🌹 ये पायल क्यों बजे 🌹
शाम का समय था। कॉलेज कैंपस में हल्की-हल्की हवा बह रही थी। पेड़ों की पत्तियाँ सरसराहट कर रही थीं और आसमान हल्के नारंगी रंग से सजा हुआ था। आकाश भीड़ से दूर कैंटीन के एक कोने में बैठा किताब पढ़ने का नाटक कर रहा था, जबकि उसकी नज़रें बार-बार उसी तरफ जाती थीं—जहाँ वो बैठी थी।
वो... अनिका।
कक्षा की सबसे चुलबुली, सबसे हँसमुख और सबसे मासूम लड़की। उसके पैरों में हमेशा चांदी की पायल खनकती रहती थी। जब भी वो कॉलेज के गलियारे से गुजरती, तो हर कदम पर छन-छन की आवाज गूंज जाती।
आकाश कई दिनों से सोच रहा था कि आखिर इस पायल की खनक में ऐसा क्या है जो उसके दिल की धड़कनों को बढ़ा देती है। लेकिन आज, शायद उसे अपने सवाल का जवाब मिलने वाला था।
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पहली मुलाकात
पहली बार आकाश ने अनिका को लाइब्रेरी में देखा था। किताबों की भीड़ के बीच वो सीढ़ियों से उतर रही थी और उसकी पायल की झंकार पूरे हॉल में गूंज रही थी। आकाश को लगा जैसे कोई अनदेखा जादू उसकी ओर खींच रहा हो।
“माफ कीजिए, ये किताब चाहिए थी क्या?” – अनिका ने पूछा था, हाथ में प्रेमचंद का उपन्यास थामे हुए।
आकाश तो जैसे खो गया था। बड़ी मुश्किल से होश में आते हुए उसने सिर हिलाया, “हाँ… पर आप रख लीजिए।”
अनिका मुस्कुराई, उसकी मुस्कान में भी वही मासूमियत थी जैसी पायल की झंकार में।
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दोस्ती की शुरुआत
धीरे-धीरे दोनों की मुलाकातें बढ़ने लगीं। कभी कैंटीन में, कभी क्लास के बाद और कभी लाइब्रेरी की सीढ़ियों पर।
अनिका हमेशा हँसते-हँसते कहती—
“पता है आकाश, मेरी पायल को सब पसंद करते हैं। पर किसी ने आज तक ये नहीं पूछा कि मैं पायल क्यों पहनती हूँ।”
आकाश सुनते-सुनते चुप रह जाता। उसके मन में हजार सवाल उठते, पर वो कभी हिम्मत नहीं कर पाया पूछने की।
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इज़हार की कोशिश
एक दिन कॉलेज में वार्षिक समारोह था। सब अपनी तैयारियों में लगे हुए थे। अनिका ने डांस परफॉर्मेंस के लिए नाम दिया था। वो मंच पर आई—गुलाबी लहंगे में, पैरों में वही चाँदी की पायल, और जब संगीत शुरू हुआ तो उसकी हर थिरकन के साथ पायल बज उठी।
पूरे ऑडिटोरियम में सन्नाटा था, बस अनिका की पायल की छनक और उसकी मुस्कान गूंज रही थी। आकाश को लगा मानो ये नृत्य सिर्फ उसके लिए हो।
परफॉर्मेंस खत्म होते ही तालियों की गड़गड़ाहट हुई। आकाश ने ठान लिया—आज तो पूछकर ही रहेगा—“ये पायल क्यों बजे?”
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सच का सामना
शाम को गार्डन में दोनों बैठे थे। आसमान तारे बिखेर रहा था और ठंडी हवा बह रही थी।
आकाश ने हिम्मत जुटाई,
“अनिका… एक बात पूछूँ? तुम हमेशा पायल क्यों पहनती हो? ये छनक… तुम्हारे हर कदम पर क्यों साथ देती है?”
अनिका कुछ देर चुप रही। उसकी आँखों में हल्की नमी आ गई। फिर धीमे स्वर में बोली,
“जब मैं बहुत छोटी थी, पापा मुझे हमेशा कहते थे कि बेटी, तुम्हारी हँसी और तुम्हारी पायल की छनक घर को खुशियों से भर देती है। लेकिन… कुछ साल बाद पापा हमें छोड़कर चले गए। तबसे मैंने तय कर लिया कि उनकी याद हमेशा मेरे साथ रहेगी। ये पायल… पापा की आखिरी निशानी है। जब भी ये बजती है, मुझे लगता है पापा मेरे आसपास हैं।”
आकाश सन्न रह गया। उसके दिल में अनिका के लिए सम्मान और भी बढ़ गया।
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प्यार का इज़हार
उस रात आकाश ने अनिका का हाथ थामा और बोला—
“अनिका, ये पायल सिर्फ तुम्हारे कदमों की आवाज़ नहीं है, ये मेरे दिल की धड़कन बन चुकी है। मैं चाहता हूँ कि ये छनक हमेशा मेरे साथ गूंजती रहे। क्या तुम… मेरी ज़िन्दगी की धुन बनोगी?”
अनिका की आँखों से आँसू बह निकले, लेकिन चेहरे पर वही प्यारी सी मुस्कान थी।
“आकाश, अगर तुम्हारे दिल की धड़कन मेरी पायल की झंकार से जुड़ गई है… तो ये बंधन कभी टूट नहीं सकता।”
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हमेशा साथ
दिन बीतते गए। कॉलेज के हर कोने में उनकी हँसी और पायल की छनक गूंजती रहती। दोस्त कहते—
“जहाँ पायल बजेगी, वहाँ आकाश ज़रूर होगा।”
आकाश हर बार मुस्कुराकर जवाब देता—
“क्योंकि अब मेरी ज़िन्दगी की पहचान ही ये पायल की छनक है।”
और सच में… अब वो पायल सिर्फ अनिका की नहीं थी, बल्कि उनके प्यार की गवाही बन चुकी थी।
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🌹 “कभी किसी के प्यार को समझना हो तो उसकी पायल की छनक सुनो, उसमें उसके दिल की पूरी कहानी छुपी होती है।” 🌹
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✨ The End ✨
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