horror story of jinn and old man in Hindi Horror Stories by Mohammad Ajim books and stories PDF | जिन्न और बुजुर्ग की कहानी हॉरर

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जिन्न और बुजुर्ग की कहानी हॉरर

किसी पुराने जमाने की बात है जब एक छोटे से गांव में एक नेक और परहेजगार बुजुर्ग रहते थे। उनका दिल अल्लाह की इबादत में लगा रहता था और लोग उन्हें बड़ी इज्जत से देखते थे। गांव में जिन्नात का साया उस गांव में कई सालों से एक डरावनी अफवाह चल रही थी। एक ताकतवर जिन्न लोगों को परेशान करता था। कई लोग गायब हो चुके थे और जो बचकर लौटे वे बुरी तरह डर गए थे। गांव के लोग रात में घरों से बाहर निकलने से कतराते थे। बुजुर्ग का हौसला एक दिन गांव के सबसे नेक और अल्लाह पर भरोसा रखने वाले बुजुर्ग को यह सब पता चला। उन्होंने कहा अगर अल्लाह चाहे तो कोई भी ताकत हमें नुकसान नहीं पहुंचा सकती। उन्होंने फैसला किया कि वह खुद उस जिन्न का सामना करेंगे। जिन्न की गुफा में पहला कदम रात के अंधेरे में जब पूरा गांव सो रहा था। बुजुर्ग ने वजू किया। अपने साथ कुछ खजूर लिए और अकेले ही उस जगह की तरफ बढ़े जहां जिन्न का बसेरा था। जैसे ही उन्होंने गुफा के अंदर कदम रखा एक ठंडी हवा चली और अजीब-अजीब आवाजें आने लगी। जिन्न की पहली चेतावनी अचानक गुफा के अंदर एक डरावनी आवाज गूंजी। कौन है जो मेरी जगह में घुसने की जुर्रत कर रहा है? बुजुर्ग ने शांत स्वर में जवाब दिया। मैं अल्लाह का एक बंदा हूं और मैं उसकी इजाजत से यहां आया हूं। जिन्न गुस्से में चिल्लाया अगर तुमने यहां से अभी वापस ना गया तो तुम्हें जला दूंगा। लेकिन बुजुर्ग ने बिना डरे सिर्फ एक ही जवाब दिया। ला हवला वला कौता इल्ला बिल्लाह जिन्न का हमला और बुजुर्ग की ताकत अचानक गुफा में अंधेरा और गहरा हो गया। जिन्न एक बड़ी काली परछाई की तरह बुजुर्ग के सामने प्रकट हुआ। उसकी लाल चमकती आंखें और लंबी नुकीली उंगलियां साफ नजर आ रही थी। वह गुस्से में गरजा और एक तेज आंधी के साथ बुजुर्ग की तरफ बढ़ा। लेकिन जैसे ही बुजुर्ग ने आयतुल कुर्सी पढ़नी शुरू की, एक नूरानी रोशनी उनके चारों तरफ फैल गई। जिन्न पीछे हटने लगा। उसकी चीखें गुफा में गूंजने लगी। अल्लाह की कुदरत का करिश्मा जिन्न ने पूरी ताकत से हमला करने की कोशिश की। लेकिन बुजुर्ग बिना डरे तिलावत करते रहे। अचानक जिन्न जमीन पर गिर पड़ा और उसकी हालत खराब होने लगी। उसने करहते हुए कहा बस करो मैं हार मानता हूं मुझसे गलती हुई मुझे माफ कर दो। बुजुर्ग ने कहा अगर तू वाकई तौबा करता है और अल्लाह की इबादत करेगा तो अल्लाह तुझे माफ कर देगा। जिन्न ने रोते हुए तौबा की और वादा किया कि वह अब कभी किसी इंसान को नुकसान नहीं पहुंचाएगा। फिर वह वहां से गायब हो गया। गांव की खुशहाली सुबह जब बुजुर्ग वापस गांव लौटे तो सब हैरान थे। जब उन्होंने पूरी कहानी सुनी तो सबने अल्लाह का शुक्र अदा किया। उस दिन के बाद से गांव में फिर कभी जिन्न का साया नहीं पड़ा। कुछ महीने बीत गए लेकिन बुजुर्ग के दिल में एक सवाल था। क्या जिन्न वाकई तौबा कर चुका है या उसने सिर्फ डर की वजह से वादा किया था? गायब होने वाले लोग एक दिन गांव के कुछ लोग बुजुर्ग के पास आए और बताया कि पास के जंगल में फिर से अजीब घटनाएं हो रही हैं। जानवर गायब हो रहे थे और कुछ लोग जो वहां गए वापस नहीं लौटे। बुजुर्ग ने सोचा क्या जिन्न ने फिर से कोई चाल चली है? उन्होंने फैसला किया कि इस मामले की तह तक जाना जरूरी है। बुजुर्ग की दूसरी आजमाइश रात के वक्त जब चांद अपनी पूरी रोशनी बिखेर रहा था। बुजुर्ग अकेले ही जंगल की तरफ पड़े। इस बार उन्होंने पहले से ज्यादा तैयारियां कर रखी थी। नमाज पढ़कर निकले अपने साथ झमझम का पानी लिया और पूरे रास्ते तिलावत करते रहे। जंगल में घुसते ही उन्हें एक अजीब एहसास हुआ जैसे कोई उन्हें देख रहा हो। पेड़ों की टहनियां अपने आप हिल रही थी और हवा में फुसफुसाहट की आवाजें गूंज रही थी। झिन्न की वापसी जैसे ही बुजुर्ग जंगल के बीच पहुंचे अचानक अंधेरा छा गया। उनके सामने वही झिन्न खड़ा था। मगर इस बार उसका रूप और भी डरावना था। उसकी लाल आंखें चमक रही थी और वह गुस्से में चीख रहा था। तुम फिर यहां क्यों आए हो? मैंने तुम्हें छोड़ दिया था लेकिन तुमने मुझे चैन नहीं लेने दिया। बुजुर्ग ने सख्ती से कहा तूने वादा किया था कि इंसानों को परेशान नहीं करेगा। फिर यह क्या हो रहा है? जिन्न हंस पड़ा और बोला, "हां मैंने तौबा की थी, लेकिन मेरी फितरत नहीं बदली। मैं हमेशा से ताकतवर रहा हूं और इंसानों को डराना मेरा खेल है। बुजुर्ग को यकीन हो गया कि यह जिन्न झूठा था। उन्होंने जोर से अल्लाहू अकबर कहा और कुरान की तिलावत शुरू कर दी। जिन्न चीखने लगा। लेकिन इस बार वह बच नहीं सकता था। बुजुर्ग ने उस पर झमझम का पानी छिड़का और वह दर्द से तड़पने लगा। धीरे-धीरे उसका जिस्म जलने लगा और कुछ ही पलों में वह राख में बदल गया। उस रात के बाद जंगल फिर कभी डरावना नहीं लगा। गांव के लोग राहत की सांस लेने लगे और सबको यकीन हो गया कि जिन्न हमेशा के लिए खत्म हो चुका है। गांव में सबको लगा कि जिन्न हमेशा के लिए खत्म हो चुका है। लेकिन बुजुर्ग का दिल अभी भी बेचैन था। उन्होंने जिन्न की राख को गौर से देखा। हवा में अजीब सा असर था जैसे कुछ अभी भी अधूरा हो। राख में छुपा हुआ खतरनाक भेद। अगली सुबह जब बुजुर्ग मस्जिद में बैठे कुरान की तिलावत कर रहे थे। तभी एक नौजवान दौड़ता हुआ उनके पास आया। वह डर से कांप रहा था। उसने हाफते हुए कहा, बाबा जी, हमने जंगल में उस झिन्न की राख देखी मगर वह अपने आप उड़ रही थी और वहां अजीब-अजीब आवाजें आ रही थी। बुजुर्ग ने गहरी सांस ली और सोचा क्या यह झिन्न पूरी तरह खत्म नहीं हुआ? राख का पीछा बुजुर्ग अपने कुछ शागिर्दों को लेकर जंगल पहुंचे। उन्होंने देखा कि राख धीरे-धीरे हवा में उड़ रही थी और एक पुरानी वीरान मस्जिद के अंदर जा रही थी। यह मस्जिद सदियों से बंद पड़ी थी। लोगों का मानना था कि यहां कोई ताकत थी जिसने इसे उजाड़ दिया था। बुजुर्ग आगे बढ़े और दहलीज पर कदम रखा। अचानक मस्जिद के अंदर से एक गहरी भारी आवाज आई। तूने मेरे बंधे को मार दिया मगर मुझे नहीं हरा सकता। नया झिन्न पहले से भी ताकतवर अचानक मस्जिद की दीवारों पर अजीब सा कंपन होने लगा। मिट्टी झड़ने लगी और एक विशालकाली परछाई उभर आई। यह झिन्न पिछले जिन्न से भी बड़ा और ताकतवर लग रहा था। बुजुर्ग समझ गए कि यह असली सरगना है। वह जिन्न जिसने पिछले जिन्न को इंसानों को डराने के लिए भेजा था। सबसे बड़ा मुकाबला बुजुर्ग ने बिना कोई देर किए कुरान की तिलावत शुरू कर दी। इस बार उन्होंने सिर्फ आयतुल कुर्सी ही नहीं बल्कि सूर यासीन भी पढ़नी शुरू कर दी। मस्जिद के अंदर रोशनी फैलने लगी। जिन्न चीखने लगा मगर वह भाग नहीं सका। उसकी ताकत कमजोर पड़ने लगी। वह गुस्से में चिल्लाया। तू मेरी सैकड़ों साल की हुकूमत को खत्म नहीं कर सकता। बुजुर्ग ने जवाब दिया, अल्लाह की हुकूमत सबसे बड़ी है। तेरा वक्त खत्म हो चुका है। अल्लाह का हुक्म और जिन्न का अंत। तभी एक जोरदार आंधी चली और मस्जिद के अंदर एक नूरानी रोशनी फैल गई। जिन्न दर्द से तड़पने लगा और देखते ही देखते झलकर धुएं में बदल गया। बुजुर्ग ने सजदा किया और अल्लाह का शुक्र अदा किया। गांव में अमन और सबक उस दिन के बाद से गांव में कभी कोई जिन्न नहीं देखा गया। वीरान मस्जिद फिर से आबाद हो गई और लोगों ने वहां नमाज पढ़नी शुरू कर दी। बुजुर्ग को लगा कि जिन्न हमेशा के लिए खत्म हो चुका है। लेकिन उनके दिल में अभी भी एक सवाल था। क्या सच में यह जिन्न अपनी आखिरी ताकत गमवा चुका था? गांव में अजीब घटनाएं कुछ हफ्तों बाद गांव में फिर से अजीब घटनाएं होने लगी। कुछ लोगों ने बताया कि रात के वक्त उन्हें मस्जिद के पास से अजीब सी फुसफुसाहट सुनाई देती थी। कोई कहता कि उसने एक काली परछाई को मस्जिद की दीवारों पर चलते देखा। बुजुर्ग समझ गए कि मामला अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ। उन्होंने गांव के सबसे पुराने बुजुर्गों से पूछा कि इस मस्जिद के बारे में क्या पता है। एक बहुत बूढ़े आदमी ने कांपती आवाज में बताया। यह मस्जिद बहुत पुरानी है। सदियों पहले यहां एक बहुत बड़ा आलिम रहता था। उसने एक ताकतवर जिन्न को कैद कर दिया था। लेकिन उसके बाद कोई नहीं जानता कि वो जिन्न कहां गया। बुजुर्ग को समझ आ गया कि उन्होंने जिन्न के सिर्फ एक गुलाम को हराया था। मगर असली जिन्न अभी भी कहीं था। एक रात बुजुर्ग ने अपने कुछ शागिर्दों को लेकर मस्जिद का कोना कोना देखा। तभी उन्हें मस्जिद के अंदर एक पुराना दरवाजा मिला जो मिट्टी से ढका हुआ था। यह दरवाजा एक तहखाने की तरफ जाता था। उन्होंने बिस्मिल्लाह पढ़कर दरवाजा खोला और अंदर दाखिल हुए। जैसे ही उन्होंने पहला कदम रखा, एक ठंडी हवा चली और हर तरफ अंधेरा फैल गया। असली झिन्न का सामना अचानक अंधेरे में दो जलती हुई लाल आंखें चमक उठी। एक भारी आवाज गूंजी। तुमने मेरे नौकर को मार दिया मगर मुझ तक नहीं पहुंच सकते। मैं यहां सैकड़ों सालों से कैद हूं और अब आजाद होने का वक्त आ गया है। बुजुर्ग ने बेखौफ होकर कहा, तेरी ताकत सिर्फ तब तक थी जब तक अल्लाह ने इजाजत दी थी। अब तेरा वक्त खत्म। सबसे बड़ा मुकाबला जिन्न ने गुस्से में एक जोरदार चीख मारी और पूरे तहखाने में जमीन हिलने लगी। मस्जिद की दीवारों पर अजीब-अजीब शक्लें बन गई। मगर बुजुर्ग ने डरने के बजाय सूरह अल बकरा की तिलावत शुरू कर दी। जैसे ही आयतें गूंजने लगी, जिन्न दर्द से कराने लगा। उसकी चीखें इतनी तेज थी कि ऐसा लग रहा था जैसे पूरा गांव कांप जाएगा। बुजुर्ग ने जोर से आयतुल कुर्सी पढ़ी और जिन्न पर झमझम का पानी छिड़का। जिन्न की चीखें तेज होती गई और फिर अचानक एक जोरदार धमाका हुआ। जिन्न धुएं में बदल गया और तहखाना रोशनी से भर गया। आखिरी रात जब तहखाने का अंधेरा मिट गया तो वहां एक पुराना तख्ती पत्थर की पट्टी मिली जिस पर लिखा था जो अल्लाह का सच्चा बंदा होगा वही इस जिन्न को हराने में कामयाब होगा। बुजुर्ग ने उस पट्टी को उठाया और मस्जिद में ले गए। उन्होंने गांव वालों को बताया कि अब खतरा हमेशा के लिए टल गया है। गांव में अमन और आखिरी सबक उस दिन के बाद से मस्जिद फिर से आबाद हो गई। गांव में अमन लौट आया और किसी ने फिर कभी किसी जिन्न को नहीं देखा। गांव में अमन तो लौट आया मगर बुजुर्ग को अभी भी महसूस हो रहा था कि कुछ राज बाकी हैं। उन्होंने तहखाने में मिली पुरानी तख्ती को गौर से देखा। उसके पीछे एक और अजीब निशान बना था। कुछ अरबी लफ्जों में एक छुपा हुआ पैगाम। बुजुर्ग ने उसे ध्यान से पढ़ा। जब कजैद टूटेगी तो आखिरी दरवाजा खुलेगा और जिन्हों का सबसे पुराना रहस्य सामने आएगा। गांव के सबसे बुजुर्ग आदमी ने कहा हमारे दादा परदादा बताते थे कि इस मस्जिद के नीचे एक और तहखाना है। जिसे कभी किसी ने नहीं खोला। वहां एक गुप्त किताब छुपी है जिसमें जिन्हों के सबसे बड़े रहस्यों का जिक्र है। बुजुर्ग ने सोचा क्या जिन्हों का राज अभी भी पूरी तरह उजागर नहीं हुआ। आखिरी दरवाजा बुजुर्ग अपने कुछ शागिर्दों के साथ वापस मस्जिद के तहखाने में गए। उन्होंने चारों तरफ देखा और दीवारों पर हाथ फेरा। अचानक एक दीवार हल्की सी हिलने लगी। यही होगा वह दरवाजा। उन्होंने बिस्मिल्लाह पढ़ी और जोर से धक्का दिया। दरवाजा खुलते ही वहां से ठंडी हवा निकली और अंदर एक और छोटा कमरा दिखाई दिया। कमरे के बीचों-बीच एक पुरानी धूल भरी किताब रखी थी। गुप्त किताब और जिन्हों का सबसे बड़ा भेद बुजुर्ग ने धीरे से किताब खोली। पहले ही पन्ने पर लिखा था। जो इस किताब को पढ़ेगा वह जिन्हों की असलियत और उनके सबसे बड़े राज से वाकिफ हो जाएगा। किताब में लिखा था कि यह दुनिया सिर्फ इंसानों के लिए नहीं बनी बल्कि जिन्न भी इंसानों की तरह अलग-अलग कौमों और कबीलों में रहते हैं। कुछ जिन्न इंसानों के साथ दोस्ती करते हैं तो कुछ उनको तकलीफ देते हैं। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह थी हर हजार साल में एक ऐसा जिन्न आता है जो इंसानों और जिन्नात की दुनिया को मिलाने की कोशिश करता है। अगर वह कामयाब हो गया तो इंसानों के लिए बड़ा इम्तिहान आ सकता है। नई चिंता। क्या कोई और खतरा बाकी है? बुजुर्ग गहरी सोच में पड़ गए। उन्होंने अब तक जिन-जिनों को हराया था, वे शायद इसी बड़े झिन के लिए रास्ता बना रहे थे। क्या वह झिन्न अभी भी कहीं छुपा है? गांव में अमन था। लेकिन यह राज जानने के बाद बुजुर्ग को एहसास हुआ कि यह जंग शायद अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई थी। अब आगे क्या होगा? क्या वह हजार साल पुराना जिन्न इस दुनिया में आ चुका है? क्या किताब में जिन्हों को हमेशा के लिए रोकने का कोई तरीका लिखा है? क्या बुजुर्ग को अब एक और बड़ी जंग के लिए तैयार होना पड़ेगा? बुजुर्ग के हाथ में वह गुप्त किताब थी जिसमें लिखा था कि हर हजार साल में एक ऐसा जिन्न आता है जो इंसानों और जिन्नात की दुनिया को मिलाने की कोशिश करता है। यह पढ़कर बुजुर्ग को एहसास हुआ कि जंग अभी खत्म नहीं हुई बल्कि असली इम्तिहान अब शुरू हुआ था। गुप्त किताब का राज उन्होंने किताब को आगे पढ़ा। उसमें लिखा था वह जिन्न इंसानों की दुनिया में आने के लिए एक काले दरवाजे की तलाश करेगा। अगर वह उस दरवाजे को खोलने में कामयाब हो गया तो जिन्नात और इंसानों की दुनिया हमेशा के लिए मिल जाएगी। बुजुर्ग ने तुरंत सोचा क्या वह दरवाजा हमारे गांव में ही है? रहस्यमई काला दरवाजा बुजुर्ग ने गांव के सबसे पुराने हिस्से की तलाश शुरू की। आखिरकार उन्हें गांव के पास एक बहुत पुरानी और वीरान जगह मिली जहां सदियों से कोई नहीं गया था। वहां एक काला दरवाजा था जिस पर अजीब से निशान बने हुए थे। जैसे ही बुजुर्ग दरवाजे के पास पहुंचे हवा अचानक तेज हो गई। ऐसा लग रहा था कि कोई उन्हें देख रहा है। जिन्न की वापसी अचानक दरवाजे पर अंधेरा छा गया और एक जोरदार धमाके के साथ एक भयानक परछाई प्रकट हुई। यह जिन्न पिछले सभी जिन्हों से बड़ा और ताकतवर था। उसकी आंखें आग की तरह जल रही थी और उसकी आवाज गड़गड़ाहट की तरह गूंज रही थी। तुमने मेरे बहुत से जिन्हों को खत्म कर दिया। लेकिन मुझे नहीं हरा सकते। मैं हजार साल से इस दरवाजे को खोलने की तैयारी कर रहा हूं। बुजुर्ग ने बिना डरे कहा तू चाहे जितना भी ताकतवर हो। अल्लाह की कदरत तुझसे कहीं ज्यादा है। सबसे खतरनाक मुकाबला जिन ने गुस्से में आकर आसमान में आग उड़ा दी और जमीन कांपने लगी। उसने बुजुर्ग पर हमला करने के लिए अपने हाथ उठाए। लेकिन बुजुर्ग ने सूरह अल फलक और सूरह अलनास पढ़नी शुरू कर दी। जैसे ही कुरान की आयतें गूंजने लगी, जिन्न दर्द से तड़पने लगा। मगर यह जिन्न बाकी जिन्हों से अलग था। वह जलने की बजाय और भी ताकतवर होता जा रहा था। बुजुर्ग समझ गए कि यह आम जिन्न नहीं था। यह जिन्न सीधा शैतान के हुक्म पर चलने वाला था। अल्लाह की मदद से जीत की तलाश बुजुर्ग ने गुप्त किताब को फिर से खोला और उसमें लिखा पाया अगर यह जिन्न ताकतवर हो जाए तो इंसान को अपने सबसे बड़े हथियार का इस्तेमाल करना होगा। अल्लाह की इबादत और सबसे पाक दुआएं। बुजुर्ग ने तुरंत दो रकात नमाज पढ़ी और अल्लाह से मदद की दुआ मांगी। जैसे ही उन्होंने सजदा किया अचानक आसमान में नूर फैला और एक तेज चमकदार रोशनी काले दरवाजे पर पड़ी। जिन्न का खात्मा और दरवाजे की मोहर वह नूर जैसे ही जिन्न पर पड़ा, वह दर्द से चीखने लगा। नहीं, यह मुमकिन नहीं। बुजुर्ग ने आयतुल कुर्सी को जोर से पढ़ा और देखते ही देखते जिन्न झलकर खत्म हो गया। जैसे ही जिन्न का खात्मा हुआ, वह काला दरवाजा खुद ब खुद सील हो गया और उस पर एक नूरानी मोहर लग गई। अब कोई भी उसे खोल नहीं सकता था। गांव की हिफाजत और आखिरी सबक उस दिन के बाद गांव में कभी कोई झिन्न नहीं देखा गया। मस्जिद पहले से ज्यादा रोशन हो गई और गांव में हमेशा अमन बना रहा। बुजुर्ग को समझ आ गया कि इंसान की सबसे बड़ी ताकत उसकी ईमानदारी, दुआ और अल्लाह पर यकीन है। गांव में शांति लौट आई थी। बुजुर्ग ने अपनी पूरी जिंदगी अल्लाह की इबादत में गुजारने का फैसला किया। लेकिन उनके दिल में अब भी एक सवाल था। क्या यह वाकई आखिरी जिन्न था या कहीं और भी कुछ बाकी है? एक नई रहस्यमई खोज कुछ महीनों बाद एक दिन बुजुर्ग मस्जिद में बैठे थे कि अचानक एक अनजान आदमी वहां आया। वह बहुत घबराया हुआ था और कांपती आवाज में बोला बाबा जी मैं बहुत दूर के एक गांव से आया हूं। वहां हमारे बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि हमारी जमीन के नीचे भी एक काले दरवाजे जैसा कुछ है। वहां से हर रात अजीब आवाजें आती हैं और कई लोग गायब हो चुके हैं। बुजुर्ग ने गहरी सांस ली और सोचा क्या यह एक और जिन्न का ठिकाना है? बुजुर्ग ने कुछ शागिर्दों को इकट्ठा किया और उस आदमी के साथ नए गांव की ओर रवाना हुए। रास्ते में उन्होंने कुरान की तिलावत जारी रखी। जब वे उस गांव में पहुंचे तो माहौल बहुत भारी लग रहा था। हवा ठंडी थी और सूरज ढलने के बाद अंधेरा कुछ ज्यादा ही गहरा हो जाता था। गांव के लोगों ने बताया कि वहां एक पुराना खंडहर है जहां कोई जाने की हिम्मत नहीं करता। रात को वहां से डरावनी चीखें आती हैं और कई लोगों ने वहां एक काली परछाई को घूमते देखा है। खंडहर में छुपा दूसरा दरवाजा बुजुर्ग ने उस खंडहर की तरफ कदम बढ़ाया। जैसे ही वे उसके करीब पहुंचे हवा तेज हो गई। वहां की मिट्टी में एक बहुत बड़ा दरवाजा दबा हुआ था जिस पर अजीब निशान खुदे हुए थे। ठीक वैसे ही जैसे पिछले गांव के काले दरवाजे पर थे। जैसे ही बुजुर्ग ने उसके पास कदम रखा, अचानक जमीन हिलने लगी और दरवाजे से एक भारी डरावनी आवाज आई। तुमने पहले मेरा एक साथी खत्म किया था, लेकिन मुझे रोक नहीं सकते। सबसे ताकतवर जिन्न की दस्तक अचानक दरवाजा जोर से खुला और वहां से सफेद धुएं के साथ एक विशाल परछाई निकली। यह जिन्न पिछले सभी जिन्नों से भी बड़ा और खौफनाक था। उसकी आवाज गूंजी। मैं सिर्फ इस दरवाजे का हिफाजती जिन्न हूं। असली राजा तो अभी भी सोया हुआ है। जब वह जागेगा तब असली तबाही आएगी। बुजुर्ग के चेहरे पर चिंता की लकीरें आ गई। क्या अभी और भी बड़े जिन्न मौजूद हैं? कुरान की रोशनी और जिन्न की कमजोरी बुजुर्ग ने तुरंत सूर यासीन की तिलावत शुरू कर दी। जैसे ही आयतें हवा में गूंजने लगी, जिन्न चीखने लगा और जमीन कांपने लगी। लेकिन इस बार जिन्न इतनी जल्दी हार मानने वाला नहीं था। उसने अपनी पूरी ताकत लगाकर बुजुर्ग पर हमला किया। मगर बुजुर्ग ने बिना रुके सूरह अल जिन्न पढ़नी शुरू कर दी। जिन्न दर्द से तड़पने लगा। उसके शरीर में दरारें पड़ने लगी और कुछ ही देर में वह धुएं में बदलकर खत्म हो गया। लेकिन अब एक नया खतरा जाग चुका था। जैसे ही वह झिन्न मरा बुजुर्ग ने देखा कि जमीन के नीचे कुछ हलचल हो रही थी। किताब की एक और पंक्ति याद आई जब दूसरा दरवाजा खुलेगा तो जिन्हों का राजा जाग जाएगा। अब सबसे बड़ा सवाल यह था क्या असली जिन्न राजा अब जाग चुका था? क्या यह लड़ाई अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई थी? अगर वह राजा जाग गया तो क्या उसे हराया जा सकता था? क्या बुजुर्ग को अब सबसे बड़े जिन्न से जंग के लिए तैयार होना पड़ेगा? बुजुर्ग ने जैसे ही दूसरा जिन्न हराया, उन्होंने महसूस किया कि जमीन के नीचे हलचल तेज हो रही थी। हवा और ठंडी हो गई और अंधेरा पहले से ज्यादा गहरा हो गया। क्या जिन्हों का असली राजा अब जाग चुका है? गुप्त किताब की आखिरी कुछ लाइनों को पढ़ते ही उनकी आंखें चौड़ी हो गई। जब दूसरा दरवाजा खुलेगा तो सोया हुआ राजा जाग जाएगा। वह सबसे ताकतवर जिन्न है जिसे सिर्फ सबसे पाक इंसान हरा सकता है। जमीन के नीचे से एक जोरदार धमाका अचानक पूरा गांव हिल गया। खंडहर के नीचे से एक जोरदार धमाके के साथ एक विशाल दरवाजा प्रकट हुआ। यह दरवाजा पिछले सभी दरवाजों से बड़ा और डरावना था। उस पर अजीब लकीरें और रहस्यमई निशान बने हुए थे और दरवाजे से बाहर गर्म हवा निकल रही थी। दरवाजा जोर से हिला और उसके अंदर से एक बहुत बड़ा काला धुआं बाहर निकला। यह धुआं आसमान तक फैल गया और फिर उसमें से एक विशाल काली परछाई बन गई। उसके जलते हुए लाल आंखें थी और उसका शरीर किसी काले तूफान की तरह हिल रहा था। उसकी आवाज इतनी भारी थी कि पूरा गांव कांप गया। हजार साल हो गए। लेकिन अब मेरी हुकूमत फिर से शुरू हो गई। गांव के लोग डर कर भागने लगे। बुजुर्ग ने खुद को संभाला और बिना वक्त गवाए आयतुल कुर्सी और सूरह अल जिन्न की तिलावत शुरू कर दी। राजा जिन्न की ताकत लेकिन यह जिन्न पिछले सभी जिन्नों से अलग था। जब बुजुर्ग ने तिलावत शुरू की तो उसने जोर से हंसकर कहा तुम्हारी आयतें मुझ पर असर नहीं करेंगी। मैं जिन्नों का असली राजा हूं। उसने हाथ उठाया और अचानक एक अंधेरी लहर बुजुर्ग की तरफ बढ़ी। बुजुर्ग ने तुरंत अपने चारों तरफ झमझम का पानी छिड़का और सूरह अल फलक पड़ी। जैसे ही वह लहर बुजुर्ग के पास पहुंची, वह रोशनी में बदलकर खत्म हो गई। सबसे बड़ा मुकाबला शुरू। बुजुर्ग को एहसास हो गया कि यह जिन्न किसी आम जिन्न से बहुत ज्यादा ताकतवर था। उन्होंने अपनी तिलावत तेज कर दी और सजदे में जाकर अल्लाह से मदद मांगी। तभी अचानक आसमान से एक नूरानी रोशनी उतरी। यह रोशनी इतनी तेज थी कि पूरा गांव उजाले से भर गया। जिन्न दर्द से चिल्लाने लगा नहीं। यह मुमकिन नहीं। बुजुर्ग ने पूरी ताकत से सूरह अल बकरा की तिलावत शुरू कर दी। जिन्न अब कमजोर पड़ने लगा। उसकी काली धुंध अब बिखर रही थी। अल्लाह की मदद और जिन्न का खात्मा। आखिर में बुजुर्ग ने सजदा किया और अल्लाह से दुआ मांगी। या अल्लाह इस जिन्न को हमेशा के लिए खत्म कर दे। जैसे ही उन्होंने यह कहा, वह नूरानी रोशनी पूरी ताकत से जिन्न पर पड़ी। एक जोरदार धमाका हुआ और राजा जिन्न धुएं में बदल गया। आखिरी दरवाजे की मुहर जैसे ही जिन्न मरा वह विशाल दरवाजा खुद ब खुद बंद हो गया और उस पर अल्लाह के नूर की एक मोहर लग गई। अब कोई भी जिन्न इस दरवाजे को खोल नहीं सकता था। गांव में अमन और कहानी का सबक उस दिन के बाद से गांव में कभी कोई जिन्न नहीं देखा गया। मस्जिद फिर से आबाद हो गई और गांव के लोग रोज कुरान पढ़ने लगे। बुजुर्ग को समझ आ गया कि दुनिया की सबसे बड़ी ताकत ना दौलत है ना तलवार बल्कि सिर्फ और सिर्फ अल्लाह का कलाम है। राजा जिन्न के खत्म होने के बाद गांव में पहली बार सुकून और रोशनी महसूस हुई। लोगों को अब किसी जिन्न का डर नहीं था क्योंकि आखिरी काले दरवाजे पर अल्लाह के नूर की मोहर लग चुकी थी। बुजुर्ग ने सजदा किया और अल्लाह का शुक्र अदा किया कि उन्होंने जिन्हों की सबसे बड़ी ताकत को हरा दिया। गांव की नई शुरुआत अब गांव के लोग हर रोज मस्जिद में जाते, कुरान की तिलावत करते और अपनी जिंदगी अल्लाह की राह में लगाते। जिस मस्जिद के नीचे जिन्हों का ठिकाना था उसे फिर से आबाद किया गया। खंडहर को गिराकर वहां एक नई मस्जिद बनाई गई। गांव के लोग अब और भी ईमानदार और मजबूत बन गए। बुजुर्ग ने अपने बाकी दिनों को इल्म और इबादत में गुजारने का फैसला किया। उन्होंने अपने शागिर्दों को सिखाया कि शैतानी ताकतें हमेशा इंसान को बहकाने की कोशिश करेंगी। लेकिन अल्लाह पर भरोसा रखने वाला कभी हारता नहीं। दुनिया में अमन और हमेशा की हिफाजत राजा जिन्न के मरने के साथ ही दूसरे जिन्न भी कमजोर हो गए। कोई और अब दरवाजा खोलने की कोशिश नहीं कर सकता था क्योंकि वह दरवाजा हमेशा के लिए सील हो चुका था। बुजुर्ग की यह जंग ना सिर्फ उनके गांव को बचाने के लिए थी बल्कि पूरे इंसानी इलाकों की हिफाजत के लिए थी। अब इंसानों और जिन्हों की दुनिया हमेशा के लिए अलग हो चुकी थी। कहानी का आखिरी सबक अल्लाह की राह पर चलने वाला कभी डरता नहीं। दुआ और कुरान से हर मुश्किल हल हो सकती है। शैतानी ताकतें सिर्फ उन्हीं पर असर करती हैं जो अल्लाह से दूर होते हैं।