क्रिस्टोफर नोलन की इंटरस्टेलर (2014) एक ऐसी साइंस-फिक्शन फिल्म है जो न केवल मनोरंजन करती है, बल्कि मानवता, विज्ञान, और अस्तित्व के गहन सवालों को भी उजागर करती है।
इंटरस्टेलर की कहानी भविष्य के पृथ्वी पर आधारित है, जहां पर्यावरणीय संकट ने ग्रह को रहने लायक नहीं छोड़ा। फसलें नष्ट हो रही हैं, धूल भरी आंधियां मानव जीवन को खतरे में डाल रही हैं, और भोजन की कमी ने सभ्यता को पतन की कगार पर ला खड़ा किया है। इस संकट के बीच, नासा के पूर्व पायलट और इंजीनियर कूपर (मैथ्यू मैककॉनही) को एक गुप्त मिशन का नेतृत्व करने का अवसर मिलता है। यह मिशन है मानवता के लिए एक नया घर खोजने का, जो सौरमंडल से बाहर, एक वर्महोल के जरिए दूसरी आकाशगंगाओं में स्थित ग्रहों पर ले जाता है। कूपर, अपनी बेटी मर्फ (जेसिका चेस्टेन, वयस्क मर्फ के रूप में) और परिवार को पीछे छोड़कर, वैज्ञानिकों की एक छोटी टीम के साथ इस जोखिम भरी यात्रा पर निकलता है। कहानी समय, अंतरिक्ष, और मानवीय रिश्तों की जटिलताओं को बुनती है, जिसमें प्रेम और बलिदान की भावना केंद्रीय है।
फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है इसका वैज्ञानिक आधार और भावनात्मक गहराई का संतुलन। नोलन ने प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी किप थॉर्न के साथ मिलकर फिल्म की वैज्ञानिक सटीकता को सुनिश्चित किया। वर्महोल, ब्लैक होल, और समय के सापेक्षता सिद्धांत (टाइम डायलेशन) को न केवल सटीकता से दर्शाया गया है, बल्कि इसे कहानी का अभिन्न हिस्सा बनाया गया है। उदाहरण के लिए, जब कूपर और उनकी टीम एक ग्रह पर उतरते हैं जहां एक घंटा पृथ्वी के सात साल के बराबर होता है, तो यह दृश्य दर्शकों को समय की सापेक्षता को गहराई से महसूस कराता है। यह वैज्ञानिक अवधारणाएं जटिल होने के बावजूद, कहानी को इतनी सहजता से प्रस्तुत करती हैं कि सामान्य दर्शक भी इसे समझ और महसूस कर सकते हैं।
मैथ्यू मैककॉनही का अभिनय फिल्म की आत्मा है। कूपर के किरदार में वह एक पिता, वैज्ञानिक, और मानवता के रक्षक की भूमिका में पूरी तरह ढल जाते हैं। उनकी बेटी मर्फ के साथ भावनात्मक रिश्ता, विशेष रूप से वह दृश्य जहां वह अपनी बेटी को छोड़कर अंतरिक्ष यात्रा पर जाता है, दर्शकों के दिल को छू लेता है। जेसिका चेस्टेन और मackenzie Foy (युवा मर्फ) भी अपने किरदारों को गहराई देती हैं। सहायक कलाकार, जैसे ऐन हैथवे (वैज्ञानिक एमेलिया ब्रांड के रूप में) और माइकल केन (प्रोफेसर ब्रांड), कहानी को और समृद्ध करते हैं।
इंटरस्टेलर केवल एक साइंस-फिक्शन फिल्म नहीं है; यह मानवता की आशा, प्रेम, और अस्तित्व की खोज की कहानी है। नोलन ने इसे एक ऐसी कहानी बनाया है जो बुद्धि और दिल दोनों को छूती है। फिल्म का अंत, जहां समय और अंतरिक्ष की सीमाओं को पार कर प्रेम और मानवीय संबंधों की विजय होती है, दर्शकों को एक गहरे भावनात्मक अनुभव के साथ छोड़ता है। यह फिल्म हमें याद दिलाती है कि मानवता की सबसे बड़ी ताकत उसका जिज्ञासु मन और एक-दूसरे के प्रति प्रेम है।
कुल मिलाकर, इंटरस्टेलर एक सिनेमाई रत्न है जो विज्ञान, कला, और भावनाओं का अद्भुत मिश्रण है। यह उन दुर्लभ फिल्मों में से एक है जो बार-बार देखने पर भी नई प्रेरणा देती है। अगर आप एक ऐसी फिल्म की तलाश में हैं जो आपको सोचने पर मजबूर करे, भावुक करे, और सिनेमाई कला का आनंद दे, तो इंटरस्टेलर आपके लिए बनी है।
रेटिंग ⭐ 4.5/5