपने मुँह पर उंगली रखते हुए कुछ सोचा और सुधा से कहा....आओ तुम्हें बताऊ...माधव ने सुधा के कानो में कुछ कहा और फिर अपनी बात ख़तम करके सुधा की तरफ देखने लगा और बोला.......ठीक है समझ आ गया ना सब.......

सुधा ने माधव की बात का जवाब देते हुए कहा... हा लेकिन वो सब तो ठीक है लेकिन मैं उसको दोपहर तक कैसे रोकूंगी...मीरा को सरप्राइज़ से कैसे छुपायेंगे........तो माधव रिलैक्स होते हुए बोला... देखो मैं अपना काम करूंगा, तुम अपना काम करोगी... वो तुम जानो कि तुम मीरा को दोपहर तक कैसे रोकोगी समझी और मेरे बिना ये सरप्राइज़ तुम मीरा को नहीं दोगी और ना हीं उसको कुछ बताओगी......और सुधा को वोर्न करते हुए बोला... और हा मीरा से बताना मत तुम.मैं नहीं चाहता कि बना बनाया प्लान चोपट हो जाए .........

और खुसफुसाते हुए अपने में ही बोला... और मैं अपने प्यार का इजहार भी कर दूंगा मीरा से .........ख़ुशफुसाहट सुनके सुधा ने कहा.... तुमने कुछ कहा क्या?......माधव अपना सर ना में हिलाया और कहा.... नहीं तो तुमने कुछ सुना क्या?..ये सुन के सुधा ने कहा.... नहीं मुझे ऐसा लगा कि तुमने कुछ कहा .......

माधव ने फिर से सुधा को छेड़ते हुए कहा...आजकल तुम्हारे कान कुछ ज्यादा ही बजने लगे हैं......अब क नहीं अपना दिमाग और हाथ पेरो को काम पर लगाओ ...