शाम को रिसेप्शन के दिन:
किरण अपने कमरे में तैयार हो रही होती है, तभी सुहाना जी उसके कमरे में आते है और बोलते है कि;
सुहाना जी - मेरी बेटी कितनी प्यारी लग रही है, किसी की नजर न लगे तुम्हे! और उसे अपनी आंखों से थोड़ा सा काजल निकालकर लगा देती है।
किरण - आपकी बेटी की खुशियों को विपिन के होते हुए कभी नजर नही लगेगी मम्मी!
तभी किरण को विपिन का कॉल आ जाता है तो वो उठाती है।
किरण - अभी मैं तुम्हे ही याद कर रही थी जान! फिर वो अपनी मम्मी की तरफ देखकर मुस्कुराती है।
विपिन - मेरे दिल के तो हर पल तुम्हारा ही खयाल चलता रहता है, अब बस इंतजार नही हो रहा है। मैने तुम्हे इसलिए फोन किया है डार्लिंग, क्योंकि मुझे पता चला है कि साहिल और सिमरन भी आ रहे है यहां पर! हमे तो लगा था कि शायद नही आयेंगे! पर मुझे किसी ने बताया है कि वो सभी आ रहे है।
किरण - मैं तो चाहती हूं कि वो सिमरन आए और देखे कि मैं कितना खुश हुं।
विपिन - हां बेबी, पर तुम प्लीज मीडिया के सामने उसे कुछ ऐसा वैसा मत कह देना, क्योंकि वो पक्का तुम्हे भड़काने की कोशिश करेगी। विपिन ने उस दिन साहिल के घर पर हुई घटना को याद करते हुए कहा।
किरण - तुम उसकी फिक्र मत करो जान, मैं सब अच्छे से संभाल लूंगी। उसकी हिम्मत भी नही होगी, मुझसे बात करने की! तभी सुहाना जी बोलती है कि अब बातें ही करते रहोगे या फिर तैयार भी होगे विपिन! तुम्हारी दुल्हन तो कबसे तैयार बैठी है। यह सुनकर किरण शरमा जाती है।
फिर विपिन फोन रख देता है और मन में सोचता है कि किरण की वजह से मुझे सिमरन और उस साहिल को इनवाइट करना पड़ा! वरना मैं तो यह खतरा कभी नही लेता। पर फिर वो सोचता है कि चलो जो भी हो, इससे वो भी मीडिया की नजरों में आएगा, और इससे उसके बिजनेस में भी फायदा ही होगा।
धीरे धीरे करके सभी मेहमान आ रहे थे, और मीडिया पल पल की खबर लोगो तक पहुंचा रही थी। उन्होंने किरण और विपिन के रिसेप्शन का लाइव टेलीकास्ट रखा था। सामने ही स्टेज बनाया हुआ था, जहां पर विपिन और किरण आकर बैठने वाले थे। ईशान बाहर ही खड़ा हुआ था, तभी वो देखता है कि नक्ष और पूजा सामने से साथ में आ रहे है।
ईशान - वेलकम दोस्तो, और जाकर नक्ष के गले लग जाता है। पूजा, ईशान को देखे जा रही थी लेकिन वो कुछ बोलती नही है। तो ईशान ही बोलता है कि;
ईशान - थैंक यू पूजा, मेरे इन्विटेशन पर यहां आने के लिए!
पूजा - दोस्त का इन्विटेशन कोई कैसे ठुकरा सकता है। अब यह थैंक्यू वाली फॉर्मेलिटी मत करो!
ईशान को अच्छा लगता है कि पूजा अजीब बिहेव नही कर रही है। इधर पूजा मन में सोच रही होती है कि तुम्हारी कही एक एक बात मेरे लिए बहुत मायने रखती है, ईशान! तो कैसे ना आती, तुम्हारे बुलाने पर!
नक्ष - अरे, चल अब अंदर भी लेकर जायेगा या नही हमे!
ईशान - हां, तुम दोनो अंदर जाओ, मैं एक खास गेस्ट को रिसीव करके आता हुं।
नक्ष समझ जाता है कि ईशान, तानिया का इंतजार कर रहा है। तो वो पूजा को लेकर अंदर चला जाता है।
तभी पीछे से ईशान को तानिया की गाड़ी दिखती है, जैसे ही तानिया उसमे से उतरती है तो ईशान को उसे देखते ही रह जाता है। फिर ईशान उसके पास जाकर बोलता है कि;
ईशान - बहुत ब्यूटीफुल लग रहे हो आप! ईशान की नजरें अब तक तानिया के चेहरे पर ही टिकी होती है। यह सुनकर तानिया की नजरें अपने आप नीचे हो जाती है। फिर वो खुद को नॉर्मल करते हुए बोलती है कि;
तानिया - थैंक्यू! अब चले अंदर, फिर सिमरन और साहिल भी आने वाले है।
ईशान - हां बिल्कुल, और फिर वो दोनो अंदर चले जाते है। अब तक लगभग सभी गेस्ट आ चुके होते है। तभी सिमरन और साहिल की गाड़ी भी आ जाती है, जैसे ही सिमरन गाड़ी से उतरने वाली होती है, साहिल उसके कंधे पर हाथ रखता है, और पूछता है कि;
साहिल - तुम बिल्कुल फिक्र मत करना सिमरन, मैं हुं तुम्हारे साथ!
सिमरन - हां साहिल, तुम चिंता मत करो, सब अच्छा होगा अब! उसके बाद साहिल पहले गाड़ी से उतरता है और उसके बाद सिमरन को हाथ देकर गाड़ी से उतारता है। साहिल और सिमरन पहली बार साथ में मीडिया के सामने आए थे, तो उनके आते ही सभी मीडिया वाले उनके फोटोज लेने लग जाते है और उनके सामने सवाल पर सवाल पूछे जाते है। साहिल और सिमरन अभी कुछ नही बोलना चाहते होते है इसलिए वो मुस्कुराकर अंदर चले जाते है।
अब तक यहां पर सभी गेस्ट आ चुके होते है, बस सभी लोग आज के कपल, किरण और विपिन का इंतजार कर रहे होते है। सिमरन जैसे ही अपने घर में कदम रखती है, तो उसके पुराने सारे जख्म फिर से हरे हो जाते है। उसे वो सभी पल याद आने लगते है, जो उसने इस घर में बिताए थे। कैसे वो सभी लोग सिमरन को बेवकूफ बनाते थे, और वो आसानी से उनकी बातों में आ जाती थी। सजावट देखते ही उसे वो भयानक रात याद आ गई थी, जिस दिन सब सच उसके सामने आया था। यह सब सोचकर उसकी आंखें नम हो जाती है। तभी एक हाथ उसके हाथ को थामता है, और वो हाथ साहिल का था। साहिल के हाथ पकड़ते ही सिमरन में एक अलग ही हिम्मत आ जाती है, और वो अपने चेहरे की मायूसी को हटाते हुए, उसकी जगह मुस्कान ले आती है। आगे जाकर उसे सुहाना जी और राजीव जी दिखते है, जिसे देखते ही सिमरन को एक बार फिर से हिम्मत रखना थी। इधर सुहाना जी और राजीव जी, सिमरन को देखते ही मुंह बनाकर उसके सामने से निकल जाते है। जैसे कि गलती तो सिमरन की हो! पर सिमरन ने अब खुद को संभालना सीख लिया था। तभी तानिया उसके पास आती है, और बोलती है कि ;
तानिया - तुम उन्हे इग्नोर करो, सिमरन! और खुश रहो, ताकि उन्हें भी पता चले कि उन्होंने चाहें तुम्हारी खुशियां छीनने की कोशिश करी, फिर भी तुम आज खुश हो।
तभी उनका ध्यान ऊपर सीढियों की तरफ जाता है, जहां से किरण और विपिन धीरे धीरे चलकर आ रहे थे। विपिन ने किरण का हाथ थाम रखा था, और किरण की नजर तो विपिन के चेहरे पर ही थी। दोनो बहुत ही प्यारे लग रहे थे, उन्हे देखकर कोई नही कह सकता था कि वो मन के इतने बुरे है। सभी उन दोनो की तारीफ किए जा रहे थे, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे, जिन्हे उन दोनो को देखते ही गुस्सा आ रहा था। जिसमे सिमरन, साहिल, ईशान, तानिया, नक्ष और पूजा भी! पूजा को भी सब पता चल चुका था कि कैसे ईशान की फैमिली ने खुद के फायदे के लिए इतनी ओछी हरकत करी है। नक्ष ने पूजा को सब कुछ बता दिया था ईशान के बारे में!
इधर विपिन और किरण अब स्टेज पर पहुंच गए थे, सभी लोग तालियों से उनका स्वागत कर रहे होते है। मीडिया के फोटोग्राफर उनके फोटोज खीच रहे होते है। एक तरफ प्रोजेक्टर पर किरण और विपिन की शादी की तस्वीरे दिखाई जा रही थी। और बैकग्राउंड में रोमांटिक गानों की धुन चल रही थी। सिमरन और बाकी सभी एक टेबल पर बैठकर यह सब ड्रामा देख रहे होते है। और सिमरन बार बार दरवाजे की तरफ देखे जा रही थी। उसके बाद विपिन और किरण एक दूसरे को फूलों की माला पहनाने के लिए खड़े होते है। जैसे ही विपिन, किरण के गले में माला पहनाने वाला होता है, तो दरवाजे की तरफ से एक आवाज़ आती है, " रुक जाओ,विपिन!" यह आवाज इतनी जोर से होती है कि सभी का ध्यान अपनी और खींच लेती है। आवाज सुनते ही सब लोग दरवाजे की तरफ देखने लग जाते है।
क्रमश :