hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • वेंटिलेटर

    ‘का हम इतने बुरे बेटे हैं... आखिर हम इतना बुरा कैसे सोच सकते हैं, वो भी अपने बा...

  • BOYS school WASHROOM

    ठक ठक ठक...ठक ठक ठक... दरवाज़े पर ज़ोर से आहट होती है,विहान!विहान...स्कूल बस आती ह...

  • मुझे वापस बुला लो

    "शब्द मेरे हैं पर भाव शायद आपके मन के भी वहीं हो जो मेरे मन के"आनंद मूवी में रा...

वेंटिलेटर By Renu Yadav

‘का हम इतने बुरे बेटे हैं... आखिर हम इतना बुरा कैसे सोच सकते हैं, वो भी अपने बाबू जी के बारे में ?... एक-एक पैसा जोड़कर आप हमें पढ़ा-लिखा रहे थे, लेकिन हमने एक ही झटके में...! अम्...

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BOYS school WASHROOM By Akash Saxena "Ansh"

ठक ठक ठक...ठक ठक ठक... दरवाज़े पर ज़ोर से आहट होती है,विहान!विहान...स्कूल बस आती ही होगी 7 बज चुके हैं क्या कर रहे हो,आज फिर देर करोगे क्या?विहान की माँ( प्रज्ञा) उसे आवाज़ लगातीहै।वि...

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लौट आई पावनी By Pranava Bharti

लौट आई पावनी -------------------- बहुत बरसों बाद पाँव ज़मीन पर से जैसे हवा के झौंकों के साथ इधर-उधर लहराने लगे |सच्ची ! ज़िंदगी का पता ही कहाँ चलता है ,किस मोड़ पर आकर या तो...

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आधी दुनिया का पूरा सच - 3 By Dr kavita Tyagi

आधी दुनिया का पूरा सच (उपन्यास) 3. तीसरे दिन शाम को रानी ने अपनी बाल-बुद्धि से सोची गई युक्ति को क्रियारूप देने का दृढ़ निश्चय किया। चूँकि रानी कई दिनों तक वहाँ रहते हुए वहाँ पर हो...

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कुबेर - 44 By Hansa Deep

कुबेर डॉ. हंसा दीप 44 एक अच्छी आराम और विराम से भरी यात्रा में एक परिवार से जुड़ कर न्यूयॉर्क लौटना काफ़ी सकारात्मक था। वेगस और कसिनो में निवेश के बारे में भाईजी जॉन और डीपी दोनों...

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अकेलापन By Rajni Gosain

वह अलसाया सा बिस्तर पर लेटा था! नींद तो उसकी सुबह ही चिड़ियों की चहचहाट से कब की खुल चुकी थी! दूर पहाड़ियों के पीछे उगते सूरज की किरणे खिड़की से छन कर उस तक पहुंच रही थी! जैसे उस से...

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सडयंत्र - लाचारी By रनजीत कुमार तिवारी

आदरणीय मित्रों आप सबको मेरा प्रणाम मैं फिर एक बार हाजिर हूं।एक नयी कहानी लेकर जो एक सच्ची घटना पर आधारित है।मेरी कहानी में कोई गलती हो तो उसके लिए माफी चाहता हूं।चलिए कहानी पर आते...

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फिर मिलेंगे... कहानी - एक महामारी से लॉक डाउन तक - 9 By Sarvesh Saxena

यह कहकर सब एक दूसरे के गले मिलने लगे आफताब बहुत खुश था जैसे उसको अभी से जन्नत नसीब हो गई हो तभी आफताब का फोन बजा फोन उठाया तो उसकी छोटी बहन का था जब उसको पता चला आफताब जलसे में गया...

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सदगति - 3 (अंतिम किश्त) By Kishanlal Sharma

"दुख औरत मर्द के बीच भेदभाव नही करता।दुखो से घबराकर भागना कायरता है।,"वह बोला,"हिम्मत से काम लो सब ठीक हो जायेगा।""उपदेश देना बहुत आसान है।।,"वह रोने लगी।वह उसे समझाने लगा।जब उसका...

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मुझे वापस बुला लो By Rishi Sachdeva

"शब्द मेरे हैं पर भाव शायद आपके मन के भी वहीं हो जो मेरे मन के"आनंद मूवी में राजेश खन्ना का एक डॉयलोग था बाबू मोशाय "जिंदगी और मौत उपर वाले के हाथ में है जहांपनाह, जिसे ना आप बदल...

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कैदी नंबर 306 - बेगुनाह अपराधी By The Real Ghost

कैदी नंबर 306 - बेगुनाह अपराधी पंकज राजपूत ‘कैदी नंबर 306’ एवं ‘कैदी नंबर 306 रिटर्न्ड’ मैं आपने पढ़ा की रामखिलावन निहायत ही शरीफ आदमी था और अपनी जीविका चलाने के लिए प्रेस मैं रि...

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रिटर्न गिफ्ट By Sudhir Kamal

रिटर्न गिफ्ट --“आज जल्दी लौट आना, गैस चूल्हा सुधरवाना है।“ मां ने दाल बघारते हुये पापा से कहा। --“आज नहीं आ सकता जल्दी, ऑडिट वालों का अंतिम दिन है, फायनल करते-करते शाम हो जायेगी।“...

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गेम-चेन्जर By Deepak sharma

गेम-चेन्जर घर में भूचाल दो बार आया था, पहली बार सन् १९६५ की मई में, जब गोविन्द भाई घर से लापता हुए और दूसरी बार सन् १९६९ की जून में, जब पापाजी ने माँ के संग मकान बेचने की बात छेड़ी।...

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आधा आदमी - 7 By Rajesh Malik

आधा आदमी अध्‍याय-7 ‘‘अरी नंगी जय्यहें तो जादा भीड़ लगयहे, हिजड़ों को नंगी देखने की तमन्ना सबकी छाती में करवट लेती हय। चलो-चलो निकलो री बच्चा जब बुढ़ा होई जइयहें तब पहुँचोगी का?‘‘ वे स...

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महामाया - 13 By Sunil Chaturvedi

महामाया सुनील चतुर्वेदी अध्याय – तैरह केलकर भवन में इतना बड़ा हॉल था। सौ-सवा सौ लोग आराम से बैठ सके। वहाँ एक बड़ी दरी बिछी हुई थी। दो तीन भगवा झोले पडे़ थे। एक रस्सी पर भगवा धोतियाँ...

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शायद जोशी By PANKAJ SUBEER

शायद जोशी (कहानी - पंकज सुबीर) वह मोटा सा आदमी आज फिर सामने बैठा है। इसका नाम शायद जोशी है। जोशी शायद प्रकाश या विकास जैसा कोई जोशी। सामने बैठा है मतलब उसके सामने टेबल के उस तरफ रख...

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होने से न होने तक - 28 By Sumati Saxena Lal

होने से न होने तक 28. राम सहाय जी दीपा दी की तरफ देख कर हॅसे थे,‘‘नहीं अब यहॉ मेरा काम ख़तम हुआ। चाची ने तो मुझसे कुछ महीनों के लिए काम संभालने की बात की थी। पता ही नही चला,मुझे तो...

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किसी ने नहीं सुना - 21 - अंतिम भाग By Pradeep Shrivastava

किसी ने नहीं सुना -प्रदीप श्रीवास्तव भाग 21 इसे पागलपन या नफरत की पराकाष्ठा भी कह सकते हैं कि उसने मेरे, अपने, बच्चों के कपड़े, रुमाल तक या तो किसी को दे दिए या बेच दिए। इसमें हमारी...

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क्लब क्रोलिंग By Arun Sabharwal

क्लब क्रोलिंग शुक्रवार की शाम थी। बॄमघम के अंतरराष्ट्रीय नृत्य समारोह के समाप्त होने में अभी दस मिनट बाकी थे। लेकिन वह चिंतित था। कहीं वह समय पर सिंफनी हॉल के बीयर बार में पहुँच भी...

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बडी प्रतिमा - 1 By Sudha Trivedi

बडी प्रतिमा (1.) “ कहमा से चलि अइल हे रधिका कहां कयले जाय हो लाल कवने बाबा दरवजवा हो रधिका बाजइछई मिरदंग हो लाल !” एक झुंड भरकर युवा आधुनिक लडकियां टीचर्स ट्रेंनिंग काॅलेज के गेट प...

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केस नंबर २०२० - भाग २ भाग ३ By Ratna Raidani

भाग २ - दरबार अपने निर्धारित समय पर सज गया। मुख्य न्यायाधीश ने अपने सहयोगी न्यायाधीशों और सभी दरबारियों का स्वागत किया। आज की सुनवाई के लिए धरती के सभी व्यसनी सितारों को उपस्थित हो...

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ये कहां आ गये हम By Rajesh Bhatnagar

कहानी- ये कहां आ गये हम (राजेश कुमार भटनागर)...

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असली सुख... By Jainand Gurjar

सड़क रानी की आंखों में खुशी के आँसू आ गए। उसने बादल बाबा, मिट्टी चाची, नदी दीदी, पेड़ राजा और बारिश मौसी से अपने खुशी के आँसू पोंछते हुए कहा, "पता है आप सभी को, आज मेरी एक और बेटी...

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रिश्ते By डिम्पल गौड़

"अब नहीं जाऊँगी,कहे देती हूँ !" आते ही अपना पर्स पलंग पर फेंकते हुए चित्रा चिल्ला उठी ।" आखिर हुआ क्या डार्लिंग, बताओ तो सही ! सुमेर को चित्रा की नाराजगी की वजह पता थी । भैया ने फो...

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दहेज से क़ीमती संस्कार By Sushma Tiwari

"जिज्जी! मुझे लगा तुम्हारी बहू ने वरमाला के वक्त असली गहने पहने थे। हाय! कैसे जगह ब्याह दिया लल्ला को? शादी में नकली गहने कौन देता है बेटी को" चाची सास की बाते राखी के कान में लाव...

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मंगला By Archana Anupriya

"मंगला" - अर्चना अनुप्रिया यह कोई कहानी नहीं वरन् आज के समाज की एक सच्चाई है जो आए दिन शहरों में, गाँवों में देखने और सुनने को मिलती है। यह कहानी 21वीं सदी में जन्म...

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अँखुआये ताले By कल्पना मनोरमा

"हैलो मिताली! कैसी हो बेटा?" सात समुंदर पार से आज नीता ने फोन पर बेटी से हालचाल पूछा, तो भाव विभोर होकर उसकी बेटी बोल पड़ी "माँ, हम सब तो अच्छे हैं लेकिन तुम घर कब आओगी ?बड़ी माँ भी...

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जिंदगी की कहानियां - 2 - उपहार By Rama Sharma Manavi

जिंदगी कभी कभी छोटी छोटी खुशियों के लिए तरसा कर रख देती है और कभी कभी जब उम्मीद बिल्कुल साथ छोड़ देती है, तभी किस्मत अचानक से अभूतपूर्व उपहार प्रदान कर चोंका देती है। आज अन्या...

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“फ्लाइंग किस” सीखना उन पर छोड़ दीजिए By Meenakshi Dikshit

कोरोना काल है I लॉकडाउन के चलते सभी श्रेणियों के कार्यालयों के साथ साथ विद्यालय भी ऑनलाइन होने का प्रयास कर रहे हैं I लोग घरों में हैं I परिवार और बच्चों के साथ समय बिता रहे हैं I...

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एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम..... By Dr Vinita Rahurikar

एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम..... “अरे भई चाय मिलेगी की नहीं आज की तारीख में.” अखबार से नजरें हटाकर रसोईघर की टोह लेते हुए प्रकाश ने ऊँची आवाज में पूछा. कोई जवाब नहीं आया. प्रकाश रसोईघर...

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देह की दहलीज पर - 20 - अंतिम भाग By Kavita Verma

साझा उपन्यास देह की दहलीज पर संपादक कविता वर्मा लेखिकाएँ कविता वर्मा वंदना वाजपेयी रीता गुप्ता वंदना गुप्ता मानसी वर्मा कथा कड़ी 20 अब तक आपने पढ़ा :- मुकुल की उपेक्षा से का...

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विकासवाद By Husn Tabassum nihan

विकासवाद गांव अपने स्वाभाविक सुरमईपन में घुल रहा था। खलिहानों से खेत की मेड़ों तक धीमे-धीमें उस अंधेरे में लोटम लोट हो रहे थे। खिलंदड़े बच्चे चिंहुंक चिंहुंक यहां वहां दौड़ लगाए थे। क...

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रामभरोस हाली का मरना By PANKAJ SUBEER

रामभरोस हाली का मरना (कहानी - पंकज सुबीर) रामभरोस हाली का मर जाना वैसे कोई इतनी बड़ी घटना भी नहीं है कि उस पर इतनी हायतौबा मचाई जाए। जैसे बाकी के मरते हैं वैसे ही रामभरोस हाली भी म...

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राजकुंवर By Sudhir Kamal

राजकुंवर --“बा को आय हती रे?” छोटे महाराज ने भारी आवाज में पूछा। --“को महाराज?” मद्दू पहलवान ने चौंककर पूछा। छोटे महाराज ने तनिक तल्खी से पीछे देखा। --“जीसें कुंवर ने बात करी ती।“...

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ऊँची बोली By Deepak sharma

ऊँची बोली समाचारों में माँ को उनकी हत्या लाई थी। कारण दो थे। पहला, पप्पा ने माँ के लापता होने पर दर्ज करवाई गई अपनी एफआईआर में जिस बृजलाल का नाम संभावित अपहर्ता के रूप में लिया था...

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दलित एक सोच - 2 By ADARSH PRATAP SINGH

जिससे राजा जी संदेह मे पड गए कि एक दलित के बेटे को कैसे मैं सम्मान दे सकता हु ,इस बात से राजा जी काफी देर तक विचार करते रहे उस दौरान राजा जी ने अपने एक चालाक मंत्री को बुलाया, और उ...

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यह कहानी नहीं है By PANKAJ SUBEER

यह कहानी नहीं है (कहानी - पंकज सुबीर) वैसे तो इस कहानी .... क्षमा करें मैं तो पूर्व में ही लिख चुका हूँ कि ये कहानी नहीं है, तो फिर इसे कहा क्या जाए ...? चलिये, इसे एक घटना कह लेते...

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वेंटिलेटर By Renu Yadav

‘का हम इतने बुरे बेटे हैं... आखिर हम इतना बुरा कैसे सोच सकते हैं, वो भी अपने बाबू जी के बारे में ?... एक-एक पैसा जोड़कर आप हमें पढ़ा-लिखा रहे थे, लेकिन हमने एक ही झटके में...! अम्...

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BOYS school WASHROOM By Akash Saxena "Ansh"

ठक ठक ठक...ठक ठक ठक... दरवाज़े पर ज़ोर से आहट होती है,विहान!विहान...स्कूल बस आती ही होगी 7 बज चुके हैं क्या कर रहे हो,आज फिर देर करोगे क्या?विहान की माँ( प्रज्ञा) उसे आवाज़ लगातीहै।वि...

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लौट आई पावनी By Pranava Bharti

लौट आई पावनी -------------------- बहुत बरसों बाद पाँव ज़मीन पर से जैसे हवा के झौंकों के साथ इधर-उधर लहराने लगे |सच्ची ! ज़िंदगी का पता ही कहाँ चलता है ,किस मोड़ पर आकर या तो...

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आधी दुनिया का पूरा सच - 3 By Dr kavita Tyagi

आधी दुनिया का पूरा सच (उपन्यास) 3. तीसरे दिन शाम को रानी ने अपनी बाल-बुद्धि से सोची गई युक्ति को क्रियारूप देने का दृढ़ निश्चय किया। चूँकि रानी कई दिनों तक वहाँ रहते हुए वहाँ पर हो...

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कुबेर - 44 By Hansa Deep

कुबेर डॉ. हंसा दीप 44 एक अच्छी आराम और विराम से भरी यात्रा में एक परिवार से जुड़ कर न्यूयॉर्क लौटना काफ़ी सकारात्मक था। वेगस और कसिनो में निवेश के बारे में भाईजी जॉन और डीपी दोनों...

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अकेलापन By Rajni Gosain

वह अलसाया सा बिस्तर पर लेटा था! नींद तो उसकी सुबह ही चिड़ियों की चहचहाट से कब की खुल चुकी थी! दूर पहाड़ियों के पीछे उगते सूरज की किरणे खिड़की से छन कर उस तक पहुंच रही थी! जैसे उस से...

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सडयंत्र - लाचारी By रनजीत कुमार तिवारी

आदरणीय मित्रों आप सबको मेरा प्रणाम मैं फिर एक बार हाजिर हूं।एक नयी कहानी लेकर जो एक सच्ची घटना पर आधारित है।मेरी कहानी में कोई गलती हो तो उसके लिए माफी चाहता हूं।चलिए कहानी पर आते...

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फिर मिलेंगे... कहानी - एक महामारी से लॉक डाउन तक - 9 By Sarvesh Saxena

यह कहकर सब एक दूसरे के गले मिलने लगे आफताब बहुत खुश था जैसे उसको अभी से जन्नत नसीब हो गई हो तभी आफताब का फोन बजा फोन उठाया तो उसकी छोटी बहन का था जब उसको पता चला आफताब जलसे में गया...

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सदगति - 3 (अंतिम किश्त) By Kishanlal Sharma

"दुख औरत मर्द के बीच भेदभाव नही करता।दुखो से घबराकर भागना कायरता है।,"वह बोला,"हिम्मत से काम लो सब ठीक हो जायेगा।""उपदेश देना बहुत आसान है।।,"वह रोने लगी।वह उसे समझाने लगा।जब उसका...

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मुझे वापस बुला लो By Rishi Sachdeva

"शब्द मेरे हैं पर भाव शायद आपके मन के भी वहीं हो जो मेरे मन के"आनंद मूवी में राजेश खन्ना का एक डॉयलोग था बाबू मोशाय "जिंदगी और मौत उपर वाले के हाथ में है जहांपनाह, जिसे ना आप बदल...

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कैदी नंबर 306 - बेगुनाह अपराधी By The Real Ghost

कैदी नंबर 306 - बेगुनाह अपराधी पंकज राजपूत ‘कैदी नंबर 306’ एवं ‘कैदी नंबर 306 रिटर्न्ड’ मैं आपने पढ़ा की रामखिलावन निहायत ही शरीफ आदमी था और अपनी जीविका चलाने के लिए प्रेस मैं रि...

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रिटर्न गिफ्ट By Sudhir Kamal

रिटर्न गिफ्ट --“आज जल्दी लौट आना, गैस चूल्हा सुधरवाना है।“ मां ने दाल बघारते हुये पापा से कहा। --“आज नहीं आ सकता जल्दी, ऑडिट वालों का अंतिम दिन है, फायनल करते-करते शाम हो जायेगी।“...

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गेम-चेन्जर By Deepak sharma

गेम-चेन्जर घर में भूचाल दो बार आया था, पहली बार सन् १९६५ की मई में, जब गोविन्द भाई घर से लापता हुए और दूसरी बार सन् १९६९ की जून में, जब पापाजी ने माँ के संग मकान बेचने की बात छेड़ी।...

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आधा आदमी - 7 By Rajesh Malik

आधा आदमी अध्‍याय-7 ‘‘अरी नंगी जय्यहें तो जादा भीड़ लगयहे, हिजड़ों को नंगी देखने की तमन्ना सबकी छाती में करवट लेती हय। चलो-चलो निकलो री बच्चा जब बुढ़ा होई जइयहें तब पहुँचोगी का?‘‘ वे स...

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महामाया - 13 By Sunil Chaturvedi

महामाया सुनील चतुर्वेदी अध्याय – तैरह केलकर भवन में इतना बड़ा हॉल था। सौ-सवा सौ लोग आराम से बैठ सके। वहाँ एक बड़ी दरी बिछी हुई थी। दो तीन भगवा झोले पडे़ थे। एक रस्सी पर भगवा धोतियाँ...

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शायद जोशी By PANKAJ SUBEER

शायद जोशी (कहानी - पंकज सुबीर) वह मोटा सा आदमी आज फिर सामने बैठा है। इसका नाम शायद जोशी है। जोशी शायद प्रकाश या विकास जैसा कोई जोशी। सामने बैठा है मतलब उसके सामने टेबल के उस तरफ रख...

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होने से न होने तक - 28 By Sumati Saxena Lal

होने से न होने तक 28. राम सहाय जी दीपा दी की तरफ देख कर हॅसे थे,‘‘नहीं अब यहॉ मेरा काम ख़तम हुआ। चाची ने तो मुझसे कुछ महीनों के लिए काम संभालने की बात की थी। पता ही नही चला,मुझे तो...

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किसी ने नहीं सुना - 21 - अंतिम भाग By Pradeep Shrivastava

किसी ने नहीं सुना -प्रदीप श्रीवास्तव भाग 21 इसे पागलपन या नफरत की पराकाष्ठा भी कह सकते हैं कि उसने मेरे, अपने, बच्चों के कपड़े, रुमाल तक या तो किसी को दे दिए या बेच दिए। इसमें हमारी...

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क्लब क्रोलिंग By Arun Sabharwal

क्लब क्रोलिंग शुक्रवार की शाम थी। बॄमघम के अंतरराष्ट्रीय नृत्य समारोह के समाप्त होने में अभी दस मिनट बाकी थे। लेकिन वह चिंतित था। कहीं वह समय पर सिंफनी हॉल के बीयर बार में पहुँच भी...

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बडी प्रतिमा - 1 By Sudha Trivedi

बडी प्रतिमा (1.) “ कहमा से चलि अइल हे रधिका कहां कयले जाय हो लाल कवने बाबा दरवजवा हो रधिका बाजइछई मिरदंग हो लाल !” एक झुंड भरकर युवा आधुनिक लडकियां टीचर्स ट्रेंनिंग काॅलेज के गेट प...

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केस नंबर २०२० - भाग २ भाग ३ By Ratna Raidani

भाग २ - दरबार अपने निर्धारित समय पर सज गया। मुख्य न्यायाधीश ने अपने सहयोगी न्यायाधीशों और सभी दरबारियों का स्वागत किया। आज की सुनवाई के लिए धरती के सभी व्यसनी सितारों को उपस्थित हो...

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ये कहां आ गये हम By Rajesh Bhatnagar

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असली सुख... By Jainand Gurjar

सड़क रानी की आंखों में खुशी के आँसू आ गए। उसने बादल बाबा, मिट्टी चाची, नदी दीदी, पेड़ राजा और बारिश मौसी से अपने खुशी के आँसू पोंछते हुए कहा, "पता है आप सभी को, आज मेरी एक और बेटी...

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रिश्ते By डिम्पल गौड़

"अब नहीं जाऊँगी,कहे देती हूँ !" आते ही अपना पर्स पलंग पर फेंकते हुए चित्रा चिल्ला उठी ।" आखिर हुआ क्या डार्लिंग, बताओ तो सही ! सुमेर को चित्रा की नाराजगी की वजह पता थी । भैया ने फो...

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दहेज से क़ीमती संस्कार By Sushma Tiwari

"जिज्जी! मुझे लगा तुम्हारी बहू ने वरमाला के वक्त असली गहने पहने थे। हाय! कैसे जगह ब्याह दिया लल्ला को? शादी में नकली गहने कौन देता है बेटी को" चाची सास की बाते राखी के कान में लाव...

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मंगला By Archana Anupriya

"मंगला" - अर्चना अनुप्रिया यह कोई कहानी नहीं वरन् आज के समाज की एक सच्चाई है जो आए दिन शहरों में, गाँवों में देखने और सुनने को मिलती है। यह कहानी 21वीं सदी में जन्म...

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अँखुआये ताले By कल्पना मनोरमा

"हैलो मिताली! कैसी हो बेटा?" सात समुंदर पार से आज नीता ने फोन पर बेटी से हालचाल पूछा, तो भाव विभोर होकर उसकी बेटी बोल पड़ी "माँ, हम सब तो अच्छे हैं लेकिन तुम घर कब आओगी ?बड़ी माँ भी...

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जिंदगी की कहानियां - 2 - उपहार By Rama Sharma Manavi

जिंदगी कभी कभी छोटी छोटी खुशियों के लिए तरसा कर रख देती है और कभी कभी जब उम्मीद बिल्कुल साथ छोड़ देती है, तभी किस्मत अचानक से अभूतपूर्व उपहार प्रदान कर चोंका देती है। आज अन्या...

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“फ्लाइंग किस” सीखना उन पर छोड़ दीजिए By Meenakshi Dikshit

कोरोना काल है I लॉकडाउन के चलते सभी श्रेणियों के कार्यालयों के साथ साथ विद्यालय भी ऑनलाइन होने का प्रयास कर रहे हैं I लोग घरों में हैं I परिवार और बच्चों के साथ समय बिता रहे हैं I...

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एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम..... By Dr Vinita Rahurikar

एम्प्टी नेस्ट सिंड्रोम..... “अरे भई चाय मिलेगी की नहीं आज की तारीख में.” अखबार से नजरें हटाकर रसोईघर की टोह लेते हुए प्रकाश ने ऊँची आवाज में पूछा. कोई जवाब नहीं आया. प्रकाश रसोईघर...

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देह की दहलीज पर - 20 - अंतिम भाग By Kavita Verma

साझा उपन्यास देह की दहलीज पर संपादक कविता वर्मा लेखिकाएँ कविता वर्मा वंदना वाजपेयी रीता गुप्ता वंदना गुप्ता मानसी वर्मा कथा कड़ी 20 अब तक आपने पढ़ा :- मुकुल की उपेक्षा से का...

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विकासवाद By Husn Tabassum nihan

विकासवाद गांव अपने स्वाभाविक सुरमईपन में घुल रहा था। खलिहानों से खेत की मेड़ों तक धीमे-धीमें उस अंधेरे में लोटम लोट हो रहे थे। खिलंदड़े बच्चे चिंहुंक चिंहुंक यहां वहां दौड़ लगाए थे। क...

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रामभरोस हाली का मरना By PANKAJ SUBEER

रामभरोस हाली का मरना (कहानी - पंकज सुबीर) रामभरोस हाली का मर जाना वैसे कोई इतनी बड़ी घटना भी नहीं है कि उस पर इतनी हायतौबा मचाई जाए। जैसे बाकी के मरते हैं वैसे ही रामभरोस हाली भी म...

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राजकुंवर By Sudhir Kamal

राजकुंवर --“बा को आय हती रे?” छोटे महाराज ने भारी आवाज में पूछा। --“को महाराज?” मद्दू पहलवान ने चौंककर पूछा। छोटे महाराज ने तनिक तल्खी से पीछे देखा। --“जीसें कुंवर ने बात करी ती।“...

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ऊँची बोली By Deepak sharma

ऊँची बोली समाचारों में माँ को उनकी हत्या लाई थी। कारण दो थे। पहला, पप्पा ने माँ के लापता होने पर दर्ज करवाई गई अपनी एफआईआर में जिस बृजलाल का नाम संभावित अपहर्ता के रूप में लिया था...

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दलित एक सोच - 2 By ADARSH PRATAP SINGH

जिससे राजा जी संदेह मे पड गए कि एक दलित के बेटे को कैसे मैं सम्मान दे सकता हु ,इस बात से राजा जी काफी देर तक विचार करते रहे उस दौरान राजा जी ने अपने एक चालाक मंत्री को बुलाया, और उ...

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यह कहानी नहीं है By PANKAJ SUBEER

यह कहानी नहीं है (कहानी - पंकज सुबीर) वैसे तो इस कहानी .... क्षमा करें मैं तो पूर्व में ही लिख चुका हूँ कि ये कहानी नहीं है, तो फिर इसे कहा क्या जाए ...? चलिये, इसे एक घटना कह लेते...

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