love's zenith in Hindi Love Stories by Mohammad Ajim books and stories PDF | प्यार का आंचल

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प्यार का आंचल

ये कहानी है एक गांव की लड़की की जिसका नाम पूजा था कुछ बदमाश उसे मारना चाहते थे   पूजा अपनी जान बदमाशों से बचने के लिए बदमाशों से भाग रही थी

दिन छिपने वाला था। गलियारे से दौड़ती हुई ।

 पूजा सिर पर ओढ़नी चढ़ाते हुए चुपचाप गाड़ी की एक डिग्गी में आकर लेट जाती है। कुछ लोग उसके पीछे दौड़ कर आ रहे थे। 

बदमाश।अरे अभी तो यहीं थी। कहां चली गई? धत लगता है निकल गई हाथ से। 

वो बदमाश वहां से चले जाते हैं। 

पूजा गाड़ी में सुस्ता रही थी कि कुछ देर बाद अचानक वो डिक्की खुलती है और पूजा घबरा जाती है। कोई सज्जन पुरुष उसका हाथ पकड़ कर डिक्की से निकालते हैं। 

गाड़ी का मालिक अरे कौन हो तुम? मेरी गाड़ी में क्या कर रही थी? रात भर यहां रहती तो दम घुटने से मर जाती। 

पूजा। बाबूजी हमको थोड़ी देर यहां छिपे रहने दीजिए। रात बीत जाएगी तो हम खुद यहां से चले जाएंगे

 बाहर रही तो दम घुटने से पहले ही वो बदमाश हमको मार देंगे। विनती है बाबूजी।

गाड़ी का मालिक। अरे तुम तो बहुत घबराई हुई लग रही हो। ये लो पानी और बताओ तुम्हारा घर कहां है? 

पूजा। हमारा कोनो घर नहीं। रात भर इधर-उधर छिप कर रात बिता लेती हूं। ना जाने खुद को कब से ऐसे बदमाशों से बचाती आई हूं। कोई बात नहीं बाबूजी मैं चलती हूं। गांव के पीछे वाले मंदिर में जाकर सो जाऊंगी। 

गाड़ी का मालिक।अरे पर घर क्यों नहीं है और घरवाले कहां गए? तुम इस हाल में कहां जाओगी बेटी? 

पूजा।अम्मा बाऊजी। सब जल गया बाऊजी। सब जल गया। तो उसमें अम्मा बाऊजी भी जल गए। मेरे पास अम्मा की बस एक पेटी है और मैं बस उनकी एक पेटी बची। बाकी सब जल गया। गांव वालों ने मुझे लात मारकर उस घर पर कब्ज़ा कर लिया। अब मेरा कोई नहीं है। अच्छा जी, मैं चलती हूं। पूजा उठकर जाने लगती है तो

 गाड़ी का मालिक को उस पर बड़ा तरस आता है। वो उसे रोकता है। 

गाड़ी का मालिक ठहरो। खुद की हालत देखी है। ऐसे कब तक दौड़ती भागती रहोगी? कुछ कामधाम तो करती हो। 

पूजा।अंगूठा छाप को कौन काम देगा बाबूजी? क ख ग घ में उलझती तो घर पर अम्मा के साथ मजदूरी कौन करने जाता? जब साथ में ₹50 मजदूरी मिलती थी ना तो लगता 

था कि वही सबसे भारी है। किताब पोथियों से भी भारी। हम मजबूरी इंसान को बेबस कर देती है। 

गाड़ी का मालिक।पर मैं कहता हूं तुम शहर जाओ। शहर की जमीन हर मजबूर को कहीं ना कहीं काम धाम दे ही देती है। वहां हर कोई गुजारा कर रहा है। तुम भी कर ही लोगी। यह कुछ पैसे हैं रख लो। वहां से तुमको सुबह 4:00 बजे बस मिल जाएगी। जाओ बिटिया जाओ। 

पूजा उस सज्जन की ऐसी मदद पाकर उसको नमन करती है और वहां से दौड़कर स्टैंड पर जाती है। सामने से बस आ रही थी और उधर से वही बदमाश पूजा को देख लेते हैं। वो उसकी तरफ दौड़ कर आ ही रहे थे कि पूजा तुरंत बस में चढ़ जाती है। 

पूजा पकड़ो सालो मुझे। जा रही हो तुम सबसे दूर। उस बड़े शहर में, सपनों के शहर में और।

पूजा  ने अपनी मजबूरी की जिंदगी यहीं छोड़कर बस पकड़ ली थी। मगर जिस शहर में वह जा रही थी, वह इस बात से बेखबर थी कि वहां कोई है 

जिसे उसका इंतजार था। कोई ऐसा जिसकी आंखें भी पैसे के रुतबे से खुलती थी। तो दिन भी उसका मखमल के गद्दे पर उगता था। जी, अजय ठाकुर का नाम तो सबने सुना ही था। अमीर खानदान का इकलौता वारिस। सुबह उठने से पहले नौकर चाकर उसे घेरे रखते थे। पांव की चप्पल और सुबह उठते ही पहली जादू की झप्पी उसकी मां सीता रानी के लिए। 

अजय गुड मॉर्निंग मां।

सीता रानी  उठ गया मेरा प्यारा। कॉफी पी कि नहीं? 

अजय कहां मां? सब के सब गवार हैं। उठने से पहले ही ठंडी कॉफी मेरे सिर पर लेकर खड़े हो जाते हैं जाहिल लोग। तुम पढ़े-लिखे नौकर क्यों नहीं रखती मां? यह अंगूठा छाप मेरा टेस्ट कैसे झा पाएंगे?

सीता रानी। पढ़े-लिखे नौकर इसलिए नहीं रखती क्योंकि वो तो तूने अपनी कंपनी में रखे हुए हैं ना। बता कुछ हुआ तेरे उस बिग प्रोजेक्ट का? 

अजय कहां मां? उसी की टेंशन में तो ना ठीक से खा पा रहा हूं ना सो पा रहा हूं। हर वक्त बस एक ही चीज की तलाश मुझे अब पागल कर रही है। 

सीता रानी हे अजय तू इस शहर का सबसे बड़ा एंटरप्रेन्योर है। तुझे कमी थोड़ी होगी सब मिल जाएगा।

 अजय  चिड़चिड़ा सा ऑफिस के लिए गाड़ी में बैठता है और ऑफिस चला जाता है। वहां उसकी पूरी टीम सिर झुकाए हॉल में उसका वेट कर रही थी। 

पूरी टीम मॉर्निंग सर। 

अजय व्हाट सो गुड इन दिस मॉर्निंग? हां? कुछ अच्छा है क्या? वहीं घिसे मिटे चेहरे, वहीं सड़ी शक्लें। आज की मॉडल्स का कैटलॉग कहां है? 

सर सर ये रही उनकी फोटोस। 

अजय फोटोस पर एक नजर मारता है और उन्हें फेंक देता है। यू मैड और व्हाट? हां वही बोरिंग बोगस चेहरे। क्या इसे बनाऊंगा मैं अपनी कंपनी का फेस? हां? इसे आई वांट सम फ्रेश न्यू फेस। फ्रेश न्यू फेस। ऐसा जो आज तक किसी कंपनी ने ल्च नहीं किया। 

अजय अपने काम को लेकर जितना सीरियस था उतना ही ज्यादा एोगेंट भी था। उसे बिल्कुल भी परवाह नहीं थी कि उसकी फटकार के बाद यहां काम कर रहे लोगों को बुरा भी लग सकता है। 

ओ प्लीज मुझे अब यह पप्पी पेस बनाकर मत दिखाओ। जाओ जाकर काम करो। सैलरी काम करने की देता हूं। सर्वेंट्स का काम मालिक को खुश करना है। चाहे उसकी कीमत कुछ भी हो। दिमाग खराब कर रखा है। 

अजय भड़क कर वहां से चला जाता है। वो ड्राइवर से  गाड़ी निकलवाता है। और ड्राइवर से कहता है चलो। 

उधर पूजा  भी बस से उतर गई थी। शहर की पीपी पपों से पूजा  घबरा गई थी। ना तो वह सड़क पार कर पा रही थी ना ही उसे कोई दिशा समझ आ रही थी। 

पूजा।हे शिवजी ये किस नगरी में भेज दिया है तुमने मुझे? यहां की ऊंची इमारतें तो मेरी हिम्मत से भी ऊंची है। भूख भी लग रही है। बाबूजी ने भी जो पैसे दिए थे वो किराए में चले गए। अब क्या करूं? 

ड्राइवर क्या हुआ? अचानक गाड़ी क्यों रोक दी? सर लगता है आगे कोई एक्सीडेंट हुआ है। टाइम लगेगा। 

अजय व्हाट द डैम मैन? आई एम गेटिंग लेट यू इडियट। क्या जरूरत थी मुझे इस रास्ते से लाने की? 

अजय दरवाजा पटकता हुआ कार से बाहर निकलता है और कुछ कदम पैदल ही चलने लगता है। अजय को सड़क पार करने से बहुत डर लगता था। इतनी भीड़ के बीच वो खड़ा होकर कभी अपने कदम आगे बढ़ाता तो कभी वापस ले लेता। उसकी सांसे तेज हो गई थी और वह पसीनापसीना हो रहा था। पूजा  वहीं पास में खड़ी होकर उसे देखकर मुस्कुरा रही थी। 

पूजा अरे यह साहब जी कैसे बच्चों की तरह घबरा रहे हैं? ना इस पार रुक रहे ना उस पार जा पा रहे हैं। 

अचानक से लोगों की भीड़ सड़क पार करने लगती है और अजय  घबरा जाता है। अजय ने घबराकर आंखें मीच ली थी कि तभी उसका हाथ पूजा  थाम लेती है। 

पूजा घबराइए मत बाबू। मैं हूं ना। मैं रास्ता पार करा दूंगी। एक अनजानी सी आवाज के सहारे से ही अजय  बच्चे की तरह पूजा का हाथ कसकर पकड़ता है और पूजा  मुस्कुराते हुए उसे सड़क के उस पार ले जाती है। 

पूजा। बाबूजी सड़क पार हो गई। लगता है आपको सड़क पार करने से घबराहट होती है। आप ठीक है ना बाबूजी? 

अजय पानी पानी।

 

पूजा  इधर-उधर पानी के लिए देखती है कि तभी एक नल उसे नजर आता है। वो दौड़कर उसमें अपना दुपट्टा भिगोती है। ठंडे पसीने आने पर मां भी ऐसा ही करती थी। 

बाबूजी की हालत तो बहुत खराब है। बताओ ये  की पीपो जब इतना ही डराती है तो शहरी लोग इनको खरीदते ही क्यों है?

ड्राइवर। सर सर अजय सर ट्रैफिक हट गया है। आइए बैठ जाइए कार में। सॉरी सर मैं आगे से ध्यान रखूंगा। 

अजय कार में बैठ जाता है। पूजा उसकी ओर बढ़ती है। 

पूजा बाबूजी बाबूजी बाबू बाबूजी

अजय  यू इडियट कांच लगाओ। मुझे इन लोगों की आवाज तक कानों में नहीं पड़नी चाहिए। समझे? और अजय तो कांच चढ़ाकर जाने लगता है। उसे पूजा  की पुकार सुनाई नहीं देती। और वो हाथ हिलाती उसकी कार के पीछे दौड़ने लगती है। 

पूजा यह भी। जब इतनी बड़ी कार है तो पैदल क्यों चल रहे थे? जबकि पैदल चलना आता भी नहीं। पर मैं क्या करूं इस शहर में?

 अजय रात को सो रहा था कि अचानक उसके भीतर वही कसमसाहट जागती है और वह घबराकर कर उठता है। घबराइए मत बाबू मैं हूं ना मैं रास्ता पार करा दूंगी। ऐसा सपना घड़ी में अभी भी रात के 2 ही बजे थे और अजय रात में ही खुद ही ड्राइव करता हुआ अपने ऑफिस निकल पड़ता है। ऑफिस के बाहर गाड़ी लगाता है और फ्रस्टेट होकर बाहर निकलता है। कुछ भी ठीक नहीं हो रहा है। कुछ भी नहीं।

 डैम मैन अजय बड़ी-बड़ी डींगे हगता था ना तू? सबसे बड़ा एंटरप्रेन्योर बनेगा। यह करेगा वो करेगा। पर तू कुछ नहीं कर सकता। कुछ भी नहीं। डन। आहा मां। अजय के कान खड़े होते हैं क्योंकि वो आवाज उसी की डिग्गी से आ रही होती है। वो जैसे ही डिग्गी खोलता है भीतर पूजा छिप रही थी।

अजय तुम कौन हो तुम? चोर? 

पूजा।नहीं नहीं। मुझे मारना मत बाबूजी। मैं तो बस सिर छिपाने की जगह ढूंढ रही हूं। शहर में नई हूं। सबसे पहले आप मिले तो कल मौका पाकर यहां छिप गई। सुबह होते ही मैं चली जाऊंगी। मुझे मारना मत। मैं चोर  नहीं  हूं। 

अजय पूजा को देखकर हैरान था। वो अपने फोन की रोशनी जलाकर उसके चेहरे से उसका दुपट्टा हटाता है और उसके नीचे के छिपे चेहरे को देखता है तो बस देखता रह जाता है।

 पूजा की घबराई भोली आंखें, चेहरे पर भोलापन, बिखरे बाल, बारीक होठ। यह सब अजय को हैरान कर रहा था। वो पूजा को अपना हाथ थमाता है।

अजय डरो नहीं, थाम लो इसे। मैं काटूंगा नहीं। और इस बार घबराई हुई पूजा आहिस्ता से अजय का हाथ थामती है और अजय उसे कसकर पकड़ कर बाहर खींचता है। डैम मैन डैम यही तो ढूंढ रहा था मैं। तुमको कितना ढूंढा मैंने लड़की? 6 महीने। ओह गॉड 6 महीने से मैं बस तुम्हारे लिए ही पागल हो रहा हूं। तुम कोई जादूगर नहीं हो क्या? जो एकदम से मेरे सामने आ खड़ी हो गई। कहां थी तुम? तुम थी कहां लड़की?

 अजय पूजा का चेहरा थाम कर उसे बस निहारते जा रहा था। 

पूजा बाबूजी मैं भिखारी तो नहीं हूं पर कुछ खाने को दे सकते हो? बहुत भूख लगी है। वो मैं गांव से 

अजय बस व्हाटएवर मुझे तुम्हारी बैक स्टोरी में कोई दिलचस्पी नहीं है। मैं तुमको खाना भी दूंगा और रहने को जगह भी। क्या मेरे लिए काम करोगी? 

पूजा काम कैसा काम? 

अजय ओ प्लीज। तुम्हें लगता है मुझे तुम जैसी घागरा चोली टाइप्स लड़की में इंटरेस्ट है? नो वे मैन। पता नहीं लास्ट बार तुम नहाई भी कब होगी। आई जस्ट वांट टू ऑफर यू ए जॉब इन माय कंपनी। हैं मतलब मैं मेरी कंपनी में तुमको काम देना चाहता हूं। काम काम 

पूजा यह सुनकर खुश थी। 

अजय भी खुश था और अगले दिन वो पूरी टीम के सामने पूजा को ले जाकर खड़ा कर देता है। 

अजय सो गाइस यह है हमारा फेस ऑफ द कंपनी मिस व्हाटएवर। नाम में क्या रखा है? चेहरा देखो। आ न्यू मॉडल। इतना कहते ही सब पूजा  के देहातीपन को ऊपर से नीचे तक घूरने लगते हैं। सब फुसफुसा कर उसका मजाक बना रहे थे। मॉडल 

पूजा यह मॉडल क्या होता है वो जानती हूं मैं बाबूजी सरपंच की बिटिया भागकर मुंबई यही बनने गई थी पर फिर उसके भूत चपट गया तो आधे रास्ते से ही वापस आ गई बड़ी बहकी बहकी हो गई थी फिर ना बाबूजी इस सब काम का हमको नहीं पड़वेगा तुम झाड़ू पोछा बर्तन कट का बता दो मजदूर लड़की हूं सब चकाचक कर दूंगी माल फाडल नहीं होगा हमसे मैं चलती हूं नमस्ते 

पूजा की ऐसी बातें सुनकर पूरी टीम पूजा पर हंस पड़ती है और अजय भी खुद की हंसी कंट्रोल नहीं कर पाता है अपना मजाक बन बनता देख पूजा अब रो बैठती है।

 

रूबी  वेल वेल वेल तुमको अगर मॉडल ही चाहिए थी तो मुझे भी अपने प्रोजेक्ट का फेस बना सकते थे भाई मगर शायद तुमको इस बहन जी में ही ज्यादा इंटरेस्ट है इयू बाल तो देखो इसके क्या लगाती हो इसमें अपनी बालों में

पूजा ने कहा अम्मा का सरसों का तेल

रूबी  या बदबूदार देसी घी

 पूजा हमारी अम्मा नहीं है दीदी जी वरना वो तो कटोरी भरकर तेल चुपती थी हमारी खोपड़ी में दीदी जी 

रूबी अरे बोली मेरे बोली भाई की टॉप क्लास मॉडल बोली 

अजय पूजा तुम चुप रहो एकदम और रूबी तुम अपने काम से काम क्यों नहीं रखती तुम्हारी इन्हीं फिजूल बातों की वजह से मां ने आधी कंपनी तेरे नाम कर दी और आधी मेरे नाम है

रूबी समझे तुम तो अपनी इस नौटंकी को जितना जल्दी हो सके समेट लो मुझे इस लड़की में से बदबू आ रही है। पता नहीं कहां-कहां से आते हैं ये।

अजय पूजा तुम मेरे साथ ऑफिस में चलो और आज से तुम्हें वहीं रहना है। आई डोंट गिव अ डैम टू दिस रूबी। हम मॉडल तो तुम ही बनोगी देखना। एक तो मैं तुम्हारी साइड ले रहा हूं और तुम रो कर दिखा रही हो।

पूजा बाबू अगर मॉडल बनने से पेट भर जाता तो नहीं रोती। कल से बहुत भूखी हूं। कुछ खाने को मिल जाता तो। 

अजय अपना माथा पीट कर फटाफट पूजा को भर प्लेट खाना मंगा कर काम करने लगता है कि तभी वह देखता है कि पूजा सोफे की बजाय जमीन पर बैठकर ही हाथ से खाने लग रही है। 

अजय अरे ये क्या? इतना बड़ा सोफा तुमको दिख नहीं रहा। वहां आराम से बैठो। 

पूजा।बाबूजी नहीं मुझे यहां अच्छा नहीं महसूस होता है। वो बहुत नरम है और मुझे नरम फर्श की आदत नहीं है। मैं तो शुरू से ही जमीन पर ही बैठकर खाती आई हूं अपने ही हाथ को चम्मच बनाकर। वो खेत में हल जोतने के बाद भूख छुरी काटा थोड़ी मांगती थी। वो तो बस दो ही सूखी रोटी और एक प्याज में ही बहल जाती थी। पर खाना बहुत अच्छा है बाबूजी राम आपका भला करे। 

अजय। ओह गॉड हम सबकी जिंदगी कितनी अलग है। जिस जमीन को हम बस पांव तले कुचलते हैं। कुछ लोगों के लिए वही जमीन बिस्तर की तरह है। एनीवेज इस लड़की पर मुझे बहुत काम करना है। और अजय दिन रात मेहनत करके पूजा के लुक्स को मॉडल की तरह करने की कोशिश करने लगता है। 

सीता रानी क्या बात है बेटा? आजकल तू मां के पास जरा भी नहीं बैठता है। 

अजय वो मां मैं। 

रूबी अरे कैसे बैठेगा? वहां ऑफिस में तेरी बहू जो  रखी ली है इसने। अब तुम तो बस आरती की थाल ही तैयार करो। और क्या बोली थी वो कटोरी? हां। कटोरी भर सरसों का तेल भी।

सीता। अजय  रूबी क्या बोल रही है यह सब?

अजय  इसका तो दिमाग खराब है मां। मैं क्या तुम्हारी बहू को ऑफिस में रखूंगा? कंपनी के एंप्लॉय है बस वो। 

 

सीता हां ध्यान रखना। भले ही तुम दोनों को मैंने कंपनी की ओनरशिप दे दी है। मगर घर की मालकिन अभी भी मैं ही हूं। और किसी भी एरी 

   गहरी को मेरी मंजूरी के बिना घर में उठाकर मत का समझे दोनों? 

रूबी में तो  लाऊंगी नहीं। मेरा बॉयफ्रेंड तो करोड़पति है। तुम इसी को समझाओ। पता नहीं कौन   देहाती गवारन को अपनी गर्लफ्रेंड बना रखा । 

 अजय  रूबी पर भड़क कर चला गया था। वो खुद शान्त करता है और घर से निकलता है उसे  एक  शोरूम के बाहर हॉट सी ड्रेस नजर आती है जिसे वो पूजा  के लिए ले लेता है। ऑफिस आकर वो पूजा  को उसे पहनने को बोलता है।

अजय पूजा को कहता है कि  तुमने चेंज किया ना तो जल्दी वो ड्रेस पहन कर बाहर आओ।

 फिर शू टीट पर भी जाना है। पूजा  झिझकती सी शॉर्ट ड्रेस पहनकर बाहर तो आती है मगर उसके सिर पर वही ओढ़नी रहती है। यह देख अजय भड़क जाता है। 

अजय यूं गवार तुमको कितना तौर तरीका सिखाया। मगर तब भी कुत्ते की दुम की तरह टेढ़ी की टेढ़ी। सही कहती है रूबी। तुम गवार की गवार ही रहोगी। ह नहीं करानी कोई मॉडलिंग। चली जाओ यहां से।

 अजय भड़क कर पूजा  को वहां से निकाल देता है। पूजा उन्हीं अदन के कपड़ों में सड़क पर पूरी रात रोती हुई घूमती रही। 

पूजा।मुझे घर वापस जाना है। गांव जाना है। शहर अच्छा नहीं है। 

अजय अपने प्रोजेक्ट का सपना फेल होता देख उदास मन से घर आ जाता है। 

अजय सुनो मेरा खाना कमरे में ही लगवा देना।

 अजय उबाऊ मन से चम्मच प्लेट में पटक रहा था कि तभी उसे पूजा  की बात याद आती है। बाबू जब कभी खाना खाने का मन ना हो ना तो ऐसे चौकड़ी मारकर जमीन पर बैठना और अपनी बाजू चढ़ाकर हाथ से खाकर देखना। तुम असली खाने का आनंद जान जाओगे और फिर लंबी डकार भी मारना। अजय हल्का सा हंसकर तुरंत जमीन पर बैठ जाता है और हाथ से ही खाना खाने लगता है। अब उसे वही खाना स्वाद भी लग रहा था और वह फटाफट ठूस कर एक लंबी डकार भी मारता है। पागल लड़की अजय  बिस्तर पर सो गया था। बाहर तेज बिजली कड़कने लगती है। 

अजय  ओह गॉड वो पागल लड़की गई कहां होगी? यह मैंने क्या कर दिया? 

अजय  फटाफट कार निकालकर उसे सड़क पर ढूंढने लगता है। गली-गली छानने के बाद भी उसे पूजा कहीं नहीं मिलती है। अजय  थक कर वहीं सड़क पर खड़ा हो जाता है बारिश में भीगता हुआ कि तभी एक ठेले के नीचे उसकी नजर पड़ती है। अपनी छोटी सी पेटी को सीने से लगाए हुए सिकड़ी सी हालत में सो रही पूजा  पूरी तरह भीग गई थी और ठंड से कांप रही थी। 

अजय ओह नो नो नो नो शिट मैन पूजा पूजा पूजा उठो प्लीज।

 मगर पूजा  की हालत खराब थी। अजय उसे गोद में भरता है और अपने ऑफिस ले आता है।  पूजा  ठंड से कांप रही थी। अजय  उसके हाथपांव रगड़ने लगता है। क्या पागल है यह लड़की सड़क पर ही सो गई। प्लीज प्लीज होश में आओ पूजा । 

पूजा कांपते हुए तकलीफ में अजय का हाथ कस कर थामती है। यह हाथ ह मुझे सड़क पार कराने वाली लड़की खुद अकेली पड़ गई। नहीं मैं तुम्हें कुछ नहीं होने दूंगा पूजा । कुछ देर बाद पूजा  नॉर्मल होकर होश में आती है और अजय को अपने पांव के पास बैठा देख चमक कर उठती है।

पूजा  हाय राम बाबूजी मुझको पाप लगेगा और मैं यहां कैसे? 

अजय तुम्हारे तो मैं थप्पड़ लगाऊंगा। सड़क पर भी कोई सोता है क्या भला? तुम कोई होटल या कमरा नहीं कर सकती थी।

पूजा  होटल मैं कहां से? मैं तो हमेशा ऐसे ही सोती आई हूं बाबूजी। कभी बीमार हो गई तो मुफ्त में सरकारी अस्पताल में एक कोना भी मिल जाता था। कोई पुराना खंडर सब मेरा एक रात का घर बन जाता है। मुझे ना आदत है बाबूजी आप फिक्र मत करो।

 अजय  बस आंचल की डबडबी आंखों को देख रहा था। कितना कुछ देखा था इस नन्ही सी जान ने और अजय  खुद को पूजा  को गले लगाने से नहीं रोक सका। 

अजय ओह पूजा  तुम हर कमी को आदत का नाम लेकर कैसे जी लेती हो? 

पूजा बाबूजी मैं ठीक हूं। पर मेरी पेटी कहां है? बाबूजी मेरी पेटी मेरी पेटी कहां है? 

अजय कौन सी पेटी? 

अजय वही जो हमेशा मेरे साथ रहती है। मुझे उसे ढूंढने जाना होगा। तुम पागल हो क्या? इतनी बारिश में वो फालतू सी पेटी ले जाना है तुमको? 

पूजा आपके लिए फालतू होगी ना बाबू? मेरे लिए नहीं। मुझे जाने दो ना बाबू। 

अजय रुको गाड़ी में बैठो। मैं भी चलता हूं।

 और भरी बारिश में अजय  उस ठेले के नीचे से पेटी उठाकर पूजा  को देता है। दोनों वापस आते हैं। पूजा  पेटी सीने से लगाकर बस रोई जा रही थी। अम्मा। अम्मा

अजय  तुम पागल हो क्या जो इस कचरा पेटी के लिए इस हालत में मरने गई बाहर क्या है इस बेकार पेटी में अली बाबा का खजाना नॉनसेंस 

पूजा सुबकते हुए पेटी खोलती है और उसमें से एक लाल ओढ़नी निकालती है पूजा  वो दिखाकर अजय को अपने मां बाबूजी की कहानी बताती है और सब कुछ खाक होने से पहले 

पूजा अम्मा ने मुझे यह ओढ़नी थमाई कि जिस रोज दुल्हन बनूंगी उस रोज यही ओढ़ूंगी जानती हूं यह सपना ही रहेगा इसलिए अकेले में ही ये ओढ़नी ओढ़ लेती हूं क्योंकि मुझ जैसी लड़की किसी के पांव की जूती ही बन सकती है। दुल्हन नहीं। खैर ओढ़नी हमारी आन बान शान होती है बाबू। और यह तो मेरी अम्मा की आखिरी निशानी है। हमारे पास बड़ी कंपनियां नहीं है। मगर यही मेरी पूरी संपत्ति है। 

अजय ओ अम्मा बस मैं जान गया तुम्हारा दर्द। किस माटी की बनी हो तुम। मैं तो ये सब झेल कर कबका टूट चुका होता। इतना दर्द उफ।

पूजा  नहीं बाबूजी दर्द नहीं जिंदगी जीने की हिम्मत है ये तो हम 

अजय अच्छा मैं कह रहा था कि तुमको काम छोड़ने की दरकार नहीं है तुम पर थोड़ी और मेहनत कर लूंगा 

पूजा मैं बाबूजी एक बात पूछूं गुस्सा मत करना क्या मॉडल को छोटे कपड़े पहनने पर ही लोग देखते हैं हां ओढ़नी ओढ़ने वाली लड़की ये वाला काम नहीं कर सकती क्या क्या 

अजय ओह गॉड ये क्या बात बोल दी तुमने पूजा  यूरेगा यूरेका मॉडल विद ओढ़नी यही यही तो खास बनाएगा हमारे इस प्रोजेक्ट को। आई लव यू फॉर दिस पूजा । लव यू। उम्मा। 

अजय  ने एक्साइटेड होकर पूजा  के गालों को चूम लिया था। पूजा  की सांसे दौड़ने लगी थी। उसकी आंखों की चमक बस अजय  को देखे जा रही थी और अगले दिन से ही अजय पूजा को इंडियन स्टाइल मॉडल बनाने की ट्रेनिंग में लग जाता है। पूजा जैसे ही मेकअप करके बाहर आती है तो ऑफिस में शॉर्ट ड्रेस पहनी सब लड़कियों से ज्यादा हसीन लग रही थी। इसीलिए अब पूजा  से हर कोई चिढ़ने लगा था। अजय प्रोग्रेस से खुश था। दोनों ऑफिस में थे।

 पूजा पूजा पूजा  आज ये शूट पूरा करके मैं कितना खुश हूं। तुमको पता भी नहीं है। क्या बात है। खुद को अंगूठा छाप कहती हो। मगर आईडिया तुम कमाल देती हो। 

पूजा हां। दैत सब पता है मुझे। आप भी ना आपको तो मैंने अपना दिल दे दिया है बाबू। आईडिया क्या चीज है?

अजय क्या?

पूजा  मैं तो मजाक कर रही थी। 

अजय तुम भी मजाक करने में उस्ताद निकली। हां। 

पूजा नहीं नहीं बाबू मैं मजाक नहीं कर रही।

 पूजा जब आप मुझे पसंद करते हैं तो मैं क्या इतनी पत्थर दिल हूं कि आप जैसे लड़के को दिल में जगह नहीं दूंगी। आपने तो मुझे जमीन से उठाकर नरम बिस्तर दिया। क्या से क्या बना दिया? मॉडल तक बनाया। मेरा यह चेहरा क्या? दिल भी बस आपका है बाबू। 

अजय क्या? मैं तुमको पसंद ये किसने कहा?

पूजा  उस रात आपने ही तो मेरे गालों को चूमते हुए कहा था ना, आई लव यू। मैं अनपढ़ सही मगर फिल्मों में बहुत सुना है इन तीन शब्दों के बारे में। 

अजय पागल लड़की हम लोग जब खुश होते हैं तो मजाक में भी एक दूसरे को यह तीन शब्द बोल देते हैं।

पूजा  ओह मजाक था। मजाक था। मैं भी मजाक ही कर रही थी बाबू। 

पूजा वहां से चली जाती है और अचानक से वह अजय की जिंदगी से ऐसे गायब होती है जैसे वो कभी आई ही नहीं थी।

अजय  कहां चली गई है पूजा? चार दिन हो गए हैं उसे। ना कोई खबर, ना कोई ठिकाना, काम के पैसे भी नहीं लेकर गई। पर मुझे क्यों इतनी परवाह हो रही है? वो जस्ट एक मॉडल ही तो थी और मेरा काम तो कब का पूरा हो चुका है। क्या है यह लड़की? आजकल मैं जमीन पर खाता हूं। लोगों से प्यार से पेश आता हूं। तुम क्या असर छोड़ गई मुझ पर पूजा ? 

अब अजय पूजा  को घड़ी-घड़ी याद करने लगा कि एक रोज रात में उसकी अचानक आंख खुलती है। 

अजय   मैं जानता हूं तुम कहां मिलोगी। 

अजय अपनी गाड़ी निकालकर शहर के एक-एक टूटे मकान और खंडर चेक करने लगता है कि तभी उसे एक जगह एक कोने में दुबकी पूजा  दिखाई देती है जो पेटी को सीने से लगाए रो रही थी।

अजय  अच्छा खुद ही गायब हो जाओ और खुद ही रो कर दिखाओ। यह कमाल है तुम गांव की लड़कियों का। है ना?

पूजा  बाबू आप यहां क्या हुआ? मॉडल वाला काम और बच रहा है क्या? मुझे लेने आए हो।

अजय हे अपनी पेटी इधर लाओ।

 अजय पूजा की पेटी से उसकी ओढ़नी निकालता है और उसे ओढ़ा देता है। सुनो पूजा  तुम पांव की जूती नहीं मेरी दुल्हन बनोगी। 

पूजा क्या आप मजाक कर रहे हैं ना? 

अजय नहीं तुमने मुझे मजाक करने लायक छोड़ा ही कहां है। अपनी इस सादगी और विभाग की से इतना पागल जो कर दिया कि अब मुझे इस ओढ़नी वाली पूजा  से ही शादी करनी है। वो क्या कहते हैं? मुझे अपना पिया बनाओगी।

आब पूजा  फबक-भपक कर रोते हुए अजय से 

लिपट जाती है। अमीरी गरीबी की दीवार तो यहां ढह गई थी। मगर क्या अजय की मां और बहन पूजा को अपना सकेंगे? जानने के लिए पढ़िए प्यार पिया का  पूजा अजय  के सीने से लगकर खुली आग का ख्वाब पूरा होते देख रही थी कि तभी वह दूर हटती है।

पूजा  नहीं नहीं नहीं बाबू यह नहीं हो सकता है। आप चले जाओ यहां से। मुझे मेरे हाल पर छोड़ दो। आपका और मेरा मिलन संभव नहीं। 

अजय ये तुम कैसी बात कर रही हो पूजा ? यहां मैं तुम्हारे सामने खड़ा हूं। तब भी तुमको लगता है कि हमारा मिलन संभव नहीं। बाबू देखो खुद को एक बार और हमरी ओर देखो। मुझ जैसी बेकार फटे हाल लड़की का तुम क्यों हाथ थामोगे भला? तुम मुझ पर तरस खा रहे हो ना? मैं सब जानती हूं। पहले जिंदगी तरस खा रही थी। अब तुम भी खा लो। पर बस अब मैं इस भीख की जिंदगी से तंग आ गई हूं। जाओ तुम। जाओ जाओ। मुझे छोड़ दो यहीं। 

पूजा मेरी बात सुनो। मैं तुमसे प्यार करता हूं। इस जमाने के लिए नहीं। तुम्हारे लिए नहीं। खुद के लिए। कैसे समझाऊं तुम्हें कि तुम ना उस रोग की तरह हो जो धीमे-धीमे मेरी रगों में अपना असल छोड़ गया है। अब मैं गुस्सा नहीं रहा। मैं तुमसे हो गया हूं। और अब भी अगर तुमको लगता है कि मैं तुम पर तरस खा रहा हूं तो चलो मेरे साथ। 

अजय पूजा का हाथ थामता है और खंडर के पास एक छोटे से मंदिर में भगवान के सामने हाथ जोड़कर उसकी मांग भर देता है। 

अजय पूजा ये अब मैं आधा तुम आधी। हम दोनों एक दूसरे का आधा-आधा हिस्सा हैं। मेरे साथ चलकर मुझे पूरा करोगी? 

पूजा  जान गई थी कि अब बारी थी उसे प्यार मिलने की और वह अजय  को कसकर गले लगाती है। सुबह होने को थी। अजय उसे अपने घर ले आता है। दरवाजे की घंटी बजती है। रूबी उबासी लेते हुए दरवाजा खोलती है तो सामने अजय  के साथ पूजा  को खड़ा देख चौंक जाती है। अजय  ने पूजा  को बाहों में कस रखा था।

रूबी  मॉम जल्दी आओ वरना मेरा हंसहंस कर पेट दुखने लगेगा। मॉम अरे मॉम देखो तो तुम्हारा डियर लविंग सन तुम्हारी बहू ले आया सीधा शाही रियासत से और रियासत का नाम है भिखारस्तान। 

सीता  देखती है कि अजय की बाहों में जो लड़की है उसके कपड़े गंदे मैले फटे हाल थे। बाल बिखरे थे। चेहरे पर इतनी धूल थी जैसे कितने दिन से फुटपाथ पर पड़ी हो। सीता पूजा  की मांग में सिंदूर देखते ही सारी कहानी समझ जाती है। 

अजय मां वो मैं पूजा से प्यार 

सीता बस वाह अजय शाबाश। क्या सही रिटर्न गिफ्ट दिया है अपनी मॉम को। इस गलीज को लाकर खड़ा कर दिया और अब कह रहा है कि इसे अपना लूं। छी लुक एट हर एंड लुक एट यू अजय। तेरी और इसकी कोई बराबरी नहीं है। कोई भी नहीं। यह तो पांव की जूती भी नहीं। उसके नीचे रखा हुआ गोबर है। बस गोबर। 

अजय मां पूजा मेरी पत्नी है। 

अजय प्लीज और मैं तेरी मॉम हूं। तुझे क्या इसीलिए लंदन स्कूल ऑफ एजुकेशन में पढ़ने भेजा था कि तू एक दिन एक भिखारिन को मेरी चौखट पर ले आएगा। बड़े-बड़े इंडस्ट्रियलिस्ट की लड़कियां लाइन से तेरी हां का इंतजार कर रही थी। मगर अजय  यू हैव डिसपॉइंटेड मी एंड हर्ट मी वेरी बैडली। 

अजय  मां पूजा  बहुत अच्छी लड़की है 

सीता बस यह लड़की कभी मेरी बहू नहीं बन सकती। बोल दिया तो बस बोल दिया। समझा?

सीता ने पूजा को एक ही झटके में सीता  ने ठुकरा दिया था। अजय  ने पूजा  को इस घर में जगह तो दिला दी थी। मगर क्या रूबी और सीता के मन में भी पूजा  जगह बना पाएगी? और यह थी परीक्षा की घड़ी का दिन एक। पूजा अपनी सास से बॉन्डिंग बनाने का ट्राई करती है। 

अजय गुड मॉर्न मां जी। 

सीता ह ठीक से बोलना आता नहीं और मेरे बेटे के बाजू में खड़ी होगी। चल तेरा जो काम है वो पकड़। घर के सब नौकर छुट्टी पर हैं। लग जा काम पर। सब झाड़ू कटका कर दे। 

पूजा जी मां जी अभी कर देती हूं।

 पूजा  का कोना कोना साफ करती है। पोछा लगाती है। अजय  का घर इतना बड़ा था कि साफ करते-करते सुबह से दोपहर हो गई थी। तभी पूजा  देखती है कि रूबी ने एक बहुत बड़ा पिज़्ज़ा मंगाया था। पूजा  बेचारी तो तीन दिन से भूखी थी। तो उसके मुंह में भी पानी आ गया। 

रूबी मॉम इस भिखारी को भी दे देना चाहिए

सीता  ना। वरना यह अपनी गंदी नजर से हमारे पेट में दर्द कर देगी। 

रूबी ठीक है। पर बस एक छोटा सा टुकड़ा।

 रूबी एक छोटा पीस तोड़कर पूजा  को ऐसे इशारा करके बुलाती है जैसे किसी कुत्ते को बुला रही हो और बेचारी भोली पूजा उनकी ओर बढ़ चलती है। 

रूबी  चल कर क्या आ रही हो? घुटनों के बल आओ ना जैसे मॉडलिंग करते हुए पोज़ करती थी। क्यों? भाई ने सिखाया नहीं क्या? आओ वैसे आओ। कम ऑन पूजा । ये मॉडलिंग? यस यस। पूजा  घुटनों के बल आकर कुत्ते की तरह उनकी ओर आती है। 

रूबी ओह यस कम टॉमी। टॉमी कम शी इज सच अ सड़क छाप मम्मा यू 

और तभी रूबी उसे ललचाकर पिज़्ज़ा का टुकड़ा कभी पास लाती तो कभी दूर करती। पूजा जैसे ही हाथ बढ़ाती है रूबी उसे गिरा देती है और सीता  उस पर झट से अपनी चप्पल टिका देती है।

सीता  ले लेना। तुझे तो चप्पल के नीचे दबा हुआ खाने की खूब आदत होगी। कचरा पेटी से भी खाती ही है। निकाल ले इसके नीचे से। 

पूजा मुझे नहीं देना था तो ना देते। पर अनाज को यूं तो ना कुचल दे मां जी। किसी किसी को तो एक वक्त का दाना भी नसीब नहीं होता।

सीता  ज्ञान मत दे मुझको तू। अपनी औकात में रह। समझी? इस घर में मुफ्त की रोटी तोड़ने को नहीं मिलती। पहले एक काम कर फिर कुछ खाने को मिलेगा। तुझे क्या मुफ्तखोरी की आदत लग गई है। मेरे बेटे के पीछे ऐश जो करती फिर रही है। निकल यहां से। 

रूबी मॉम डॉग वॉक तो हो गई। इस बार कैट वॉक करवाएंगे इससे। आई हेट हर मॉम। 

सीता आई हेट हर टू स्वीटी। 

पूजा  सुबकते हुए फिर से पोछा लगाने में लग जाती है कि तभी उसे भूख के मारे चक्कर आने लगते हैं। वह जैसे ही गिरती है तभी अजय उसे अपनी बाहों में समेट लेता है। 

अजय पूजा  तुम ये सब क्यों कर रही हो? यह नौकरों वाला काम आखिर क्यों? छोड़ो ये सब। सब इस रूबी और मॉम ने तुमको तंग करने के लिए किया है ना। इनकी तो अब मैं 

पूजा नहीं बाबू पहली बार अपना घर मिला है। और ये सब काम की मुझे आदत है। तो अपने घर में कैसी शर्म? बस बहुत भूख लग रही है। अब मैं और कुछ नहीं कर पा रही हूं बाबू। मुझे माफ कर दो। तीन दिन से कुछ नहीं खाया था। एक निवाला अपने हाथों से खिला दो।  

अजय पूजा  को बाहों में समेट कर अपने कमरे में ले आता है और रसोई में आकर अपनी बाजू चढ़ाकर खुद आटा लगाकर पूजा  के लिए खाना बनाने लगता है। 

रूबी ओह गॉड मॉम। क्या तुमने आज से पहले अपने डियर सन को किचन में आते देखा? 

सीता नहीं तो उसकी तो कॉफी जरा भी ठंडी हो जाती थी तो घर सर पर चढ़ा लेता था और आज अजय  खुद खाना बना रहा है। ऐसा क्या काला जादू कर दिया उस भिखार ने मेरे बेटे पर। ब्लडी डायन। 

अजय खाना ले जाकर पूजा  को अपने हाथों से खिलाता है।

पूजा  ऐसे ना बस मां खिलाया करती थी

 बाबू। आज ऐसे लगा जैसे मेरी परसों की भूख शांत हुई हो।

अजय  मैं अब तुम्हें फिर कभी भी भूखा नहीं रहने दूंगा। पूजा  कोई कमी नहीं होगी ना खाने की ना मेरे प्यार की।

अजय पूजा को सीने से लगाकर थपथपा कर सुला देता है। ये मैंने किस नरक में फंसा दिया तुम्हें जान। मेरी मां और मेरी ये बहन तुम्हारे लिए जल्लाद बन रही हैं। वो तो तुम्हें मार डालेंगी। अब इसका एक ही उपाय है। मैं जानता हूं मुझे क्या करना चाहिए। 

पूजा की परीक्षा के अगले कुछ दिन भी ऐसे ही गुजर रहे थे। अजय के ऑफिस जाते ही दोनों ननद सास पूजा  को तंग करने पर उतर जाती। कभी अपने गंदे कपड़े धुलवाती तो कभी उसके सिर पर अपना सैंडल दे मारती। पूजा  रोती आंसू पोछती सब सह रही थी। शाम को जब अजय आता तो पूजा  कभी कोई शिकायत नहीं करती।

रूबी  मम्मी इसे इतना तंग करने पर भी यह फटीचर जा क्यों नहीं रही? अब क्या भाई के साथ हमको भी खाकर ही मानेगी ये डायन। मैं इतनी परेशान हूं और तुम हंस रही हो मॉम।

सीता  हंस रही हूं कि तू अब तक समझी नहीं कि अब इसी के साथ गुजारा करना ही पड़ेगा। भिखारानी सही है तो मेरे बेटे और तेरे भाई की बीवी ठीक है अब जो हुआ सो हुआ मैं इसे हमारे तौर तरीके से खाऊंगी रूबी सीता  की यह बात सुनकर चौंक गई थी अजय  भी यह सुनता है तो खुश होता है 

अजय मैं जानता था मां तुम मेरी पसंद को एक दिन जरूर अपना लोगी

सीता एनीथिंग फॉर यू बेटा अच्छा कॉन्फ्रेंस से कब लौटेगा तू

अजय  दो दिन में मॉम

सीता शाबाश जा चला जा आराम से जा तेरी पूजा की चिंता मत करना मैं और रूबी है ना हम सब संभाल लेंगे।

 एक तरफ रूबी परेशान थी पर सीता  खुश। अजय  खुश होकर पूजा  के पास जाता है। 

पूजा आप चले जाएंगे तो मैं क्या करूंगी बाबू? दो दिन 2 साल जितने पहाड़ लगेंगे आपके बिना मुझे भी साथ ले जाओ ना। 

अजय अरे बाबू ले जा सकता तो ले जाता ना। मगर बस दो दिन की ही तो बात है। और मेरी मां से बात हो गई है। वो तुमको अपनाने के लिए तैयार है। अब सब ठीक होगा। अपना ख्याल रखना। मैंने बोला ना मैं सब संभाल लूंगी। 

रूबी लगता है सदमे ने आपको पागल कर दिया है। अरे मॉम वो बहू नहीं सड़क छाप लड़की है। भूल गई क्या? 

सीता मैं नहीं भूली हूं। पर शायद वो भूल गई है। आजा चल मिलकर उसे याद दिलाते हैं और थोड़ा इस घर का तौर तरीका भी सिखाते हैं।

 दोनों शैतान मां बेटी पूजा के कमरे में जाते हैं। पूजा नरम मखमली गद्दे पर बरसों की नींद ले रही थी। तभी रूबी उस पर कंबल डाल देती है और पूजा  को दबोच लेती है। 

कौन है? कौन है आप लोग? बचाओ बचाओ मां जी। रूबी दीदी कोई है मुझे बचाओ। 

दम घुटने से पूजा बेहोश हो जाती है। 

लोंग वहां भी ढूंढो। हां हां वहां बैठ के नीचे देखो। 

बेहोशी के हाल में पूजा  के कानों में कुछ गूंजती आवाजें पड़ती है। वो अभी भी कंबल में बंधी थी। कुछ देख नहीं सकती थी। मगर उसे महसूस हो रहा था कि आसपास कुछ लोग हैं जो कुछ ढूंढ रहे हैं। खोलो खोलो मुझे। कौन है? कौन है आप लोग? मुझे क्या चाहिए? खोलो बचाओ। पानी पानी अचानक से पूजा  के चेहरे से कपड़ा हटता है और वह देखती है कि उसके हाथ-पांव बांधकर उसे एक घेरे में बैठा रखा है। सामने आग जल रही है और एक काले कपड़े में बैठा तांत्रिक कुछ मंत्र पढ़ रहा है। ये सब क्या है? जाने दो मुझे। खोलो खोलो मुझे जाने दो। तभी पूजा  की नजर पास खड़ी रूबी और सीता  रानी पर पड़ती है। 

पूजा मां जी दीदी जी मुझे छुड़ाओ। देखो ये मेरे साथ क्या कर रहा है। मैंने इसे कुछ भी नहीं किया। 

सीता हम अभी बताती हूं तूने क्या-क्या किया है। अरे भाई लोगों यही है वो डायन जो मेरे बेटे को काले जादू से वश में करके इस घर में घुस गई है। और पता नहीं किस-किस विद्या से तंत्र मंत्र कर रही है। आप लोग हम बेचारी मां बेटी की मदद करो ना। 

तांत्रिक , ऐसी बहुत डायनो का इलाज किया है हमने और अब इसकी बारी है। बस एक बार कोई सुराग मिल जाए।

पूजा  नहीं नहीं मैं डायन नहीं हूं। नहीं हूं ।डायन मुझे जाने दो। 

सीता रूबी को एक इशारा करती है। सुराग क्या किसी ने इसकी काली पेटी चेक करी? उसी से चिपकी रहती है ये। जरूर उसी में होगा कुछ। और आदमी के हाथ काली पेटी निकलती है। उसे छूते ही आंचल तड़प पड़ती है। नहीं। मेरी मां की पेटी नहीं। पेटी में एक लाल ओढ़नी निकलती है और ओढ़नी के नीचे रखी थी तंत्र मंत्र की काली गुड़िया, कीलें और नींबू मिर्च। ये रहा सामान भाई लोग बाबा यही है डायन। 

पूजा मुझे जाने दो। पूजा  तो पिया के मुंह में बुरी तरह फंस गई थी। आंचल को डायन बताकर उसकी ननद और सास लोगों से उसे टॉर्चर कराने लगती है। तंत्र मंत्र की आड़ में कोई पूजा  की आंख में लाल मिर्च फेंक रहा था तो कोई पूजा  को पीठ पर 50ों कोड़े लगा रहा था। बता डायन किसने भेजा है तुझे यहां? 

रूबी वाह मॉम क्या मस्त ध्यान रखा आपने तो  भिखारन का। कहां से पकड़ कर लाई ये नौटंकी बाबा तुम? क्या एक्टिंग कर रहा है?

पूजा  अम्मा मेरी आंखें जल रही है। क्यों तंग कर रहे हो मुझे सब? मैं कोई डायर नहीं हूं। जाने दो मुझे छोड़ दो मुझे। मां जी दीदी जी ऐसे कहो ना। 

और लोग पूजा को कोड़े पर कोड़े बरसाते जाते हैं। एक मिनट ऐसे नहीं। शायद इसकी काली शक्तियां एक और चीज में है। सीता पूजा  की लाल ओढ़नी लाकर उसे ओढ़ा देती है और फिर लोग उसे खूब कोड़े मारते हैं। 

सीता हां बता डायन क्या टोनाटोटका किया है मेरे बेटे पर तूने। आप ऐसा क्यों कर रहे हैं मां जी? मैंने आपका क्या बिगाड़ा है? मैं तो यहां बाबू के पीछे आई हूं उनसे शादी करके। मैं किसी पर काला जादू क्यों करूंगी?

तांत्रिक गुस्ताख लड़की मेरे मंत्र के घेरे में बैठकर जुबान लड़ा रही है। मैं जानता हूं तेरा मुंह कैसे खुलाया जा सकता है। तांत्रिक एक सरिया लेता है और हवन की आंच में उसे तपाने लगता है।

पूजा  बाबू बचा लो बाबू और बर्दाश्त नहीं हो रहा मुझे बचा लो बापू पूजा  ये सब आखिर हो क्या रहा है? 

अजय ये गुड़िया ये तंत्र मंत्र ये लोग मॉम ये सब आखिर है कौन? और यह क्या हालत बना रखी है मेरे पूजा  की। 

पूजा  अजय को देखते ही लड़खड़ाते गिरते पड़ते दौड़ कर उसके पास जाती है। 

पूजा अम्मा ने और तांत्रिक ने  बहुत मारा सबने बापू बहुत मारा। पूजा अपनी ओढ़नी हटाकर अजय को पीठ दिखाती है। जहां सैकड़ों कोड़े के निशान छपे थे। 

अजय कोई शर्म आती है कि नहीं तुम जानवरों को? एक नाजुक सी लड़की को डायन बताकर उसकी ऐसी हालत कर दी। तुम सबको तो पुलिस आकर देखेगी। पुलिस आकर सबको पकड़ के ले जाती है। 

पूजा  अभी तक अजय  की बाहों में ऐसे दुबकी थी जैसे मां की गोद में डरा हुआ बच्चा। 

अजय मां यह लोग तो बाहर वाले थे। इन्हें मैंने जेल करवा दी। पर तुम दोनों तुम्हारा क्या करूं? अपने जिगर के टुकड़े को तुम्हारे हवाले करके गया था मैं और तुमने उसकी यह हालत कर दी। कैसी औरत हो तुम दोनों। 

सीता अच्छा यह कल की आई तेरा जिगर का टुकड़ा तो मैं क्या हूं? टूटा हुआ तारा। है ना? बोल देना कि मां मैं बीवी के मुंह में इतना अंधा हूं कि मुझे अब तुझसे कोई रिश्ता ही नहीं रखना। पता नहीं इस चंडाल जादूगरनी ने ऐसा कौन सा जादू किया है तुझ पर कि हर बार तू बस इसी की बोली बोलता है। आंख खोल कर 

देख तो सही इसकी पेटी में से ये सब क्या निकला है? ये काली गुड़िया, ये नींबू, ये मिर्च, ये भस्म क्या है ये सब? बोल, क्या ये सब भी मैंने ही रखा है? है ना?

अजय  हां। ये सब तुम दोनों ने ही रखा है।

 क्योंकि आंचल की ये पेठी केवल यादों से भरी हुई थी। इन सब चालों से नहीं।

सीता  तू मेरे सामने ऊंची आवाज में बोल रहा है इस भिखारन के लिए ना इसके तो मैं मुझे

पूजा  और मत मारो बचा लो बाबू मुझे बचा लो

अजय  भिखारन नहीं है ये और छूना मत मेरी बीवी को बहुत हो गया दोनों का अब सुनो कान खोल कर मैं जानता था कि तुम लोग इस बेचारी को जीने तो नहीं दोगे और पूजा  तुम ही ने कही थी ना हम दोनों की बराबरी नहीं है तो लो मैं आज तुम्हारी औकात मुझसे बड़ी करके आया हूं अलायंस ग्रुप की आज से नई मालकिन है पूजा  चल और हम तीनों के बराबर हस्ती वाली भी। 

सीता और रूबी जैसे ही यह सुनते हैं, उनकी तो सांस वहीं अटक कर आंखें ही बाहर आ गई थी। 

पूजा नहीं बाबू मुझे कोई मालकिन वालकिन नहीं बनना। मुझे यहां रहना भी नहीं है। मुझे मेरे गांव जाना है। बस मुझे वहां तक छोड़ आओ। मुझे एक झोपड़ी दिलवा देना। और तुम बस कभी-कभी मिलने आ जाया करना। मैं तुमसे अपनी मां का घर छोड़ने को भी नहीं कहूंगी। मैं अब और दर्द नहीं सह सकूंगी बाबू। मुझे मुझे ले जाओ यहां से। हे बस बस ऐसे रोने का नहीं। तुम अजय  ठाकुर की पत्नी हो। ठाकुर इंडस्ट्रीज की को पार्टनर। समझी? अब मेरी पूजा  के ऊपर उंगली उठाने से पहले इसकी औकात जरूर देख लेना। 

और अजय ढाल की तरह उसके साथ खड़ा रहकर उसे कमरे में ले जाता है। पूजा उससे लिपट कर भपक-भक कर रोती है। बहुत रोती है। 

पूजा मुझे लगा था मैं आज नहीं बचूंगी। एकदम अकेली पड़ गई थी बाबू।

अजय  किसने कहा तुम अकेली हो? जब भी पीछे देखोगी तो हमेशा मुझे खड़ा पाओगी अपने अजय  को। और आज से तुमको डर के रहने की बजाय डट कर रहना सीखना होगा। यह बाहर की दुनिया नहीं है जो तुमको सताए। यह हमारा घर है और तुम इस घर की मालकिन समझी? जो मन करे खाओ, पियो, आराम से रहो।

 अजय ने आखिरकार पूजा की जिंदगी को आकार दे ही दिया। कभी-कभी कुछ वादों पर ऐतबार करने का दिल करता है। मगर यहां तो अजय ने बिना बड़ा वादा किए हर वादा निभाया। पूजा की जिंदगी सवार दी अजय  ने। है ना दोस्तों? अब पूजा  और अजय का यह बंधन उसकी सास और ननंद के लिए गले की हड्डी बनता जा रहा था। पूजा  पूरे घर में बेखौफ होकर घूमने लगी। मनचाहा खाने लगी।

 रूबी बेटा बेचारी को और रोटी ला दे तो। जिंदगी में पहली बार इसने खाना देखा होगा। खा ले लड़की खा ले। हम ठाकुरों की तो शान ही है कि हम गरीबों को रोटी नसीब कराते हैं। पता नहीं बेचारी को इसके बाप के घर में कुछ 

मिलता भी था कि नहीं। 

पूजा नहीं दीदी बस पेट भर गया मेरा खाने से भी और मांजी के तानों से भी। और मां जी मेरे मां-बाप जिंदा नहीं है। अगर होते तो शायद छप्पन भोग ना सही पर पेट भर खाना तो जरूर खिलाते। मां-बाप ऐसे ही तो होते हैं। 

अब पूजा  सीता  के आगे बोलने लगी थी। सीता के तन बदन में आग लग जाती है। जहां सीता  रानी घर बाहर हर जगह ठकुराइन बनकर घूम रही थी। अब से अजय  हर उस  पर पूजा  को लेकर जाने लगा। यह देख रूबी और सीता  को बहुत जलन होती है। 

रूबी देखो तो कैसे महंगे जेवर और महंगे कपड़े पहनकर सजने लगी है भिखारन। तुम कुछ करती क्यों नहीं मम्मी?

सीता  इसके बाप दादा ने भी छुए होंगे इतने महंगे कपड़े। मैं करना तो बहुत कुछ चाहती हूं रूबी बेटा। मगर मेरे इस सांप ने मुझे ही ऐसा डस लिया कि अब मैं भी तेरी तरह बस सारा तमाशा देख ही सकती हूं। 

रूबी मम्मी यह ऑफिस में मेरे बराबर कुर्सी पर बैठती है। यहां तक कि भैया ने इस अंगूठा छाप को साइन करना तक सिखा दिया और इसके साइन से ही कंपनी में डील्स होने लगी है। 

सीता क्या कहा तूने? साइन हम समझ गई अब हमें क्या करना है। 

रूबी मां  मगर 

सीता क्या मागर क्या तो चल चल कर इस भिखारिन को इसकी औकात दिखाते हैं। 

इस बात को दो दिन बीत गए थे। रूबी और सीता  के मन में कोई तो खुराफात चल रही थी। उस दिन अजय  बहुत खुश था। वो पूजा  को अपनी बाहों में उठा लेता है। 

अजय पूजा पूजा पूजा  तुम सोच भी नहीं सकती कि आज मैं कितना खुश हूं। देखो आखिरकार मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट लॉन्च होने जा रहा है और लॉन्च पार्टी पर हर जगह बस तुम्हारी ही तस्वीरें लगी होंगी क्योंकि तुम ही तो हो मेरे सपने का चेहरा मेरी अपनी मॉडल।

पूजा  आपको किसी की नजर ना लगे।

अजय  ओके ओके जल्दी चलो अब। तुम्हारे लिए लॉन्च पार्टी के लिए नई ड्रेस लेनी है। बहुत  गया ये उड़ने का चक्कर। नाउ आई वांट टू सी माय वाइफ सेक्सीी। 

 अजय के साथ चली जाती है। सीता  रूबी मन ही मन जल रहे थे। अजय पूजा  को एक सुंदर लाल रंग का गाउन दिलाता है। और फिर बारी आती है लॉन्च पार्टी के दिन की। 

सजा पूजा  के ड्रेस के साथ यह डायमंड नेकलेस सूट करेगा। उसे सरप्राइज देता हूं।

 और पूजा अजय के सामने उन कपड़ों में तैयार होकर आती है। तो अजय  उसे बस देखते रह जाता है। 

अजय अगर मैं शायर होता तो चांद तारे सब तुम्हारे आगे बिछा देता। 

पूजा धत क्या आप उन चांद तारों से कम हो बाबू 

अजय उसके आगे हार करता है पूजा खुश होकर उसे पहनती है और दोनों बाह में बाह डाले बाहर आते हैं तो हॉल में सीता  देवी दही चीनी लेकर खड़ी थी

अजय  मां ये क्या 

सीता  आज तेरे लिए इतना बड़ा दिन है तो क्या तेरी मां तुझसे इतना रूठ गई कि तुझे विश नहीं करेगी विजय भव बहू तू भी खा 

अजय  खुश होकर सीता के गले लगता है पूजा भी सास का प्यार पाकर खुश थी 

अजय मां तुम भी तो चलो मेरी 

सीता अकड़ और ममता में अकड़ जीत रही है

 अजय और मेरी अकड़ मुझे वहां जाने नहीं देगी। तुम दोनों हो आओ। 

अजय पूजा  का हाथ थाम कर दरवाजे की ओर बढ़ रहा था कि तभी अचानक से रूबी झपट्टा मारकर पूजा  के गले का हार खींच लेती है और उसे धक्का मारती है। 

रूबी तेरी औकात भी क्या है इसे पहनने की?

अजय  बदतमीज लड़की यह कोई तरीका है अपनी भाभी से बात करने का? हार वापस दो मेरी पूजा  का। वरना मैं पुलिस को बुलाऊंगा।

 पुलिस को तो अब मैं बुलाऊंगी। अगर 2 घंटे में यह भिखारन यहां से नहीं निकली तो। 

अजय रूबी जुबान संभाल कर। 

रूबी बस एक बार और ऊंची आवाज में बोला ना तो अभी धक्के सिर्फ तेरी बीवी को पड़े हैं। तुझे फिर मैं सीधे लाती मारूंगी। समझा? ले पढ़ इसे। 

रूबी अजय  का हाथ झटक कर उसके मुंह पर कागज फेंक कर मारती है। हां, पढ़ अच्छे से पढ़ना। इसमें लिखा है कि अब से तेरी और तेरी बीवी के हिस्से आई सब दौलत सब शेयर्स मेरे और मॉम के नाम हो गए हैं। तेरे पास अब कुछ भी नहीं बचा भाई। घूर क्या रहा है? नीचे देख साइन तेरी बीवी के ही है। 

यह कैसे? पूजा  कमरे में बैठी थी कि तभी सीता  और रूबी उसके पास जाकर उसे झूठा बहला फुसलाकर बतियाने लगती हैं। 

पूजा मां जी आज आप पहली बार मुझसे बात कर रही है। मैं कितनी खुश हूं ना आपको बता नहीं सकती। 

सीता बिटिया खुश तो मैं भी हो जाऊं। पर मेरे ही कर्मों की वजह से अजय  मुझसे नाराज हो गया है। अब देख मैं और तेरी ननंद सॉरी कहने के लिए तुम दोनों के नाम कुछ करना चाह रहे हैं। अगर तू उसकी जगह साइन कर दे तो। 

और बेचारी भोलीभाली पूजा  तो  पढ़ना तो जानती ही नहीं थी वो जायदाद के पेपर पर साइन करके सब कुछ इन दोनों चंडाल औरतों के नाम पर कर देती है। 

सीता  तो अजय  अब से तेरी ये पूजा  फिर से भिखारन बन गई है। 

रूबी पूरी बात बताओ ना मां बीवी के साथ ये खुद भी तो भिखारी बन गया है। पढ़ा ना तूने इसमें कि अब से तेरी ये कंपनी तेरा ड्रीम प्रोजेक्ट सब मेरे नाम है। सब कुछ यहां भिखारियों की अब कोई जगह नहीं है। निकल जाओ दोनों।

पूजा  नहीं मां जी मुझसे दुश्मनी निकलने के बदले आप अपने बेटे के साथ ऐसा मत करो। यह तो आपका वंश है।

अजय  नहीं पूजा इनको मैं नहीं दौलत चाहिए। तो चलो इनको दौलत दे देते हैं। और मेरी दौलत तो इन्होंने मुझे दे ही दी। तुम तुम साथ हो ना तो फिर क्या कमी है इस जिंदगी में? यह आसमान चादर है और बिस्तर जमीन है।

 अजय पूजा  का हाथ थाम कर निकलने लगता है कि तभी रूबी पूजा  की पेटी पर लात मारकर फेंकती है। 

रूबी अरे अपनी कचरा पेटी साथ लेकर जा भिखारन वायरस कहीं की।

 अजय  ने आंचल की पेटी उठाई और माथे से लगा लिया।

 पूजा मां जी, आपने मुझसे पैर दिखाने के लिए अपनी औलाद को बेसहारा कर दिया ना। मगर आप ये नहीं जानती कि असल मायने में कंगाल हम नहीं आप हुई हैं। आपने तो मुझे सबसे अमीर बना दिया। आज तक पति के सिर पर पत्नी के आंचल ने छांव किया है। लेकिन शायद मैं ही ऐसी पत्नी हूं जिसे पिया का आंचल नसीब हुआ है। 

अजय चलो पूजा , तुम्हारी समझ भरी बातें इन बेवकूफों को कहां ही समझ आएंगी?

पूजा  सब मेरी वजह से हुआ है ना। अब हम कहां जाएंगे? 

अजय जहां तक साथ चलना लिखा है वहां तक चलेगा सांचल का पिया रोते नहीं मेरा बच्चा 

उस रात सड़क किनारे पूजा अजय  की बाहों को अपनी छत बनाकर सोती है। अगली सुबह पूजा की आंख खुलती है तो अजय वहां नहीं था और वो अकेले ही फुटपाथ पर सो रही थी। यह देख पुजवबेचैन हो जाती है। 

पूजा बाबू बाबू तुम कहां चले गए थे बाबू? कहीं सबकी तरह तुम भी तो मुझे यहां नहीं छोड़ गए। 

गाड़ियों की पैप पपों के बीच बदहवास सी घड़ी पूजा  घबराहट से बस इधर-उधर अजय  को ढूंढती है। अब पूजा  वहीं फुटपाथ पर बैठकर रोने लग जाती है। कुछ देर बाद कहीं से अजय  पसीनापसीना होकर आता है और पूजा  के पास बैठता है।

पूजा  कहां चले गए थे तुम? मुझे लगा कि तुम

अजय  क्या कि मैं भाग गया। थ पगली। भागना होता तो बहुत पहले भाग जाता। वो मैंने सोचा कि कुछ पैसे निकाल लेता हूं। काम आएंगे। पर उस चुड़ैल ने मेरे सभी कार्ड्स भी ब्लॉक करा दिए। अब क्या करते हैं? सब कुछ जीरो से शुरू डार्लिंग। तुम अगर साथ दो तो मैं एक क्या? ऐसी 10 कंपनियां खड़ी कर सकता हूं। बताओ दोगी साथ? 

अजय झट से पूजा  के हाथ पर दो टिकट रख देता है।

पूजा  अरे ये क्या? 

अजय तुम्हारे गांव के टिकट? चलो दोनों वहां चलते हैं। 

पूजा मगर वहां तो वो 

अजय घबराओ मत। मैं हूं ना। 

और दोनों बस पकड़ कर पूजा  के गांव लौट आते हैं। पूजा  जैसे ही स्टैंड पर उतरती है, उसे वही बदमाशों की टोली नजर आती है। 

बदमाश अरे छमिया किधर चली गई थी तू? आजा हमारे साथ चल मजे करेंगे मजे। 

अजय रुक मैं भी चलता हूं तेरे साथ। मेरे साथ करना फिर तू मजे।

 बदमाश अजय को पूजा  के साथ देखकर भागने लगते हैं। 

अजय अरे भाग कहां रहे हो? रुको तो। मजे नहीं करने क्या? दोबारा दिख मत जाना। सुन लो सब के सब। यह मेरी बीवी है। मेरी बीवी समझे? 

 पूजा  के साथ उसके जल चुके खंडर घर के बाहर आता है। वहां अब टूटी इमारत के सिवा कुछ नहीं था। 

पूजा महल छोड़कर आप यहां रहोगे बाबू इस खंडर में? 

अजय किसने कहा यह खंडर है। तुम जहां साथ में रहे। मेरा महल तो वही है। 

और अजय  पूजा  दोनों मिलकर उस घर की मरम्मत और सफाई करके उसे रहने लायक बनाते हैं। दोनों वहीं बस जाते हैं। अजय ने पैसा कमाने के लिए मजदूरी करनी शुरू कर दी थी। कभी वह हल जोतता तो कभी ईंट चढ़ाने का काम करता। शाम को जब वो लौटता तो पूजा  रूखा सूखा खाना बनाकर उसके लिए रखा करती थी। 

पूजा कितना थक जाते हो तुम बाबू। यह सब अकेले करने की क्या जरूरत है? मैं भी तो कुछ काम पकड़ सकती हूं। झाड़ू पोछा सब आता है मुझे। 

अजय तुम मेरे महल की महारानी हो और महारानी कभी दूसरों के घर की गंदगी साफ नहीं करती है। तुम फिक्र मत करो। मुझे मेहनत की खाने में आनंद आता है। देखो मेरी पहली मजदूरी मिली है

 आज। अजय पसीने से भीगे हुए कुछ नोट निकालकर पूजा  के हाथ में रखता है और पूजा  खुशी से उससे लिपट जाती है। दोनों को अपनी जिंदगी से कोई शिकायत नहीं थी। उधर रूबी और सीता रानी ने पूरी कंपनी पर अपना कब्जा जमा लिया था। रूबी सारे स्टाफ पर अपना दबदबा बनाती थी।

रूबी  यह मेरी कंपनी है। तुम्हारे उस पागल बॉस की नहीं। वो तो बस रिश्ते में ही मेरा भाई था। वरना उस जैसे गधे की और मेरी क्या ही बराबरी। तो सुनो सब के सब अगर काम मेरे मुताबिक नहीं किया ना तो तुम सोच भी नहीं सकते कि मैं तुम सबके संग क्या करूंगी। 

रूबी ने अब बिजनेस में सारे वो फैसले लेना शुरू कर दिए जो अजय नहीं लेता था। अजय  के अपोजिट चलने के लिए रूबी किसी भी हद तक जा रही थी। जिसके चलते कंपनी का धीमे-धीमे नुकसान बढ़ने लगा। वहीं दूसरी ओर अजय और पूजा  ने दिन रात मेहनत करके 3-4 महीने में ही अपने उस छप्पड़ जैसे मकान को छोटा मगर पक्का मकान बना लिया था और पूजा  और अजय  अपने छोटे से आशियाने के बाहर खड़े होकर उसे देख रहे थे। अजयने पूजा को बाहों में लपेटा था। 

पूजा मुश्किल था ना बाबू? 

अजय हां मुश्किल तो था मगर असंभव नहीं। रात को जब तुम गोद में सुलाकर सिर पर हाथ फेर देती थी तो लगता था कि हां मैं कर लूंगा। रोज यही वाली मेहनत कर लूंगा। यह हाथ जिसने कोल्ड कॉफी के सिवा कुछ पकड़ना नहीं जाना। इसमें फावड़ा हथौड़ी को पकड़ना मुश्किल तो था। पर जानता था कि जब भी थका हुआ घर लौटूंगा, तो मेरी पूजा  मेरे छाले वाले हाथों को भी चूम लेगी। और देखो तुम थी तो हमने कर दिखाया। 

पूजा इतना प्यार कब हुआ आपको मुझसे?

अजय  जब तुम आंखों से ओझल हो गई थी। कीमती चीज के बिछड़ने के बाद ही तो उसकी असली कीमत का पता लगता है। 

और अजय  एक लड़की का बोट घर के बाहर ठोकता है। जिस पर लिखा था पूजा  के पिया का महल। दोनों अपने छोटे से आशियाने में बहुत खुश थे। वहीं महल में रह रही सीता  रानी और रूबी सब कुछ होने पर भी खुश नहीं हो पा रहे थे। 

सीता।  मैंने कंपनी की रीसेंट रिपोर्ट देखी है। तुमने ये क्या हालत कर दी है इसकी? पिछले 2 साल में अजय ने जो ग्रोथ करी थी वो तुमने 4 महीने में जीरो कर दी। आखिर ऐसा क्या कर रही हो तुम वहां? 

रूबी ओह तो मिस्टर परफेक्ट की मां बोली तुमको तो हमेशा अजय अजय अजय  ही दिखा ना। अब भी देखो अजय का ही नाम जप रही हो। मैं कर रही हूं ना कोशिश। मैंने कौन सी कंपनियां संभाली है मॉम? थोड़ा बहुत नुकसान तो चलता रहता है।

 सीता को अब अपने काम की चिंता होने लगी। देखते-देखते और समय बीत रहा था। वहां अजय  और पूजा  ने अब और मेहनत करके घर में गाय भैंस भी पाल लिए थे और उनका दूध बेचने लगे। 

अजय  पूजा  काम ठीक चल रहा है। सोच रहा हूं दो भैंस और लाकर दूध डेयरी पर भी बेचने लग जाऊं। दो-चार पैसे ज्यादा कमा लेंगे। हम 

पूजा जैसा आपको ठीक लगे बाबू। 

और अजय ने अपना डेयरी का धंधा भी शुरू किया। देखतेदेखते वह फल फूलने लगा और अजय  ने अपनी डेयरी फर्म का नाम पूजा के नाम से लिखा। 

पूजा सब कुछ मेरे नाम कर दोगे तो तुम्हारा खुद का क्या रहेगा बाबू?

अजय  रहेगा ना मेरी रहोगी तुम। अब चलो अच्छे से तैयार हो जाओ। हमको फोटो खिंचवाने जाना है। 

पूजा फोटो पर क्यों? 

अजय अरे हमारी डेयरी फार्म की मॉडल तो तुम ही रहोगी ना। बताओ भला। इतना सुंदर चेहरा है गांव में किसी का। और हां अपनी ओढ़नी मत भूलना।

 और अजय  ने पूजा  की तस्वीरें बनवाकर अपनी डेयरी फार्म के सब पोस्टर्स पर लगा दी। 

अजय पूजा हमेशा से मैं तुमको ही अपनी कंपनी का चेहरा बनाना चाहता था। देखो जहां से कहानी शुरू हुई वो जगह तो रही नहीं। अब तुमको इसी से काम चलाना होगा। 

पूजा मेरी कहानी तो यही है बाबू। मैं तो इसमें ही खुश हूं। 

जहां पूजा  अजय की बाहों में छोटे सपनों में ही खुश थी। वहीं सीता  और रूबी के बीच  दिन पर दिन बहुत बड़ा झगड़ा होता है। 

सीता रूबी मैंने सुना तुमने मेहता स्टील की जगह मंगल स्टील में अपना पैसा लगाया। जान सकती हो क्यों? 

रूबी हां इसमें जानना क्या है? मेरा मन करा लगा दिया। वैसे भी हर बार तो तुम्हारा वो बेटा मेहता स्टील में ही तो लगाता था। तो इस बार आई वांटेड टू ट्राई समथिंग न्यू। 

सीता तुम्हारे इस समथिंग न्यू के चक्कर में जानती हो हमें कितना घाटा हुआ है पूरे 60 करोड़ का। अजय  ने वो शेयर बनाने के लिए कितनी मेहनत की थी पता भी है तुमको? पिछले 10 महीने में हमारी मार्केट वैल्यू 70% गिर चुकी है। तुम क्या हमें बर्बाद करना चाहती हो रूबी? 

मगर रूबी सीता  की एक नहीं सुनती है और अपने उल्टे-पुलटे फैसलों के साथ एक दिन ऐसा आता है जब सीता  और रूबी की कंपनियां बंद हो जाती हैं और वह एक छोटे से घर में शिफ्ट हो जाते हैं। अब दोनों अपनी किस्मत को दिन रात  रोने लगती हैं। घर छोटा तो काम भी सब खुद ही करना था कि एक दिन दूधवाला  दरवाजे पर आकर सीता को दूध के पैकेट थमाता है।

सीता  अरे दूध पैकेट में। 

दूधवाला अरे मैडम अब से सब दूध यही जगह से आ रहा है। आप लीजिए दूध। बढ़िया है

 एकदम। सीता देखती है कि दूध पर पूजा  की तस्वीर और उसका नाम लिखा था। यह देख सीता की आंख भर आती है। अब वो और रूबी दोनों उस पते पर पहुंचते हैं। सीता को तो अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था कि अजय और पूजा ने इतनी बड़ी डेरी फर्म और खुद का आलीशान घर खड़ा कर दिया था। 

पूजा की अजय की मा डेरी फर्म  आई है  

पूजा   जी मा जी  आप यहां आइए ना। आइए। अजय देखो मांजी आई है। रूबी दीदी भी है।

 पूजा का उत्साह देख रूबी और सीता  शर्मिंदा होती है। अजय  बाहर आता है। वो अपनी मां से नाराज था। मगर कोई कुछ भी बोलता कि तभी सीता  अजय के आगे हाथ जोड़कर फूट-फूट कर रोने लग जाती है। 

सीता सब खत्म हो गया अजय । तूने महल छोड़ा था। अब हम दोनों एक कुटिया में आ गए हैं। सच तो यह था कि वो सब मेरा नहीं तेरा ही जोड़ा हुआ था। इसलिए तेरे जाने के बाद हम कुछ नहीं बचा सके। सब फिसलता चला गया हाथ से। 

रूबी हां भैया ये तुम ही थे जो सब संभाल लेते थे। मेरे तो बस का कुछ भी नहीं रहा। 

सीता मैं समझ गई बेटा। काबिलियत और पत्नी के साथ में इतनी ताकत है कि इंसान जीरो से उठकर भी महल बना सकता है। वैसे इस घर का नाम बहुत जच रहा है। पूजा  के पिया का घर। दोनों झुक-जुक जियो। तुमको देख लिया बस चलते हैं। 

दोनों जाने लगती हैं। अजय  चुप था कि तभी पूजा अजय को उन्हें रोकने का इशारा करती है। 

अजय मां रुक जाओ। जब बच्चे गलती करते हैं तो मां माफ कर देती है ना तो क्या मैं तुमको माफ नहीं कर सकता? अब से सब यहीं रहेंगे पूजा  के घर में। 

अजय सीता  से गले लगता है और सीता पूजा  को उसके सुहाग की ओढ़ने ओढ़ाकर दोनों को खूब आशीर्वाद देती है। सचमुच अजय  के प्यार ने पूजा को फर्श से उठाकर अर्श तक पहुंचा दिया था।