एक महीने बाद:
मेहता हाउस पूरी तरह से सजा हुआ था। चांदनी रात में चारो तरफ रोशनी ही रोशनी, और फूलों की सजावट से अलग ही सौंदर्य निखर रहा था। अंदर हॉल के बीचों बीच में मंडप लगा हुआ था, और चारो तरफ लोगो की चहल पहल थी।
तभी सामने से गोपाल जी और राजीव जी बातें करते हुए आते है।
गोपाल जी - सब कुछ अच्छे से हो जाए बस!
राजीव जी - आप चिंता क्यों करते है गोपाल जी, सब अच्छा होगा!
गोपाल जी - क्या करूं, लड़की का पिता हुं ना!
राजीव जी - अरे, वो ज़माना गया जब लड़की के पिता होना चिंता की बात थी, अब तो गर्व से सीना चौड़ा करके घूमिए!
तभी वेदना जी और सुहाना जी भी वही आ जाते है।
सुहाना जी - आज मैं बहुत खुश हुं कि आखिरकार हमारे बच्चों को उनके नसीब की खुशियां मिल रही है।
वेदना जी - हां, पर वो बच्चे आखिर है कहां पर? वेदना जी ने इधर उधर नजर घुमाते हुए कहा।
सुहाना जी - सभी तैयार होने में लगे होंगे, और क्या! फिर सब एक साथ हंसते है, और अपनी बातें जारी रखते है।
थोड़ी देर में साहिल और सिमरन ऊपर सीढियों से नीचे उतर कर आ रहे होते है। साहिल ने सिमरन का हाथ पकड़ रखा होता है, और उसका पूरा ध्यान सिमरन के ऊपर था, कि वो सीढियों से सही से उतर पाए!
साहिल - मैंने कहा था ना कि हम नीचे के कमरे में शिफ्ट हो जाते है, पर तुम मेरी सुनती कहां हो? उसने थोड़ा नाराज होते हुए कहा।
सिमरन - साहिल, तुम बिना बात के चिंता करते हो, अभी सिर्फ एक महीना हुआ है। अभी तक तो बेबी बंब भी नही दिखा है मेरा!
साहिल - तुम और हमारा बेबी दुनिया हो मेरी, तुम्हारी हर जरूरत का ध्यान रखना मेरा फर्ज है! फिर साहिल, सिमरन के कंधे पर हाथ रखता है और उसे नीचे लेकर आता है।
सिमरन समझ नही पाती है कि साहिल पर प्यार करे या गुस्सा, उसका इतना प्यार और इस कदर परवाह देखकर वो बस चुप रह जाती है, और मन ही मन में भगवान जी से साहिल जैसा पति देने के लिए शुक्रिया अदा करती है। फिर साहिल, सिमरन को टेबल पर बिठाता है और वो भी उसे कंपनी देने के लिए वही बैठ जाता है। इधर दोनो के मम्मी पापा उन्हे कबसे देखे जा रहे थे और वो देखकर बहुत खुश होते है कि उनके बच्चे साथ में इतने खुश है। वेदना जी उनकी दूर से ही बलाएं लेती है कि मेरे बच्चों को किसी की नजर ना लगे!
तब तक पंडित जी दूल्हा दुल्हन को, बुलाने को बोलते है, तभी नक्ष, ईशान को लेकर आता है और इधर तानिया को पूजा और किरण लेकर आती है। दोनो शादी के मंडप में एक दूसरे का हाथ थामे बैठे होते है। उनके चेहरे पर अलग ही खुशी नजर आ रही होती है। सिमरन और साहिल उन्हे ही देखे जा रहे होते है, तभी साहिल बोलता है कि;
साहिल - सिमरन, तुमने मुझे खुद को ग्रैंड वेडिंग देने के लिए मना क्यों किया? कितना मजा आता ना, हम फिर से शादी करते सभी के सामने!
सिमरन, साहिल का हाथ अपने हाथों में लेती है, और बोलती है कि;
सिमरन - साहिल, मैं अपनी लव स्टोरी से लेकर शादी तक के मोड़ को उसी तरह रहने देना चाहती हुं, जैसा हुआ है! कल हम दोनो हमारे बच्चों को एक अलग ही कहानी सुनाएंगे कि किस तरह हम मिले, पहले शादी हुई, फिर प्यार! कितनी अलग है हमारे मिलने की कहानी! हमे भगवान जी ने ऐसे ही मिलाया है, तो हम ऐसे ही रहने देते है। साहिल यह सुनकर उसके हाथों को अपने होठ के पास लाकर चूम लेता है, तो सिमरन भी शरमा जाती है। तभी एक वैटर जूस लेकर आता है, तो साहिल उसे रोककर सिमरन को जूस ऑफर करता है।
सिमरन - अभी थोड़ी देर पहले ही तो पिया था, साहिल!
साहिल - उस बात को एक घंटा हो चुका है, सिमरन! चलो, जल्दी से ग्लास लो और पियो! सिमरन फिर मुस्कुराकर चुप चाप जूस पी लेती है। उसे पता था कि इस मामले में साहिल उसकी एक बात नही सुनेगा! और वो अपनी इस जिंदगी से बहुत खुश थी, जिसमे उसे सब कुछ मिल चुका था, और उसका कारण साहिल ही था, जिससे उसे यह नई जिंदगानी मिली!
तानिया और ईशान मंडप में एक दूसरे को ही देखे जा रहे थे, तभी ईशान, तानिया को धीरे से बोलता है कि;
ईशान - अब तो खुश हो ना तुम?
तानिया(उसकी तरफ देखते हुए) - क्यों तुम खुश नही हो?
ईशान - नही, मैं खुश नही हूं, बल्कि बहुत खुश हुं। उसने तानिया का जो अपने हाथों में पकड़ रखा था, उसे ऊपर उठाकर किस करते हुए कहा।
इधर पूजा और नक्ष की भी इंगेजमेंट हो गई थी, और दोनो जल्दी शादी करने वाले थे! किरण अब अपने में ही खुश है, क्योंकि अब उसे जिंदगी जीने का सही तरीका आ गया था।उसने अपने पापा की कंपनी को बहुत अच्छे से संभाल लिया है।
सिमरन वही पर बैठी हुई सभी के चेहरे की खुशी देख रही होती है, और सोचती है कि जिंदगी में कैसे कैसे मोड़ आते है, लेकिन हमे उन पर चलकर अपनी खुशियां खुद हासिल करनी होती है।
फिर वो साहिल का हाथ थामती है और खुश होकर तानिया और ईशान की शादी को देखने लगती है।
समाप्त!
हेलो दोस्तो, आज हमारा यह सफर खत्म हो गया है। 😊तो आप सभी को कैसी लगी साहिल और सिमरन, ईशान और तानिया की कहानी? वो कहते है न कि जिंदगी सफर है मुश्किलों का, पर अगर अपनी गलतियों से सीखकर और किसी और की गलतियों को भुलाकर अगर आगे बढ़ा जाएं तो जीना आसान हो जाता है। अंत भला तो सब भला!❤️अब मिलते है एक नए सफर पर, नई कहानी के साथ! आप सभी का तहे दिल से शुक्रिया कि हमे और हमारी कहानी को इतना प्यार और अपनापन देने के लिए! 💓✨