27 अगस्त, 2025 को रिलीज़ हुई वश लेवल 2 गुजराती सिनेमा की एक ऐसी सुपरनैचुरल साइकोलॉजिकल हॉरर फिल्म है, जिसने अपने पहले भाग वश (2023) की सफलता को न केवल बरकरार रखा है, बल्कि इसे नए आयामों तक ले जाकर दर्शकों को एक रोमांचक अनुभव दिया है। निर्देशक कृष्णदेव याग्निक ने इस सीक्वल में हॉरर, सस्पेंस और इमोशनल डेप्थ का एक शानदार मिश्रण पेश किया है, जो इसे साल की सबसे चर्चित फिल्मों में से एक बनाता है। जंकी बोडिवाला, हितु कनोडिया, हितेन कुमार और मोनल गज्जर जैसे सितारों से सजी यह फिल्म अपने पहले मिनट से ही दर्शकों को अपनी गिरफ्त में ले लेती है।
कहानी: एक नया डरावना अध्यायवश लेवल 2 की कहानी पहले भाग से 12 साल बाद शुरू होती है। अथर्व (हितु कनोडिया) ने अपनी बेटी आर्या (जंकी बोडिवाला) को एक काले जादू के प्रभाव से बचाया था, लेकिन वह अभी भी उस अंधेरे शक्ति के प्रभाव में है। आर्या एक वनस्पति अवस्था में है, उसका चेहरा एक रहस्यमयी मुस्कान के साथ जमा हुआ है, जो देखने में ही रोंगटे खड़े कर देता है। कहानी तब नया मोड़ लेती है, जब एक स्कूल की सैकड़ों लड़कियां एक रहस्यमयी शक्ति के नियंत्रण में आ जाती हैं। यह नई ताकत पहले से कहीं ज्यादा खतरनाक और अप्रत्याशित है, जो अथर्व को फिर से उस अंधेरे ताकत से लड़ने के लिए मजबूर करती है। कहानी का आधार न केवल डरावना है, बल्कि यह एक पिता की अपनी बेटी को बचाने की भावनात्मक यात्रा को भी गहराई से दर्शाता है।
निर्देशन और स्क्रीनप्ले: याग्निक का जादूकृष्णदेव याग्निक ने वश लेवल 2 में अपने निर्देशन कौशल का लोहा मनवाया है। जहां ज्यादातर सीक्वल स्केल को बढ़ाने की कोशिश में अपनी आत्मा खो देते हैं, वहीं याग्निक ने इस फिल्म को अंतरंग और प्रभावशाली बनाए रखा है। फिल्म का पहला घंटा विशेष रूप से शानदार है, जो रोजमर्रा की जिंदगी से अचानक भयावहता की ओर बढ़ता है। याग्निक की खासियत है कि वह साइलेंस और स्लो बिल्ड-अप का इस्तेमाल करके डर का माहौल बनाते हैं। स्क्रीनप्ले में हर दृश्य को सावधानी से गढ़ा गया है, जो दर्शकों को सस्पेंस के साथ बांधे रखता है। पहले भाग की तरह, यह फिल्म भी अनावश्यक ड्रामे या अतिशयोक्ति से बचती है, जो इसे और भी विश्वसनीय बनाता है।
अभिनय: जंकी और हितु का कमालजंकी बोडिवाला, जिन्हें पहले भाग और इसके हिंदी रीमेक शैतान में उनके शानदार अभिनय के लिए जाना जाता है, इस बार भी अपनी मौजूदगी से प्रभावित करती हैं। आर्या के किरदार में उनकी सीमित लेकिन गहरी भूमिका दर्शकों को झकझोर देती है। उनकी एकमात्र डायलॉग सीन इतनी ताकतवर है कि वह 12 साल की चुप्पी को एक पल में तोड़ देती है। हितु कनोडिया अथर्व के रूप में फिल्म का दिल हैं। एक पिता के दर्द, गुस्से और असहायता को वह इतनी शिद्दत से निभाते हैं कि दर्शक उनकी पीड़ा को महसूस कर सकते हैं। हितेन कुमार (प्रताप) और मोनल गज्जर (प्रिंसिपल) भी अपनी भूमिकाओं में प्रभावशाली हैं, जो कहानी को और गहराई देते हैं। सहायक कलाकार, खासकर स्कूल की लड़कियों का समूह, भी अपनी छोटी-छोटी भूमिकाओं में जीवंतता लाता है।
निष्कर्ष: एक जरूरी अनुभववश लेवल 2 एक ऐसी फिल्म है, जो हॉरर और सस्पेंस के शौकीनों के लिए एक ट्रीट है। यह न केवल अपने पहले भाग की विरासत को आगे बढ़ाती है, बल्कि गुजराती सिनेमा को एक नई ऊंचाई देती है। हिंदी डब संस्करण के साथ, यह फिल्म व्यापक दर्शकों तक पहुंचने में सक्षम है। यह एक ऐसी कहानी है, जो डर, भावनाओं और तकनीकी उत्कृष्टता का सही मिश्रण है। अगर आप एक ऐसी फिल्म की तलाश में हैं, जो आपको अपनी सीट से बांधे रखे और लंबे समय तक आपके जेहन में रहे, तो वश लेवल 2 आपके लिए है। इसे थिएटर में अनुभव करना एक यादगार अनुभव होगा।रेटिंग: 4/5