hindi Best Comedy stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Comedy stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cul...Read More


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मालगाड़ी का सफ़र - 2 By शिव प्रसाद

भाग - २... क्वारीसाइडिंग स्टेशन को देखकर लगता था कि रेलवे प्राधिकरण ने इसके निर्माण का प्रारम्भ करने के बाद इसे प्रारम्भिक अवस्था में ही छोड़ दिया । ढाई प्लॅटफार्म थे, जिनमें से दो...

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फेसबुकिया पर्यावरण विशेषज्ञ By Archana Anupriya

"फेसबुकिया पर्यावरण विशेषज्ञ"कोरोना ने और जो भी क्षति समाज को पहुँचायी हो, एक काम तो बहुत अच्छा किया है कि रातों-रात सोशल मीडिया पर पर्यावरण विशेषज्ञों की बाढ़ सी ला दी है।जिस-जिस...

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विलेन्स की महफ़िल... By Saroj Verma

रात बारह बजे काली पहाड़ी पर बने, मातृभारती फाइवस्टार क्लब में पार्टी का आयोजन हुआ,सभी नए पुराने विलेन को न्यौता पहुँचा.... सबसे ज्यादा जल्दी मची थी रंजीत साहब को ,तो वो सबसे पहले पह...

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जुबाँ पे लागा रे जायका चुगली का... By Saroj Verma

चुगली चुगलखोरों का हेल्थ टाँनिक है,चुगलखोर कभी भी इस टाँनिक के बिना नहीं रह सकते ,चुगली उनके लिए सबसे बड़ा योग है व्यायाम है,चुगली करने से मस्तिष्क संतुलित रहता हैं,नियमित चुगली करन...

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एक संदेश... By Saroj Verma

रात बारह बजे का वक्त..... आलू प्रसाद जी के फोन की घंटी बजती है... उन्होंने फोन उठाया और बात करने के बाद उनके चेहरे का रंग उड़ गया, उन्होंने उसी समय अपनी लालटेन उठाई और घर से बाहर ज...

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मातृभारती प्रयोगशाला.... By Saroj Verma

आधी रात का समय करीब बारह बजे होगें,मैं कहीं किसी सड़क पर चली जा रहीं थीं, कहाँ ?ये मुझे खुद नहीं पता था,तभी पीछे से किसी शख्स की लालटेन की रौशनी ने मुझे डरा दिया और वो गाना गाते हुए...

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बैटमैन इन इण्डिया... By Saroj Verma

दिल्ली के इन्दिरा गांधी इण्टरनेशनल एयरपोर्ट पर इतनी भीड़ इकट्ठी थी जितनी की तब भी इकट्ठी नहीं हुई थी जब भारत की क्रिकेट टीम वर्ल्डकप जीतकर लौटी थी।। अब उसका कारण था कि भारत में एक च...

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होली उमंग By Mukteshwar Prasad Singh

1 होली के रंग गुलाल ------------------ होली है डाल,लाल रंग वो गुलाल, लाज शरम आज कहाँ, ना कोई सवाल। बड़ा छोटा एक संग करें मिल बवाल, मस्ती में डूब जाएं चलें वेढब चाल। गाँव नगर ढोल बजे...

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प्रेम क्या है ? By ArUu

कुछ लोगों ने मोहब्बत जैसे पाक रिश्ते को इस हद तक बदनाम कर रखा है की मोहब्बत का नाम सुनते ही लोगों के मन में GF_BF वाली इमेज बनने लगती है... मुझे नहीं लगता ये सही है। दो टके के ये र...

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एक सफर ऐसा भी... By Shwet Kumar Sinha

बात करीब बीस वर्ष पुरानी है। मैं अपने माता–पिता और छोटी बहन के साथ लोकल ट्रेन पकड़ दूसरे शहर को जा रहा था। ट्रेन के जिस डब्बे में हम सब चढ़े थें, उसमें भीड़–भाड़ न के बराबर थी। इसल...

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सरकारी संन्यास (हास्य व्यंग) By Mohit Trendster

[नोट – यह एक हास्य कहानी है, इसका उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है। (स्वयं लेखक कई प्रतियोगी परीक्षाओं में असफल हो चुके हैं।)] आज संवाददाता विकास, झेलम कस्बे की बड़ी...

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दो समधी By Shwet Kumar Sinha

घर नजदीक होने के कारण सप्ताहांत में मैं लोकल बस पकड़कर घर चला जाया करता था । इस शनिवार भी घर जाने को बस पकड़ा और खिड़की वाली सीट पर आकर बैठ गया । बस खुली । कुछेक किलोमीटर आगे जाकर एक...

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एक और गप्प... By Saroj Verma

सुबह सुबह आज उठी तो पड़ोसियों के घर से कुछ शोर आता हुआ सुनाई दिया,सोचा उनसे जाकर पूछ लूँ कि आखिर माजरा क्या है? पड़ोसिन बोली..... बच्चे आज नदी में नहाने की जिद कर रहे हैं लेकिन हमा...

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गप्प... लपेटो लपेटो... By Saroj Verma

चींटी ने भारत के राष्ट्रपति को फोन किया..... राष्ट्रपति जी के टेबल पर रखें टेलीफोन की घंटी बजी और राष्ट्रपति जी ने फोन उठाकर पूछा.... हैलों! माई सेल्फ प्रेसीडेंट आँफ इण्डिया..... उ...

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ऑफ़िस - ऑफ़िस - 4 By R.KapOOr

लेकिन अक्सर लोग अपनी पत्नी के साथ बहुत लंबी बात नहीं करते, शॉर्ट में ही निपटा देते हैं, उसने भी वैसा ही किया।"यार सब्ज़ी लेकर आने को बोल रही थी..."उसने बैल बजायी और चपरासी को बुलाया...

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तकदीर By धृतराष्ट्र सुमन

वर्ष 2014 में वजीर एक्स नाम की एक क्रिप्टो करेंसी की एप्प लाॅन्च हुई, मैंने तैयारी के साथ साथ एक होटल में पार्ट टाईम कैशियर का काम करना शुरू किया वेतन सात हजार के लगभग था, सुबह अपन...

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दही और छांछ By धृतराष्ट्र सुमन

श्री मोहन चैधरी जी अपने गांव के बडे पंण्डित थे और इसी पंण्डित तबके के कारण लोगों में उनकी एक अलग और ऊंची छवी थी, गांव के सब जाति के लोग उनकी बहुत ही इज्जत करते थे, किसी भी मामले मे...

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झूलती मौत - व्हाट्सएप का धोखा By Saroj Verma

जी! यहाँ मिस्टर आशीष चतुर्वेदी कौन हैं? आँफिस के अन्दर घुसती हुई पुलिस में से इन्सपेक्टर ने पूछा।। लेकिन इन्सपेक्टर साहब बात क्या है? आँफिस के एक सज्जन ने पूछा।। पहले आप टी. वी. पर...

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पप्पी By R.KapOOr

हास्य लघुकथा (ये केवल एक काल्पनिक कहानी है जो केवल पाठकों के मनोरंजन के लिये ही लिखी गई है )बहुत से किस्से हमारी ज़िंदगी में ऐसे होते हैं जो बाद में याद करने पर मन गदगद हो जाता है...

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लौट के बुद्धू घर को आये (अंतिम किश्त) By Kishanlal Sharma

"मैं तो छोटे थे तब एक शादी में आये थे।"मरी सी आवाज में उस बुजर्ग ने जवाब दिया था।ड्राइवर ने कंडक्टर से कहा"नीचे उतरकर पता लगाओ ज़रा।"दूल्हे के बड़ा भाई ही कर्ता धर्ता था।उसी ने रिश...

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चौकीदार By R.KapOOr

बात बहुत पुरानी तो नहीं है। मकरसंक्रांति का दिन था, मैं पतंगे उड़ाने के लिए डोर और पतंगें ले कर छत पर आ गया । चूंकि फ्लैट्स में छत कॉमन ही होती है, तो वहां एक लड़का और भी था जो पहले...

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फादर्स डे पर पिता जी की याद में By डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना

फादर्स डे पर पिता जी की याद में स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना डुकरा करोना...

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गोलोकधाम By suraj sharma

न तद्भासयते सूर्यो न शशांको न पावकः ।यद्गत्वा न निवर्तन्ते तद्धाम परमं मम ॥ श्रीमद्भगवद गीता 15.6 अथार्त - जिस परमपद को प्राप्त...

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टीके की कहानी By Anand M Mishra

टीका-टीका-टीका!! आज सभी जगह एक ही चर्चा है। आपने टीका लगवा लिया? जिसने लगवा लिया है वह अपनी बत्तीसी दिखाता है तथा जिसने नहीं लिया है वह मुंह फुलाया हुआ चेहरा दिखाता है। साथ ही में...

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प्रजातंत्र का इतिहास By Anand M Mishra

कुछ जानकार लोग कहते हैं - प्रजातंत्र की उत्पत्ति ग्रीक शब्द 'डेमोस' से हुई है। डेमोस का अर्थ है 'जन साधारण' और क्रेसी का अर्थ है 'शासन'। लेकिन यह तथ्य वास्तविकता से कोसों दूर है। ऐ...

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हिन्दी या हिग्लिश By Alok Mishra

भाषाएं रस बदलती है, विलुपत होती है और परिष्कृत होती हैं। फिर हिंदी हिंगलाज क्यों होती जा रही है

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बहस--परिचर्चा By Kishanlal Sharma

गांव की चौपालों और गली मोहल्लों के चबूतरों से निकलकर बहस टी वी चैनलो पर जा पहुंची है।आज कोई भी न्यूज़ चैनल बहस यानी परिचर्चा से अछूता नही है।धर्म,राजनीति,खेल,फ़िल्म, भ्रष्टचार, सरकार...

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अन्ना राजनीति में ‘‘मत’’ जाना .... By Alok Mishra

अन्ना राजनीति में ‘‘मत’’ जाना ....यह आलेख उस समय की तात्कालीन परिस्थितियो में व्यवस्था पर व्यंग्य के रूप में लिखा गया था जो अनेक अखबारों में प्रकाशित भी हुआ था । अन्ना आदरणीय है इस...

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बबन को गड्ढे क्यों पसंद हैं ? (व्यंग्य) By Sunil Jadhav

लेखक- डॉ.सुनील गुलाबसिंग जाधव, नांदेड़ मो.९४०५३८४६७२ मास्टर जी ने कक्षा में एक लोकप्रिय पंक्ति सुनाते हुए कहा, बच्चों अब तुम्हारी बारी | तुम्हे एक कविता करके मुझे सुनानी हैं |”...

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ब्रेकिंग न्यूज - रामलाल देश छोड़ेगा (व्यंग्य) By Alok Mishra

ब्रेकिंग न्यूज - रामलाल देश छोड़ेगा अभी-अभी मिले समाचार के अनुसार रामलाल जी देश छोड़ने पर विचार कर रहे है । हमारे रामलाल जी आजकल बहुत परेशान है । आप रामलाल को तो जानत...

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११०१ By Sunil Jadhav

लेखक-डॉ.सुनील गुलाबसिंग जाधव नांदेड,महाराष्ट्र मो-९४०५३८४६७२ एक रात सपने में बाबा गूगल द्वारा आकाशवाणी हुई, बेटा यूजर प्रो.बबन जी! सारी दुनिया वेबीनारा कर रही हैं और आप घ...

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गरीबी और झूठ ( व्यंग्य ) By Alok Mishra

गरीबी और झूठ मंडी के पास एक हम्माल दीनू और ठेला चलाने वाला छोटू कुछ देर बैठे थे । दीनू बोला "आज तो मंडी में माल ही नहीं आया, काम है ही नहीं। है ....कि ...नहीं ।" छोटू ने...

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अभी तो ये अंगड़ाई है .. ( व्यंग्य ) By Alok Mishra

अभी तो ये अंगड़ाई है .... एक दिन शहर की एक रैली में लोग जोर-जोर से नारे लगा रहे थे ‘‘ अभी तो ये अंगड़ाई है.....आगे और लड़ाई है ।’’ सड़क के किनारे एक दुकान पर उतनी ही जोर से गान...

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कहानी भोला की - (अंतिम भाग ) By राज कुमार कांदु

पुलिस चौकी से निकल कर भोला एक पार्क के सामने लगे बेंच पर सो गया ।सुबह देर से नींद खुली थी । उठकर अब उसे कुछ काम धाम करने की चिंता सताने लगी । वहीँ बैठे हुए सोचने लगा ‘ अब हम क्या क...

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गरीबी सम्मेलन ( व्यंग्य ) By Alok Mishra

गरीबी सम्मेलन शहर के एक आलीशान होटल में गरीबी सम्मेलन का आयोजन किया गया है । देश-विदेश से इस क्षेत्र के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया । अधिकांश विशेषज्ञों ने गरीबों क...

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भैंस की उड़ान ( व्यंग्य) By Alok Mishra

भैंस की उड़ान कहावत तो सुनी होगी " अकल बड़ी या भैंस ।" हमारे आस पास बहुत से लोग हैं जिनके लिए भैंस ही बड़ी होती है । उनके लिए भैंस कहां और अकल कहां ? उन्हीं में से एक...

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सब मिथ्या है By Anand M Mishra

सब मिथ्या है ईश्वर ने सृष्टि के निर्माण के समय लगता है कि अपना दिमाग बहुत चलाया होगा. यदि जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु को देखते हैं तो मन एकदम गुस्से से भर जाता है. वे क्षीरसागर म...

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कोई समाचार नहीं.. By Alok Mishra

कोई समाचार नहीं ... भोलाराम जी को समाचार देखे ,सुने और पढ़े बगैर चैन ही नहीं मिलता । यही कारण है देश ही नहीं पूरी दुनिया के घटनाक्रम पर हमेशा ही पकड़ बनाए रखते हैं । उ...

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ईमानदारी का कीड़ा (व्यंग्य) By Alok Mishra

ईमानदारी का कीड़ा ( व्यंग्य ) हमारे आस-पास सामान्य लोगों की संख्या बहुत अधिक है । आज के समय में सामान्य वही है जो खुद खाता है औरों को खाने देता है। ले- दे के अपने और दूसरों क...

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नो गधा बनाइंग By Alok Mishra

गधा देश में यूं तो पूरे समय ही राजनीति की बहार रहती है परंतु चुनाव की आहट के साथ ही साथ गधों को गधा बनाने की पूरी राजनीति प्रारंभ हो जाती है । गधा देश के नेता अपने आप को जन...

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जुगाड़ (व्यंग्य) By Alok Mishra

जुगाड़ अरे.....आप शीर्षक पढ़कर क्या सोचने लगे? चलिए तो फिर आपकी और हमारी सोच को ही आगे बढ़ाते हैं । हमारा समाज कुछ खास नियमों से चलता है। इन नियमों से हट कर यदि आपको...

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सामाजिक देवी By राज कुमार कांदु

नमो नारायण की घोर तपस्या से गूगलेश्वर महाराज प्रसन्न हुए और उनसे वर माँगने को कहा।उनके समक्ष नतमस्तक होकर नमो नारायण बोला , " हे सर्वज्ञानी महाराज ! अगर आप मुझसे प्रसन्न हैं तो मुझ...

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मालगाड़ी का सफ़र - 2 By शिव प्रसाद

भाग - २... क्वारीसाइडिंग स्टेशन को देखकर लगता था कि रेलवे प्राधिकरण ने इसके निर्माण का प्रारम्भ करने के बाद इसे प्रारम्भिक अवस्था में ही छोड़ दिया । ढाई प्लॅटफार्म थे, जिनमें से दो...

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फेसबुकिया पर्यावरण विशेषज्ञ By Archana Anupriya

"फेसबुकिया पर्यावरण विशेषज्ञ"कोरोना ने और जो भी क्षति समाज को पहुँचायी हो, एक काम तो बहुत अच्छा किया है कि रातों-रात सोशल मीडिया पर पर्यावरण विशेषज्ञों की बाढ़ सी ला दी है।जिस-जिस...

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विलेन्स की महफ़िल... By Saroj Verma

रात बारह बजे काली पहाड़ी पर बने, मातृभारती फाइवस्टार क्लब में पार्टी का आयोजन हुआ,सभी नए पुराने विलेन को न्यौता पहुँचा.... सबसे ज्यादा जल्दी मची थी रंजीत साहब को ,तो वो सबसे पहले पह...

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जुबाँ पे लागा रे जायका चुगली का... By Saroj Verma

चुगली चुगलखोरों का हेल्थ टाँनिक है,चुगलखोर कभी भी इस टाँनिक के बिना नहीं रह सकते ,चुगली उनके लिए सबसे बड़ा योग है व्यायाम है,चुगली करने से मस्तिष्क संतुलित रहता हैं,नियमित चुगली करन...

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एक संदेश... By Saroj Verma

रात बारह बजे का वक्त..... आलू प्रसाद जी के फोन की घंटी बजती है... उन्होंने फोन उठाया और बात करने के बाद उनके चेहरे का रंग उड़ गया, उन्होंने उसी समय अपनी लालटेन उठाई और घर से बाहर ज...

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मातृभारती प्रयोगशाला.... By Saroj Verma

आधी रात का समय करीब बारह बजे होगें,मैं कहीं किसी सड़क पर चली जा रहीं थीं, कहाँ ?ये मुझे खुद नहीं पता था,तभी पीछे से किसी शख्स की लालटेन की रौशनी ने मुझे डरा दिया और वो गाना गाते हुए...

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होली उमंग By Mukteshwar Prasad Singh

1 होली के रंग गुलाल ------------------ होली है डाल,लाल रंग वो गुलाल, लाज शरम आज कहाँ, ना कोई सवाल। बड़ा छोटा एक संग करें मिल बवाल, मस्ती में डूब जाएं चलें वेढब चाल। गाँव नगर ढोल बजे...

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प्रेम क्या है ? By ArUu

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एक सफर ऐसा भी... By Shwet Kumar Sinha

बात करीब बीस वर्ष पुरानी है। मैं अपने माता–पिता और छोटी बहन के साथ लोकल ट्रेन पकड़ दूसरे शहर को जा रहा था। ट्रेन के जिस डब्बे में हम सब चढ़े थें, उसमें भीड़–भाड़ न के बराबर थी। इसल...

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[नोट – यह एक हास्य कहानी है, इसका उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है। (स्वयं लेखक कई प्रतियोगी परीक्षाओं में असफल हो चुके हैं।)] आज संवाददाता विकास, झेलम कस्बे की बड़ी...

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दो समधी By Shwet Kumar Sinha

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एक और गप्प... By Saroj Verma

सुबह सुबह आज उठी तो पड़ोसियों के घर से कुछ शोर आता हुआ सुनाई दिया,सोचा उनसे जाकर पूछ लूँ कि आखिर माजरा क्या है? पड़ोसिन बोली..... बच्चे आज नदी में नहाने की जिद कर रहे हैं लेकिन हमा...

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गप्प... लपेटो लपेटो... By Saroj Verma

चींटी ने भारत के राष्ट्रपति को फोन किया..... राष्ट्रपति जी के टेबल पर रखें टेलीफोन की घंटी बजी और राष्ट्रपति जी ने फोन उठाकर पूछा.... हैलों! माई सेल्फ प्रेसीडेंट आँफ इण्डिया..... उ...

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ऑफ़िस - ऑफ़िस - 4 By R.KapOOr

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तकदीर By धृतराष्ट्र सुमन

वर्ष 2014 में वजीर एक्स नाम की एक क्रिप्टो करेंसी की एप्प लाॅन्च हुई, मैंने तैयारी के साथ साथ एक होटल में पार्ट टाईम कैशियर का काम करना शुरू किया वेतन सात हजार के लगभग था, सुबह अपन...

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दही और छांछ By धृतराष्ट्र सुमन

श्री मोहन चैधरी जी अपने गांव के बडे पंण्डित थे और इसी पंण्डित तबके के कारण लोगों में उनकी एक अलग और ऊंची छवी थी, गांव के सब जाति के लोग उनकी बहुत ही इज्जत करते थे, किसी भी मामले मे...

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झूलती मौत - व्हाट्सएप का धोखा By Saroj Verma

जी! यहाँ मिस्टर आशीष चतुर्वेदी कौन हैं? आँफिस के अन्दर घुसती हुई पुलिस में से इन्सपेक्टर ने पूछा।। लेकिन इन्सपेक्टर साहब बात क्या है? आँफिस के एक सज्जन ने पूछा।। पहले आप टी. वी. पर...

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हास्य लघुकथा (ये केवल एक काल्पनिक कहानी है जो केवल पाठकों के मनोरंजन के लिये ही लिखी गई है )बहुत से किस्से हमारी ज़िंदगी में ऐसे होते हैं जो बाद में याद करने पर मन गदगद हो जाता है...

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लौट के बुद्धू घर को आये (अंतिम किश्त) By Kishanlal Sharma

"मैं तो छोटे थे तब एक शादी में आये थे।"मरी सी आवाज में उस बुजर्ग ने जवाब दिया था।ड्राइवर ने कंडक्टर से कहा"नीचे उतरकर पता लगाओ ज़रा।"दूल्हे के बड़ा भाई ही कर्ता धर्ता था।उसी ने रिश...

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चौकीदार By R.KapOOr

बात बहुत पुरानी तो नहीं है। मकरसंक्रांति का दिन था, मैं पतंगे उड़ाने के लिए डोर और पतंगें ले कर छत पर आ गया । चूंकि फ्लैट्स में छत कॉमन ही होती है, तो वहां एक लड़का और भी था जो पहले...

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फादर्स डे पर पिता जी की याद में By डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना

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गोलोकधाम By suraj sharma

न तद्भासयते सूर्यो न शशांको न पावकः ।यद्गत्वा न निवर्तन्ते तद्धाम परमं मम ॥ श्रीमद्भगवद गीता 15.6 अथार्त - जिस परमपद को प्राप्त...

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टीके की कहानी By Anand M Mishra

टीका-टीका-टीका!! आज सभी जगह एक ही चर्चा है। आपने टीका लगवा लिया? जिसने लगवा लिया है वह अपनी बत्तीसी दिखाता है तथा जिसने नहीं लिया है वह मुंह फुलाया हुआ चेहरा दिखाता है। साथ ही में...

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प्रजातंत्र का इतिहास By Anand M Mishra

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गांव की चौपालों और गली मोहल्लों के चबूतरों से निकलकर बहस टी वी चैनलो पर जा पहुंची है।आज कोई भी न्यूज़ चैनल बहस यानी परिचर्चा से अछूता नही है।धर्म,राजनीति,खेल,फ़िल्म, भ्रष्टचार, सरकार...

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अन्ना राजनीति में ‘‘मत’’ जाना .... By Alok Mishra

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बबन को गड्ढे क्यों पसंद हैं ? (व्यंग्य) By Sunil Jadhav

लेखक- डॉ.सुनील गुलाबसिंग जाधव, नांदेड़ मो.९४०५३८४६७२ मास्टर जी ने कक्षा में एक लोकप्रिय पंक्ति सुनाते हुए कहा, बच्चों अब तुम्हारी बारी | तुम्हे एक कविता करके मुझे सुनानी हैं |”...

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ब्रेकिंग न्यूज - रामलाल देश छोड़ेगा (व्यंग्य) By Alok Mishra

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११०१ By Sunil Jadhav

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गरीबी और झूठ ( व्यंग्य ) By Alok Mishra

गरीबी और झूठ मंडी के पास एक हम्माल दीनू और ठेला चलाने वाला छोटू कुछ देर बैठे थे । दीनू बोला "आज तो मंडी में माल ही नहीं आया, काम है ही नहीं। है ....कि ...नहीं ।" छोटू ने...

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अभी तो ये अंगड़ाई है .. ( व्यंग्य ) By Alok Mishra

अभी तो ये अंगड़ाई है .... एक दिन शहर की एक रैली में लोग जोर-जोर से नारे लगा रहे थे ‘‘ अभी तो ये अंगड़ाई है.....आगे और लड़ाई है ।’’ सड़क के किनारे एक दुकान पर उतनी ही जोर से गान...

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कहानी भोला की - (अंतिम भाग ) By राज कुमार कांदु

पुलिस चौकी से निकल कर भोला एक पार्क के सामने लगे बेंच पर सो गया ।सुबह देर से नींद खुली थी । उठकर अब उसे कुछ काम धाम करने की चिंता सताने लगी । वहीँ बैठे हुए सोचने लगा ‘ अब हम क्या क...

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गरीबी सम्मेलन ( व्यंग्य ) By Alok Mishra

गरीबी सम्मेलन शहर के एक आलीशान होटल में गरीबी सम्मेलन का आयोजन किया गया है । देश-विदेश से इस क्षेत्र के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया । अधिकांश विशेषज्ञों ने गरीबों क...

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भैंस की उड़ान ( व्यंग्य) By Alok Mishra

भैंस की उड़ान कहावत तो सुनी होगी " अकल बड़ी या भैंस ।" हमारे आस पास बहुत से लोग हैं जिनके लिए भैंस ही बड़ी होती है । उनके लिए भैंस कहां और अकल कहां ? उन्हीं में से एक...

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सब मिथ्या है By Anand M Mishra

सब मिथ्या है ईश्वर ने सृष्टि के निर्माण के समय लगता है कि अपना दिमाग बहुत चलाया होगा. यदि जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु को देखते हैं तो मन एकदम गुस्से से भर जाता है. वे क्षीरसागर म...

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कोई समाचार नहीं.. By Alok Mishra

कोई समाचार नहीं ... भोलाराम जी को समाचार देखे ,सुने और पढ़े बगैर चैन ही नहीं मिलता । यही कारण है देश ही नहीं पूरी दुनिया के घटनाक्रम पर हमेशा ही पकड़ बनाए रखते हैं । उ...

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ईमानदारी का कीड़ा (व्यंग्य) By Alok Mishra

ईमानदारी का कीड़ा ( व्यंग्य ) हमारे आस-पास सामान्य लोगों की संख्या बहुत अधिक है । आज के समय में सामान्य वही है जो खुद खाता है औरों को खाने देता है। ले- दे के अपने और दूसरों क...

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नो गधा बनाइंग By Alok Mishra

गधा देश में यूं तो पूरे समय ही राजनीति की बहार रहती है परंतु चुनाव की आहट के साथ ही साथ गधों को गधा बनाने की पूरी राजनीति प्रारंभ हो जाती है । गधा देश के नेता अपने आप को जन...

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जुगाड़ (व्यंग्य) By Alok Mishra

जुगाड़ अरे.....आप शीर्षक पढ़कर क्या सोचने लगे? चलिए तो फिर आपकी और हमारी सोच को ही आगे बढ़ाते हैं । हमारा समाज कुछ खास नियमों से चलता है। इन नियमों से हट कर यदि आपको...

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सामाजिक देवी By राज कुमार कांदु

नमो नारायण की घोर तपस्या से गूगलेश्वर महाराज प्रसन्न हुए और उनसे वर माँगने को कहा।उनके समक्ष नतमस्तक होकर नमो नारायण बोला , " हे सर्वज्ञानी महाराज ! अगर आप मुझसे प्रसन्न हैं तो मुझ...

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