hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • कलयुग का उत्कर्ष

    समय के साथ समाज मे घटित कुछ घटनाएं समाज पर इतना गहरा प्रभाव छोड़ जाती है जिसके पर...

  • वह आखिरी पल - (अंतिम भाग)

    इस समय कावेरी अम्मा को ग्लूकोस की बोतल चढ़ रही थी। प्रतीक और नमिता पूरी रात उनके...

  • श्रृंगार या संघर्ष

    “क्यों डांट रहे थे तेरे बड़े भैया।” वृंदा पूछती है?“यह मेरे भाई नहीं मेरे चाचा ह...

सर्कस - 18 By Madhavi Marathe

                                                                                                     सर्कस: १८           सुबह अरुणसर ने महत्वपूर्ण पेपर्स, चाबीयों का गुच्छा, रुपयों...

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सन्यासी -- भाग - 4 By Saroj Verma

दिनभर यूँ ही काँलेज में वक्त गुजारने के बाद जयन्त घर पहुँचा,उसने साइकिल की घण्टी बजाकर चौकीदार से बंगले का गेट खोलने को कहा,जैसे ही नलिनी ने साइकिल की घण्टी की आवाज़ सुनी तो वो फौरन...

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कंचन मृग - 46. तो कौन बच सकेगा?(भाग-2) By Dr. Suryapal Singh

रात्रि में कुँवर, उदयसिंह, देवा, तालन, धन्वा, व्यूह रचना पर विमर्श ही कर कर रहे थे कि रूपन उपस्थित हुआ। उसने बताया कि कुमार की चिता यहीं जलेगी। माण्डलिक महाराज परमर्दिदेव के साथ प्...

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बिग ब्रदर भाग - 2 By अजय भारद्वाज

विजय ने जब दरोगा नरेश को ये बताया ये डेडबॉडी मेरे पिता गोपाल की नही है तो ये सुनकर नरेश ने हैरान होकर विजय से पूछा तुम कैसे कह सकते हो ये डेड बॉडी गोपाल की नही है विजय तुरंत बोला क...

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ग़रीबी By Rakesh Rakesh

सेठ जी गाड़ी का एसी खराब होने की जरा सी बात पर आपने अपने पिता के जमाने के ड्राईवर की पीठ पीठ कर हत्या कर दी।” पुलिस इंस्पेक्टर सिद्धार्थ कहता है सेठ होरीलाल अपने वकील के समझाएं हुए...

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कलयुग का उत्कर्ष By नंदलाल मणि त्रिपाठी

समय के साथ समाज मे घटित कुछ घटनाएं समाज पर इतना गहरा प्रभाव छोड़ जाती है जिसके परिणाम स्वरूप समाज त्वरित प्रतिक्रिया देता सकारात्मकता एव नकारात्मकता का विश्लेषण कर अपने आचरण में ही...

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खुशी का राज By Rakesh Rakesh

कालिया झूठ भी दिल से बोलता था इसलिए उसका झूठ भी इंसानों को नहीं बल्कि पशु पक्षियों को भी सच लगता था, वह शाकाहारी पशुओं के सामने थोड़ा सा चारा डालकर मांसाहारी पशुओं के सामने मांस का...

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उजाले की ओर –संस्मरण By Pranava Bharti

================= नमस्कार स्नेही मित्रों जीवन में सब कुछ बढ़िया चल रहा होता है और हम कभी अचानक ही किसी से नाराज़ ह...

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दिये जलते हैं फूल खिलते हैं By DINESH KUMAR KEER

1. खुशीछोटे से एक गाँव में लड़कों के जन्मदिन पर हलुआ और पूड़ी - पकौड़े बनाकर बाँटकर खुशी मनाते हैं, लेकिन किसी भी लड़की का अभी तक जन्मदिन नहीं मनाया गया। उसी गाँव की अनिता का यह नया व...

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समाज की सत्यता By Tripti Singh

आज से दो तीन महीने पहले मेरे कॉलेज में उसके स्थापना दिवस का आयोजन किया गया था! जिसका उस दिन समापन समारोह था, और उस दौरान हुई प्रतियोगिताओं का परिणाम आने के बाद प्रतियोगियों को मुख्...

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वह आखिरी पल - (अंतिम भाग) By Ratna Pandey

इस समय कावेरी अम्मा को ग्लूकोस की बोतल चढ़ रही थी। प्रतीक और नमिता पूरी रात उनके सिरहाने बैठे अपने और उनके आँसू पोछते रहे, भगवान का शुक्रिया अदा करते रहे कि उन्होंने अम्मा को बचा ल...

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आधुनिक दुनिया By Vinit

मम्मी यार …अपने आप को एक बार तो आईने के सामने देख लिया करो, आप तो रहने ही दो, मैं पीटीएम में पापा को लेकर चली जाऊंगी! पता है मम्मी.. मेरी सभी दोस्तों की मम्मी इतनी टिप टॉप अप टू डे...

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श्रृंगार या संघर्ष By Rakesh Rakesh

“क्यों डांट रहे थे तेरे बड़े भैया।” वृंदा पूछती है?“यह मेरे भाई नहीं मेरे चाचा है, कह रहे थे कल आदित्य भैया की बारात में महिलाएं लड़कियां नहीं जाएंगी।” अनुपम बताती है “देखने में तो...

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काबा जाए कि काशी By नंदलाल मणि त्रिपाठी

पंडित धर्मराज के तीन बेटे हिमाशु ,देवांशु ,प्रियांशु थे तीनो भाईयों में आपसी प्यार और तालमेल था पुरे गाँव वाले पंडित जी के बेटो के गुणों संस्कारो का बखान करते नहीं थकते । पंडित जी...

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मृगमरीचिका By sudha jugran

“मृगमरीचिका”‘वह‘ रवीना को रोज मॉर्निंग वॉक के समय दिखती। दिखती क्या...उसे देखने की आदत ही पड़ गई थी। उसका दिखना, रवीना की मॉर्निंग वॉक का एक हिस्सा बन गया था। वह जैसे ही मुख्य सड़क स...

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एक परिवार ऐसा भी.... By Piyunshi Thakur

ये कहानी नहीं एक सच्ची कहानी है. हम ये नही कहेंगे की ये कोई बनाई हुए बात है.....एक लड़की बो जो अकेली थी पूरे परिवार के होते हुए भी...और एक बो जो अपने परिवार और अपनो के साथ थी....अन...

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सच्चा मित्र By DINESH KUMAR KEER

सच्चा मित्रएक गाँव में एक व्यापारी अपनी पत्नी और बारह साल के बेटे, अनीश के साथ बहुत खुशी - खुशी रहता था। व्यापारी के कारोबार में दिन - रात तरक्की होती थी। अनीश इकलौती सन्तान होने क...

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बन्धन प्यार का - 25 By Kishanlal Sharma

फिर उसे अपने दूसरे शौहर से तलाक लेकर वह पहले शौहर से फिर से निकाह कर सकती है।बहुत से मौलवी और लोग केवल हलाला के लिए तैयार रहते हैं।और इस तरह नई नई औरतों कातीन तलाक कानूनी रूप से गल...

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सन्यासी का सत तप By नंदलाल मणि त्रिपाठी

सन्यासी का सत्य तप -- गोकुल खानाबदोश परिवार में जन्मा था जिसके समाज के लोग मन मर्जी के अनुसार जहां अच्छा लगा वहीं डेरा जमा लिया कुछ दिन रहे मन उबा तो दूसरी जगह चल दिए यही जिंदगी थी...

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सर्कस - 18 By Madhavi Marathe

                                                                                                     सर्कस: १८           सुबह अरुणसर ने महत्वपूर्ण पेपर्स, चाबीयों का गुच्छा, रुपयों...

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सन्यासी -- भाग - 4 By Saroj Verma

दिनभर यूँ ही काँलेज में वक्त गुजारने के बाद जयन्त घर पहुँचा,उसने साइकिल की घण्टी बजाकर चौकीदार से बंगले का गेट खोलने को कहा,जैसे ही नलिनी ने साइकिल की घण्टी की आवाज़ सुनी तो वो फौरन...

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कंचन मृग - 46. तो कौन बच सकेगा?(भाग-2) By Dr. Suryapal Singh

रात्रि में कुँवर, उदयसिंह, देवा, तालन, धन्वा, व्यूह रचना पर विमर्श ही कर कर रहे थे कि रूपन उपस्थित हुआ। उसने बताया कि कुमार की चिता यहीं जलेगी। माण्डलिक महाराज परमर्दिदेव के साथ प्...

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विजय ने जब दरोगा नरेश को ये बताया ये डेडबॉडी मेरे पिता गोपाल की नही है तो ये सुनकर नरेश ने हैरान होकर विजय से पूछा तुम कैसे कह सकते हो ये डेड बॉडी गोपाल की नही है विजय तुरंत बोला क...

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ग़रीबी By Rakesh Rakesh

सेठ जी गाड़ी का एसी खराब होने की जरा सी बात पर आपने अपने पिता के जमाने के ड्राईवर की पीठ पीठ कर हत्या कर दी।” पुलिस इंस्पेक्टर सिद्धार्थ कहता है सेठ होरीलाल अपने वकील के समझाएं हुए...

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कलयुग का उत्कर्ष By नंदलाल मणि त्रिपाठी

समय के साथ समाज मे घटित कुछ घटनाएं समाज पर इतना गहरा प्रभाव छोड़ जाती है जिसके परिणाम स्वरूप समाज त्वरित प्रतिक्रिया देता सकारात्मकता एव नकारात्मकता का विश्लेषण कर अपने आचरण में ही...

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खुशी का राज By Rakesh Rakesh

कालिया झूठ भी दिल से बोलता था इसलिए उसका झूठ भी इंसानों को नहीं बल्कि पशु पक्षियों को भी सच लगता था, वह शाकाहारी पशुओं के सामने थोड़ा सा चारा डालकर मांसाहारी पशुओं के सामने मांस का...

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1. खुशीछोटे से एक गाँव में लड़कों के जन्मदिन पर हलुआ और पूड़ी - पकौड़े बनाकर बाँटकर खुशी मनाते हैं, लेकिन किसी भी लड़की का अभी तक जन्मदिन नहीं मनाया गया। उसी गाँव की अनिता का यह नया व...

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समाज की सत्यता By Tripti Singh

आज से दो तीन महीने पहले मेरे कॉलेज में उसके स्थापना दिवस का आयोजन किया गया था! जिसका उस दिन समापन समारोह था, और उस दौरान हुई प्रतियोगिताओं का परिणाम आने के बाद प्रतियोगियों को मुख्...

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वह आखिरी पल - (अंतिम भाग) By Ratna Pandey

इस समय कावेरी अम्मा को ग्लूकोस की बोतल चढ़ रही थी। प्रतीक और नमिता पूरी रात उनके सिरहाने बैठे अपने और उनके आँसू पोछते रहे, भगवान का शुक्रिया अदा करते रहे कि उन्होंने अम्मा को बचा ल...

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मम्मी यार …अपने आप को एक बार तो आईने के सामने देख लिया करो, आप तो रहने ही दो, मैं पीटीएम में पापा को लेकर चली जाऊंगी! पता है मम्मी.. मेरी सभी दोस्तों की मम्मी इतनी टिप टॉप अप टू डे...

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श्रृंगार या संघर्ष By Rakesh Rakesh

“क्यों डांट रहे थे तेरे बड़े भैया।” वृंदा पूछती है?“यह मेरे भाई नहीं मेरे चाचा है, कह रहे थे कल आदित्य भैया की बारात में महिलाएं लड़कियां नहीं जाएंगी।” अनुपम बताती है “देखने में तो...

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काबा जाए कि काशी By नंदलाल मणि त्रिपाठी

पंडित धर्मराज के तीन बेटे हिमाशु ,देवांशु ,प्रियांशु थे तीनो भाईयों में आपसी प्यार और तालमेल था पुरे गाँव वाले पंडित जी के बेटो के गुणों संस्कारो का बखान करते नहीं थकते । पंडित जी...

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मृगमरीचिका By sudha jugran

“मृगमरीचिका”‘वह‘ रवीना को रोज मॉर्निंग वॉक के समय दिखती। दिखती क्या...उसे देखने की आदत ही पड़ गई थी। उसका दिखना, रवीना की मॉर्निंग वॉक का एक हिस्सा बन गया था। वह जैसे ही मुख्य सड़क स...

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सच्चा मित्र By DINESH KUMAR KEER

सच्चा मित्रएक गाँव में एक व्यापारी अपनी पत्नी और बारह साल के बेटे, अनीश के साथ बहुत खुशी - खुशी रहता था। व्यापारी के कारोबार में दिन - रात तरक्की होती थी। अनीश इकलौती सन्तान होने क...

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बन्धन प्यार का - 25 By Kishanlal Sharma

फिर उसे अपने दूसरे शौहर से तलाक लेकर वह पहले शौहर से फिर से निकाह कर सकती है।बहुत से मौलवी और लोग केवल हलाला के लिए तैयार रहते हैं।और इस तरह नई नई औरतों कातीन तलाक कानूनी रूप से गल...

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सन्यासी का सत तप By नंदलाल मणि त्रिपाठी

सन्यासी का सत्य तप -- गोकुल खानाबदोश परिवार में जन्मा था जिसके समाज के लोग मन मर्जी के अनुसार जहां अच्छा लगा वहीं डेरा जमा लिया कुछ दिन रहे मन उबा तो दूसरी जगह चल दिए यही जिंदगी थी...

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