Bandhan Pyar ka - 27 in Hindi Moral Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | बन्धन प्यार का - 27

Featured Books
  • ओ मेरे हमसफर - 12

    (रिया अपनी बहन प्रिया को उसका प्रेम—कुणाल—देने के लिए त्याग...

  • Chetak: The King's Shadow - 1

    अरावली की पहाड़ियों पर वह सुबह कुछ अलग थी। हलकी गुलाबी धूप ध...

  • त्रिशा... - 8

    "अच्छा????" मैनें उसे देखकर मुस्कुराते हुए कहा। "हां तो अब ब...

  • Kurbaan Hua - Chapter 42

    खोई हुई संजना और लवली के खयालसंजना के अचानक गायब हो जाने से...

  • श्री गुरु नानक देव जी - 7

    इस यात्रा का पहला पड़ाव उन्होंने सैदपुर, जिसे अब ऐमनाबाद कहा...

Categories
Share

बन्धन प्यार का - 27

बहू बैठो।हिना बैठ गयी थी।सास अंदर किचन में चली गयी थी।तब नरेश बोला
रात को स्विट्जरलैंड चलना है
क्यो
शादी के बाद क्या करते हैं
क्या करते हैं
हनीमून
हो""हिना शरमा गयी थी
हनीमून के लिए मैने टिकट बुक करा ली है
तभी सास ट्रे में चाय हलवा ले आयी थी
"लो बेटी खाओ
"मम्मी मेरे होते हुए आपने बनाया है
"बेटी तुझ्रे अभी किचन में जाने की इज़्ज़त नही है
"क्या तो मेरे हाथ का नही खाएगी
यह मैने कब कहा
आपने कहा ने मे किचन में नही जा सकती
तुम अभी हनीमून को जा रहे हो।पहले वहा से लौट आओ।फिर चूल्हा पुजाइ की रस्म के बाद तुमकीचन में जा सकती हो,"सास बोली,"फिर बहु के हाथ का ही बना हुआ खाऊँगी
तीनो ने साथ बैठकर खाया और चाय पी थी।फिर सास उठकर गयी और सोने की चेन लेकर आई।हिना को देते हुए बोली
बहु इसे पहन लें।नंगा गला अच्छा नही लगता।
हिना ने चेन अपने गले मे डाल ली थी। नरेश उठकर चला गया।सास उसके पास बैठकर उससे उसकी ममी व अन्य बाते करने लगी।अपने बारे में भी बताने लगीं।वह बोली,"यह तुम्हारा घर है।अब तुम्हे ही सम्भलना है।
काफी देर तक बाते करने के बाद वह बोली
तुम लोगो को रात को जाना है।अब तैयारी कर लो
नरेश बाजार चला गया था।वह लौटा तब अपने और हिना के लिय कपड़े लाया था।अपनी माँ के लिए भी लाया था।
"मा यह तुम्हारे लिए
"तुम लोग जा रहे हो।मेरी अभी क्या जरूरत थी।
"कैसी बात करती हो"नरेश बोला,"यह तुम्हारे लिए
नरेश ने हिना को कपड़े दिखाए थे
हिना को सब पसन्द आ गए
"अब तैयारी करें
औऱ वे दोनों जाने की तैयारी करने लगें।रात को खाना खाकर वे घर से निकल दिए थे।फ्लाइट रात को दो बजे थी।लेकिन उन्हें 2 घण्टे पहले जो पहुचना था।।और वे वहाँ पहुंच कर जरूरी औपचारिकता पूरी करने लगें।और वे बाते करने के साथ वहाँ का नजारा देखने लगे।लंदन का एयर पोर्ट बहुत ही व्यस्त है।दुनिया के हर देश के लिए यहाँ से उड़ाने है।दुनिया के हर देश का नागरिक इस एयरपोर्ट पर नजर आ जायेगा।कोई यहा पढ़ने आता है तो कोई जॉब के लिय। विदेशों स हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक इंग्लैंड घूमने के लिय भी आते हैं।यहाँ पर हर धर्म और भाषा व संस्कृति के लोग मिल जायेंगे।
औऱ बातों ही बातों में उनके प्लेन का समय हो गया था।और यात्री एक एक करके प्लेन में सवार होने लगें थे ।ऐसा लग रहा था।स्विट्जरलैंड जाने वालों में हनीमून के लिए जा ने वालो की संख्या ज्यादा थी।हिना नरेश से बोली
हम कहा जा रहे हैं
ज्यूरिख
यह तो स्विट्जरलैंड की राजधानी है।
हा
होटल तलाशना पड़ेगा
नही
क्यो।फिर कहा रुकेंगे
मैने ऑनलाइन बुक करा लिया था
बीबी को बताए बिना
अभी तुम halfwife हो
शादी हो गयी फिर half
पूरी बनने के लिए जा रही हो
मतलब
हनीमून के बाद तुम पत्नी बन जाओगी
हिना ने आंखे तरेर कर पति की तरफ देखा था
नरेश ने हंसते हुए हिना के गाल पर चिकोटी भरी थी1
"क्या करते हो,"हिना पति का हाथ हटाते हुए बोली,"लोग देख रहे हैं
"देखने दो।कोई पराई औरत को नही छेड़ रहा।अपनी को छेड़ रहा हूं।
तभी एनाउंसमेंट होने लगा।प्लेन के उड़ने का समय हो रहा था।सभी यात्रियों से सीट बेल्ट बांधने के लिए कहा जा रहा था।
यात्री बेल्ट बांधने लगें।हिना और नरेश ने भी सेफ्टी बेल्ट बांधी थी