मुक्त by Neeraj Sharma in Hindi Novels
       -------- मुक्त  ( भूमिका ) कही से भी शुरू कर लीजिये आप को समझ पड़ जायेगी। ये कोई भी नकल के आधारत नहीं है, मै जिम्म...
मुक्त by Neeraj Sharma in Hindi Novels
मुक्त -----उपन्यास की दूसरी किश्त....                              (2)                 सोचने से अगर कुछ हो जाए, तो हो जा...
मुक्त by Neeraj Sharma in Hindi Novels
--------मुक्त -----(3)        खुशक हवा का चलना शुरू था... आज किसी के बहुत करीब सुन ने का सकून मस्जिद से युसफ खान का था।...
मुक्त by Neeraj Sharma in Hindi Novels
    मुक्त -----उपन्यास की दर्द की लहर मे डूबा सास भी भारे छोड़ ता जा रहा था युसफ का मार्मिक ---------                   ...
मुक्त by Neeraj Sharma in Hindi Novels
-------मुक्त (5) मुक्त फर्ज से भाग के नहीं होता... फर्ज से भागो, इतना भागो, कि मुक्त हो सकोगे। कही लिखा है, मुक्क्ति का...