जुर्म की दास्ता by Salim in Hindi Novels
"इस लड़की ने हिन्दुस्तान आना कब है?" कुलवन्त ने अपने हाथ में पकड़ी हुई उस रंगीन तस्वीर को देखते हुए पूछा।तस्वीर में कैमर...
जुर्म की दास्ता by Salim in Hindi Novels
"मुझे यह उम्मीद नहीं थी कि शेफाली इस तरह अचानक ही अमरीका से लौट आएगी। सोचा था कि उसके आने में दो एक साल तो लगेंगे ही तब...
जुर्म की दास्ता by Salim in Hindi Novels
एयरपोर्ट के बाहरी प्रांगण मे खड़े जयदीप की चौकन्नी निगाहें बाहर आने वाले यात्रियों को ध्यानपूर्वक देख रही थीं। जैसे ही ल...
जुर्म की दास्ता by Salim in Hindi Novels
"तुम सुजान को पूरी तरह से जानते नहीं।" उमाशंकर ने एक दी निःश्वास के साथ कहा-"एक नम्बर का हरामी है। फिर अपनी बात को पुलिस...
जुर्म की दास्ता by Salim in Hindi Novels
‌जयदीप ने जैसे ही कार को मुख्य सड़क छोड़कर एक अन्य सड़क की ओर मुड़ते देखा वैसे ही उस इस बात का यकीन आ गया कि सुजान का खे...