Ek Raat ka Raaz - 11 in Hindi Crime Stories by silent Shivani books and stories PDF | एक-रात एक-राज़ - 11

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एक-रात एक-राज़ - 11

सर हम कहां जा रहे है?? "आरोही ने पूछा"

बताता हूं..."इंस्पेक्टर देशमुख ने कहा"

कुछ देर बाद इंस्पेक्टर देशमुख ने एक बिल्डिंग के सामने गाडी रोकी ...

सर हम कहां आये है??

मिस्टर रमेश से मिलने..."इंस्पेक्टर देशमुख ने कहा"

पर क्यूं ??

तुम चलो मेरे साथ...

जी मिस्टर रमेश बताइए क्यूं फ़ोन किया आपने??

सर मुझे पता चला कि जिस फ्लैट को मैंने रेंट से दिया था,, उस फ्लैट के मालिक का खून हो चुका है..."मिस्टर रमेश ने कहा “

जी हां, आपने सही सुना आदित्य का खून हो चुका है...!!

क्या आप आदित्य से कभी मिले???

यस सर, आदित्य को मै बहुत अच्छे से जानता हूं, क्यूं कि ये फ्लैट मैंने ही उन्हें बेचा था, उन्होंने ये फ्लैट अपनी वाइफ के नाम पर लिया था, आरोही शर्मा के नाम पर,,

ये सब तो हम जानते हैं, रमेश जी पर आपने हमे यहां क्यूं बुलाया?? "इंस्पेक्टर देशमुख ने कहा"

सर ये प्रोपर्टी आदित्य सर ने शायद बहुत सीक्रेटली ली थी,, और जब ये सौदा पक्का हुआ तो मुझसे ये वादा लिया कि मै ये बात किसी से न कहूं!!!

पर इसमें कुछ नया नहीं है, मिस्टर रमेश वो अपनी शादी को सबसे छुपाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने आपसे वादा लिया.... क्या आप कुछ और भी जानते हैं??? आदित्य के बारे में?? "इंस्पेक्टर देशमुख ने पुछा"

मुझे नहीं पता ये बात मे कितनी सच्चाई है, और ये बात इस केस के लिए कितनी जरूरी है, पर कुछ साल पहले मिस्टर आदित्य ने एक और प्रोपर्टी खरीदी थी, किसी मीरा के नाम पर…

ये मीरा कौन है?? इंस्पेक्टर देशमुख ने पुछा 

मुझे नहीं पता सर ये मीरा कौन है, पर मिस्टर आदित्य कुछ साल पहले एक लड़की और छोटे बच्चे के साथ यहां आये थे.... मैंने ज्यादा कुछ पूछा नहीं क्यूंकि तब मै पहली बार ही मिस्टर आदित्य से मिला था...."रमेश ने कहा"

 आरोही क्या तुम जानती हो मीरा कौन है?? 

नहीं सर मै तो पहली बार ये नाम सुन रही हूं,, "आरोही ने परेशान होकर कहा"

ओके रमेश जी, आप इस फ्लैट का एड्रेस दिजिए, अब वहां जाकर ही सबकुछ पता चलेगा....!!!

रमेश से एड्रेस लेते ही इंस्पेक्टर देशमुख उस फ्लैट पर गये...!!

फ्लैट नं 27 ये तो बंद है सर लाॅक लगा हुआ है,,"आरोही ने कहा"

ये बंद क्यूं है?? क्या यहां सच में कोई रहता है...???

नेबर्स से पूछताछ करते हैं..."इंस्पेक्टर देशमुख ने कहा"

इंस्पेक्टर देशमुख ने एक फ्लैट की डोरबेल बजाई...

जी कहिए,, 
मै इंस्पेक्टर देशमुख...

आप यहां कितने सालों से रह रहे हैं??

हमे तो यहां काफी साल हो चुके हैं,, "उस आदमी ने कहा"

फिर इस फ्लैट में कौन रहता था, ये तो आप जानते ही होंगे?? 

जी सर यहां एक फैमिली रहती थी,,
कौनसी फैमिली??

सर पति पत्नी और उनका छोटा सा बच्चा,, क्या नाम था उस लड़की का??"वो आदमी सोचते हुए बोला"

हां सर मीरा नाम था उसका, बहुत अच्छी लड़की थी...और उसका पति कभी कभी आया जाया करता था... शायद उसका पति कही बाहर रहता था,,

आरोही की धड़कनें तेज हो रही थी...

क्या उस लड़की की फोटो है, तुम्हारे पास?? "इंस्पेक्टर देशमुख ने कहा "

नहीं सर वो लड़की ज्यादा बात नहीं किया करती थी,, बस कभी कभी मेरी वाइफ उससे बात करती थी...

अब कहां है वो??

सर वो तो मर गई,, शायद कोई बिमारी थी उसे...

क्या ?? फिर उसका बच्चा??

पता नहीं सर , उसका बच्चा कहां है, शायद उसके पति के पास होगा...

क्या तुम उसके पति को पहचान सकते हो?? "इंस्पेक्टर देशमुख ने कहा "

सर हम कभी कभार ही मिले बस एक बार ही उसने मुझसे बात की थी,, पर शायद मैं पहचान सकता हूं...

इंस्पेक्टर देशमुख ने आदित्य की फोटो दिखाकर कहा,, क्या यही है??

(आरोही बस यही सोच रही थी, कि आदित्य न हो आदित्य न हो )

सर यही तो है..."उस आदमी ने कहा 

इस शब्द से आरोही सुन्न सी पड गई...
अब आदित्य की जिंदगी का एक और राज आरोही के सामने आ चुका था....

To be continue….