A Perfect Murder - 9 in Hindi Crime Stories by astha singhal books and stories PDF | ए पर्फेक्ट मर्डर - भाग 9

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ए पर्फेक्ट मर्डर - भाग 9

भाग 9

“अरे! राठोर, भाई कितनी देर लगा दी तुमने आने में।” ए. सी. पी. विक्रांत, आगे बढ़ इंस्पेक्टर राठोर और कविता का स्वागत करते हैं।

“हैलो सर, सॉरी, वो केस में उलझ गए थे। और शुक्रिया, आपने हमें इजाज़त दी अपने प्लान को यहाँ एग्ज़ीक्यूटिव करने की।” इंस्पेक्टर राठोर ने कहा।

“केस सॉल्व हो जाए, हमारे लिए वही ज़रूरी है। आओ, एंजॉय करो।” ए. सी. पी विक्रांत बोला।

इंस्पेक्टर राठोर और कविता पार्टी में आए अन्य लोगों से मिलने लगे। तभी उन्होंने अमोल को देखा। कविता के इशारे पर इंस्पेक्टर राठोर अमोल के पास गया, “आ गया भाई! आ जा!”

“यार! इस पार्टी में मैं क्या करूँगा?” अमोल हिचकिचाते हुए बोला।

“देख, नीलम भाभी के गायब होने से तू बहुत अपसेट है, और बच्चे भी यहाँ नहीं हैं। तो मैंने सोचा तुझे बुला लूँ, तेरा दिल भी बहल‌ जाएगा।” इंस्पेक्टर राठोर ने कहा।

तभी कविता भी वहाँ आ गई, “ अरे! अमोल? अच्छा किया विक्रम जो तुमने अमोल को भी बुला लिया। पुराने दिन ताज़ा हो जाएँगे।”

“आजा अमोल, एक-एक ड्रिंक हो जाए, कम प्लीज़।” ये कह इंस्पेक्टर राठोर, अमोल और कविता ड्रिंक्स एरिया में चले गए।

अभी उन्होंने पीना शुरू ही किया था कि इंस्पेक्टर राठोर के सीनियर उनके पास आए और बोले,
“राठोर, तुमसे पर्मिशन लेनी है। क्या मैं आपकी खूबसूरत वाइफ के साथ एक डांस कर सकता हूंँ?”

“सर, कैसी बातें कर रहे हैं आप! आपको पर्मिशन लेने की क्या ज़रूरत है। प्लीज़, यू कैन!” इंस्पेक्टर राठोर ने हँसते हुए कहा।

उसके सीनियर ने अपना हाथ कविता की तरफ आगे बढ़ाया और बोला, “मे आई डांस विद यू ब्यूटीफुल लेडी।”

कविता ने मुस्कुराते हुए नज़ाकत से अपना हाथ आगे बढ़ाया और बोली, “येस ऑफकोर्स!”

फिर वह दोनों डांस स्टेज पर चले गए। इंस्पेक्टर राठोर मुस्कुराते हुए अपनी ड्रिंक पीने लगा। पर अमोल बहुत गुस्से में नज़र आ रहा था। इंस्पेक्टर राठोर ने ये भांप लिया और पूछा, “क्या बात है भाई, इतना गुस्सा क्यों आ रहा है तुझे? ठीक तो है ना तू?”

“वो इंस्पेक्टर तेरी बीवी के साथ नाच रहा है और तुझे कोई फर्क नहीं पड़ रहा? कैसा पति है तू?”

“इसमें क्या बुराई है अमोल? वो मेरी पत्नी के साथ नाचना ही तो चाहता है, और कुछ थोड़ा ही करना चाहता है।” इंस्पेक्टर राठोर ने आँख मारते हुए कहा।

“ऐसे लोगों का कुछ भरोसा नहीं है भाई। कब तेरी बीवी को झांसे में ले लेगा तुझे पता भी नहीं चलेगा। और फिर ले कर नौ दो ग्यारह हो जाएगा।” अमोल ने एक घूंट पीते हुए कहा।

“हा हा हा…अमोल, वो मेरी पत्नी है कोई चीज़ नहीं, जिसे कोई उठा कर नौ दो ग्यारह हो जाएगा। क्या कुछ भी बोलता है!” इंस्पेक्टर राठोर मन ही मन अमोल की सोच पर हँसने लगा।

अमोल का गुस्सा अभी भी शांत नहीं हुआ था। उसका ध्यान अभी भी कविता और उस सीनियर इंस्पेक्टर की तरफ ही था।

“बख्श दे उसे भाई! तू ये बता कि कॉलेज के अपने और दोस्तों में से तू किसके साथ टच में हैं।” इंस्पेक्टर राठोर ने पूछा।

पर अमोल उसकी बात सुन ही नहीं रहा था। वो अभी भी घूरते हुए डांस फ्लोर की तरफ ही देख रहा था।

“अमोल, तेरा भी मन है क्या कविता के साथ नाचने का? तू भी नाच ले! वैसे भी वो बहुत अच्छा डांस करती है।” इंस्पेक्टर राठोर ने उसके गुस्से को जानबूझकर हवा देते हुए कहा।

“मुझे कोई शौक नहीं है किसी और की पत्नी के साथ नाचने का। देख ज़रा, कैसे वो तेरी बीवी की कमर पर हाथ रख के नाच रहा है। और बुरा मत मानना पर भाभी भी बेफिक्र होकर नाच रहीं हैं।”

“ऐसे डांस में कमर पर हाथ रखकर ही डांस करते हैं।” इंस्पेक्टर राठोर मुस्कुराते हुए बोला।

“मैंने कभी नीलम को इजाज़त नहीं दी कि वो ऐसे सबके सामने नाचे। और ना ही किसी और मर्द में इतनी हिम्मत रही कभी, कि मेरी बीवी को डांस के लिए पूछ ले।” अमोल पूरा गिलास खत्म करते हुए बोला।

“क्यों भाई! तेरी बीवी तेरी पर्सनल प्रोपर्टी है क्या? जो तू इजाज़त देगा। कविता को डांस पसंद‌ है, पर मुझे नाचना बिल्कुल नहीं आता, तो ऐसे पार्टी वगैरह में अगर कोई उसके साथ डांस कर लेता है तो ठीक है ना! क्या बुराई है?” इंस्पेक्टर राठोर ने कहा।

“तेरी बीवी के शरीर को तेरे अलावा कोई और हाथ लगाए, ये मंज़ूर है तुझे? कैसा मर्द है तू!” अमोल ने वेटर को एक और ड्रिंक का इशारा करते हुए कहा।

“विश्वास होना चाहिए अपने जीवन साथी पर अमोल। शादी का अर्थ ये बिल्कुल नहीं होता कि हम अपने पार्टनर को अपनी प्रोपर्टी समझ लें। और तू तो ऐसे कह रहा है जैसे तूने कभी किसी और औरत को छूआ तक नहीं?” इंस्पेक्टर राठोर ने एक और पासा फैंकते हुए कहा।

ये सुनते ही अमोल के माथे पर पसीने की कुछ बूंदें साफ नज़र आने लगीं।

“ये क्या कह रही है तू? मैं…मैंने कभी किसी और औरत को नज़र उठाकर नहीं देखा।”

“क्यों, कॉलेज में प्रीति से तेरी कितनी नज़दीकियां रहीं हैं ये किसी से छिपा थोड़ा ही था।” इंस्पेक्टर राठोर ने गुगली फैंकते हुए कहा।

“वो! वो कॉलेज के दिन थे। शादी से पहले की बात। शादी के बाद मैंने कभी पलट कर किसी औरत को नहीं देखा।” अमोल ने पूरे जोश के साथ बोला।

“वैसे, प्रीति कैसी है? तेरा कॉन्टेक्ट है अभी भी उससे क्या?” इंस्पेक्टर राठोर बेसब्री से अमोल के जवाब का इंतज़ार कर रहा था।

“कॉलेज के बाद कोई रिश्ता नहीं रहा।” अमोल‌ ने दो टूक शब्दों में बात खत्म कर दी।

“पर, तू तो बहुत चाहता था उसे? सच बताऊं तो मुझे बहुत हैरानी हुई थी ये जानकर कि तूने प्रीति से शादी नहीं की। ऐसा…क्या हुआ था मेरे भाई!” इंस्पेक्टर राठोर ने अमोल के कंधे पर हाथ रखते हुए पूछा।

“यार! प्रीति के पिता की नज़रों में मैं कुछ नहीं था। उन्हें चाहिए था एक अमीर दामाद और मैं…मैं उस वक्त अपने कैरियर की शुरुआत कर रहा था। मैं इतनी जल्दी प्रीति को इतने सारे सुख कैसे दे सकता था? तो…उन्होंने प्रीति की शादी कहीं और कर दी?”

तभी कविता भी वापस आ गई और बोली, “अमोल प्रीति कहाँ है आजकल? बहुत याद आती है उसकी। उसका कोई कॉन्टेक्ट नम्बर है क्या? हम सब लड़कियाँ एक रीयूनियन प्लान कर रहे हैं। प्रीति भी आ जाएगी तो मज़ा आ जाएगा।”

“वो…बैंगलोर में है। अ…भाभी मैं नम्बर तो दे दूंगा पर…आप उसको मत बताना कि मैंने दिया है।” अमोल ने नम्बर वॉट्सएप करते हुए कहा।

“डोंट वरी अमोल, ये हमारा सीक्रेट है।” कविता ने अमोल के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा।
“चलो सब डांस करते हैं।” कविता अमोल‌ और इंस्पेक्टर विक्रम को खींचने लगी।

“भाभी…भाभी, आप विक्रम के साथ नाचिए। मुझे नाचना नहीं आता।” अमोल ने कविता का हाथ छुड़ाते हुए कहा।

“विक्रम! डार्लिंग! चलो ना।” कविता ने उसे एक फ्लाइंग किस देते हुए कहा।

“तुम जाओ मैं थोड़ी देर में आता हूँ जान!” इंस्पेक्टर राठोर ने कहा।

“यू आर सच ए बोर हसबैंड विक्की। मैं जा रही हूँ।” ये कह कविता चली गई और इंस्पेक्टर राठोर उसे देख हँसने लगा।

“एक बात बोलूँगा भाई, खूबसूरत बीवी होना बहुत तनावपूर्ण होता है। इनको संभाल कर रखना पड़ता है। वैसे तेरा और कविता भाभी का मैच तो बराबरी का है। ना तू उनसे उन्नीस है और ना वो इक्कीस। मेरी और नीलम की जोड़ी बहुत अटपटी थी। गली की सब औरतों ने नीलम को बहुत चढ़ा कर रखा हुआ था कि वो बहुत खूबसूरत है, हीरोइन की तरह है। कोई भी पार्टी या फंक्शन होता था, मेरी नीलम अलग ही दिखती थी, और सारे मर्द भाभीजी - भाभीजी करके उसके आसपास घूमते रहते थे। उसे स्पेशल फील कराते रहते थे। शायद कहीं इस वजह से तो वो मुझे छोड़कर…. नहीं ये मैं क्या सोच रहा हूँ।” अमोल बोलते-बोलते रुक गया।

“तू ये कहना चाहता है कि नीलम शायद खुद ही कहीं?....” इंस्पेक्टर राठोर ने संशय व्यक्त करते हुए पूछा।

“पता नहीं यार, दिल तो नहीं मानता। मेरी नीलम तो बहुत भोली है। गाय है वो गाय। पर ज़माना बहुत ख़राब है भाई। इसलिए कह रहा हूँ तू भाभी को दूसरे मर्दों के साथ मत छोड़ा कर। चल भाई मैं चलता हूंँ। तबियत ठीक नहीं लग रही।” ये कह अमोल उठ गया।

“रुक, मैं किसी हवलदार को बोलता हूँ तुझे छोड़कर आएगा।” ये कह इंस्पेक्टर राठोर ने हवलदार को आवाज़ दी और उसे अमोल को घर तक छोड़कर आने को कहा।

क्रमशः
आस्था सिंघल