तभी किरण उठ खड़ी होती है और बोलती है कि;
किरण - मुझे एक बात नही समझ आ रही है कि सिमरन दीदी ने ऐसा क्यों कहा कि मैने खुद की बहन की जान लेने की कोशिश करी? किरण इतनी भी भोली नही थी कि उसे यह सब कुछ समझ नही आए, तो उसे समझते देर नही लगती है कि सिमरन को पक्का कोई तो गलतफहमी है, जिसकी वजह से वो, उसे और भी नफरत करने लगी है। तभी राजीव जी बोलते है कि;
राजीव जी - क्या हुआ बेटा, क्या बोल रही हो यह? और किसने,किसको मारने की कोशिश करी? मुझे तो कुछ समझ में नही आ रहा है।
किरण - पर अब मैं सब कुछ समझ चुकी हुं पापा, कि किसने सिमरन के मन में ऐसी बातें भरी होगी। वो और कोई नही, बल्कि विपिन ही होगा! हम लोगो ने सिमरन दीदी का फायदा उठाया है, और उन्हे तंग किया है। लेकिन विपिन ने उसी बात का फायदा उठाकर सिमरन को और भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश करी है।
सुहाना जी - यह बात तुम कैसे कह सकती हो बेटा?
किरण - इतना तो विपिन को मैं भी जानती हुं मम्मी, कि उसी ने सब खेल खेला है मेरे साथ, और सिमरन दीदी के साथ!फिर किरण थोड़ा इमोशनल हो जाती है और बोलती है कि;
किरण - और उसके लिए मैंने कितने लोगो को तकलीफ पहुंचाई! पर अब मैं ऐसे मायूस नही होऊंगी और उसे बता दूंगी कि उसके लिए कोई जगह नही है, मेरे दिल और मेरी जिंदगी में!
उसके बाद किरण अपने कमरे में चली जाती है। और राजीव जी और सुहाना जी, किरण का एक अलग ही रूप देख रहे थे।
इधर ईशान को तानिया, उसके बोलने पर नक्ष के घर के वहां पर ड्रॉप कर देती है। ईशान जैसे ही गाड़ी से उतरता है तो फिर से पीछे मुड़कर तानिया को देखता है।
ईशान - जाने का मन नही कर रहा है! यही रुक जाऊं ना आज तुम!
तानिया - पागल, घर पर सब हमारा इंतजार कर रहे होंगे, चलो अब जाओ! फिर ऐसे ही बात करके और एक दूसरे को गले मिलकर, तानिया अपने घर की तरफ निकल जाती है और ईशान, नक्ष के फ्लैट पर चला जाता है।
इधर साहिल और सिमरन हॉल में बैठे होते है और साहिल कुछ सोच रहा होता है। उसके चेहरे पर चिंता साफ दिख रही होती है। सिमरन उसका चेहरा देखकर बोलती है कि;
सिमरन - क्या हुआ साहिल, कोई बात परेशान कर रही है क्या?
साहिल - नही सिमरन, कुछ नही! बस थकान है थोड़ी सी! मैं आराम करने जाता हूं, तुम भी अपने कमरे में जाकर आराम करो! साहिल सोफे से उठकर उसके गाल पर हाथ रखकर बोलता है और फिर अपने रूम की तरफ चल देता है। उसके बाद सिमरन भी अपने कमरे में चली जाती है।
साहिल अपने रूम में बेड पर बैठा होता है और फिर से सोचने लग जाता है। तभी थोड़ी देर में उसके कमरे का दरवाजा नॉक होता है, तो वो उसकी आवाज से खयालों से बाहर आता है और दरवाजा खोलता है। वो देखता है कि सिमरन आई हुई है और उसके साथ वो एक बैग भी लाई है।
साहिल - सिमरन, तुम यहां पर अभी? और यह बैग कौनसा है? कही जा रही हो क्या तुम?
सिमरन कुछ नही बोलती है और साहिल को एक तरफ करके, खुद का बैग अंदर ले आती है और दरवाजा बंद कर देती है।
सिमरन - तुम भी ना साहिल, अभी कहां पर जाऊंगी मैं भला? और कितना जोर से बोलते हो तुम, अगर मम्मी पापा सुन लेते तो?
साहिल - मतलब तुम यहां पर रहने आई हो, मेरे साथ? साहिल ने कन्फर्म करते हुए बोला।
सिमरन - हां डम्बो इंसान!भूल गए कि हम पति पत्नी है। और मम्मी पापा के सामने अलग कमरे में रहेंगे तो उन्हे क्या जवाब देंगे? फिर सिमरन थोड़ा रुकते हुए बोलती है कि - तुम्हे यही बात परेशान कर रही थी ना साहिल, कि तुम हमारे रिश्ते के बारे में क्या जवाब दोगे मम्मी पापा को? साहिल कुछ नही बोलता है और बस सिमरन को देखता रहता है कि सिमरन को कैसे पता चला कि वो क्या सोच रहा था? फिर वो पीछे से आकर सिमरन के गले लग जाता है।
साहिल - बिना कहे कैसे समझ गई तुम, कि मुझे कौनसी बात परेशान कर रही है? साहिल ने उसके कंधे पर सिर रखकर कहा।
सिमरन - क्या करूं, तुम्हारे साथ रहकर थोड़ी समझदार हो गई हूं। और सिमरन हंसने लगती है। चलो, अब जल्दी से मेरा सामान रखवाने में मदद करो। फिर साहिल भी उसकी मदद करने में लग जाता है, और सिमरन को देखता रहता है। सिमरन अपने काम में व्यस्त होती है और साहिल बस उसे देखे ही जा रहा था। और उसके बैकग्राउंड में गाना चलने लगता है;
खोली है खिड़की मैने, इस नाजुक से दिल की,
जागे है फिर से देखो ख्वाब हजार,
बन के लहर तू आई, रुह से यूं टकराई,
सदियों से था इस पल के लिए बेकरार,
क्या किया है तूने, क्या किया है तूने, क्या किया है तूने मेरेया,
जो जीने लगा हुं फिर से, खोने लगा हुं फिर से, क्या किया है तूने मेरेया!
तभी सिमरन की नजर साहिल पर पड़ती है। वो देखती है कि साहिल, बस मुस्कुराता हुआ उसे ही देख रहा है, तो एक बार वो शरमा जाती है, फिर साहिल के चेहरे के आगे चुटकी बजाती है, जिससे वो अपने खयालों से बाहर आए।
साहिल - हां, क्या हुआ, हो गया सामान शिफ्ट?
सिमरन - हां, सामान तो शिफ्ट हो गया लेकिन तुम कहां खोए हुए थे। चलो जाने दो वो सब, अभी रात काफी हो गई है तो सोते है। मैं आज सच में बहुत थक गई हुं।
साहिल - हां, मैं जानता हूं सिमरन! तुम्हे आज आराम की जरूरत है। तुम बेड पर सो जाओ और मैं सोफे पर सो जाता हूं। साहिल ने बेड पर से चादर और तकिया लेते हुए कहा।
सिमरन - उसकी कोई जरूरत नही है साहिल, तुम भी यही सो सकते हो। क्या हम बेड शेयर नही कर सकते है क्या?
साहिल - क्या?
सिमरन - I mean कि हम एक ही बिस्तर पर सो सकते है। तुम उधर की तरफ सोना और मैं इधर की तरफ सोऊंगी!
साहिल तो बस सिमरन को सुने जा रहा था। उसे विश्वास ही नही हो रहा था कि सिमरन ने थोड़ी ही सही, पर आगे से पहल करी है हमारे रिश्ते को आगे बढ़ाने में! और यही बात उसे अंदर से बहुत खुश कर रही थी। सिमरन उस पर भरोसा करती है, यही बात आज उसने साबित करी थी। और यही एक रिश्ते को बनाए रखने में सच्ची नींव है। तभी साहिल, सिमरन का हाथ पकड़ता है और बोलता है कि;
साहिल - थैंक्यू सिमरन, मुझ पर भरोसा करने के लिए, यह भरोसा मैं कभी नही टूटने दूंगा!
सिमरन - तुम पर भरोसा नही करूंगी पागल, तो किस पर करूंगी? आज मैं जो कुछ भी हुं, सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी वजह से हूं साहिल! थैंक्स टू यू!
साहिल - मैने तो यह सब अपने प्यार के लिए किया है, तो मुझे थैंक्यू की जरूरत नही है। साहिल ने बातों बातों में खुद के दिल की बात बोल दी! सिमरन यह सुनकर ब्लश करने लगती है, फिर साहिल से खुद का हाथ छुड़वाकर बोलती है कि;
सिमरन - चलो, अब सो जाओ! और खुद उधर की तरफ करवट लेकर सो जाती है। साहिल उसे देखकर मुस्कुराता है और फिर खुद भी सो जाता है।
इधर ईशान जैसे ही नक्ष के फ्लैट पर पहुंचता है तो नक्ष और पूजा दोनो वही होते है, और ईशान के आते ही दोनो एक साथ गाने लगते है कि;
"प्यार हुआ, इकरार हुआ, प्यार से फिर क्यों डरता है दिल,
कहता है दिल, रस्ता मुश्किल, मालुम नही है कहां मंजिल...."
पहले तो ईशान समझ नही पाता, फिर थोड़ा सा शरमा जाता है। लेकिन जैसे ही वो देखता है कि पूजा भी वही है और वो भी खुश होकर नक्ष के साथ गाना गा रही है, तो शॉक्ड हो जाता है। नक्ष समझ जाता है कि ईशान क्या सोच रहा है तो वो बोलता है कि;
नक्ष - मैने पूजा को तेरे और तानिया के बारे में सब बता दिया है। तभी पूजा बोलती है कि;
पूजा - मैं तुम्हारी खुशियों के बीच में कभी नही आऊंगी ईशान! तानिया मैम बहुत अच्छे है, और वो तुम्हारे लिए परफेक्ट है।
ईशान - थैंक्यू पूजा, मुझे समझने के लिए! फिर ईशान ने नक्ष की ओर देखा और पूजा से कहा कि;
ईशान - वैसे मुझे तुम्हे एक और बात बतानी है!
नक्ष - तू कुछ बोले, इससे पहले मैं एक खुशखबरी देना चाहता हुं, सुनेगा?
ईशान - हां बोल यारा!
पूजा - कोई खुशखबरी नही है ईशान, बस एक इडियट इंसान को खुद की फीलिंग्स बताने में इतने साल लग गए, वरना मुझसे तुम्हारा पीछा कबसे छुट जाता! और वो आंख मारती है।
ईशान - इसका मतलब कि नक्ष ने तुम्हे अपने दिल की बात बता दी, और तुम भी नक्ष को प्यार........तभी नक्ष, ईशान की बात को बीच में रोककर बोलता है कि;
नक्ष - प्यार नही ईशान, लेकिन पुजा मुझे मौका देना चाहती है, और मेरे साथ नई शुरुआत करना चाहती है। बहुत मेहनत करनी पड़ेगी अभी तो, मैडम का दिल जीतने के लिए!
पूजा -अच्छा जी! अब क्या करे, इतनी मशक्कत तो करनी ही पड़ेगी तुम्हे! और हंसने लगती है।
नक्ष - तुम्हारा साथ पाने के लिए तो मैं कुछ भी करूंगा पूजा! पूजा यह सुनकर नक्ष के गले लग जाती है, और बोलती है कि;
पूजा - अरे, मैं तो मजाक कर रही थी बाबा! इतना प्यार करने वाले इंसान को मैं अपनी लाइफ से कभी नही जाने दूंगी! थैंक्यू नक्ष, मुझे समझने के लिए!
ईशान यह सब देखकर बहुत खुश होता है। आखिरकार जो उसने चाहा, वो हो ही गया! और फिर वो उन्हे डिस्टर्ब ना करते हुए, बालकनी में चला जाता है।
क्रमश :