Bandhan - 63 in Hindi Fiction Stories by Maya Hanchate books and stories PDF | बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 63

Featured Books
Categories
Share

बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 63

पालकी और दुर्गा तो राखी बनाना शुरू कर चुके थे। पर सांची को राखी सही से बनानी नहीं आ रही थी क्योंकि उसने कभी रखी अपने हाथ से नहीं बनाई थी उसका भी यह पहली बार था उसे से राखी को बनाते वक्त परेशान देखकर उर्मिला जी उसकी मदद करने के लिए जाती है। यह हाल में सभी लेडिस राखी बना रही थी तो वही किचन का हाल कुछ अलग ही था। 

सभी में लिए डिसाइड कर रहे थे कि वह लोग डिनर में क्या बनाएंगे, उन लोगों ने डिसाइड करने के बाद तैयारी करना शुरू कर देते हैं। तभी वहां कौरव और हर आते हैं और उन लोगों से जिद करते हैं कि वह भी खाना बनाएंगे। 
उनकी ज़िद देकर अरनव की उन्हें अपने पास बुलाकर सब्जी को अच्छे से तोड़ने के लिए बोल देते हैं।तो वह लोग भी अच्छे से आनंद जी की बात मानकर अर्णव जी की नकल कर रहे थे।

सबको रक्षाबंधन की ढेर सारी बधाइयां। 

आज आपको तीन चैप्टर मिलेंगे एक अभी, एक शाम में और एक रात में।

 ab aage
 
सुबह का समय 

शर्मा हाउस 

 
शशांक ने आज हरे रंग का सिमरी कुर्ता पहना हुआ था, बालों को हल्के से मेसी कर कर जल से सेट किया था,तो वही आरोही ने गहरे हरे रंग का साइड कट फूल अनारकली सूट पहना हुआ था, कानों में बड़े-बड़े झुमके गले में एक छोटा सा पेंडेंट, एक हाथ में घड़ी और ब्रेसलेट तो दूसरे हाथ में हरे रंग के चूड़ियां पहनी हुई थी।
बालों को ढीली छोटी में गुत हुआ था, आगे की तरफ कुछ लेते निकाल कर रखा था।

 होठों पर चेरी रेड लिपस्टिक लगाया हुआ था तो, आंखों के पलकों पर मस्कारा लगाया हुआ था, साथ में हरे रंग का आईशैडो लगाया हुआ था। जिसके ऊपर काजल की आउटलाइन उसके आंखों को और सुंदर बना रही थी। गालों पर हल्का सा blush लगाया हुआ था जो उसके पूरे लुक को बहुत ही ज्यादा क्यूट बना रही थी।

Mr Sharma and Mrs Sharma ne भी हार रंग के कपड़े पहने हुए थे वह लोग मुस्कुरा कर अपने दोनों बच्चों को देख रहे थे। 

शशांक जहां सोफे पर बैठा हुआ था और सर पर रुमाल बांधा था, तो वहीं आरोही नीचे बैठी हुई थी और सर पर चुनरी ओढ़ था।(दोनों के चेहरे पर एक मुस्कुराहट थी) 

आरोही आरती के थल से कुमकुम को लेकर शशांक का तिलक करती है फिर उसे राखी बांधकर आरती करती है उसके बाद वह उसको मिठाई खिलातीं है।।

आरोही के राखी बांधने के बाद शशांक आरोही को पैर छूता है। तो आरोही उसके सर पर हाथ रखकर ,आशीर्वाद देते हुए कहती है" अगले साल तक मेरे लिए एक सुंदर सी भाभी लाना,,।

आरोही की बात सुनकर शशांक शर्मा जाता है, तो वही उसके पेरेंट्स हंसने लगते हैं। शशांक को आशीर्वाद देने के बाद आरोही अपना गिफ्ट मांगती है। जिस पर शशांक उसे पहले तो बहुत ज्यादा सताता है, फिर वह उसे 51000 का शगुन देता है, साथ में एक गिफ्ट बॉक्स देता है और उसे वादा करता है कि वह हमेशा उसकी रक्षा करेगा उसकी खुशी को किसी को भी छीने नहीं देगा। उसकी बातों में एक संकल्प था। 

आरोही खुश होकर अपने गिफ्ट बॉक्स को खोलती है। जिसे देखकर वह बहुत ही ज्यादा खुश होती है और शशांक को गले लगाते हुए बोली थैंक यू थैंक यू सो मच भैया अब वर्ल्ड के बेस्ट बेस्ट ब्रदर हो, आपको पता है मुझे यह वाले घुंघरू कब से चाहिए थे पर मार्केट में मिले ही नहीं ‌‌। लव यू लव यू सो मच भैया आपको कैसे पता चल जाता है कि मुझे क्या चाहिए। उसकी बातों में खुशी छुपाए नहीं चुप रही थी।
 
शशांक आरोही को खुश देखकर वह भी बहुत खुश होता है और उसके सर पर हाथ रखकर बोला "तेरा बड़ा भाई हूं।कैसे नहीं पता चलेगा तुझे कब क्या चाहिए। तेरी इस प्यारी सी स्माइल को देखने के लिए मैं कुछ भी कर सकता हूं इतना बोलकर वाराही के गालों को हल्के से पिंक करता है। 

 आरोही अपने गाल को रब करते हुए , अपने मुंह को फुला कर शशांक को घूर रही थी। 

तभी उसके दिमाग में कुछ आता है तो वह अपने आंखों में हल्की सी नमी लाकर अपने पापा की तरफ देखकर बोली" पापा देखिए ना भाई ने मेरे गाल को कितनी जोर से खींचा है इतना बोलकर वह अपने गाल को दिखाने लगी थी जो blush की वजह से लाल हुआ रखा था। वह शशांक की शिकायत करते हुए राम जी के गले लग जाती है।
 
वहां पर खड़े लोग उसकी नौटंकी को समझ रहे थे लेकिन वह लोग कुछ नहीं कहते और उसकी नौटंकी में साथ देते हुए शशांक को डांट रहे थे।

शशांक बनावटी गुस्से से अपने पापा को कहता है"पापा यह झूठ बोल रही है, मैंने तो बस हल्के से पिंच किया था,,।।

आरोही ,शशांक की बात सुनकर राम जी को मासूमियत से देखती हैं। जो उनसे अभी भी गले लगे हुई थी।

"पापा आपको सच में लगता है कि मैं झूठ बोल रही हूं,,। राम जी उसकी मासूम सी शक्ल देखकर अपने सर को ना में हिलाते हैं। शशांक को डांट रहे थे। तो वही आरोही राम जी के सीने से अपने मुंह को बाहर निकलते हुए शशांक की तरफ देखकर उसे चिढ़ा रही थी। 😜😜😝😛🤪😜

तभी अंकिता जी उसके कान को मरोड़ते हुए बोली "बस करो ,कितना नौटंकी करोगी अभी भी तेरा मन नहीं भर अपने भाई को डांट खिलवाकर।

 कान मरोड़ने की वजह से आरोही चिल्लाती है अ्अ्अ.....मॉम कान दर्द हो रहा है, प्लीज छोड़िए।

तो वही शशांक अंकिता जी को कान को और जोर से मरोड़ने के लिए उकसा रहा था।

(क्योंकि वह भी ,जानता था कि अंकिता जी ने इतनी जोर से उसके कान को नहीं मरोड़ा होगा जितना जोर से वह चिल्ला रही है।)

ऐसे ही मस्ती में वह लोग कुछ वक्त बिताते हैं उसके बाद अंकिता जी, उन सबको याद दिलाती है क्यों सबको कपाड़िया मेंशन जाना है आज का लंच वही है।

जिस पर पहले तो शशांक उन्हें कपाड़िया मेंशन जाने से मन करता है पर कुछ देर आरोही की जिद करने की वजह से वह ना‌ चाह कर भी मान जाता है।

मल्होत्रा हाउस में भी कुछ ऐसा ही हाल था वीरा तरुण को राखी बनती है तो तरुण उसे गिफ्ट में स्टेथोस्कोप और एक गोल्डन पेन देता है जो एक्चुअली में प्योर गोल्ड से बना हुआ था और उसके अंदर का ईकं(ink )बहुत ही ज्यादा हाई क्वालिटी का था।

जिसे देखकर वह बहुत ही ज्यादा खुश होती है और तरुण को गले लगाती है। जया जी रुद्रा जी और सिद्धार्थ जी अपने दोनों बच्चों को देखकर बहुत खुश होते हैं। तभी दरवाजे पर नोक होता है तो वह देखते हैं कि सिद्धार्थ जी के बड़े भाई अपने परिवार के साथ आए हैं। 

तो  सब लोग उनका वेलकम करने जाते हैं।
सिद्धार्थ जी के बड़े भाई का नाम मनीष मल्होत्रा था,(उनकी उम्र 58 इयर्स की है, उनकी पर्सनैलिटी शांत भाव के है। और उन्हें अपने परिवार से बहुत ही ज्यादा प्यार है)

 उनकी बीवी का नाम लक्ष्मी मल्होत्रा है (इनकी उम्र 54 इयर्स की है, इनकी पर्सनैलिटी थोड़ी लालची और सेल्फिश है ।यह हमेशा अपने पति को सिद्धार्थ जी और जय और रुद्र जी के खिलाफ भड़कते रहती है) 

मनीष मल्होत्रा और लक्ष्मी मल्होत्रा के दो बेटियां है जिनका नाम यशी और तारा था।
यही उमर 22 साल, ग्रेजुएशन के लास्ट ईयर में है वह पूरे मल्होत्रा बिजनेस को अपने अंदर करना चाहती है इनके अंदर भी लालच भरा हुआ है लेकिन अपने परिवार से बहुत प्यार करती है।)

तारा उम्र 20 साल थोड़ी सी चुलबुली है UG degree के सेकंड ईयर में है। तारा की पर्सनैलिटी चुलबुली मगर शार्क माइंडेड लड़की है। इनकी लाइफ का एक रूल है जो इनका है वह सिर्फ इनका ही रहेगा। चाहे वह चीज उन्हें खुद को पसंद हो या नहीं।

जया जी अपनी  पोतियों को इतने दिनों बाद देखकर बहुत ही ज्यादा खुश होती है और उन्हें अपने  गले लगाती है और उन्हें प्यार से पूछकारने लगती है।

उसके बाद यशी और तारा भी तरुण को राखी बांधते हैं, तो तरुण ने पहले दोनों को 21000, 21000 का शगुन देता है फिर उन्हें एक सोने की ब्रेसलेट गिफ्ट करता है। जिसे देखकर लक्ष्मी जी के आंखों में लालच साफ नजर आ रही थी। तारा को तो अपना गिफ्ट बहुत ही ज्यादा पसंद आया था। पर यशी को कुछ खास नहीं पसंद आया था।।

उनके चेहरे के भाव सबको दिखाई दे रहे थे जिसकी वजह से मनीष जी बहुत ही ज्यादा एंबार्रास्मेंट फील कर रहे थे। तो वही जया जी अपना मुंह बनाकर उन्हें देख रही थी तो रुद्रा जी और सिद्धार्थ जी  को कुछ फर्क नहीं पड़ा था।

राखी बांधने के बाद, जया जी अपने बड़े बेटे और बहू से तरुण की शादी की रस्मों के बारे में बात करने लगती है। क्योंकि तरुण इस खानदान का इकलौता बेटा था और ऊपर से तरुण की मां इस दुनिया में नहीं थी तो सारी रस्मो की जिम्मेदारी लक्ष्मी जी के ऊपर आ रही थी। जिसकी वजह से जया जी लक्ष्मी जी से पूछ रही थी कि अगर वह जिम्मेदारी लेना चाहती है या नहीं अगर नहीं लेना चाहती है तो वह तरुण के बड़ी मासी को जिम्मेदारी लेने के लिए कहेगी।

तो लक्ष्मी जी बिना हिचकी चाय इच्छा है तरुण की शादी के सारे रस्मों की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार होती है। वह चाहे कितनी भी लालची हो पर उन्होंने तरुण और वीर को भी अपने बच्चों जैसा ही प्यार दिया है। वह तरुण और वीर से यशी और तारा जैसा या जितना प्यार नहीं करती पर उनसे प्यार तो करती है। और उनका भी कोई बेटा नहीं है तो वह तरुण के शादी की रस्मों को निभाने के लिए तैयार थी।

उनके बात सुनकर जया जी भी बहुत खुश होती है। 
 आगे क्या होगा जाने के लिए पड़ी अगला चैप्टर, और डॉन'टी फॉरगेट की कुछ ही देर में और एक चैप्टर आएगा। 
 और आपको आज के चैप्टर में सबसे ज्यादा क्या पसंद आया यह कमेंट में बतानाजरूर। 
हमने मल्होत्रा और शर्मा की रक्षाबंधन तो देख ले ही है अब हम लोग कपड़ियास की रक्षाबंधन को देखेंगे। क्या उनकी भी राखी इतनी ही खुशी से बीतेगी या होगा कोई बवाल जाने के लिए पड़ी है अगला चैप्टर।

प्लीज रिव्यू कमेंट देना मत भूलना।