यहां मै कहानी की शुरुआत करने से पहले, आपको कुछ बताना चाहती हूं, मैंने इस कहानी का पहला पार्ट जब लिखा, और नेक्स्ट पार्ट पर किल्क कर रही थी, तो गलती से complete का option touch हो गया, आप लोगों को ये कहानी अधूरी लगी होगी, पर अब मै बिना गलती किये कहानी के आगे के भाग लिख रही हूं.... मेरी ग़लती को माफ कीजिएगा और मुझे सपोर्ट किजिए...
"आरोही गुनाहगार या शिकार"
रात भर गरजते बादल,,, और हो रही बारिश से आरोही को कोई फर्क नहीं पड रहा था,, आरोही का फोन जो कि रात में न जाने कितने बार बजा हो,, फैमिली और फ्रैंड्स बार बार आरोही को फोन किये जा रहे थे,,, विला मे कितनी बार लाइट आ जा रही थी,, पर आरोही तो जैसे पत्थर बन चुकी थी,, उसे किसी भी आवाज से कोई फर्क नहीं पड रहा था,,
रात से सुबह हो गई,,, आरोही अब भी वोही बैठे आदित्य को देखे जा रही थी,,
सुबह के 6:30 बज चुके थे,, विला का केयरटेकर रमेश विला मे गेट पर लगे ताले को न पाकर डर जाता है,,
मै तो ताला लगाकर गया था,, ताला कहा गया??? कहीं चोरी तो नहीं हुई,, वैसे भी इलाके में इन दिनों चोरी की वारदातें सामने आ रही है,,, यदि ऐसा हुआ तो मेरी नौकरी तों गई
रमेश मन ही मन सोच रहा था,,
रमेश धीरे धीरे और डर के साथ आगे बढ़ता है,,
दरवाजा खुला हुआ था,, अब वो और डर जाता है,,
वो ड्राइंग रूम की ओर आगे बढ़ता है,, आरोही मैडम आप,,, ये आदित्य सर ऐसे क्यूं लेटे हैं ???खू......न ??? आप ने आदित्य सर को मार डाला???
मर्डर हुआ है,,, मर्डर हुआ है,,, वहां चिल्ला चिल्ला कर विला के बाहर आता है,,, आजू बाजू के लोग इकट्ठा हो गए,,
थोडी ही देर में पुलिस और मीडिया वाले भी आ गये,, पुलिस ने विला को पुरी तरह से सील कर दिया,,
क्यों मारा मैडम??? कौन लगता है ये आपका ,, पति या आशिक??? इंस्पेक्टर देशमुख ने आरोही को पूछा
आरोही अब भी चुपचाप थी,, चलिए मैडम को हथकड़ी पहनाईए ,, और गाड़ी में बिठालिए आगे की पूछताछ जेल में होगी,,,
बाॅडी को आगे के प्रोसेस के लिए भेजो,,घर वाले कब-तक आ रहे हैं??
सर इंफार्म कर दिया है,,, बस आते ही होंगे,,
उधर मीडिया भी सारी उलटी सीधी कहानियाॅ बना कर न्यूज बना रही थी,,,
आजू बाजू के लोगों से पूछताछ की???
जी सर बाजू के घर वालों ने बताया कि गोली चलने की आवाज सुनाई दी थी,, पर बाहर बारिश तेज हो रही थी,,, बादल भी गरज रहे थे, तों वे लोग कंफर्म नहीं बता सकते कि वो आवाज गोली की थी,,
ठीक है,,, ये अंदर कौन आ रहे हैं???
सर विक्टिम के घर वाले हैं,,
"आदित्य की फैमिली भी अब पहुंच चुकी थी,, आदित्य की मां आरोही को देखकर गुस्से से जोर जोर से आरोही को मारने लगी ,,, आखिर क्यूं मारा तूने ?? तूझे पैसे चाहिए थे तो मुझे बोलती मै देती तुझे पैसे क्यूं मारा तूने उसे??"
पुलिस आदित्य की को रोकती है,, और आरोही को थाने ले जाया जाता है !
"पुलिस स्टेशन"
लकड़ी के बेंच पर बैठी आरोही,, आंखें पूरी तरह से लाल और सूजी हुई,, हाथ पर लगा आदित्य का खून,, जिसे अब तक उसने धोया न था,,, बाल बिखरे हुए,,,, थोडे कपड़े फटे हुए,, जो कि आदित्य की मां के मारने की वजह से फट चुके थे,,,
चलो उठो यहां से सर तुम्हें अंदर बुला रहे हैं,,, कांस्टेबल लता ने आकर कहा,,, सर के जवाबो का सीधा सीधा जवाब देना,,
आरोही ने हां में सर हिलाया
"Interrogation Room"
एक छोटा सा कमरा जिसमें बीच में रखा लकड़ी का टेबल और आजू बाजू रखी दो कुर्सियां जिसके एक तरफ आरोही और एक तरफ इंस्पेक्टर देशमुख बैठने वाले थे,, एक लाइट जिससे सफेद रोशनी आ रही थी,, टेबल पर रखा टेप जो दोनों के बीच होने वाली बातो को रिकार्ड करने वाला था,, और कांस्टेबल लता जो कि पूछताछ में होंरही बातो को नोट करने वाली थी, और सीसीटीवी कैमरा,,
इंस्पेक्टर देशमुख:- अब मै जो भी आप से पूछूं सच सच बताना,,, क्यूंकि तुम्हारा एक झूठ तुम्हे और फंसा सकता है,
आरोही:- आरोही ने हां में सर हिलाया!!
इंस्पेक्टर देशमुख :- तुम्हारा पूरा नाम??
आरोही:- आरोही शर्मा
इंस्पेक्टर देशमुख: तुम्हारा आदित्य से क्या रिश्ता था ???
आरोही:- बाॅयफ्रेंड था मेरा,, पर हमारा ब्रेकअप। हो गया था,,
इंस्पेक्टर देशमुख :- तुम विला क्यूं गई थी???
आरोही:- मुझे आदि ने बुलाया था,, उसने मुझे मैसेज किया था,,
इंस्पेक्टर देशमुख:- ब्रेकअप की क्या वज़ह थी???
आरोही:- आदित्य मुझसे थोडे टाइम के लिए ब्रेक चाहता था...
इंस्पेक्टर देशमुख :- और तुम???
आरोही :नहीं चाहती थी,
इंस्पेक्टर देशमुख :- क्या यही वजह है कि तुमने
उसे मार डाला???
आरोही :- नहीं मैंने उसे नहीं मारा जब मै पहुंची,, तब आदित्य को गोली लगी हुई थी,,,
इंस्पेक्टर देशमुख :- तुमने गन कहॉ छिपाई है???
आरोही :- मैंने कहा न मैंने नहीं मारा,, आप
समझ क्यूं नहीं रहें हैं,, ( आरोही ने टेबल पर हाथ पटककर गुस्से में कहा )
इंस्पेक्टर देशमुख :- देखिए मैडम,, आप इस तरह से मुझसे बात मत कीजिए,,,सच सच बताओ तुमने आदित्य को क्यूं मारा????
आरोही :- नहीं मैंने नहीं मारा
इंस्पेक्टर देशमुख:- तुम विला कब पहुंची???
आरोही :- शायद 11 बजे
इंस्पेक्टर देशमुख :- और घर से कब निकली थी??
आरोही :- करीब नौ बजे
इंस्पेक्टर देशमुख:- पर तुम्हारे घर से विला का रास्ता तो सिर्फ एक घंटे का है,, तुम्हें दो घंटे क्यूं लगे?? उस बीच तुम कहां थी??? सारे सबूत तुम्हारे खिलाफ है,,, जहां आदित्य मरा हुआ था,, वहां तुम्हारा होना,, तुम्हें पूरी तरह से आरोपी साबित करता है,,, देखो आरोही पुलिस का वक्त जाया न करों,,, और सच सच बताओ कि क्यूं मारा उसे???? क्यूं कि जैसे ही फोरेंसिक रिपोर्ट आएगी,, मुझे यकीन है कि सारे सबूत तुम्हारे खिलाफ ही आएंगे,,,
आरोही:- हां हां मैंने ही मारा उसे,,, मुझे फांसी पर लटका दीजिए,,, आरोही जोर जोर से चिल्लाने लगी,,,, ंऔर बहोश हो गई,,
आखिर क्या हुआ था उस रात??? आखिर आरोही क्यूं उस रात एक घंटे लेट पहुंची ,,, विला जाने से पहले
कहा गई थी आरोही???? क्या आरोही ही है असली कातिल ???
जानने के लिए आने वाले पार्ट को जरूर पढ़े...