आदित्य :- देखो यार, तुम दोनों को तो पता है कि मैंने ज़िंदगी में बहुत मेहनत की है, तभी आज मैं इतना कामयाब हूं। लेकिन जानवी को मैंने कभी नहीं बताया कि मैं इतना अमीर हूं। उसे लगता है मैं एक सिंपल इंसान हूं।
कृतिका :- देख, मैं समझ सकता हूं कि तूने ये क्यों छुपाया। लेकिन अब जब तुम दोनों की शादी होने जा रही है, तो उसे सच जानने का पूरा हक़ है।
आदित्य :- मुझे डर लगता है कि कहीं ये सब जानकर उसके मन में मेरे लिए फीलिंग्स न बदल जाएं। मैं चाहता हूं कि वो मुझे मेरी सादगी और मेरे स्वभाव की वजह से पसंद करे, ना कि मेरी दौलत की वजह से। और मुझे इससे ये भी जानना है के कही जानवी
मोनिका की तरह तो नही है ।
रमेश :- अरे यार, अगर जानवी तुझसे सच्चा प्यार करती है, तो तेरी दौलत से उसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। और अगर फर्क पड़ता है, तो बेहतर है कि ये बात शादी से पहले ही सामने आ जाए।
कृतिका :- रमेश सही कह रहा है। रिश्ते की बुनियाद ईमानदारी और विश्वास पर टिकी होती है। अगर तूने ये बात छुपाई और उसे बाद में पता चला, तो वो विश्वास टूट सकता है। उसे तेरी मेहनत और तेरी सच्चाई जानकर और भी ज़्यादा तुझसे प्यार होगा।
आदित्य :- प्यार ..? वो तो होना मुश्किल है यार ।
कृतिका :- ऐसा क्यो बोल रहे हो आदित्य ? तुम अब भी मोनिका के बारे मे सौच रहे हो !
आदित्य :- ऐसी बात नही है । ( आदित्य कृतिका और रमेश को जानवी और आदित्य के बिच हूए डिल के बारे मे बताता है । )
जिसे सुनकर दोनो बहोत हैरान हो जाता है ।
कृतिका :- ये कैसी शादी है । जिसमे दोनो के बिच डिल हूई हो और तुम मान कैसे गए आदित्य?
आदित्य :- इसमे सिर्फ उसकी ही नही मेरी भी सहमती है । तुमलोग गलत मत समझो यार , मुझे भी थौड़ा समय चाहिए ।
कृतिका :- हां ठिक है , टाईम सबको लगता है । पर इसका मतलब ये तो नही के शादी से पहले डिल किया जाए । फिर बाद मे ये शादी कही डाइवोर्स तक ना पहूँच जाए ।
कृतिका की बात को सुनकर रमेश और आदित्य चुप था ।
तभी वहां पर अनय और विद्युत आता है ।
आदित्य :- पापा , भैया आप दोनो यहां पर ?
विद्युत: - तुम पर किसीने हमला किया और तुमने हमे बताया तक नही ।
आदित्य: - पापा सब ठिक है ।
अनय :- कौन था वो लोग ! क्या तुम उनमे से किसीको पहचाना ?
आदित्य :- नही भैया , वो लोग मुझपर नही , जानवी और अशोक अकल पर हमला किया था । मैं उसे पकड़ता उससे पहले वो लोग वहां से भाग निकले ।
अनय :- वो लोग कोई भी हो । बहोत जल्द पकड़ा जाएगा ।
विद्युत: - ( आदित्य के घाव को दैखते हूए ) बेटा तुम ठिक तो हो ? ज्यादा चोट तो नही आई ना ?
आदित्य :- मैं बिल्कुल ठिक हूँ पापा ।
विद्युत :- शादी तिवारी मेंशन मे होगी और बड़े ही धुमधाम से होगी ।
आदित्य :- पर पापा मैं चाहता था के मेरी शादी सिंपल तरिके से ही हो ।
विद्युत :- मेरे बेटे की शादी हो और वो भी सिंपल , बेटा तुमने जो चाहा वो मैने किया और आगे भी तुम जैसे चाहोगे वैसे ही होगा । पर जब बात मेरे बेटे की आएगी उसकी खुशियों की आएगी तो उसमे सिर्फ मैं फैसला करुगां ।
आदित्य :- जैसी आपकी मर्जी पापा ।
शादी की शॉपिंग करने के लिए आदित्य जानवी के घर आता है । वहीं पर अशोक और जानवी दोनो बैठा था ।आदित्य को दैखकर अशोक कहता है
अशोक :- अरे आदित्य बेटा आओ आओ बेठो बेटा । तुम यहां पर ऐसे अचानक से । मैं जानवी को बुलाता हूँ ।
आदित्य अपना सर निचे करके सर्माते हूए कहता है ।
आदित्य :- जी , अंकल वो , मैं जानवी को ही ले जाने आया हूँ । वो शादी को बस कुछ ही समय बाकी है । तो इसलिए मुझे कुछ शॉपिग करनी है , मेरे लिए और जानवी के लिए ।
आदित्य से इतना सुनकर अशोक खुश हो जाता है तभी वहां जानवी आ जाती है तो अशोक हंसतो हूए कहता है ।
अशोक :- हां बेटा जरुर ले कर जाओ । तो इसमे सर्माने वाली क्या बात है । जानवी और तुम एक दुसरे से शादी करने वाले हो । तुं दोनो जहां जाना चाहो वहां पर जाओ । पर माफ करना बेटा पर मैं तुम्हें शॉपिंग के लिए बोलने ही वाला था । मैने सोचा था के मैं तुम दोनो को एक अच्छी जगह लेकर जाउ ।
आदित्य :- कोई बात नही अंकल । आपकी बेटी की शादी है , आपके भी कुछ अरमान है । आज मैं और जानवी कर लेता हूँ फिर आप भी कर लेना । आपकी मनका भी पुरा हो जाएगा और मेरा भी ।
आदित्य के इतना कहने पर अशोक और जानवी दोनो ही बहोत इंप्रेस होता है ।
अशोक :- बेटा तुम मेरी कार लेकर जाओ ।
आदित्य :- ठिक है अंकल । जानवी , अब चले ?
जानवी चाहकर भी मना नही कर पाती और हां मे अपनी सर हिला देती है । जानवी और आदित्य वहां से शॉपिग के लिए चला जाता है । जानवी कुछ नही कहती वो चुपचाप कार मे बैठकर जाने लगती है क्योकी जानवी जानती थी ।
के आदित्य के पास उतना पैसा नही है के वो उसे मंहगे जगह पर लेकर जाए ।
आदित्य कार को अपने ही शॉपिग मॉल के बाहर रोकता है । जिसे दैखकर जानवी कहती है ।
जानवी : - हम यहां शॉपिंग करेगें ?
आदित्य :- हां क्यों । ये जगह पंसद नही है क्या ?
जानवी :- नही मेरा वो मतलब नही था । पापा भी इसी जगह के बारे मे बात कर रहे थे । ये जगह बहोत एक्सपेंसिव है ।
आदित्य :- हां तो , तुम अंदर तो चलो ।
जानवी :- देखो । तुम्हें ये सब करने की कोई जरुरत नही है । मैं जानती हूँ के तुमने अपनी जॉब भी छोड़ दी है । तो ये सब । अगर तुम मेरे लिए कुछ ना भी करो तो भी मैं बुरा नही मानुगीं । पर मेरे लिए तुम्हें ये सब करने कि जरुरत नही है ।
आदित्य :- क्यों जरुरत नही है । तुम मेरी होने वाली वाइफ हो । हां भले ही हमने एक दुसरे से अलग डिल की है , पर शादी के बाद तुम मेरी जिम्मेदारी हो । और मैं तुम्हारे लिए नही ये सब मैं अपने लिए कर रहा हूँ । इसिलिए सोचो मत और जो पंसद है ले लेना ।
आदित्य के इतना कहने पर जानवी आदित्य की और दैखती है और अंदर चली जाती है । वहां की सिक्योरिटी आदित्य को दैखकर सेल्यूट करता है पर आदित्य उसे ये सब करने से मना कर देता है ।
अंदर मे आदित्य को दैखकर सभी स्टाफ आदित्य को सर सर करके उसके पिछे आता है और आदित्य को दैखकर सभी डर जाती है क्योकी अचानक से मालिक का मॉल मे आना सबको डरा ही देती है । आदित्य को दैखकर सभी सर सर कर रहा था ये दैखकर जानवी हैरान थी के सभी आदित्य को इतना वेल्यु क्यों दे रहा है ।
तभी वहां पर मेनेजर आता है जिसे आदित्य ने पहले ही सारी बात समझा दिया था । मेनेजर सभी को ये बात समझा देता है ।
पर फिर भी वहां के स्टाफ अपने मालिक के होने वाले बिवि के लिए कोल ड्रिग्सं , नास्ता और बहोत कुछ लाता है । जानवी ये सब दैखकर हैरान थी के सभी उसे ऐसे ट्रीट कर रहे थे जैसे वो उस मॉल की मालकिन हो ।
आदित्य और जानवी दौनो मिलकर बहोत सारा शॉपिंग करता है । जानवी को थोड़ी हैरानी हो रही थी के इतने महगें मॉल मे आदित्य उसे लेकर आया और जानवी को जो पंसद है वो उसे लाकर दे रहा है । किमत दैख ही नही रहा है । जानवी आदित्य की और दैखती है के इतने महंगे कपड़े खरीद रहा है और आदित्य के चेहरे पर कोई टेंशन नही है ।
जानवी एक सारी दैख रही थी जो जानवी को बहोत पंसद आ रही थी । जानवी ने जब उस सारी का दाम दैखा तो जानवी ने उसे साईड मे रख दिया क्योंकी उस सारी की किमत बहोत ज्यादा थी । आदित्य ये सब दैख लेता है । तभी वहां पर मोनिका और विकी भी वहां पर आ जाती है । मोनिका आदित्य और जानवी दोनो को एक साथ शॉपिंग मॉल मे दैखकर जलन होने लगती है । मोनिका जानवी के पास जाती है और कहती है ।
मोनिका: - हाय जानवी । शॉपिंग करने आई हो ?
जानवी मोनिका की बात का कोई जवाब नही देती है । तब मोनिका जानवी के बगल मे बैठ जाती है और जानवी के कपड़ो की किमत को दैखकर कहती है ।
मोनिका :- वाउ । ये बहोत अच्छा है । पता है जानवी ये मॉल बहोत एक्सपेंसिव है और यहां की कलेक्शन का क्या कहना । तुम यहां पर अपने लिए कपड़े खरीद सकती हो । तुम्हें यहां पर दैखकर मुझे कोई हैरानी नही हूई । बल्की मुझे अच्छा लगा के तुम अपने और इस आदित्य को भी यहां पर लेकर आई । वरना ये बेचारा यहां पर कैसे आ पाता ।
To be continue......120