🌸 तेरे मेरे दरमियाँ – एपिसोड 7
“अतीत जब दरवाज़ा खटखटाता है…”
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रिश्तों की शुरुआत हमेशा आसान होती है,
लेकिन उन्हें संभालना... एक इम्तिहान होता है।
आरव और संजना के बीच कुछ ऐसा ही चल रहा था।
जयपुर से लौटने के बाद से उन्होंने साथ बिताए हर पल में सुकून महसूस किया था।
लेकिन अब, कॉलेज के कॉरिडोर में एक अनजान चेहरा सामने आया था— टान्या।
एक ऐसा चेहरा जिसने बीते रिश्तों की राख में फिर से चिंगारी सुलगा दी थी।
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🌧️ सीन: कॉलेज लॉन – शाम 5:00
संजना अकेली बेंच पर बैठी थी। हवा तेज़ थी, बादल उमड़ रहे थे, और दिल में हलचल थी।
टान्या की वो बात उसके ज़ेहन में गूंज रही थी:
"आरव जैसे दिखते हैं, वैसे नहीं होते… सतर्क रहना।"
संजना ने सोचा —
क्या आरव ने मुझसे कुछ छुपाया है?
या टान्या के शब्द सिर्फ एक जलन भरी चाल हैं?
तभी पीछे से वही आवाज़ आई, जिसे सुनकर उसकी धड़कनें कुछ धीमी हो जाती थीं।
"यहाँ बैठोगी तो भीग जाओगी… चलो, छोड़ देता हूँ।"
आरव छतरी लेकर खड़ा था।
"कुछ बातें हैं… जो बारिश से भीग कर साफ हो जाएं, तो अच्छा होता है,"
संजना ने ठंडी आवाज़ में कहा।
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🏠 सीन: हॉस्टल का रास्ता – छतरी के नीचे
बारिश अब और तेज हो चुकी थी।
सड़कें गीली, हवा में नमी और दोनों के बीच अजीब सी चुप्पी।
"तुमसे कुछ पूछना है," संजना ने धीरे से कहा।
"पूछो,"
"टान्या कौन थी?"
आरव एक पल के लिए रुक गया।
"वो मेरी एक्स-गर्लफ्रेंड थी… दो साल पहले की बात है। कॉलेज में दाखिला लेते ही हम दोस्त बने, फिर थोड़े करीब भी आए। लेकिन वो रिश्ता… कभी मोहब्बत नहीं था, बस एक आदत थी।"
"तो फिर अलग क्यों हुए?"
"क्योंकि उसने मुझे इस्तेमाल किया… अपने फायदे के लिए। और जब मेरा काम खत्म हुआ, तो मुझ पर इल्ज़ाम लगा दिए — कि मैं उसे इग्नोर करता हूँ, कि मैं बदल गया हूँ। और मैं वाकई बदल गया था, क्योंकि तब मुझे समझ आया था कि ये प्यार नहीं था।"
संजना उसकी आँखों में देख रही थी।
"और अब? अब तुम क्या हो?"
"अब मैं वही हूँ, जो तुम्हारे सामने खड़ा है — बिना झूठ, बिना मुखौटा।"
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📖 सीन: संजना की डायरी – रात 11:00
"उसकी आँखों में डर नहीं था, लेकिन अफ़सोस था।
क्या कोई इंसान अतीत से पूरी तरह निकल सकता है?
या हर रिश्ता उस पुराने धुएँ में कुछ ना कुछ जल ही जाता है?"
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🌞 अगला दिन – कॉलेज ग्राउंड
कॉलेज में एक नया इवेंट तय हुआ था —
"Youth Cultural Meet – जोड़ी में हिस्सा लेने का मौक़ा"
सभी जोड़े बना रहे थे।
आरव ने सीधे जाकर संजना से पूछा—
"क्या तुम मेरे साथ टीम बनाना चाहोगी?"
संजना कुछ कहने ही वाली थी कि टान्या बीच में आ गई।
"अगर मना कर दे, तो मैं हूँ ना आरव। पुराने पार्टनर कभी पुराने नहीं होते।"
पूरे कॉलेज की नज़रें अब उन पर थीं।
संजना ने मुस्कराकर जवाब दिया —
"तुम्हारी यही आदत है टान्या, हर दरवाज़े को ज़बरदस्ती खोलना।
पर अब आरव का दिल तुम्हारे लिए बंद है… और मेरे लिए खुला।
मैं उसकी पार्टनर थी, हूँ और रहूँगी — चाहे इवेंट हो या ज़िंदगी।"
टान्या के चेहरे का रंग उतर गया।
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🌇 सीन: शाम को कॉलेज की कैंटीन
संजना और आरव चाय पी रहे थे।
"तुम्हें आज जवाब देने की ज़रूरत नहीं थी,"
आरव बोला।
"नहीं, ज़रूरत थी… क्योंकि मैं हर बार चुप रहकर प्यार नहीं जताना चाहती।
आज मैंने बोलकर जताया कि मैं तुम्हारे साथ खड़ी हूँ — चाहे तुम्हारा अतीत जितना भी उलझा हो।"
आरव की आँखें भर आईं।
"मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता, संजना।
तुम्हारे साथ हर लम्हा... एक नया जन्म लगता है।"
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🌧️ सीन: रात – आरव का कमरा
आरव अपनी माँ से वीडियो कॉल पर बात कर रहा था।
"माँ, अब पक्का लग रहा है… कि जो दिल कहता था, वो सही था।
संजना सिर्फ मेरी मोहब्बत नहीं… मेरी ताकत बन चुकी है।"
माँ मुस्कराई।
"अगर लड़की तुम्हें बेहतर बना रही है, तो समझो कि वो ही तुम्हारा सच है।"
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📚 सीन: इवेंट रिहर्सल – अगले दिन
रिहर्सल शुरू हो गई थी।
गानों की तैयारी, नाटक, और एक सीन जिसमें पार्टनर्स को एक-दूसरे की कमज़ोरी पर आधारित स्किट करनी थी।
संजना का विषय था:
"किसी ऐसे को समझाना जो ज़िंदगी से भागता है…"
उसने स्क्रिप्ट में आरव के किरदार पर काम किया —
किसी ऐसे लड़के पर, जो अतीत में जला है, लेकिन प्यार उसे फिर से जीना सिखा रहा है।
रिहर्सल खत्म हुई तो तालियाँ बजीं…
लेकिन आरव की आँखों में आंसू थे।
"तुमने मेरी कहानी को इतनी खूबसूरती से दिखाया… कैसे कर लेती हो ये सब?"
"क्योंकि मैं तुम्हें सिर्फ जानती नहीं… महसूस करती हूँ,"
संजना ने मुस्कराकर कहा।
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💥 सीन: कॉलेज गेट – टान्या की आखिरी कोशिश
इवेंट की रात, टान्या आखिरी बार आरव के पास आई।
"एक बार सोच लो आरव… मैं अब भी तुमसे प्यार करती हूँ।"
आरव ने उसका हाथ पकड़ा —
फिर धीरे से हटा दिया।
"प्यार ज़बरदस्ती नहीं होता, टान्या।
जो रिश्ता भरोसे के बिना बना हो, वो दोबारा नहीं जीता जाता।
अब मैं किसी और की धड़कनों में बसा हूँ।"
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🌠 सीन: इवेंट नाइट – स्टेज पर आरव और संजना
दोनों की परफॉर्मेंस के बाद जब एंकर ने पूछा —
"आप दोनों की केमिस्ट्री इतनी सच्ची क्यों लगती है?"
संजना ने माइक थामा और कहा —
"क्योंकि हमारी कहानी स्क्रिप्ट से नहीं… एहसास से लिखी गई है।
हमने एक-दूसरे को तब अपनाया जब अतीत ने हमें तोड़ रखा था।
और अब हम मिलकर एक-दूसरे को जोड़ रहे हैं। यही तो मोहब्बत है।"
पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा।
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🔚 एपिसोड 7 समाप्त
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📌 अगले एपिसोड में:
जब प्यार सामने हो… और समाज की आंखें उसके खिलाफ खड़ी हों —
क्या आरव और संजना अपने रिश्ते को दुनिया से बचा पाएंगे?