Diware Todti Mohabbat - 20 - Last part in Hindi Love Stories by ADITYA RAJ RAI books and stories PDF | दीवारें तोड़ती मोहब्बत - 20 (अंतिम भाग)

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दीवारें तोड़ती मोहब्बत - 20 (अंतिम भाग)


शीर्षक: अंतिम दीवार का टूटना और शाश्वत प्रेम
'फ़ैमिली होम' में शादी का मंडप तनाव से भर गया था। अलीशा ओबेरॉय की धमकी और कानूनी नोटिस हवा में गूँज रहा था।
अलीशा, वीर और अनायरा के सामने खड़ी थी, उसकी आँखों में उसके पिता की तरह ही ज़हर भरा था। "तुम्हारी शादी यहाँ नहीं हो सकती, वीर! यह जगह अब मेरी है!"
वीर ने अनायरा की तरफ़ देखा। उसकी आँखों में कोई डर नहीं था, बल्कि एक अटूट विश्वास था। वीर को अब तक अंदाज़ा हो गया था कि अनायरा ने रिया की डायरी से कोई और राज़ निकाला होगा।
"तुम ग़लत हो, मिस ओबेरॉय," अनायरा ने शांत आवाज़ में कहा। "आप यहाँ से कहीं नहीं जा सकतीं, क्योंकि आपका 'ब्लैक लिली ट्रस्ट' अवैध है।"
अलीशा ज़ोर से हँसी। "अवैध? मेरी माँ ने अंतिम समय में कागज़ात पर हस्ताक्षर किए हैं! आपके पास कोई सबूत नहीं है!"
अनायरा ने वीर की तरफ़ देखा। "रिया ने हमें सबूत दिया था, वीर। कहाँ छिपाया था?"
वीर ने याद किया—रिया ने हमेशा अपने डर और राज़ों को कला में छिपाया था। उसने तुरंत 'संगीत कक्ष' की ओर इशारा किया, जहाँ से उन्हें यूएसबी ड्राइव मिली थी।
"अनायरा! उस दीवार में! जहाँ तुमने 'स्टारगेज़र' खिड़की डिज़ाइन की थी। रिया ने हमेशा कहा था कि वहाँ से तारों को देखा जा सकता है... शायद वही कुंजी हो!"
अनायरा और वीर तेज़ी से संगीत कक्ष की ओर भागे। अलीशा और उसके गार्ड्स उनके पीछे लपके।
रिया की अंतिम कलाकृति
संगीत कक्ष में पहुँचकर, अनायरा सीधे 'स्टारगेज़र' खिड़की के पास गई। वीर ने उस खिड़की के फ्रेम को ध्यान से देखा, जिसे रिया ने खुद डिज़ाइन किया था।
"यहाँ देखो, वीर! इस फ्रेम के अंदर एक बारीक कट है!"
वीर ने कट में हाथ डाला और एक छोटा, मुड़ा हुआ कागज़ निकाला। यह रिया की आखिरी हैंडराइटिंग थी—एक और गुप्त नोट।
रिया का नोट:
"वीर, मुझे पता था कि सुमित्रा देवी मुझे मारने के बाद भी तुम्हें बर्बाद करेंगी। 'ब्लैक लिली ट्रस्ट' उनकी अंतिम चाल है। लेकिन उन्होंने एक बड़ी गलती की। यह घर सिर्फ़ मेरी संपत्ति नहीं था। यह मेरे पिता की ज़मीन थी, जो उन्होंने मेरी शादी के वक़्त मुझे तोहफ़े में दी थी। ज़मीन के कागज़ात पर साफ़ लिखा है कि इस संपत्ति को किसी भी ट्रस्ट को दान नहीं किया जा सकता, जब तक कि वह ट्रस्ट पूरी तरह से 'बच्चों की शिक्षा' के लिए समर्पित न हो।"
रिया ने आगे लिखा:
"सुमित्रा देवी का 'ब्लैक लिली ट्रस्ट' जुए और निजी लाभ के लिए बनाया गया है। कानूनी रूप से, यह क्लॉज़ इस घर को किसी भी गैर-शैक्षणिक ट्रस्ट को दान करने से रोकता है। मेरे वकील ने इसकी व्यवस्था की थी। सुमित्रा देवी को यह सच पता नहीं था, क्योंकि मैंने कागज़ात छुपा दिए थे। यह ज़मीन आर.के. चैरिटेबल ट्रस्ट (जो प्रिया के नाम पर है) को ही मिल सकती है, क्योंकि वह शिक्षा और अनाथ बच्चों के लिए है।"
वीर ने कागज़ात और नोट को अलीशा के सामने हवा में लहराया, जो हताश होकर उनके पास पहुँची थी।
"मिस ओबेरॉय! रिया के कागज़ात साफ़ कहते हैं—यह ज़मीन आपके जुए और लाभ वाले 'ब्लैक लिली ट्रस्ट' को नहीं मिल सकती। यह सिर्फ़ आर.के. चैरिटेबल ट्रस्ट को मिल सकती है, जिसकी मालिक प्रिया है। और प्रिया अब मेरी बहन है।"
अलीशा का चेहरा सफ़ेद पड़ गया। उसके वकील ने कागज़ात देखकर सिर हिला दिया—रिया का कानूनी दाँव इतना मज़बूत था कि उसे तोड़ा नहीं जा सकता था।
"यह असंभव है! मैं तुम्हें कोर्ट में देखूँगी!" अलीशा चीख़ी।
"कोर्ट में मिलेंगे," वीर ने शांत होकर कहा। "लेकिन आज, आपको मेरी शादी में बाधा डालने के लिए बाहर जाना होगा।"
अलीशा, अपनी हार से बौखलाकर, गार्ड्स के साथ साइट से चली गई। सुमित्रा देवी का अंतिम वार, रिया के अटूट प्यार के सामने धराशायी हो गया था।
दीवारों से परे: शाश्वत प्रेम
अलीशा के जाने के बाद, रात और गहरी हो गई। वीर और अनायरा मंडप में वापस आए, जहाँ प्रिया और कुछ करीबी दोस्त उनका इंतज़ार कर रहे थे।
वीर ने प्रिया की तरफ़ देखा। "तुमने यह सब बचाया, प्रिया। रिया का सपना, और हमारा भविष्य।"
प्रिया ने रोते हुए कहा, "नहीं, वीर। अनायरा ने मुझे बचाया। और रिया ने हम सबको प्यार करना सिखाया।"
पंडित जी ने शेष रस्मों को पूरा किया। जब वीर ने अनायरा को मंगलसूत्र पहनाया, तो उसकी आँखों में न केवल प्रेम था, बल्कि एक गहरा विश्वास भी था।
वे दोनों 'स्टारगेज़र' खिड़की के नीचे खड़े थे। वीर ने अनायरा को गोद में उठाया और धीमी आवाज़ में कहा, "आज से, हमारे बीच कोई झूठ नहीं, कोई दीवार नहीं, कोई डर नहीं।"
अनायरा ने मुस्कुराते हुए ऊपर तारों की ओर देखा। तारे चमक रहे थे—रिया, वीर की असली माँ, और अनायरा के माता-पिता, सब उन्हें आशीर्वाद दे रहे थे।
निष्कर्ष:
वीर और अनायरा ने उसी रात 'फ़ैमिली होम' में अपना नया जीवन शुरू किया। उन्होंने अपने घर की छत पर रिया और वीर की माँ की एक आर्ट गैलरी बनाई। वीर ने अपना जीवन और व्यवसाय कला, ईमानदारी और चैरिटी के लिए समर्पित कर दिया। प्रिया ने 'आर.के. चैरिटेबल ट्रस्ट' को आगे बढ़ाया और अनाथ बच्चों की 'दीदी' बन गई।
'दीवारें तोड़ती मोहब्बत' की कहानी, न केवल प्यार की जीत थी, बल्कि त्याग, न्याय और उन सभी अदृश्य दीवारों के टूटने की भी कहानी थी, जिन्हें समाज, नफ़रत या गलतफहमी ने खड़ा किया था। वीर और अनायरा ने सिद्ध कर दिया कि अगर प्रेम सच्चा हो, तो कोई भी दीवार उसे तोड़ नहीं सकती, बल्कि प्रेम खुद उन दीवारों को तोड़कर रास्ता बना लेता है।
--- कहानी समाप्त ---