Harshita’s Story in Hindi Love Stories by Abhay Marbate books and stories PDF | हर्षिता की कहानी

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हर्षिता की कहानी

🌸 हर्षिता की कहानी 🌸

दिल्ली की भीड़भाड़ वाली गलियों में एक सीधी-सादी, मासूम सी लड़की रहती थी – हर्षिता।
गहरी आँखों में सपनों का समंदर और चेहरे पर हमेशा खिली रहने वाली मुस्कान, यही उसकी पहचान थी।

बचपन का सपना

हर्षिता का सपना बहुत बड़ा था – IAS अफसर बनना। गाँव के छोटे से स्कूल से पढ़ाई शुरू कर, उसने शहर के कॉलेज तक का सफर तय किया। उसके माता-पिता गरीब थे, लेकिन बेटी की लगन देखकर उन्होंने अपनी सारी उम्मीदें उसी से जोड़ दी थीं।

कॉलेज का सफर

कॉलेज में उसका नया जीवन शुरू हुआ।
नई-नई दोस्तियाँ, नए चेहरे और नए अनुभव।
वहीं उसकी मुलाकात हुई आदित्य से।
आदित्य एक स्मार्ट, हंसमुख और समझदार लड़का था।
धीरे-धीरे दोनों अच्छे दोस्त बन गए।
कॉलेज की लाइब्रेरी हो या कैंटीन का कोना, हर जगह उनकी दोस्ती के किस्से मशहूर हो गए।

दोस्ती या मोहब्बत?

हर्षिता ने कभी सोचा नहीं था कि पढ़ाई के बीच मोहब्बत भी दस्तक दे सकती है।
लेकिन जब भी आदित्य पास होता, उसका दिल अजीब सा धड़कने लगता।
एक दिन आदित्य ने हिम्मत जुटाकर कहा –
"हर्षिता, पता नहीं क्यों… पर तुम्हारे बिना ये जिंदगी अधूरी सी लगती है।"

उस पल हर्षिता चुप रही।
उसका सपना बड़ा था, उसे अपने करियर से प्यार था।
लेकिन दिल की गहराइयों में वो भी आदित्य को चाहने लगी थी।

संघर्ष की राह

कॉलेज खत्म हुआ।
अब हर्षिता ने पूरी तरह UPSC की तैयारी शुरू कर दी।
दिन-रात पढ़ाई, किताबों का बोझ, और ढेर सारी उम्मीदें।
आदित्य ने हमेशा उसका साथ दिया।
कभी रात को उसे नोट्स बना कर दिए, कभी हौसला बढ़ाया।

लेकिन जिंदगी हमेशा आसान नहीं होती।
पहली बार में हर्षिता का एग्जाम क्लियर नहीं हुआ।
माँ बीमार रहने लगीं, घर की हालत खराब हो गई।
हर्षिता ने खुद को कमरे में बंद कर लिया।
उसे लगा सब खत्म हो गया है।

आदित्य का सहारा

जब सबने हार मान ली, तब आदित्य ने उसका हाथ थामा।
उसने कहा –
"हर्षिता, तुम गिर सकती हो, लेकिन रुक नहीं सकती।
तुम्हारे सपनों की कीमत सिर्फ तुम्हें ही नहीं, मुझे भी पता है।
तुम लड़ी तो मैं तुम्हारे साथ लड़ूँगा।"

उसकी बातें सुनकर हर्षिता की आँखों से आँसू बह निकले।
उसने ठान लिया कि अब पीछे नहीं हटेगी।

जीत की सुबह

कई सालों की मेहनत और संघर्ष के बाद आखिरकार वो दिन आ गया।
UPSC का रिज़ल्ट निकला और लिस्ट में सबसे ऊपर नाम था – हर्षिता।
पूरा गाँव, पूरा परिवार गर्व से भर गया।
माँ की आँखों में खुशी के आँसू थे।

भीड़ के बीच आदित्य खड़ा था।
हर्षिता उसके पास गई और बोली –
"ये जीत मेरी नहीं, हमारी है।
अगर तुम न होते, तो शायद मैं हार मान लेती।"

आदित्य मुस्कुराया और बोला –
"अब तो तुम अफसर हो, मुझे डर है कहीं भूल न जाओ।"

हर्षिता ने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा –
"अफसर बनने का सपना मेरा था,
लेकिन जिंदगी तुम्हारे बिना अधूरी है।"

नई शुरुआत

दोनों की शादी पूरे धूमधाम से हुई।
आज हर्षिता न सिर्फ एक सफल अफसर है, बल्कि एक प्यारी पत्नी और आदर्श बेटी भी।
उसकी कहानी हर उस लड़की के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों और रिश्तों के बीच उलझ जाती है।


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✨ अंत में ✨
कभी सपनों और रिश्तों के बीच उलझी रहने वाली हर्षिता ने आखिरकार सबको साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हों, तो जिंदगी में सबकुछ पाया जा सकता है। उसने अपने संघर्ष को जीत में बदला, अपने प्यार को सम्मान दिया और अपने परिवार को गर्व का अहसास कराया। हर्षिता की यह कहानी हमें सिखाती है कि हार चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो, अगर साथ में हिम्मत और सच्चा प्यार हो तो जीत जरूर मिलती है।

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