भाग 12 - "छिपे हुए मास्टरमाइंड"
---
📍 स्थान: दिल्ली, पुराने रेल टनल का आंतरिक हिस्सा
📅 तारीख: 25 फरवरी 2031 - दोपहर 3:15
---
⏳ पिछला भाग:
टीम PROJECT RAAHAT से जुड़े सबूतों और हिना ज़ोहरा के रहस्य के साथ अंडरग्राउंड टनल में उतरी थी।
बाहर से ब्लैक-ऑप्स का हमला जारी था।
---
🚇 टनल की गहराई
टीम टॉर्च की हल्की रोशनी में आगे बढ़ रही थी।
टनल की दीवारें पुरानी ईंटों से बनी थीं, जिन पर जगह-जगह नमी टपक रही थी।
अनन्या सतर्क नज़रों से आगे देख रही थी,
विराट ने लगातार हथियार लोडेड रखे थे।
रघु और बाली अब भी उसी धीमी मुस्कान के साथ पीछे चल रहे थे।
अरमान ने धीरे से आरव से कहा:
> "इन टनल्स का नक्शा भी सरकारी रिकॉर्ड से गायब है।
सवाल ये है कि किसी ने इन्हें छुपाने की ज़रूरत क्यों महसूस की?"
आरव ने जवाब नहीं दिया। उसकी नज़रें टनल की गहराई में टिक गईं।
---
🕵️♀️ रहस्यमय सिग्नल
हिना ने अचानक अपने डिवाइस पर कुछ पकड़ा।
उसने स्क्रीन टीम को दिखाई-
> "यह देखो। कोई और भी इस नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहा है।
और… ये कोड सिर्फ़ PROJECT RAAHAT के कोर मेनफ़्रेम से ही भेजा जा सकता है।"
अरमान की आँखें चौड़ी हो गईं।
> "मतलब मास्टरमाइंड… अभी भी इन्हीं टनल्स में छुपा है?"
हिना ने गंभीरता से सिर हिलाया।
---
🍞 नई परछाई
अचानक, टनल के एक मोड़ से तेज़ सीटी की आवाज़ आई।
विराट ने तुरंत पोज़िशन लिया।
लेकिन सामने से कोई दुश्मन नहीं आया-
बल्कि एक दुबली-पतली लड़की हाथ में पुरानी थैली और कंधे पर क्रॉसबो लटकाए दिखी।
उसके गले में सूखी रोटी का टुकड़ा लटक रहा था।
वो घबराई हुई नहीं थी-
बल्कि जैसे सबको देखकर मज़ाक कर रही हो।
> "अरे वाह! इतने लोग इस सीलन भरे टनल में?
क्या तुम लोग भी छुपकर खाना चोरी करने आए हो?"
अरमान ने चौंककर कहा:
> "तुम कौन हो?"
लड़की ने खुद को हँसते हुए पेश किया-
> "नाम है सिया यादव।
डाकिया हूँ… लेकिन चिट्ठियाँ नहीं, राज़ पहुँचाती हूँ।
और तुम सब… दिल्ली के सबसे बड़े राज़ में फँस गए हो।"
---
😅 राहत, पर असली डर
सिया ने थैली से पुराना ब्रेड निकालकर खाते-खाते कहा:
> "यहाँ जो भी ज़िंदा रह गया है, वो या तो भाग रहा है…
या फिर बेचारा मेरी तरह बची-खुची चीज़ें ढूँढ रहा है।"
विराट ने कड़क आवाज़ में पूछा:
> "तुम यहाँ कैसे पहुँची?"
सिया ने आँख मारी।
> "सरकारी टनल का रास्ता किसी फाइल में नहीं, मेरे दिमाग़ में है।
क्योंकि मैं उन मज़दूरों की बेटी हूँ जिन्होंने इन्हें बनाया था।"
उसकी बात सुनकर टीम चुप हो गई।
आरव ने धीरे से सोचा:
"यह लड़की मज़ाक में बात कर रही है, लेकिन उसकी आँखों में…
कुछ ऐसा है जैसे उसने मौत को सौ बार देखा हो।"
---
⚠ मास्टरमाइंड की छाया
जैसे ही सिया ने आगे का रास्ता दिखाने के लिए टॉर्च जलाई,
टनल की दीवार पर पुरानी पेंटिंग्स नज़र आईं।
सैकड़ों बच्चों के चेहरे,
उनके ऊपर अजीब प्रतीक,
और बीच में एक आकृति-
बिना चेहरे का आदमी, जो छाया से बना था।
हिना ने धीरे से कहा:
> "यह… PROJECT RAAHAT के असली कंट्रोलर का प्रतीक है।
ये लोग बच्चों को सिर्फ़ सैनिक नहीं, हथियार बनाने की कोशिश कर रहे थे।"
अनन्या ने गुस्से से कहा:
> "तो इसका मतलब मास्टरमाइंड… कोई इंसान नहीं, बल्कि पूरा सिस्टम है?"
हिना ने सिर झुका लिया।
"शायद। लेकिन उस सिस्टम को चलाने वाला एक दिमाग़ ज़रूर है… और वह यहीं है।"
---
🎭 रघु-बाली की चुप्पी
टीम आगे बढ़ी।
लेकिन इस बार रघु और बाली ने एक-दूसरे की तरफ देखा।
उनकी आँखों में वही छुपा तनाव था-
जैसे वे किसी और सच से वाकिफ़ हों।
बाली ने होंठों ही होंठों में कहा:
> "अगर वो सामने आया… तो हमें भी अपनी असली पहचान छुपाना मुश्किल होगा।"
रघु ने बस धीमे से जवाब दिया:
> "अभी वक़्त नहीं आया।"
---
🚨 साया हिलने लगे
अचानक टनल के आखिरी छोर से आवाज़ आई-
भारी धातु के दरवाज़े का खुलना।
एक ठंडी, मैकेनिकल आवाज़ गूंजी:
> "PROJECT RAAHAT – Phase II Initiated."
टीम ने हथियार कसकर पकड़े।
सिया ने हँसते हुए कहा:
> "तो… अब खेल असली होगा।
मैं तो बस डाकिया हूँ, पर लगता है…
इस बार ख़तरा खुद तुम्हारे दरवाज़े आया है।"
---
🎬 भाग 12 समाप्त – “छिपे हुए मास्टरमाइंड”
📖 Part 13:- "सिस्टम का चेहरा" जल्द ही…