hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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लोकतंत्र का उत्सव By DINESH KUMAR KEER

1. लोकतंत्र का उत्सवएक छोटे से गाँव में एक साधारण - सा परिवार रहता था । परिवार में सभी लोग एक - दूसरे को बहुत ही प्यार करते थे और बहुत ही प्यार से रहते थे । उस परिवार में दो बेटे थ...

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ख्वाहिश,,,,कत्ल उम्मीदों का - भाग 2 By Paramjeet Kaur

पूरे रास्ते अपने बेटी के बारे में सोचकर; सोचकर सुखविंदर जी का दिल बैचेन हो रहा था ।बाहर से तो खुद को शांत और मजबूत रखने की जद्दोजहद में लगे हुए थे पर आख़िरकार उनके अंदर भी तो एक बा...

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उजाले की ओर –संस्मरण By Pranava Bharti

-------------------------------------- क्या होगा दोस्तों मुँह फुलाकर? जीवन में प्रेम की अलौकिक छटा को महसूस करके जब चेहरे पर मुस्कान खिल जाती है तब पूरा जीवन ही प्रेममय हो जाता है।...

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सन्यासी -- भाग - 13 By Saroj Verma

उस रात शिवनन्दन जी ने जयन्त को समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन जयन्त नहीं माना,जिससे सुमेर सिंह का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया,वो तो वैसे भी गुण्डागर्दी करने वाला इन्सान था,वो ऐसे धा...

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पर्दाफाश - भाग - 6 By Ratna Pandey

आहुति रोज़ की तरह सुबह उठकर अपने नित्य कर्मों से निपट कर स्कूल के लिए निकल ही रही थी कि तभी वंदना ने कहा, “आहुति बेटा आज मेरा सर बहुत दर्द कर रहा है; सोचती हूँ आज ऑफिस से छुट्टी ले...

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दिनेश (एक साधारण लड़का) By DINESH KUMAR KEER

1. दिनेश (एक साधारण लड़का) दिनेश गाँव में एक बहुत ही सीधा - साधा लड़का था। वह अपने माँ - बाप के साथ गाँव में रहता था। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद में उसने नौकरी करने की सोची। कुछ द...

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गुलकंद - पार्ट 10 (अंतिम भाग) By श्रुत कीर्ति अग्रवाल

गुलकंद पार्ट - 10 अंतिम भाग अनरसे वाकई बहुत अच्छे बने थे। भौंचक खड़ा वीरेश देख रहा था कि उत्साह से भरी अम्मा बड़े प्यार से तीनों के टिफिन में ठूंस-ठूंस कर भर रही थीं... गुलकंद भरे...

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अनोखी मित्रता By DINESH KUMAR KEER

अनोखी मित्रताराजा रोमपाद अयोध्या के चक्रवर्ती राजा दशरथ के बहुत ही घनिष्ठ मित्र थे। राजा रोमपाद के कोई सन्तान नहीं थी। एक बार राजा रोमपाद अपने मित्र से मिलने अयोध्या पहुँचे। राजा द...

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मां से ही बच्चों की दुनियां होती हैं .... By Purnima Kaushik

मां एक ऐसा शब्द है, जिसे कभी भी किसी भी परिभाषा में आंका जाना संभव नहीं है। मां तो अपने में समस्त संसार को समेटे हुए है। जिनके होने से कभी अकेला महसूस नहीं होता और न ही कभी डर भी ल...

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दूसरे के जीवन में घुसपैठ By bhagirath

दूसरे के जीवन में घुसपैठ   कामना बड़ी जिद्दी लड़की थी। वह बचपन से ही ऐसी थी, कोई चीज चाहिए तो बस चाहिए, जब तक नहीं मिलती रोती रहती और मुंह फुलाकर बैठी रहती। हर बार पिता को उसकी जिद्द...

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बेटा-बेटी (दोनों कुल का नाम करते हैं) By DINESH KUMAR KEER

1. बेटा - बेटीएक छोटे - से गाँव में एक परिवार रहता था । परिवार बहुत ही समझदार और खुशहाल था । परिवार में एक बुजुर्ग दादी माँ थीं, जिनकी बात हर किसी को माननी पड़ती थी । परिवार में ती...

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अधिकार By prabha pareek

                                                   अधिकारबत्तीस वर्षीय संदीप को दूसरा विवाह करते समय इस बात की पूरी जानकारी थी कि परिवार को बांधे रखने के लिये उन्हें कुछ अलग तरह के...

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दुश्मन By Rakesh Rakesh

समाज सुधारक राजा राममोहन राॅय जी की तरह अगर पूरा देश सोच तो…. “बस बस अपना भाषण बंद करो आपका भाषण गांव के कुत्ते भी नहीं सुन रहे हैं, वह भी एक हड्डी के लिए आपस में युद्ध कर रहे हैं,...

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सर्कस - 20 (अंतिम भाग) By Madhavi Marathe

                                                                                                 सर्कस:२०             दुसरे दिन सुबह छह बजे के बाद भोपाल गॅस दुर्घटना की खबर चारों ओ...

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अदिति By Kishanlal Sharma

"आपको जरूर आना हैपत्नी फोन पर बात कर रही थी।मैं भी कमरे में ही बैठा अपनी पत्नी की बाते सुन रहा था।बाते खत्म होने पर पत्नी बोली,"अदिति का फोन था"क्या कह रही थी"घर खरीदा है।गृहप्रवेश...

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ग़रीबी By Rakesh Rakesh

सेठ जी गाड़ी का एसी खराब होने की जरा सी बात पर आपने अपने पिता के जमाने के ड्राईवर की पीठ पीठ कर हत्या कर दी।” पुलिस इंस्पेक्टर सिद्धार्थ कहता है सेठ होरीलाल अपने वकील के समझाएं हुए...

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बिग ब्रदर भाग - 2 By अजय भारद्वाज

विजय ने जब दरोगा नरेश को ये बताया ये डेडबॉडी मेरे पिता गोपाल की नही है तो ये सुनकर नरेश ने हैरान होकर विजय से पूछा तुम कैसे कह सकते हो ये डेड बॉडी गोपाल की नही है विजय तुरंत बोला क...

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कंचन मृग - 46. तो कौन बच सकेगा?(भाग-2) By Dr. Suryapal Singh

रात्रि में कुँवर, उदयसिंह, देवा, तालन, धन्वा, व्यूह रचना पर विमर्श ही कर कर रहे थे कि रूपन उपस्थित हुआ। उसने बताया कि कुमार की चिता यहीं जलेगी। माण्डलिक महाराज परमर्दिदेव के साथ प्...

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कलयुग का उत्कर्ष By नंदलाल मणि त्रिपाठी

समय के साथ समाज मे घटित कुछ घटनाएं समाज पर इतना गहरा प्रभाव छोड़ जाती है जिसके परिणाम स्वरूप समाज त्वरित प्रतिक्रिया देता सकारात्मकता एव नकारात्मकता का विश्लेषण कर अपने आचरण में ही...

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लोकतंत्र का उत्सव By DINESH KUMAR KEER

1. लोकतंत्र का उत्सवएक छोटे से गाँव में एक साधारण - सा परिवार रहता था । परिवार में सभी लोग एक - दूसरे को बहुत ही प्यार करते थे और बहुत ही प्यार से रहते थे । उस परिवार में दो बेटे थ...

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ख्वाहिश,,,,कत्ल उम्मीदों का - भाग 2 By Paramjeet Kaur

पूरे रास्ते अपने बेटी के बारे में सोचकर; सोचकर सुखविंदर जी का दिल बैचेन हो रहा था ।बाहर से तो खुद को शांत और मजबूत रखने की जद्दोजहद में लगे हुए थे पर आख़िरकार उनके अंदर भी तो एक बा...

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उजाले की ओर –संस्मरण By Pranava Bharti

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सन्यासी -- भाग - 13 By Saroj Verma

उस रात शिवनन्दन जी ने जयन्त को समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन जयन्त नहीं माना,जिससे सुमेर सिंह का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया,वो तो वैसे भी गुण्डागर्दी करने वाला इन्सान था,वो ऐसे धा...

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पर्दाफाश - भाग - 6 By Ratna Pandey

आहुति रोज़ की तरह सुबह उठकर अपने नित्य कर्मों से निपट कर स्कूल के लिए निकल ही रही थी कि तभी वंदना ने कहा, “आहुति बेटा आज मेरा सर बहुत दर्द कर रहा है; सोचती हूँ आज ऑफिस से छुट्टी ले...

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दिनेश (एक साधारण लड़का) By DINESH KUMAR KEER

1. दिनेश (एक साधारण लड़का) दिनेश गाँव में एक बहुत ही सीधा - साधा लड़का था। वह अपने माँ - बाप के साथ गाँव में रहता था। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद में उसने नौकरी करने की सोची। कुछ द...

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गुलकंद - पार्ट 10 (अंतिम भाग) By श्रुत कीर्ति अग्रवाल

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अनोखी मित्रताराजा रोमपाद अयोध्या के चक्रवर्ती राजा दशरथ के बहुत ही घनिष्ठ मित्र थे। राजा रोमपाद के कोई सन्तान नहीं थी। एक बार राजा रोमपाद अपने मित्र से मिलने अयोध्या पहुँचे। राजा द...

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बिग ब्रदर भाग - 2 By अजय भारद्वाज

विजय ने जब दरोगा नरेश को ये बताया ये डेडबॉडी मेरे पिता गोपाल की नही है तो ये सुनकर नरेश ने हैरान होकर विजय से पूछा तुम कैसे कह सकते हो ये डेड बॉडी गोपाल की नही है विजय तुरंत बोला क...

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कलयुग का उत्कर्ष By नंदलाल मणि त्रिपाठी

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