“ Chapter- 5 : एक ख़तरनाक कातिल ”
सुबह 10 बजे का वक़्त है, कोहरे का स्तर सामान्य है, सब कुछ साफ दिख रहा है, बस दूर से सब थोड़ा सा धुंधला नज़र आ रहा है, विशाल( उम्र 30) अपनी पुरानी बाइक पर सवार हो कर शहर से दूर कच्चे रास्ते से जंगल की ओर जा रहा है, रास्ते के आस पास झाड़ियां है पर घना जंगल अभी भी शुरू नहीं हुआ।
विशाल की जिंदगी में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, उसकी नशा करने की आदत, उसकी वाइफ उसे दो साल पहले ही छोड़ कर चली गई है, उसकी नौकरी जा चुकी है, लॉन वो चुका नहीं पा रहा, कर्ज से दब गया है, वो इन सब से परेशान हो कर अपनी जिंदगी ख़त्म कर देना चाहता है।
विशाल का चेहरा मुरझाया हुआ है, अपनी बाईक ले कर कच्चे रास्ते से होते हुए वो घने जंगल के बीच मौजूद एक पुराने खंडर पर पहुंचता है, वहां आगे बाईक ले जाना मुश्किल होता है इस लिए वो खंडर के सामने वाले मैदान में ही बाईक रख देता है।
विशाल पुराने खंडर को देखता है, देखने से ऐसा लगता है जैसे कभी वो खंडर बहुत आलीशान हुआ करता होगा, उस पर कौए बैठे हुए क्राव… क्राव… की आवाजें निकाल रहे है, विशाल चलते हुए कच्चे गलियारे जैसे छोटे से रस्ते से आगे बढ़ता है।
झाड़ियों के बीच से चलते हुए थोड़ी ही देर में वो एक मैदान जैसी खाली जगह पर पहुंचता है, इसके आगे खाई है, ज़्यादा गहरी नहीं पर कोई इंसान कूद जाए तो जिंदा नहीं बचता।
यह एक फेमस सुसाइड प्वॉइंट है, खूबसूरत लेकिन बदनाम, आम दिनों में कई लोग यहां फोटो खिंचवाने तो कुछ लोग अपनी जिंदगी से परेशान हो कर मरने के लिए यहां आते है, विशाल का इरादा यहां अकेले आकर फोटो खिंचवाने का तो नहीं है।
विशाल खाई के पास जाता है और उसमें झाक कर देखता है, वो आज ये फैसला कर के आया है कि वो यहां से कूद कर अपनी जिदगी और इसके साथ अपने सारे दुखों को भी ख़त्म कर देगा, पर वो खाई में कूद ने से डर रहा है।
विशाल खाई के पास खड़ा है और तभी पीछे झाड़ियों में हलचल होती है, हल्के कोहरे के बीच कोई ओर वहां पीछे से दस्तक देता है,
कोई पीछे से ऊंची आवाज़ में विशाल को कहता है :
“ वहां कूदना चाहते हो… ? बहुत ही बुरा आइडिया है। “
विशाल पीछे मुड़ कर देखता है, वो सख्श और कोई नहीं बल्कि उस घने कोहरे की रात वाला कुर्षित है, कुर्षित अपनी पुरानी ब्लैक जैकेट और काले गॉल चश्मे पहने वहां खड़ा है, विशाल परेशान है, उसे कुछ सूझ नहीं रहा, वो खामोश रहता है, कुर्षित धीरे से चलते हुए नजदीक आता है।
कुर्षित कहता है :
“ मेरे दोस्त… कोई खास समस्या है ??? क्यों मरना चाहते हो ? “
विशाल दुःखी भाव से कहता है :
“ मेरे पास जीने की कोई वजह नहीं है। “
कुर्षित :
“ बताओ… क्या हुआ है। “
विशाल :
“ पुरी दुनिया मेरी दुश्मन बन चुकी है, अगर में चैन से जीना चाहु तो भी ये कमिने ज़ालिम लॉग मुझे जीने नहीं देंगे। “
कुर्षित :
“ तुमने सही कहा, ये दुनियां वाकई में हरामजादों से भरी हुई है, जरा देखो उन्होंने मुझ जैसे अच्छे इंसान को दुख दर्द दे कर क्या से क्या बना दिया। “
विशाल :
“ हा… और अब में इस मतलबी दुनिया को छोड़ रहा हु। “
कुर्षित :
“ ख़ुद से मरने के लिए वही इंसान तैयार होता है जिसके पास खोने के लिए कुछ भी नहीं होता, क्या तुम्हारा कोई परिवार नहीं ? “
विशाल :
“ मेरी बीवी मुझे छोड़ कर चली गई, मेरा बेटा भी ले गई, अब कुछ नहीं बचा मेरे पास। “
कुर्षित मु चढ़ा कर कहता है :
“ ये आज कल की बीवियां ऐसी ही होती है, किसी के भी साथ भाग जाती है। “
विशाल :
“ नहीं… वो किसी ओर के साथ नहीं, वो मेरी नशे की आदत की वजह से अपने बाप के घर चली गई। “
कुर्षित :
“ ओह… तुम तो बड़े नशेड़ी लगते हो, हमारे पास तुम्हारे लिए एक खास मौका था पर तु तो अपनी बीवी को नहीं संभाल पाया, तू मरने के ही लायक है। “
विशाल :
“ मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। “
कुर्षित :
“ अगर तुम खाई में कूद ते हो तो तुम्हे एक दर्दनाक मौत मिलेगी, खाई ज्यादा गहरी नहीं, नीचे झाड़ियां है वहां तुम फंस सकते हो, पर तुम चाहो तो में तुम्हे सबसे आसान और बिना दर्द की मौत दे सकता हु। “
विशाल :
“ वो कैसे ? “
कुर्षित :
“ में एक पेशेवर कातिल हु, सिर्फ 3 सेकंड में तुम्हारी जान निकाल सकता हु, जिस से तुम्हे दर्द का एहसास होने से पहले ही तुम्हारी आत्मा निकल जाएगी। “
विशाल :
“ क्या बकवास है, मुझे तुम पर यकीन नहीं। “
कुर्षित :
“ तुम्हारे पास और कोई रास्ता नहीं, आओ मेरे पीछे आओ, तुम्हे एक खास चीज दिखाता हु। “
कुर्षित आगे चलता हैं और विशाल उसके पीछे जाता है, विशाल आत्महत्या का फैसला कर चुका है इसी लिए वो किसी से नहीं डरता, वो ये जान ने के लिए बेताब है कि कुर्षित आखिर उसे क्या दिखाना चाहता है।
कुर्षित और विशाल पुराने खंडर में पहुंचते है, खंडर अभी भी ठीक ठाक हालात में है, वो दोनों एक बड़े हॉल में पहुंचते है, वहां एक गोल सर्कल है, जिसमें एक टेबल जैसा पत्थर और उसके पास नीचे अजीब सी आकृतियों की डिजाइन है।
कुर्षित धीरे से कहता है :
“ ये खंडर एक खास देवता का मंदिर हुआ करता था, यहां अठारहवीं सदी तक इंसानों की बलि दी जाती थी, अगर तुम यहां मरते हो तो शायद तुम्हे मोक्ष मिल जाए और मुझे उस देवता का आशीर्वाद। “
विशाल :
“ ये कैसा देवता है जिसे इंसानी बलि दी जाती है ? “
कुर्षित :
“ एक खास समुदाय सत्तर हज़ार साल पहले से इस देवता को मान रहा है और उसके लिए बलि चढ़ा रहा हैं। ”
विशाल :
“ कौनसा समुदाय ? तुम इसके बारे में कैसे जानते हो ? “
कुर्षित :
“ में जानता हु क्योंकि में भी इसी समुदाय का हिस्सा हु। “
विशाल :
“ तो तुम्हारा समुदाय कहा रहता है ? “
कुर्षित :
“ तुम इसके बारे में मत सोचो, इस पत्थर पर अपना सिर रखो और शांत हो जाओ । “
विशाल :
“ और इसके बाद तुम क्या करने वाले हो ? “
कुर्षित अपनी गन निकाल कर कहता है :
“ में इस गन से तुम्हारे सिर पर शूट करूंगा और 3 से 4 सेकंड में तुम्हे आजादी मिल जाएगी अपनी घटिया- वाहियात जिंदगी से और इस पुराने देवता की वजह से शायद मोक्ष भी। “
विशाल :
“ क्या तुम्हे यकीन है कि ऐसा होगा ? “
कुर्षित :
“ वैसे रसम के मुताबिक बलि देने से पहले दुनिया की सबसे पुरानी भाषा एबेस्थीज में मंत्र बोले जाते थे, मुझे वो नहीं आता, पर विश्वास रखो, सब सही होगा। “
विशाल :
“ मुझे तुम पर भरोसा नहीं। “
कुर्षित :
“ फ़िक्र मत करो, इसके लिए सबसे ज्याद महत्वपूर्ण है सच्चे दिल से समर्पण जोकि तुम कर सकते हो। “
विशाल आत्महत्या का मन बना चुका है, वो कुर्षित की बातों में आ कर आगे बढ़ता है, सबसे पहले वो अपना फोन वहां पास ही में नीचे रखता और फिर घुटने के बल बैठ कर पत्थर पर अपना सिर रख देता है, कुर्षित उसे भरोसा दिलाता है कि सब ठीक होगा।
कुर्षित अपनी गन निकालता है, तभी पास ही में रखे विशाल के फ़ोन में कॉल आता है, वो विशाल की वाइफ का है, शायद उसकी वाइफ को पता चल गया है कि विशाल मरने जा रहा है।
विशाल फ़ोन में अपनी वाइफ का नाम देख कर वापस से खड़ा होने की कोशिश करता है तभी कुर्षित पीछे से उसकी गर्दन पकड़ कर वापस उस पत्थर पर टिका देता है।
विशाल चिल्ला कर केहता है :
“ छोड़ो मुझे… वो मेरी वाइफ का फ़ोन है, मुझे उस से बात करने दो… छोड़ो मुझे अभी। “
कुर्षित कठोर हो कर कहता है :
“ इतना आगे बढ़ने के बाद हम रुक नहीं सकते, तेरे मरने का वक़्त फाइनल हो चुका है, अब ये नहीं बदलेगा, फिकर मत कर तेरे मरने के बाद तेरी बीवी का खयाल में रखूंगा। “
विशाल चिल्ला कर छूट ने की कौशिश करता है तभी कुर्षित उसके सिर में गोली मार कर उसे मौत के घाट उतार देता है, सारा खून पत्थर से बह कर नीचे मौजूद आकृतियों में भरने लगता है, कुर्षित ये देख कर मुस्कुराता है।
कुर्षित वहां थोड़ी देर इंतजार करता है पर वहां कुछ भी खास नहीं होता, जैसा वो सोच रहा था, वैसा कुछ भी नहीं, इसके बाद वो नीचे गिरा हुआ खून पानी की तरह हाथ में लेकर उसे चाट कर टेस्ट करता है, शायद उसे ये अच्छा लगा, वो फिर मुस्कुराता है ।
इसके बाद कुर्षित विशाल की बॉडी को उठा कर खंडर से बाहर लाता है और वहां सामने पड़ी अपनी कार की डिकी में प्लास्टिक लपेट कर डाल देता है, फिर वो वहां से कुछ बड़बड़ाते हुए कार लेकर चला जाता है।
कुर्षित अपनी कार लेकर जंगल की बाहर की ओर जाने लगता है, कुछ देर बाद वो घने जंगल से बाहर निकलता है, वही थोड़ा आगे जाने के बाद रोड़ के साइड में एक पुराने टूटे फूटे बड़े घर के पास उसे एक नई बाइक पड़ी हुई दिखती है।
कुर्षित वहां अपनी कार रोकता है, और फिर बाहर निकल कर चुपके से उस घर की ओर आगे बढ़ता है, वो सामने के बदले पीछे से जाता है, वही एक कमरे में उसे हल चल सी सुनाई पड़ती है, वो और आगे बढ़ता है और पीछे जा कर एक टूटी हुई खिड़की से झाक कर देखता है, वहां एक लड़का और लड़की मौजूद है,
कुर्षित हंसते हुए कहता है ।
“ अच्छा तो कॉलेज यहां खुला है ? मुझे अपनी क्लास में इनवाइट करोगे ?? “
प्रेमलीला करने आए कॉलेज के लड़का लड़की कार की आवाज़ सुन कर पहले ही सतर्क हो गए थे, डरावने कुर्षित को देख कर वो लोग डर के मारे वहां से भागने लगते है, कुर्षित भी जल्दी से दौड़ता हुआ आगे की ओर जाने लगता है, वही घास के बीच पड़े पत्थर की ठोकर लगने से वो गिर जाता है और उसका सिर दीवार से जाकर टकरा जाता है।
वो लड़का लड़की जल्दी से बाईक पर बैठ कर तेज़ रफ़्तार से वहां से भाग जाते है, कुछ ही देर में वापस कुर्षित खड़ा होता है और चलते हुए वापस अपनी कार के पास जाता है, कुर्षित गुस्से में है।
कुर्षित :
“ क़िस्मत अच्छी थी हरामजादों की, लेकिन कब तक बच सकोगे मुझसे….“
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