hindi Best Comedy stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Comedy stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cul...Read More


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प्यार में बन गए उल्लू - 4 By Sanju Sharma

हर कुत्ते के दिन आते है जबसे मैंने पूजा को मंदिर में पूजा करते देखा तो मन किया कि ढंग से पूजा करूँ यानी थोड़े मेल मिलाप बढ़ाऊ सो मैंने उसके घर के ठिकाने का पता लगाया और पहुँच गया एक...

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हास्य का तड़का - 2 By Devjit

मुंह चुलबुल अपनी बीमार दादी को मोहल्ले के डॉक्टर के पास दिखाने के लिए ले गयी डॉक्टर - मुह खोलो , दादी दादी - तुम्हारी बेटी, अपने मुहल्ले के बंटी के साथ पिक्चर देखने जाती है lबस इसस...

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बैकबेंचर By Anand Tripathi

राहुल राहुल,नीचे बैठ जा मैम ने कहा है। तुम दोनो बाहर से अंदर आ जाओ। मॉनिटर की कर्कश आवाज़ में कोई फनकार ही नही था। जैसे मानो फटा ढोल लगातार बजे जा रहा हो। सुबह सुबह विद्यालय क्या ज...

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बीवी से पंगा, पड़ गया महँगा - भाग 5 By Sanju Sharma

मैं और मेरी बीवी के बीच एक अलग लेवल की बॉन्डिंग है जो मैं खुद समझने की कोशिश कर रहा हूं, जी हां मेरी बीवी ने मुझे पूरी तरह समझ लिया और मेरी गलती की सज़ा वो मेरे सामने नही देती है बल...

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तबादलों का मौसम By Yashvant Kothari

तबादला करा लो   यशवन्त कोठारी      ये दिन तबादलों के दिन है । सरकारी, अर्ध सरकारी और गैर सरकारी सभी प्रकार के कर्मचारियों, अधिकारियांे को तबादलों के भूकम्प का सामना करना पड़ रहा है...

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गेंद का खेल, पकड़ का खेल By राज बोहरे

व्यंग्य- गेंद का खेल, पकड़ का खेल नब्बे के दशक का जमाना था, हम चम्बल में चल रहें साक्षरता अभियान में अपने एक मित्र के साथ बीहड़ बीहड़ और गाँव गाँव या घाट घाट भटक रहें थे कि एक खंडहर म...

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शादी बैटरी की तरह है By Sanju Sharma

शादी बैटरी की तरह है!! बचपन से ही बड़ी जिग्यासा थी कि किस तरह से बैटरी पर चीज़ें चला करती थी, जैसे रेडियो हो गया, टोर्च इत्यादि इन् सभी में, एक बैटरी पॉजिटव तो दूसरी नेगेटिव।कभी समझ...

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चौदह इंजेक्शन By Gautam

शीर्षक-चौदह इंजेक्शन माधव एक 'लोकप्रिय' कर्मथशील आदमी है । समाज में अपने व्यवहार से काफी इज्जत बटोर रखा है । एक शिक्षक और समाजसेवी के रूप में काफी 'ख्याती' प्राप्त...

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विदेश से दुल्हनियां ले आएंगे !!! By Sanju Sharma

विदेश से दुल्हनियां ले आएंगे !!!तो बात उस दिन की है जब मैं और साथी टीटू एक मॉल के फ़ूड कोर्ट में युही समय बिता रहे थे। तभी मुझे और टीटू को बाजू में बैठे एक सक्स जो खुदको भोजपुरी फ़िल...

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भूतिया कार By Ravi

एक आदमी अपने दफ़्तर से थका हारा पूरा दिन काम करने के बाद घर लौट रहा था......रास्ते में अचानक उसकी गाड़ी खराब हो गयी...रात काफी थी..एकदम घना अंधेरा था...धूप्पमोबाइल का नेटवर्क भी नही...

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होली By Yashvant Kothari

होली पर चंद सबरंग होलियाना समाचार यशवंत कोठारी 1-सेल्फ पब्लिशिंग सरकार ने सेल्फ पब्लिशिंग के क्षेत्र में हो रही उठा पटक को देखते हुए इस क्षेत्र में नए नियम बनाने के लिए एक समिति बन...

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सेल्फी का चक्कर By Sumit Singh

एक दिन जंगल में चीनू बंदर को एक मोबाइल फोन मिला।वह उसे पाकर बहुत खुश हुआ।उसने मोबाइल से अपनी सेल्फी लेने की बात सोची। उसने नाक व मुंंह टेढ़ा करते हुए अपनी कई सेल्फी लीं।फिर उसने, अ...

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तुमसा नहीं देखा.. By Saroj Verma

ये बात सन् १९८० की है,तब हम लोग उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले के छोटे से कस्बे अतर्रा में रहा करते थे,मेरे पापा वहाँ के हिन्दू इण्टर काँलेज में अध्यापक थे,मैं उस समय बी.ए.पास करके एम....

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रामू और बिल्लू की जादूगरी By Karunesh Maurya

एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में एक गरीब परिवार रहता था। उस परिवार में एक जवान लड़का था, जिसका नाम रामू था। रामू के पास कोई खास पढ़ाई-लिखाई नहीं थी, लेकिन उसकी खुशियों का कोई...

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आज क्या सब्जी बनाऊं’ ? By Yashvant Kothari

चलो बहना, सब्जी लायें यशवन्त कोठारी   ‘‘‘आज क्या सब्जी बनाऊं’’    इस शाश्वत सवाल का शाश्वत जवाब है।    ‘‘जो तुम चाहो।’’ बस अब इस वाक्य का अर्थ है कि महाभारत शुरू होना ही चाहता है।...

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टूबीएचके के शिकंजे में फंसी जिन्दगी By Yashvant Kothari

  व्यंग्य टूबीएचके के शिकंजे  में फंसी जिन्दगी यशवंत कोठारी जिंदगी का सफ़र आज कल टू बीएचके के मकड़ जाल में फंस कर रह गया है ,जिसे देखो वही इस अंधी दौड़ में शामिल है ,ये कोई नहीं सोचता...

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खण्ड खण्ड विकास का पाखण्ड पर्व By Yashvant Kothari

  खण्ड खण्ड विकास का पाखण्ड पर्व   यशवन्त कोठारी  सम्पूण जम्बूद्वीप में खण्ड खण्ड विकास का पाखण्ड पर्व चल रहा है। विकास एक सतत प्रक्रिया है। भारत विकास प्रधान देश है। विकास करा लो।...

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आलू और अलादीन - पवन सिकरवार By Author Pawan Singh

मेरा नाम अलादीन है ये नाम सुनते ही अब आपके दिमाग में वही घिसी पीटी अलादीन और जिन्न की कहानी चलने लगी होगी तो मै आपको बता दू की आपको इस कहानी में भी यही मिलयेगा।ये मेरी कहानी है की...

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लिटफेस्ट लीला By Yashvant Kothari

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हंसी के महा ठहाके - 13 - फोटोग्राफी के बड़े झमेले By Dr Yogendra Kumar Pandey

हास्य सरिता फोटोग्राफी के बड़े झमेले अपनी यादों को स्थाई बनाने के लिए फोटोग्राफी एक महत्वपूर्ण माध्यम है। आजकल मोबाइल के दौर ने भारी स्टिल कैमरों को पीछे छोड़ दिया है।अब लाइटवेट कै...

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कुंवारा किरायेदार By Yashvant Kothari

          कुंवारा  किरायेदार         यशवन्त कोठारी कुंवारे आदमी को नौकरी के बाद सबसे ज्यादा डर अपने मकान मालिक से लगता है। सब जानते और मानते हैं कि कुंवारा आदमी और मरखना बैल या पा...

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आवारा जानवरों के खतरे By Yashvant Kothari

आवारा   जानवरों के खतरे                                            यशवंत  कोठारी     इधर कुछ वर्षों में शहर में आवारा  जानवरों  के झुण्ड के झुण्ड सड़कों, गलियों , चौराहों पर विचरते...

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चर्चा आमकी सियासत में By Yashvant Kothari

                        चर्चा आमकी सियासत में                     यशवन्त कोठारी         इधर काफी समय से एक विज्ञापन पर नजरें  जमीं हुई थीं, जिसमें एक युवती आम-सूत्र शब्द का उच्चारण...

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चंद होलियाना समाचार By Yashvant Kothari

व्यंग्य होली पर चंद सबरंग होलियाना समाचार                                         यशवंत कोठारी 1-सेल्फ पब्लिशिंग सरकार ने सेल्फ पब्लिशिंग के क्षेत्र में हो रही उठा पटक को देखतेहुए...

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झूट कहूँ तो By Pratap Singh

मिल तो जाएंगे न!" चावला जी ने अपने खोये पिता जी के बारे में पूछते हुए बंगाली बाबा से पूछा।चावला जी के पिताजी जो कि करीब अस्सी वर्ष के बुजुर्ग थे। उम्र के साथ-साथ उनकी यरदाश्त कमज़ोर...

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रावण से मुलाकात By Ravinder Sharma

कल सुबह-सुबह रास्ते में दस सिर वाला हट्टा कट्टा बंदा अचानक मेरी बाइक के आगे आ गया खैर जैसे तैसे ब्रेक लगाई और पूछा ... क्या अंकल 20-20 आँखें हैं ... फिर भी दिखाई नहीं देता जवाब मिल...

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पुस्तक मेला, गजल सभा और दही-बड़े By Yashvant Kothari

          पुस्तक मेला, गजल सभा और दही-बड़े          यशवन्त कोठारी             श्रीमती दही-बड़ा, श्रीमती पानी-पूरी और श्रीमती पाव-भाजी ने मिलकर तय किया कि पुस्तक मेले में  आयोजित गजल...

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किस्सा भद्र पुरुष और उसके तोते का  By Ravinder Sharma

किस्सा भद्र पुरुष और उसके तोते का पूर्वकाल में किसी गाँव में एक बड़ा भला मानस रहता था। उसकी पत्नी अतीव सुंदरी थी और भला मानस उससे बहुत प्रेम करता था। अगर कभी घड़ी भर के लिए भी वह उ...

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प्यार में बन गए उल्लू - 4 By Sanju Sharma

हर कुत्ते के दिन आते है जबसे मैंने पूजा को मंदिर में पूजा करते देखा तो मन किया कि ढंग से पूजा करूँ यानी थोड़े मेल मिलाप बढ़ाऊ सो मैंने उसके घर के ठिकाने का पता लगाया और पहुँच गया एक...

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हास्य का तड़का - 2 By Devjit

मुंह चुलबुल अपनी बीमार दादी को मोहल्ले के डॉक्टर के पास दिखाने के लिए ले गयी डॉक्टर - मुह खोलो , दादी दादी - तुम्हारी बेटी, अपने मुहल्ले के बंटी के साथ पिक्चर देखने जाती है lबस इसस...

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बैकबेंचर By Anand Tripathi

राहुल राहुल,नीचे बैठ जा मैम ने कहा है। तुम दोनो बाहर से अंदर आ जाओ। मॉनिटर की कर्कश आवाज़ में कोई फनकार ही नही था। जैसे मानो फटा ढोल लगातार बजे जा रहा हो। सुबह सुबह विद्यालय क्या ज...

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बीवी से पंगा, पड़ गया महँगा - भाग 5 By Sanju Sharma

मैं और मेरी बीवी के बीच एक अलग लेवल की बॉन्डिंग है जो मैं खुद समझने की कोशिश कर रहा हूं, जी हां मेरी बीवी ने मुझे पूरी तरह समझ लिया और मेरी गलती की सज़ा वो मेरे सामने नही देती है बल...

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तबादलों का मौसम By Yashvant Kothari

तबादला करा लो   यशवन्त कोठारी      ये दिन तबादलों के दिन है । सरकारी, अर्ध सरकारी और गैर सरकारी सभी प्रकार के कर्मचारियों, अधिकारियांे को तबादलों के भूकम्प का सामना करना पड़ रहा है...

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गेंद का खेल, पकड़ का खेल By राज बोहरे

व्यंग्य- गेंद का खेल, पकड़ का खेल नब्बे के दशक का जमाना था, हम चम्बल में चल रहें साक्षरता अभियान में अपने एक मित्र के साथ बीहड़ बीहड़ और गाँव गाँव या घाट घाट भटक रहें थे कि एक खंडहर म...

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शादी बैटरी की तरह है By Sanju Sharma

शादी बैटरी की तरह है!! बचपन से ही बड़ी जिग्यासा थी कि किस तरह से बैटरी पर चीज़ें चला करती थी, जैसे रेडियो हो गया, टोर्च इत्यादि इन् सभी में, एक बैटरी पॉजिटव तो दूसरी नेगेटिव।कभी समझ...

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चौदह इंजेक्शन By Gautam

शीर्षक-चौदह इंजेक्शन माधव एक 'लोकप्रिय' कर्मथशील आदमी है । समाज में अपने व्यवहार से काफी इज्जत बटोर रखा है । एक शिक्षक और समाजसेवी के रूप में काफी 'ख्याती' प्राप्त...

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विदेश से दुल्हनियां ले आएंगे !!! By Sanju Sharma

विदेश से दुल्हनियां ले आएंगे !!!तो बात उस दिन की है जब मैं और साथी टीटू एक मॉल के फ़ूड कोर्ट में युही समय बिता रहे थे। तभी मुझे और टीटू को बाजू में बैठे एक सक्स जो खुदको भोजपुरी फ़िल...

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भूतिया कार By Ravi

एक आदमी अपने दफ़्तर से थका हारा पूरा दिन काम करने के बाद घर लौट रहा था......रास्ते में अचानक उसकी गाड़ी खराब हो गयी...रात काफी थी..एकदम घना अंधेरा था...धूप्पमोबाइल का नेटवर्क भी नही...

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होली By Yashvant Kothari

होली पर चंद सबरंग होलियाना समाचार यशवंत कोठारी 1-सेल्फ पब्लिशिंग सरकार ने सेल्फ पब्लिशिंग के क्षेत्र में हो रही उठा पटक को देखते हुए इस क्षेत्र में नए नियम बनाने के लिए एक समिति बन...

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सेल्फी का चक्कर By Sumit Singh

एक दिन जंगल में चीनू बंदर को एक मोबाइल फोन मिला।वह उसे पाकर बहुत खुश हुआ।उसने मोबाइल से अपनी सेल्फी लेने की बात सोची। उसने नाक व मुंंह टेढ़ा करते हुए अपनी कई सेल्फी लीं।फिर उसने, अ...

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तुमसा नहीं देखा.. By Saroj Verma

ये बात सन् १९८० की है,तब हम लोग उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले के छोटे से कस्बे अतर्रा में रहा करते थे,मेरे पापा वहाँ के हिन्दू इण्टर काँलेज में अध्यापक थे,मैं उस समय बी.ए.पास करके एम....

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रामू और बिल्लू की जादूगरी By Karunesh Maurya

एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में एक गरीब परिवार रहता था। उस परिवार में एक जवान लड़का था, जिसका नाम रामू था। रामू के पास कोई खास पढ़ाई-लिखाई नहीं थी, लेकिन उसकी खुशियों का कोई...

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आज क्या सब्जी बनाऊं’ ? By Yashvant Kothari

चलो बहना, सब्जी लायें यशवन्त कोठारी   ‘‘‘आज क्या सब्जी बनाऊं’’    इस शाश्वत सवाल का शाश्वत जवाब है।    ‘‘जो तुम चाहो।’’ बस अब इस वाक्य का अर्थ है कि महाभारत शुरू होना ही चाहता है।...

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टूबीएचके के शिकंजे में फंसी जिन्दगी By Yashvant Kothari

  व्यंग्य टूबीएचके के शिकंजे  में फंसी जिन्दगी यशवंत कोठारी जिंदगी का सफ़र आज कल टू बीएचके के मकड़ जाल में फंस कर रह गया है ,जिसे देखो वही इस अंधी दौड़ में शामिल है ,ये कोई नहीं सोचता...

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खण्ड खण्ड विकास का पाखण्ड पर्व By Yashvant Kothari

  खण्ड खण्ड विकास का पाखण्ड पर्व   यशवन्त कोठारी  सम्पूण जम्बूद्वीप में खण्ड खण्ड विकास का पाखण्ड पर्व चल रहा है। विकास एक सतत प्रक्रिया है। भारत विकास प्रधान देश है। विकास करा लो।...

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आलू और अलादीन - पवन सिकरवार By Author Pawan Singh

मेरा नाम अलादीन है ये नाम सुनते ही अब आपके दिमाग में वही घिसी पीटी अलादीन और जिन्न की कहानी चलने लगी होगी तो मै आपको बता दू की आपको इस कहानी में भी यही मिलयेगा।ये मेरी कहानी है की...

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लिटफेस्ट लीला By Yashvant Kothari

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हंसी के महा ठहाके - 13 - फोटोग्राफी के बड़े झमेले By Dr Yogendra Kumar Pandey

हास्य सरिता फोटोग्राफी के बड़े झमेले अपनी यादों को स्थाई बनाने के लिए फोटोग्राफी एक महत्वपूर्ण माध्यम है। आजकल मोबाइल के दौर ने भारी स्टिल कैमरों को पीछे छोड़ दिया है।अब लाइटवेट कै...

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कुंवारा किरायेदार By Yashvant Kothari

          कुंवारा  किरायेदार         यशवन्त कोठारी कुंवारे आदमी को नौकरी के बाद सबसे ज्यादा डर अपने मकान मालिक से लगता है। सब जानते और मानते हैं कि कुंवारा आदमी और मरखना बैल या पा...

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आवारा जानवरों के खतरे By Yashvant Kothari

आवारा   जानवरों के खतरे                                            यशवंत  कोठारी     इधर कुछ वर्षों में शहर में आवारा  जानवरों  के झुण्ड के झुण्ड सड़कों, गलियों , चौराहों पर विचरते...

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चर्चा आमकी सियासत में By Yashvant Kothari

                        चर्चा आमकी सियासत में                     यशवन्त कोठारी         इधर काफी समय से एक विज्ञापन पर नजरें  जमीं हुई थीं, जिसमें एक युवती आम-सूत्र शब्द का उच्चारण...

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चंद होलियाना समाचार By Yashvant Kothari

व्यंग्य होली पर चंद सबरंग होलियाना समाचार                                         यशवंत कोठारी 1-सेल्फ पब्लिशिंग सरकार ने सेल्फ पब्लिशिंग के क्षेत्र में हो रही उठा पटक को देखतेहुए...

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मिल तो जाएंगे न!" चावला जी ने अपने खोये पिता जी के बारे में पूछते हुए बंगाली बाबा से पूछा।चावला जी के पिताजी जो कि करीब अस्सी वर्ष के बुजुर्ग थे। उम्र के साथ-साथ उनकी यरदाश्त कमज़ोर...

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रावण से मुलाकात By Ravinder Sharma

कल सुबह-सुबह रास्ते में दस सिर वाला हट्टा कट्टा बंदा अचानक मेरी बाइक के आगे आ गया खैर जैसे तैसे ब्रेक लगाई और पूछा ... क्या अंकल 20-20 आँखें हैं ... फिर भी दिखाई नहीं देता जवाब मिल...

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पुस्तक मेला, गजल सभा और दही-बड़े By Yashvant Kothari

          पुस्तक मेला, गजल सभा और दही-बड़े          यशवन्त कोठारी             श्रीमती दही-बड़ा, श्रीमती पानी-पूरी और श्रीमती पाव-भाजी ने मिलकर तय किया कि पुस्तक मेले में  आयोजित गजल...

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किस्सा भद्र पुरुष और उसके तोते का  By Ravinder Sharma

किस्सा भद्र पुरुष और उसके तोते का पूर्वकाल में किसी गाँव में एक बड़ा भला मानस रहता था। उसकी पत्नी अतीव सुंदरी थी और भला मानस उससे बहुत प्रेम करता था। अगर कभी घड़ी भर के लिए भी वह उ...

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