hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • आधा आदमी - 11

    आधा आदमी अध्‍याय-11 वह मुझे छोड़कर सन्नो को पीटने लगा। मैं मौका पाते ही पहरे के झ...

  • द हैप्पी बड्डे ऑफ सुमन चौधरी

    कुछ कहानियाँ जीवन से जन्मती हैं और उसी के खट्टे-मीठे अनुभवों की आंच में धीमे-ध...

  • तीन-तेरह

    तीन-तेरह ‘हर्षा देवी नहीं रहीं’ कस्बापुर की मेरी एक पुरानी परिचिता की इस सूचना न...

कुबेर - 48 - अंतिम भाग By Hansa Deep

कुबेर डॉ. हंसा दीप 48 बच्चे क्या कहते, जानते थे उनका लक्ष्य, उनका काम। अपने नये मिशन को पूरा करने वे वहीं रहने लगे। यद्यपि इन बच्चों के लिए की गयीं ये व्यवस्थाएँ पर्याप्त नहीं थीं...

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सुहागिन या विधवा - 2 By Kishanlal Sharma

राघव की आवाज सुनकर राधा अतीत से वर्तमान में लौट आयी।आवाज सुनकर उसे विश्वास हो गया कि आगुन्तक उसका पति ही है।जिसे उसने एक दिन आरती उतारकर विदा किया था।उसने अपना पल्लू सम्हाला और अंद...

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एक ही भूल, भाग १ By Saroj Prajapati

तुम्हारी इस नौकरी ने तो हमे खानाबदोश बनाकर रख दिया है। हर तीन चार साल बाद उठाओ समान और चल दो दूसरी जगह । ये भी कोई जिंदगी है?" सीमा सामान खोलते हुए बोली। "अरे भई अब काम ही ऐसा है त...

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बडी प्रतिमा - 4 By Sudha Trivedi

बडी प्रतिमा (4.) डाॅली, छोटी अंजना और गीतू की तिकडी थी हाॅस्टल में । तीनों ने अपनी चौकियां खिसकाकर एक साथ कर ली थीं। गीतू जब इस बार घर गई थी तब एक बडी किंग साइज खूबसूरत...

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आधा आदमी - 11 By Rajesh Malik

आधा आदमी अध्‍याय-11 वह मुझे छोड़कर सन्नो को पीटने लगा। मैं मौका पाते ही पहरे के झुण्ड में घुस गया। चाँदनी रात होने के कारण मुझे पहरे के अंदर से दिखाई पड़ रहा था। सन्नो जमीन पर औधे मु...

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महामाया - 17 By Sunil Chaturvedi

महामाया सुनील चतुर्वेदी अध्याय – सत्रह भोजनशाला से अपने कमरे की ओर जाते समय अखिल ने देखा कि मंदिर प्रांगण में सन्नाटा था। समाधि के लिये खोदे जा रहे गड्डे के पास कौशिक , जग्गा और जस...

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होने से न होने तक - 32 By Sumati Saxena Lal

होने से न होने तक 32. नये तंत्र के साथ वह पहला साल ऐसे ही बीत गया था। शुरू शुरू में इस तरह की बातें सुनते तो मन बेहद आहत महसूस करने लगता। धीरे धीरे मिसेज़ चौधरी के इस तरह के वक्तव्य...

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द हैप्पी बड्डे ऑफ सुमन चौधरी By Anju Sharma

कुछ कहानियाँ जीवन से जन्मती हैं और उसी के खट्टे-मीठे अनुभवों की आंच में धीमे-धीमे पकती हैं! आप इसे कहानी माने या महज एक किस्सा ये आपकी मर्जी पर है लेकिन कथाकार का दावा है कि यह...

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आधी दुनिया का पूरा सच - 6 By Dr kavita Tyagi

आधी दुनिया का पूरा सच (उपन्यास) 6. रानी अपनी भूख से व्याकुल होने पर भी मौन बैठी थी । अपने साथी बच्चों की पीड़ा को समझते हुए उसने सुझाव दिया - "चलो, रसोई में चल कर देखते हैं ! वहाँ...

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जननम - 1 By S Bhagyam Sharma

जननम भयंकर तूफान और घोर वर्षा में एक नदी में पूरी भरी हुई बस किसी गांव में बह जाती है। पर बस कहां की थी कहां से आई थी कहां जा रही थी कुछ भी पता नहीं चला। बस का बोर्ड भी नहीं मिला प...

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गंध-मुक्ति By Geeta Shri

गंध-मुक्ति गीताश्री अस्पताल के कारीडोर में बैठे बेठे सपना ऊब गई थी। लगातार लोगों की आवाजाही लगी थी। अपनी पारी का इंतजार करती हुई उसने आंखें मूंद कर पीछे दीवार से सिर टिका दिया। उसे...

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तीन-तेरह By Deepak sharma

तीन-तेरह ‘हर्षा देवी नहीं रहीं’ कस्बापुर की मेरी एक पुरानी परिचिता की इस सूचना ने असामान्य रूप से मुझे आज आन्दोलित कर दिया है। हर्षा देवी से मैं केवल एक ही बार मिली थी किन्तु विचित...

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आखिर कब तक?? - 1 By Heena_Pathan

नमस्कार पाठक मित्रों आज हम आपको आखिर कब तक होने वाली प्रथाओं के बारे में बताएंगे यह प्रथा सदियों से चली आ रही है आज भले ही देश और दुनिया इतनी विकसित हो गई हो फिर भी प्रथाएं 2020 मे...

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कांता By मालिनी गौतम

कांता लगातार दो लेक्चर लेने के बाद प्राजक्ता ने अपने ऑफिस की कुर्सी पर बैठते ही पानी की बॉटल मुँह से लगाई और एक ही साँस में गट-गट आधे से अधिक पानी पी गई । आँखें बंद करके उसने वहीं...

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फिर मिलेंगे... कहानी - एक महामारी से लॉक डाउन तक - 10 By Sarvesh Saxena

“अरे अर्पित, अभी अभी पता चला है कुछ लोगों में कोरोना पॉजिटिव के लक्षण पाए गए और इसके बावजूद लोग घरों के बाहर घूम रहे हैं और कुछ छुपे बैठे हैं, कह रहे हैं हमें कोरोना नहीं होगा, कुछ...

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रिश्तों की डोर By Poonam Singh

रिश्तों की डोर ------------------- माधुरी पिछले कुछ दिनों से बहुत परेशान थी। मन में उमड़ते भाव, डूबती हुई साँसें मानो किनारा पाने को हिचकोले खा रही थीं। जीवन में कुछ अप्रत्याशित...

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कुन्हिया की वंश बेलि By Vijay Singh Tyagi

कुर्सियां की वंश बेलि मनुष्य का स्वभाव जन्म जन्मांतरों के कर्मों के अनुसार बनता है। कुछ गुण-दोष वंशानुगत भी आते हैं। जो किसी में कम, किसी में ज्यादा, पीढ़ी दर पीढ़ी आगे चलत...

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नाशुक्रे लोग By Pushp Saini

लघुकथा ✍?नाशुक्रे लोग ***********'अरु, आज फिर रात की इतनी रोटियाँ बची हुई हैं ।कितनी बार कहा है तुमसे कि कम बनाया करो, लेकिन तुम मानती ही नहीं हो' 'अरे, हो जाता है कभी-...

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तुम्हारी नन्दिनी! By Neelima Tikku

तुम्हारी नन्दिनी! नन्दिनी! ....हाँ वही थी तीस साल बाद अचानक उसे देखकर मेरे दिल की धड़कने बढ़ गईं थीं। कभी एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें खायीं थीं हमने। हडबडाती सी वह सामने से...

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केस नंबर २०२० - भाग ४ एवं भाग ५ By Ratna Raidani

भाग ४ - २०२० की यह न्याय सभा विशेषतापूर्ण थी। इस श्रेणी के सभी सितारे यद्यपि पिछली तीन श्रेणी के सितारों से संख्या में कम थे किन्तु इनके मन में एक महत्वपूर्ण प्रश्न था कि इतनी एहति...

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निर्मल By Kumar Gourav

पिछले तीस सालों से वह पंचायत प्रधान थे। लोगों के सुख दुख में वे हमेशा शामिल रहते थे। कारण वे पहले दुख की व्यवस्था करते थे फिर उसे दुर करके सुख में बदल देते। शादी ब्याह जैसे आयोजनों...

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काश ! में समज पाता By Mahek Parwani

काश ! में समज पाता प्रणव और प्रेरणा, कॉलेज की हर दिवार सुना रही थी। इनकी प्रेम कहानी हां ऐसा लगता था कि "मेड फॉर इच अधर"। प्रणव समजदार और संस्कारी लड़का था । उसके पापा दिन क...

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पेईंग गेस्ट (कमलेश्वर स्मृति कथा सम्मान-२०१९ से सम्मानित) By Raj Gopal S Verma

“आप हॉस्टल में क्यों ट्राई नहीं करती, पेइंग गेस्ट के बजाय!”. नई दिल्ली की पॉश कॉलोनी सफदरजंग एन्क्लेव के बी-ब्लॉक की कोठी की उस लगभग सत्तर साल की मालकिन ने जब ऊपर से नीचे तक देखत...

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मज़बूर (पार्ट 1) By Shrikar Dixit

ये कहानी एक ऐसे मजदूर की है,जो अपने परिवार के साथ घर से बहुत दूर काम की तलाश में जाता है,अचानक से लॉकडाउन होने की वजह से कमाई और आवागमन के सारे रास्ते बंद हो जाने के कारण कुछ दिनों...

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रचनाधर्मियों को गर्भस्थ बेटी का उत्तर By Meenakshi Dikshit

सन्दर्भ: कन्या भ्रूण हत्याओं के विरुद्ध जन जागृति के लिए रचनाधर्मियों ने विभिन्न प्रयोग किए. गर्भस्थ (अजन्मी ) बिटिया की, माँ से जन्म देने और गर्भपात न कराने की मार्मिक प्रार्थना...

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सब कुशल मंगल है By Rochika Sharma

सब कुशल मंगल है बच्चों लॉक-डाउन किया है हमारी सरकार ने, स्कूल-ऑफिस सब बंद हैं अब से घर पर कामवाली भी नहीं आयेगी और हम भी कहीं बाहर नहीं जायेंगे | अच्छा हुआ बेटा तुम तो हॉस्टल से घर...

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रैग पिकर By Sudhir Kamal

रैग पिकर अनेकों कामों के साथ-साथ एक और काम था जो जीवन में मुझसे कभी न हो सका और वह था गुरू बनाना। अक्सर सुनने में आता था कि फलां के गुरू महाराज पधारने वाले हैं या उनके गुरू महाराज...

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टाऊनहाल By Deepak sharma

टाऊनहाल दो वर्ष पहले की मेरी जनहित याचिका पर प्रदेश के उच्च न्यायालय ने आज अपना निर्णय सुना दिया है : हमारे कस्बापुर की नगरपालिका को प्रदेश के पर्यटन विभाग के साथ किए गए अपने उस सम...

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सरकारी नौकरी By Priya Saini

एक वक्त था जब लोग बस खेती ही करते थे, नौकरी कोई करना ही नहीं चाहता था। सरकार बहुत प्रयास करती थी, बिना परीक्षा ही नौकरी दे देती थी बावजूद इसके कोई नौकरी के क्षेत्र में जाना ही नहीं...

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परफेक्शन By कुसुम पारीक

"परफेक्शन"रोहन ऑफिस चले गए थे रोली सोच रही थी कि चाय बना कर आराम से पीने की लेकिन मधुर की आ$आआ की आवाज सुनाई दी ।चाय का विचार छोड़ आठ वर्षीय मधुर को सुबह की दिनचर्या से निवृत करवाना...

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अनकही पीड़ा By Sudha Adesh

अनकही पीड़ा ‘ अरे, इसकोे लेकर कहाँ आ रही हो, काम करने आई हो या इसे खिलाने...।’ सुजाता ने पूनम की गोद में लड़की को देखकर वितृष्णा से कहा । ‘ क्या करती मेमसाहब, आज इसकी...

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हीरामन By PANKAJ SUBEER

हीरामन (कहानी - पंकज सुबीर) मैना की बारात थोड़ी देर में ही ड्योढ़ी पर लग जाएगी, हवेली में चारों तरफ़ विवाह की अफ़रा-तफ़री मची हुई है। कोई इधर से बताशों का थाल उठाए जा रहा है, तो कोई उ...

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कुबेर - 48 - अंतिम भाग By Hansa Deep

कुबेर डॉ. हंसा दीप 48 बच्चे क्या कहते, जानते थे उनका लक्ष्य, उनका काम। अपने नये मिशन को पूरा करने वे वहीं रहने लगे। यद्यपि इन बच्चों के लिए की गयीं ये व्यवस्थाएँ पर्याप्त नहीं थीं...

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सुहागिन या विधवा - 2 By Kishanlal Sharma

राघव की आवाज सुनकर राधा अतीत से वर्तमान में लौट आयी।आवाज सुनकर उसे विश्वास हो गया कि आगुन्तक उसका पति ही है।जिसे उसने एक दिन आरती उतारकर विदा किया था।उसने अपना पल्लू सम्हाला और अंद...

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एक ही भूल, भाग १ By Saroj Prajapati

तुम्हारी इस नौकरी ने तो हमे खानाबदोश बनाकर रख दिया है। हर तीन चार साल बाद उठाओ समान और चल दो दूसरी जगह । ये भी कोई जिंदगी है?" सीमा सामान खोलते हुए बोली। "अरे भई अब काम ही ऐसा है त...

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बडी प्रतिमा - 4 By Sudha Trivedi

बडी प्रतिमा (4.) डाॅली, छोटी अंजना और गीतू की तिकडी थी हाॅस्टल में । तीनों ने अपनी चौकियां खिसकाकर एक साथ कर ली थीं। गीतू जब इस बार घर गई थी तब एक बडी किंग साइज खूबसूरत...

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आधा आदमी - 11 By Rajesh Malik

आधा आदमी अध्‍याय-11 वह मुझे छोड़कर सन्नो को पीटने लगा। मैं मौका पाते ही पहरे के झुण्ड में घुस गया। चाँदनी रात होने के कारण मुझे पहरे के अंदर से दिखाई पड़ रहा था। सन्नो जमीन पर औधे मु...

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महामाया - 17 By Sunil Chaturvedi

महामाया सुनील चतुर्वेदी अध्याय – सत्रह भोजनशाला से अपने कमरे की ओर जाते समय अखिल ने देखा कि मंदिर प्रांगण में सन्नाटा था। समाधि के लिये खोदे जा रहे गड्डे के पास कौशिक , जग्गा और जस...

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द हैप्पी बड्डे ऑफ सुमन चौधरी By Anju Sharma

कुछ कहानियाँ जीवन से जन्मती हैं और उसी के खट्टे-मीठे अनुभवों की आंच में धीमे-धीमे पकती हैं! आप इसे कहानी माने या महज एक किस्सा ये आपकी मर्जी पर है लेकिन कथाकार का दावा है कि यह...

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आधी दुनिया का पूरा सच - 6 By Dr kavita Tyagi

आधी दुनिया का पूरा सच (उपन्यास) 6. रानी अपनी भूख से व्याकुल होने पर भी मौन बैठी थी । अपने साथी बच्चों की पीड़ा को समझते हुए उसने सुझाव दिया - "चलो, रसोई में चल कर देखते हैं ! वहाँ...

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जननम - 1 By S Bhagyam Sharma

जननम भयंकर तूफान और घोर वर्षा में एक नदी में पूरी भरी हुई बस किसी गांव में बह जाती है। पर बस कहां की थी कहां से आई थी कहां जा रही थी कुछ भी पता नहीं चला। बस का बोर्ड भी नहीं मिला प...

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गंध-मुक्ति By Geeta Shri

गंध-मुक्ति गीताश्री अस्पताल के कारीडोर में बैठे बेठे सपना ऊब गई थी। लगातार लोगों की आवाजाही लगी थी। अपनी पारी का इंतजार करती हुई उसने आंखें मूंद कर पीछे दीवार से सिर टिका दिया। उसे...

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तीन-तेरह By Deepak sharma

तीन-तेरह ‘हर्षा देवी नहीं रहीं’ कस्बापुर की मेरी एक पुरानी परिचिता की इस सूचना ने असामान्य रूप से मुझे आज आन्दोलित कर दिया है। हर्षा देवी से मैं केवल एक ही बार मिली थी किन्तु विचित...

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आखिर कब तक?? - 1 By Heena_Pathan

नमस्कार पाठक मित्रों आज हम आपको आखिर कब तक होने वाली प्रथाओं के बारे में बताएंगे यह प्रथा सदियों से चली आ रही है आज भले ही देश और दुनिया इतनी विकसित हो गई हो फिर भी प्रथाएं 2020 मे...

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कांता By मालिनी गौतम

कांता लगातार दो लेक्चर लेने के बाद प्राजक्ता ने अपने ऑफिस की कुर्सी पर बैठते ही पानी की बॉटल मुँह से लगाई और एक ही साँस में गट-गट आधे से अधिक पानी पी गई । आँखें बंद करके उसने वहीं...

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फिर मिलेंगे... कहानी - एक महामारी से लॉक डाउन तक - 10 By Sarvesh Saxena

“अरे अर्पित, अभी अभी पता चला है कुछ लोगों में कोरोना पॉजिटिव के लक्षण पाए गए और इसके बावजूद लोग घरों के बाहर घूम रहे हैं और कुछ छुपे बैठे हैं, कह रहे हैं हमें कोरोना नहीं होगा, कुछ...

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रिश्तों की डोर By Poonam Singh

रिश्तों की डोर ------------------- माधुरी पिछले कुछ दिनों से बहुत परेशान थी। मन में उमड़ते भाव, डूबती हुई साँसें मानो किनारा पाने को हिचकोले खा रही थीं। जीवन में कुछ अप्रत्याशित...

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कुन्हिया की वंश बेलि By Vijay Singh Tyagi

कुर्सियां की वंश बेलि मनुष्य का स्वभाव जन्म जन्मांतरों के कर्मों के अनुसार बनता है। कुछ गुण-दोष वंशानुगत भी आते हैं। जो किसी में कम, किसी में ज्यादा, पीढ़ी दर पीढ़ी आगे चलत...

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नाशुक्रे लोग By Pushp Saini

लघुकथा ✍?नाशुक्रे लोग ***********'अरु, आज फिर रात की इतनी रोटियाँ बची हुई हैं ।कितनी बार कहा है तुमसे कि कम बनाया करो, लेकिन तुम मानती ही नहीं हो' 'अरे, हो जाता है कभी-...

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तुम्हारी नन्दिनी! By Neelima Tikku

तुम्हारी नन्दिनी! नन्दिनी! ....हाँ वही थी तीस साल बाद अचानक उसे देखकर मेरे दिल की धड़कने बढ़ गईं थीं। कभी एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें खायीं थीं हमने। हडबडाती सी वह सामने से...

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केस नंबर २०२० - भाग ४ एवं भाग ५ By Ratna Raidani

भाग ४ - २०२० की यह न्याय सभा विशेषतापूर्ण थी। इस श्रेणी के सभी सितारे यद्यपि पिछली तीन श्रेणी के सितारों से संख्या में कम थे किन्तु इनके मन में एक महत्वपूर्ण प्रश्न था कि इतनी एहति...

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काश ! में समज पाता By Mahek Parwani

काश ! में समज पाता प्रणव और प्रेरणा, कॉलेज की हर दिवार सुना रही थी। इनकी प्रेम कहानी हां ऐसा लगता था कि "मेड फॉर इच अधर"। प्रणव समजदार और संस्कारी लड़का था । उसके पापा दिन क...

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पेईंग गेस्ट (कमलेश्वर स्मृति कथा सम्मान-२०१९ से सम्मानित) By Raj Gopal S Verma

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मज़बूर (पार्ट 1) By Shrikar Dixit

ये कहानी एक ऐसे मजदूर की है,जो अपने परिवार के साथ घर से बहुत दूर काम की तलाश में जाता है,अचानक से लॉकडाउन होने की वजह से कमाई और आवागमन के सारे रास्ते बंद हो जाने के कारण कुछ दिनों...

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रचनाधर्मियों को गर्भस्थ बेटी का उत्तर By Meenakshi Dikshit

सन्दर्भ: कन्या भ्रूण हत्याओं के विरुद्ध जन जागृति के लिए रचनाधर्मियों ने विभिन्न प्रयोग किए. गर्भस्थ (अजन्मी ) बिटिया की, माँ से जन्म देने और गर्भपात न कराने की मार्मिक प्रार्थना...

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सब कुशल मंगल है By Rochika Sharma

सब कुशल मंगल है बच्चों लॉक-डाउन किया है हमारी सरकार ने, स्कूल-ऑफिस सब बंद हैं अब से घर पर कामवाली भी नहीं आयेगी और हम भी कहीं बाहर नहीं जायेंगे | अच्छा हुआ बेटा तुम तो हॉस्टल से घर...

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रैग पिकर By Sudhir Kamal

रैग पिकर अनेकों कामों के साथ-साथ एक और काम था जो जीवन में मुझसे कभी न हो सका और वह था गुरू बनाना। अक्सर सुनने में आता था कि फलां के गुरू महाराज पधारने वाले हैं या उनके गुरू महाराज...

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टाऊनहाल By Deepak sharma

टाऊनहाल दो वर्ष पहले की मेरी जनहित याचिका पर प्रदेश के उच्च न्यायालय ने आज अपना निर्णय सुना दिया है : हमारे कस्बापुर की नगरपालिका को प्रदेश के पर्यटन विभाग के साथ किए गए अपने उस सम...

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सरकारी नौकरी By Priya Saini

एक वक्त था जब लोग बस खेती ही करते थे, नौकरी कोई करना ही नहीं चाहता था। सरकार बहुत प्रयास करती थी, बिना परीक्षा ही नौकरी दे देती थी बावजूद इसके कोई नौकरी के क्षेत्र में जाना ही नहीं...

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परफेक्शन By कुसुम पारीक

"परफेक्शन"रोहन ऑफिस चले गए थे रोली सोच रही थी कि चाय बना कर आराम से पीने की लेकिन मधुर की आ$आआ की आवाज सुनाई दी ।चाय का विचार छोड़ आठ वर्षीय मधुर को सुबह की दिनचर्या से निवृत करवाना...

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अनकही पीड़ा By Sudha Adesh

अनकही पीड़ा ‘ अरे, इसकोे लेकर कहाँ आ रही हो, काम करने आई हो या इसे खिलाने...।’ सुजाता ने पूनम की गोद में लड़की को देखकर वितृष्णा से कहा । ‘ क्या करती मेमसाहब, आज इसकी...

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हीरामन By PANKAJ SUBEER

हीरामन (कहानी - पंकज सुबीर) मैना की बारात थोड़ी देर में ही ड्योढ़ी पर लग जाएगी, हवेली में चारों तरफ़ विवाह की अफ़रा-तफ़री मची हुई है। कोई इधर से बताशों का थाल उठाए जा रहा है, तो कोई उ...

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