Three best forever - 32 in Hindi Comedy stories by Kaju books and stories PDF | थ्री बेस्ट फॉरेवर - 32

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थ्री बेस्ट फॉरेवर - 32

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( >💜💜💜Heeee loooooo next ep
Jaldi पढ़ loooooo,,,,,

मनीष हैरानी से"लेकिन,,,?" अब आगे,,, 

राहुल उसे मुक्का दिखाते हुए "लेकिन अगर दुबारा ये सॉरी थैंक्स बोला ना तो जरूर मैं गुस्से में तुझे पीट दूंगा" 

मनीष हस्ते हुए गले में हाथ डाल "हा हा ठीक है" 

इनकी बीच की सुलह हुई तो बस स्टार्ट हुई और चल पड़ी फिर अपनी मंज़िल की ओर
पर ये सफर शांति से गुजरे ऐसा कैसे हो सकता था वो भी रियू और मस्ती खासकर मस्ती के होते 

मस्ती अब भी अजीब अजीब मुंह बनाते हुए धनेशी को चिढ़ा रही थी तो वही रिचा अपने चेहरे पर पुताई लिपाई करने में बीजी थी जिसे देख रियू भी मुंह बनाते हुए घूर रही थी। वही सभी स्टूडेंट उन्हे देख मुंह दबाए खी खी खी खी कर रहे थे।

धनेशी मस्ती को परेशान करने के लिए बोली "मुझे नही बैठना है यहां चल रिचा मनीष बैठा है उस सीट पर" 

उसकी बात सुन मस्ती रियु की भौंहे तन गई। 

मस्ती कमर पर हाथ रख उसे घुरकर "अंधी चिपकली दिखता नहीं सीट फुल है चुप चाप बैठ यही" 

धनेशी उसे चिढ़ाने वाली नजरों से घुरी और रिचा से फिर  बोली "चल रिचा,,, ये मस्ती की नानी शांति से बैठने नही देगी,,चल वहा चलते" 

"पर ये सही बोल रही वहा जगह ही नहीं है कहा बैठेंगे? पुरे सफर में खड़े रहेंगे तो मेरी सॉफ्ट ब्यूटी स्किन का वेट कम हो जाएगा और क्या पता खड़े खड़े थकने की वजह से मेरे ब्यूटी मेकअप पसीने से खराब हो जाए ब्ला ब्ला,,," ऐसे ही रिचा अपनी सॉफ्ट ब्यूटी का बखान करने लगी।

तो रियू और मस्ती और बाकी स्टूडेंट अजीब सा मुंह बनाए उसे ताकते हुए जम्हाई ले रहें थे की कब खत्म होगा इसका पकर पकर 

तो वही धनेशी बोली "अरे यार बस कर मनीष है ना बहुत अच्छा है वो जगह बना लेगा don't vary" 

"हा हा मनीष बहुत अच्छा है ना तो वो तुझे अपनी गोद में जगह बना कर बैठाएगा,,," उसकी बात सुन रियु भन्नाई हुई उसे तंज कसते हुए बोली।

तो वही ये सुन बाकी सबकी हसी कंट्रोल से बाहर हो रही थी। 

धनेशी तुनक्कर जवाब दी "हम जगह बदल रहे हमारी मर्जी तुमको क्यूं इतनी मिर्ची लग रही" 

"ए चुप,,,मेरे सामने आवाज ऊंची नही नीची कर समझी" रियु भड़की तो 

मस्तानी जिसका कोई मुकाबला नहीं बोली "और मेरे सामने आवाज ऊंची ना नीची गूंगी बनी रह समझी" 

"व्हाट,,,??"उसकी बचकानी बात सुन रिचा और धनेशी हैरानी से चिल्लाई।
वही उनका एक्सप्रेशन देख इस बार सब का कंट्रोल टूट गया सबकी हसी छूट ही गई सभी ठहाका मारकर हंस पड़ें। 

धनेशी को समझ आ गया वो इन दोनों से बहस कर अपने हो इज्जत पर कुल्हाड़ी मार रही वो उन दोनो को घूरते हुए पैर पटक कर वापस वही बैठ गई।

रियू तिरछी स्माइल कर बुदबुदाई "इस चिपकिली को  लगता हैं ये मनु को फसा सकती हैं" 

मस्तानी भी रियू की नकल करते हुए "no never हमारे होते तो बिलकुल भी नहीं" 

"छिपकली कही की एक दिन पूछ पकड़ ऐसे दीवार पर चिपकाऊंगी की कभी जमीन पर कदम नहीं रखेगी" रीयू गुस्से में नाक मुंह फुलाकर बोली।

"पर उसके तो पूछ ही नहीं है" मस्तानी उसके कंधे पर हाथ रख ऐसे बोली जैसे बहुत बड़ी प्रोब्लम खड़ी हो जिसका कोई सेल्यूशन नही और वो उसके  लिए सांत्वना दे रही हो।

तभी उसके दिए सांतवना को इनकार करते हुए रियु शैतानी स्माइल कर बोली "लंबे बाल तो है ना वो किस काम आएंगे" 

मस्ती चहकते हुए "क्या बात है यार तूने तो प्रोब्लम को जड़ से ही उखाड़ फेंक दिया Very good my dear💜 besti" और दोनो हस्ते हुए एक दुसरे को हाई फाई दिए। 

बस रुकीं तो 
प्रिंसिबल सर बोले "ब्रेकफास्ट नही किया ना तुम सबने भुख लगी होगी सामने रेस्टोरेंट है चलो उतरो सब कुछ खालो" 

"और हा ना नुकूर मुझे नही सुनना सीधे उतरो वरना मुझे और भी तरीके आते है" ज्ञानेद्रीय सर सीधे धमकी दिए। तो सब चुप चाप धीरे धीरे उतरने लगे।
वही मस्ती और रियू बात करने में इतनी मशगूल थी की बस रुक गई है उन्हे पता ही नहीं चला और ना ही प्रिंसिबल और ज्ञानेद्रीय सर की बाते सुनाई दी

"तुम दोनो क्या खुसुर फुसुर कर रहे हो?" मनीष वहा आकर पूछा तो 

"हा हा हमे भी बताओं क्या बाते चल रही?" राहुल भी उसके पीछे पिछे बीच में टपक पड़ा। जो की मस्ती और रियू का मुड खराब करने के लिए काफी था।

रियू भड़कने ही वाली थी की मस्ती उसका हाथ पकड़ रोक ली और खुद का गुस्सा कंट्रोल करते हुए बोली "तुम दोनो अपनी सीट से उठकर किधर जा रहे?" 

मनीष उन्हे खिड़की से बाहर देखने का इशारा करते हुए बोला "ध्यान दो मस्ती बस रुक गई है" 

रियू खिड़की से बाहर झांकते हुए बोली "Ohh hmm,,, हमारा ध्यान ही नहीं गया की बस रुक गई है,," 

"सारा ध्यान तो हमे तंग करने में था हु" धनेशी रियू मस्ती को टेढ़ी नजर से घूरते हुए धीरे से बड़बड़ाई। 

"वैसे क्यों रुकी इतनी जल्दी पहुंच गए क्या,,,?" मस्ती जानबूझकर ऐसा सवाल की थी।

मनीष जवाब देता की उससे पहले वो खुद बोली "वोह अब समझी,,, ठीक है जाओ जाओ अपना ध्यान रखना" 

किसी को कुछ समझ में नहीं आया वो क्या बोल रही है सभी कन्फ्यूज होकर उसे ताकने लगे जैसे पूछ रहे हो "क्या समझ गई? क्या बोल रही,,,?

सभी की नजरों को महसूस मस्ती फिर बोली "ओए ऐसे क्या देख रहे बस का इंजन अटक गया है ना,,इसलिए रुकी है ना बस और मनी और राहुल तुम दोनो बस को पीछे से धक्का देने जा रहे थे न,,इसलिए बोली अपना ध्यान रखना" 

सभी हैरानी से उसे आखें बड़ी बड़ी कर उसे देखने लगे। किसी को समझ में नहीं आ रहा था उसके दिमाग़ को छोटा कहे या बड़ा?
वो और कुछ उल्टा ना समझ ले ये सोच 
राहुल ने फट से कहा "अरे ब्रेकफास्ट करने वाले है सब इसलिए रुकी है" 

मस्ती बेपरवाही से बोली "अच्छा ऐसा है क्या,, पहले नही बता सकते थे" 

मनीष उसके सिर पर टपली मार कर "तुम बोलने देती तब ना,,अभी 2 घंटे है अपने घर पहुंचने में चलो अब" 

फीर मनीष धनेशी और रिचा की ओर देख पूछा "धनेशी रिचा तुम दोनो को भूख नही लगी,,,?" अपने बारे में फिक्र करता सोच धनेशी के तो जैसे पर निकल आए वो अंदर ही अंदर खुशी के मारे चहकने लगी।

तभी उसकी खुशी को धुए की तरह गायब करते हुए उत्साह बोला "नही लगी तो भी ठूस लेना" उसकी बात सुन धनेशी उसे घुरकर देखी। 

उसे घूरते देख उत्साह फिर बोला "ऐसे घूरो मत ये बात मैं नही ज्ञानेद्रीय सर धमकी देते हुए बोले है" 
ये सुन धनेशी उसे ऐसे देखी जैसे कह रही हो "मेरे कान सही सलामत है मैं भी सुनी तुम्हे रेडियो टाइमर बन्ने की जरूरत नहीं"

"क्या धमकी दिए हैं मुझे भी बताओं?  मुझे भी बताओं?" मस्ती ऐसे चहकते हुए पूछी की जैसे कोई जोक मार दिया हो सभी अपना सिर पीट लिए।

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( >💜💜💜😂 तो देखा हमारी मस्ती की मस्ती खैर पुरे स्टोरी में तो इसकी मस्ती ही चलना है देखते हैं
आगे क्या होता है? जल्द ही मिलते हैं
next ep के साथ 🤪💜💜💜💜