Ek Raat ka Raaz - 9 in Hindi Crime Stories by silent Shivani books and stories PDF | एक-रात एक-राज़ - 9

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एक-रात एक-राज़ - 9

आपसे कुछ पूछ रहा हूं आरोही...

सर क्या आप फ्लैट देखना चाहते हैं?? सोसायटी के सेक्रेटरी ने इंस्पेक्टर देशमुख के हाथ में फ्लैट की चाबी देते हुए कहा...!!!

क्या फ्लैट पर कुछ समान रखा है, या पूरी तरह से खाली है,, "इंस्पेक्टर देशमुख ने कहा"

नहीं सर फ्लैट पुरी तरह से खाली है, पर यहां कोई रेंट से रहने आने वाला है..!! "सेक्रेटरी बोला"

जो भी आने वाला है, उसे मना कर दिजिए.. "इंस्पेक्टर देशमुख बोले"

पर सर उन्होंने पैमेंट कर दिया है,,मै उन्हें मना नहीं कर सकता...!!

ठीक है, पर जो भी आये उस सबकी डिटेल्स आप मुझे देंगे... "इंस्पेक्टर देशमुख ने कहा "

एक्चुअली सर ये फ्लैट को मैंने रेंट से नहीं दिया,, "वो सेक्रेटरी बोला "

फिर किसने दिया?? 

रमेश भाई ने दिया, ये फ्लैट उन्हीं का था, उन्होंने ने ही आदित्य को बेंचा था ,तो सारी डिटेल्स उनके पास है,,

ओके रमेश का नंबर दो हमे हम बात करते हैं...

सेक्रेटरी ने इंस्पेक्टर देशमुख को नंबर दिया...!!

चलो आरोही... यहां से "इंस्पेक्टर देशमुख ने कहा"

आरोही मुझे आप से बातचीत करनी है, टेंशन मत लिजिए,, मै आपसे बस नार्मल ही पूछताछ करूंगा.. पुलिस बनकर नहीं!!

आरोही ने हां मे सर हिलाया...

आरोही और इंस्पेक्टर देशमुख एक काॅफी कैफे में जाते हैं...!!

इंस्पेक्टर देशमुख: डरो मत आरोही मै सच मे तुम्हारी मदद करना चाहता हूं,, पर एक शर्त पर की तुम मुझे सब सच सच बताओगी…

आरोही : (डरते हुए) आप मेरी मदद क्यूं करना चाहते हैं, सर ..कानून की नजरों में त़ो मै ही दोषी हूं, सबको लगता है कि मैंने ही आदित्य को मारा है, फिर आप मेरी मदद क्यूं कर रहे हैं??

इंस्पेक्टर देशमुख : क्यूं कि मुझे पता है कि, तुमने आदित्य को नहीं मारा...

आरोही : पर आपको ऐसा क्यूं लगता है??

इंस्पेक्टर देशमुख : ( हल्की सी मुस्कान के साथ)          इतने सालों से नौकरी कर रहा हूं, मेडम।             कातिल और बेगुनाह में फर्क समझ आता है !!          और मै तुम पर भरोसा कर रहा हूं, आरोही।           जो भी सच है, सब बताओ शुरू से आखिरी।           तक जितना भी तुम जानती हो !!!

    क्या तुम आदित्य की पत्नी हो???

आरोही : जी सर, मै आदित्य की पत्नी हूं!!! ( उसने धीमी आवाज में कहा)

इंस्पेक्टर देशमुख : क्या तुम सच कह रही हो, पर कैसे??

आरोही : हम एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे सर और हमेशा के लिए साथ रहना चाहते थे....उस दिन...

                  Flashback 📸📸📸...

आरोही : आदित्य हमें साथ रहकर 2 साल से।                   ज्यादा हो चुके हैं,, मुझे इस रिश्ते को।               आगे लेकर जाना है,,

आदित्य : हां आरोही, मै तुमसे शादी करना चाहता हूं

आरोही : पर कब ?? माॅम डेड मेरे लिए लडका ढूंढ रहे हैं,,

आदित्य : तो तुमने बताया नहीं मेरे बारे में???

आरोही : मै तो बता दूंगी,, और मेरे माॅम डेड मान भी जायेगे पर तुम कब बताओगे?? क्या तुम्हारे घर वाले मुझे अपनायेंगे???

आदित्य : हां क्यूं नहीं तुम कल मेरे साथ घर चलो मै तुम्हे सबसे मिलवाता हूं, उनके हां कहते ही हम एक ग्रेंड  वेडिंग प्लान करेगे...

आरोही : तुम सच कह रहे हो न?? आदि ... वो पक्का मान जायेंगे??

आदित्य : हां, आरोही, तुम कल सुबह रेडी रहना मै तुम्हे पिक करने आऊंगा और तुम्हें कल ही मै सबसे मिलवाता हूं!!!

        Next Morning...

आरोही सुबह उठकर जल्दी से रेडी होकर,, आदित्य का इंतजार करती है,, आज वो थोड़ी सी नर्वस और एक्साइटेड थी, अपने आप को बार बार मिरर मे देखकर स्माइल कर रही थी, आदित्य का फेवरेट रेड कलर आज उसके ऊपर हमेशा से ज्यादा अच्छा लग रहा था,, गाड़ी के हाॅर्न से वो नीचे ग ई...

अरे वाह तुम तो आज रोज से ज्यादा खुबसूरत लग रही हो, आरोही ये रेड ड्रेस तुम पर बहुत ही सूट कर रहा है, आरोही... "आदित्य ने कहा"

पक्का अच्छी लग रही हूं न?? तुम्हारे घर वाले मुझे पसंद तो कर लेंगे न?? "आरोही ने कहा"

बिल्कुल पसंद कर लेंगे....

आदित्य का घर "कावेरी मेन्सन"

एक बड़ा सा गेट, जिसमें एक सिक्योरिटी गार्ड जर्मन शेफर्ड के साथ बाहर बैठा हुआ, आदित्य की गाड़ी को देखकर एकदम से खड़े होकर गेट खोलने लगा,, 
आदित्य ने गाड़ी पार्किंग में लगाकर,, आरोही को अंदर की ओर ले गया,,

ये इतना बड़ा गार्डन ?? आरोही ने चौंक कर कहा...

हां आरोही मेरे डॅड को बहुत शौक है, बस इसलिए...

आदित्य ने डोरबेल बजाई...

आरोही बस इधर उधर देख रही थी, 
(उसके लिए सब कुछ नया था, सबकुछ सपने जैसा... आरोही एक मिडिल क्लास फैमिली से बिलाॅंग करती थी)

अंदर चले मेडम... आदित्य ने कहा 

आदित्य सर आप ?? ये मेडम कौन है?? "एक नौकर ने आकर कहा"

ये आपकी होने वाली भाभी है,, "आदित्य ने मुस्कुराते हुए कहा"

तुम यहां बैठो,, उसने आरोही से कहा...

जगदीश, डैड कहां है?? "आदित्य ने एक नौकर से पूछा "

बड़े साहब तो घर पर नहीं है, आदित्य सर... वो आज सुबह ही लंदन के लिए निकले थे!!! आप कल देर से आये तो उन्होंने आपको बताया नहीं, और सुबह भी वो आपके कमरे में गये थे, पर आप कमरे में थे नहीं.... "जगदीश ने कहा "

ठीक है, मां कहा है?? उन्हें बुलाकर लाओ..."आदित्य ने कहा "

थोड़े देर बाद आदित्य की मां आरोही और आदित्य के पास आई...!!
मां ये आरोही है,,

कावेरी ने मुंह बनाकर आरोही को हाय कहा...
मां मै आरोही से प्यार करता हूं , 

हम लोग काफी समय से साथ हैं, और अब मै इससे शादी करना चाहता हूं!!!

क्या?? शादी और इससे, मुझे लगा तुम्हारी कोई फ्रैंड होगी, पर तुम ये क्या कह रहे हो ?? तुम्हारी इससे शादी नहीं हो सकती..

पर क्यूं मां ??मै प्यार करता हूं इससे...

प्यार ??? माय फुट,

ये लड़की कहां से इस घर की बहूं बनने के लायक़ है, ये तुम्हें फसा रही है आदित्य,

कहां तुम और कहां ये दो कोडी की लड़की... ऐसी लड़कियों को मै खुब जानती हूं, अमीर लडके देखकर फंसाती है,,

मां बस !!! आदित्य ने जोर से कहा,, आरोही वैसी लड़की नहीं है,, और आपको उससे ऐसे बात करने का हक नहीं...

हां मुझे पता है, मै तुम्हारी सौतेली मां हूं न, इसलिए तुम मुझसे ऐसे बात कर रहे हो पर आदित्य मैंने तुम मे और राघव मे कभी फर्क नहीं समझा, इस लड़की के लिए तुम ऐसे बात कर रहे हो ??? ...." कावेरी ने रोते हुए कहा"

और तुम खडी क्या देख रही हो गेट आउट, "कावेरी ने गुस्से में कहा “

इस इंसल्ट के लिए मुझे बुलाया था, आदित्य..... मै सिर्फ तुमसे प्यार करती हूं, तुम्हारी दौलत से नहीं, आज के बाद मुझसे मिलने की कोशिश मत करना, "इतना कहकर आरोही वहां से चली गई "

               " Present  Time "

 इन सबके बाद मैंने आदित्य से मिलना बिल्कुल बंद कर दिया था, आदित्य ने मुझे बहुत मनाया, फिर एक दिन वो मुझसे मिलने आया, और कहा कि... 
वो मुझसे बहुत प्यार करता है, और मेरे लिए घर छोड़ने को भी तैयार हैं, और आदित्य मुझसे शादी करना चाहता था, मै प्यार करती थी उससे और मैंने हां कर दी, हमने सबसे छिपकर कोर्ट मैरिज की,...."आरोही ने बताया"
 
फिर आदित्य उस घर मे वापस क्यूं गया??? "इंस्पेक्टर देशमुख ने पुछा"

To be continue.....