रहे तेरी दुआ मुझ पर by MASHAALLHA KHAN

रहे तेरी दुआ मुझ पर by MASHAALLHA KHAN in Hindi Novels
ये कहानी एक काल्पनिक कहानी है  इस कहानी का वास्तविकता से कोई सम्बन्ध नही है ये कहानी केवल मनोरंजन के लिए है इसमे बताये ग...
रहे तेरी दुआ मुझ पर by MASHAALLHA KHAN in Hindi Novels
जब मै उठा तो सुबह के ग्यारह बज रहे थे रुकसार कमरे मे नही थी फिर मै बाथरूम गया फ्रेश होकर नाहा धोकर नीचे गया हमारा घर दो...
रहे तेरी दुआ मुझ पर by MASHAALLHA KHAN in Hindi Novels
मगर मै बस उन्हे रोता हुआ देख रहा था मुझमे हिम्मत नही थी उनसे बात करने की मुझे घूटन सी महसूस हो रही थी  फिर मैने अपने आप...