🌸 पहली दफ़ा 🌸
शुरुआत
कॉलेज का पहला दिन हमेशा नया, ताज़ा और उत्साह से भरा होता है। विशाल भी उस सुबह नए सपनों के साथ कॉलेज पहुँचा था। सफेद शर्ट, नीली जीन्स और कंधे पर बैग टाँगे हुए, उसके चेहरे पर हल्की घबराहट साफ झलक रही थी।
वो सोच रहा था –
“न जाने कैसे होंगे यहाँ के लोग? दोस्त बनेंगे या अकेला ही रह जाऊँगा?”
उसी सोच में डूबा वो क्लासरूम में घुसा और उसकी नज़र सामने वाली बेंच पर बैठी एक लड़की पर पड़ी।
उसकी बड़ी-बड़ी आँखें, लंबें बाल और हल्की सी मुस्कान… बस, उसी पल विशाल को लगा जैसे दुनिया थम गई हो।
यह एहसास उसके लिए नया था। दिल धड़क रहा था, साँसें तेज़ हो रही थीं…
वो था — पहली दफ़ा किसी पर दिल हार जाना।
पहली मुलाकात
लड़की का नाम था अनुष्का। वो पढ़ाई में तेज, लेकिन बेहद सरल स्वभाव की थी। क्लास खत्म होने के बाद जब सब बाहर निकले, तभी विशाल का बैग गिर गया और उसमें से किताबें ज़मीन पर बिखर गईं।
अनुष्का ने झुककर किताबें उठाने में मदद की और मुस्कुराकर बोली –
“शायद पहली बार हो, इसलिए इतना नर्वस हो?”
विशाल हल्के से हँसा और बोला –
“हाँ… और शायद पहली बार ही इतना अच्छा महसूस कर रहा हूँ।”
अनुष्का उसकी बात सुनकर चुप रही, लेकिन उसके चेहरे पर एक अजीब सी चमक थी।
दोस्ती की शुरुआत
दिन बीतते गए। विशाल और अनुष्का की बातें बढ़ने लगीं। पहले लाइब्रेरी में, फिर कैंटीन में और धीरे-धीरे एक-दूसरे की दुनिया में।
दोनों एक-दूसरे से अपनी छोटी-छोटी बातें शेयर करने लगे।
कभी नोट्स, कभी कॉफी और कभी कॉलेज की टॉपर लिस्ट पर चर्चा… सब बहाना था, असल में दोनों का मन एक-दूसरे के पास ही लगता था।
विशाल के लिए ये सब नया था।
हर बार अनुष्का से मिलते हुए वो यही सोचता –
“यही है वो एहसास, जो ज़िंदगी में पहली दफ़ा हुआ है।”
पहली बार हाथ थामना
एक दिन कॉलेज की पिकनिक पर सब छात्र पास के झील किनारे गए। सब खेलकूद में लगे थे और अनुष्का अकेली झील के किनारे बैठी थी।
विशाल ने हिम्मत जुटाई और उसके पास जाकर बोला –
“इतनी चुप क्यों हो?”
अनुष्का ने कहा –
“बस पानी को देख रही थी। कितना शांत लगता है, ना?”
विशाल ने उसकी ओर देखा और अनजाने में उसका हाथ पकड़ लिया।
उस पल दोनों चौंके, लेकिन हाथ नहीं छोड़ा।
वो पल शायद दोनों की ज़िंदगी का सबसे खास पल था।
पहली दफ़ा किसी का हाथ थामने का एहसास।
इज़हार
अब विशाल का मन और नहीं मान रहा था। उसने तय किया कि वो अनुष्का से अपने दिल की बात कहेगा।
कॉलेज की वार्षिक संध्या पर, जब अनुष्का स्टेज से उतरी तो विशाल उसके पास गया।
उसके हाथ में एक गुलाब था।
“अनुष्का… ये शायद मेरा पहला प्यार है, और तुम ही इसकी वजह हो। पता नहीं ये इश्क़ क्या होता है, लेकिन जब से तुमसे मिला हूँ, सब बदल गया है। क्या तुम मेरी ज़िंदगी का हिस्सा बनोगी?”
अनुष्का कुछ पल चुप रही। उसकी आँखें नम थीं।
धीरे से मुस्कुराते हुए उसने कहा –
“ये पहली बार है, जब किसी ने मुझसे ऐसे कहा… और शायद पहली बार मैं भी किसी के लिए ऐसा महसूस कर रही हूँ।”
मुश्किलें
प्यार आसान कहाँ होता है।
अनुष्का के घरवालों को ये रिश्ता पसंद नहीं आया। उनका मानना था कि पढ़ाई पूरी होने तक ऐसी बातें करना ठीक नहीं।
उन्होंने अनुष्का को समझाया –
“ये सब मोह-माया है। ज़िंदगी में करियर सबसे ज़रूरी है।”
अनुष्का दुविधा में थी। एक तरफ उसका दिल, दूसरी तरफ परिवार।
पहली दफ़ा जुदाई
परिस्थितियाँ ऐसी बनीं कि अनुष्का को एक साल के लिए पढ़ाई करने विदेश जाना पड़ा।
विदा लेते वक्त उसकी आँखें छलक गईं।
उसने विशाल से कहा –
“ये पहली बार है जब मैं तुमसे इतनी दूर जा रही हूँ… लेकिन यकीन करो, ये दूरी हमें तोड़ नहीं सकती।”
विशाल ने उसका हाथ थामकर कहा –
“पहली दफ़ा का एहसास कभी खत्म नहीं होता। मैं इंतज़ार करूँगा।”
सालों बाद…
एक साल बीत गया। विशाल ने अपने सपनों को साकार किया और अनुष्का ने भी पढ़ाई पूरी की।
वापस आने के बाद जब दोनों मिले, तो वही पुराना एहसास लौट आया।
अनुष्का ने मुस्कुराकर कहा –
“याद है, पहली दफ़ा जब हम मिले थे?”
विशाल ने हँसते हुए जवाब दिया –
“कैसे भूल सकता हूँ… वो पहली नज़र, पहली मुस्कान, पहला हाथ थामना, पहली जुदाई… सब मेरी ज़िंदगी के सबसे खूबसूरत लम्हे हैं।”
और उसी पल विशाल ने अनुष्का को शादी के लिए प्रपोज़ किया।
अनुष्का की आँखों से आँसू बह निकले और उसने कहा –
“हाँ… क्योंकि पहली दफ़ा का प्यार ही सच्चा प्यार होता है।”
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🌹 अंत 🌹
दोनों की मोहब्बत अब एक नई मंज़िल पर पहुँच चुकी थी।
लोग कहते हैं – पहली मोहब्बत कभी भूलती नहीं… और जो उसे निभा ले, उसकी ज़िंदगी सचमुच खूबसूरत हो जाती है।
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