Tere Mere Darmiyaan - 16 in Hindi Love Stories by Neetu Suthar books and stories PDF | तेरे मेरे दरमियाँ - 16

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तेरे मेरे दरमियाँ - 16


✨ तेरे मेरे दरमियाँ – एपिसोड 16

"जब रिश्ते परछाइयों से गुजरते हैं…"



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"प्यार की कहानी तब सच्ची होती है,
जब उसमें खामोशियाँ, संघर्ष और संदेह भी हो —
फिर भी दिल कहे,
‘मैं अब भी तेरा हूँ…’"


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📝 सीन 1: संजना की पहली उड़ान – पहला आर्टिकल

सुबह-सुबह चाय के साथ आरव अखबार पढ़ रहा था।

"तुम्हारा ये सेक्शन देखा?"
उसने हँसते हुए संजना से पूछा।

"नहीं… क्यों?"

उसने अखबार उसकी ओर बढ़ाया।

"Page 4 – Creative India — By Sanjana Agarwal"

संजना की आँखें खुली रह गईं।
वो आर्टिकल जो उसने दिल से लिखा था —
“एक खामोशी जो दिल की ज़ुबां बन गई”
आज प्रकाशित हो गया था।

उसने फौरन रूही को कॉल किया।

"तू छप गई!"
रूही ने चीखते हुए कहा।

"और मैंने वो दुनिया पा ली,
जो कभी सिर्फ ख्वाब थी।"


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🎉 सीन 2: घर में खुशी का माहौल

आरव की माँ ने सबके सामने चाय रखते हुए कहा —

"बहू तो अब अखबार में आने लगी।
मेरे बेटे से भी आगे निकल गई!"

सब हँस पड़े।

संजना चुपचाप मुस्कुरा रही थी —
अंदर कहीं एक नयी ऊर्जा थी,
जैसे अब वो सिर्फ किसी की पत्नी नहीं,
अपने नाम की पहचान बन चुकी थी।


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📧 सीन 3: एक ईमेल – "A New Offer"

शाम को लैपटॉप पर एक मेल आया:

> "**Dear Mrs. Sanjana Agarwal,

We read your article and were deeply moved.
We'd love to feature you in a podcast with renowned writer Meher Roy.
Please confirm your availability.

Regards,
LitTalk Studios.**"



संजना ने स्क्रीन को बार-बार पढ़ा।
"मेहर रॉय…!"
जिसे वो कॉलेज से पढ़ती आ रही थी,
जिसकी किताबें उसके तकिये के नीचे रखी होती थीं।


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🏠 सीन 4: आरव से बातचीत

"आरव… मुझे LitTalk से कॉल आया है।
मेहर रॉय के साथ पॉडकास्ट रिकॉर्ड करना है…"

आरव मुस्कुराया —
"वाह! ये तो बड़ी बात है।
तुम्हें जाना चाहिए।"

"पर प्रॉब्लम ये है — रिकॉर्डिंग दिल्ली में है…
दो दिन के लिए।"

आरव थोड़ी देर चुप रहा।

"डर लग रहा है?"

"नहीं… बस आदत नहीं है तुम्हें मुझसे दूर रहने की।"

"तो फिर एक बार मेरे ख्वाब को उड़ने दो,
शायद लौटकर और बेहतर संजना बनकर आऊँ।"


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✈️ सीन 5: संजना का दिल्ली रवाना होना

दिल्ली की फ्लाइट में बैठी संजना,
पहली बार अकेली जा रही थी —
पर डर से ज़्यादा उसके साथ था सपनों का वजन।

होटल पहुँचते ही उसे कॉल आया:

"Hi Sanjana, I'm Meher.
Glad to meet you tomorrow.
It's always beautiful when women write their truth."

संजना का दिल धड़क उठा —
"कल मेरी ज़िंदगी की सबसे बड़ी बातचीत होगी।"


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🎙️ सीन 6: पॉडकास्ट स्टूडियो – पहली मुलाक़ात

पॉडकास्ट स्टूडियो में मेहर रॉय बेहद सौम्य और प्रभावशाली थीं।

"आपकी लेखनी में एक मासूमियत है,
जो पढ़ने वालों को खुद से जोड़ देती है…"

"मैंने बस दिल से लिखा…
कभी ये सोचा नहीं था कि आपसे आमने-सामने बैठूंगी।"

इंटरव्यू शुरू हुआ —
सवालों के बीच संजना ने अपने रिश्ते, अपने डर, अपने आरव के बारे में ज़िक्र किया।

"तो आप कहेंगी कि आपकी सबसे बड़ी प्रेरणा… आरव हैं?"

"बिलकुल।
उन्होंने कभी मेरी उड़ान पर सवाल नहीं उठाए।
वो हमेशा मेरी खामोशी को पढ़ लेते हैं।"


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🕯️ सीन 7: होटल की रात – एक मुलाकात

रात को होटल के लॉबी में अचानक एक महिला उसके पास आई।

"Hi, you're Sanjana, right?"

"Yes…"

"I'm Avni Sehgal…
I'm sorry अगर यूं टोक रही हूँ।
पर मैं आरव को जानती हूँ।"

संजना चौंक गई।

"आप…?"

"हम दोनों साथ MBA कर चुके हैं।
दिल्ली में वो मेरी पहली क्रश था।
हम काफ़ी क्लोज़ थे…
पर फिर वो वापस चला गया।"

संजना चुप।

"मैं उसे अब भी फॉलो करती हूँ…
तुम उसकी बीवी हो, जानकर अच्छा लगा।
बस यूं ही मिल गई तो बात कर ली।"


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🌧️ सीन 8: वापस लौटने की रात – उलझी हुई सोच

प्लेन की खिड़की से बाहर देखती संजना
अब कुछ उलझी हुई थी।

"आरव ने कभी मुझे अवनि का ज़िक्र क्यों नहीं किया?
क्या ये ज़रूरी था?
या मैं ही ज़्यादा सोच रही हूँ?"

दिल्ली की बारिश में उसका मन भी भीग रहा था।


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🏡 सीन 9: घर वापसी – मुस्कुराहट और संदेह

आरव ने जैसे ही दरवाज़ा खोला,
संजना को गले लगा लिया।

"मैंने तुम्हारा पॉडकास्ट तीन बार सुना।
तुम कमाल हो!"

संजना ने मुस्कुराते हुए पूछा —
"क्या तुम अवनि को जानते हो?"

आरव थोड़ी देर चुप रहा।

"हाँ… जानता हूँ।
हम अच्छे दोस्त थे।
कभी थोड़ी फीलिंग्स भी थीं शायद…
लेकिन वो सब बहुत पहले की बात है।"

"पर तुमने कभी बताया नहीं…"

"क्योंकि मैं बीते कल को अपने आज में नहीं लाना चाहता था।
और मैं जानता था —
तुम्हें मेरा पूरा आज चाहिए,
ना कि मेरे आधे-अधूरे बीते रिश्ते।"


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🧘 सीन 10: रात – खुद से सवाल

संजना डायरी लेकर बैठी।

> "*क्या बीती बातें जाननी ज़रूरी होती हैं?

या बस इतना जान लेना काफी होता है कि

आज जो इंसान तुम्हारे साथ है,
वो सिर्फ तुम्हारा है?*"




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📱 सीन 11: रूही की कॉल

"तू ठीक है न?"

"हाँ… बस थोड़ा उलझन में हूँ।
अवनि मिली थी दिल्ली में।"

"ओह!
संजू…
हर रिश्ते में कुछ भूले हुए पन्ने होते हैं।
पर वो पन्ने तब तक हमारे नहीं बनते,
जब तक हम उन्हें दोबारा न खोलें।
आरव अब तेरा है —
बस वही काफी है।"


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❤️ सीन 12: एक नई शुरुआत

अगले दिन आरव संजना के लिए सरप्राइज़ लेकर आया।

"क्या है ये?"

"तुम्हारा पहला आर्टिकल फ्रेम करवा दिया है।
ताकि हर बार जब तुम खुद पर शक करो,
ये तुम्हें याद दिलाए —
तुमने खुद की पहचान बनाई है।"

संजना की आँखें भर आईं।

"और मुझे ये याद दिलाने के लिए —
कि मेरे बीते सवालों से ज़्यादा…
मेरा आज प्यारा है।"


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🔚 एपिसोड 16 समाप्त


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🔔 एपिसोड 17 में:

📜 संजना को मिलेगा पहली किताब लिखने का प्रस्ताव
📚 पब्लिशर की मीटिंग में होगा एक चौंकाने वाला मोड़
💔 और एक सच्चाई — जो आरव के दिल को छू जाएगी…


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