❤️ एक अधूरा Love Letter ❤️
शुरुआत
रात के सन्नाटे में, खिड़की से आती चाँदनी के बीच, आरव अपने हाथ में कलम और एक सफेद कागज़ लिए बैठा था। दिल धड़क रहा था, शब्द जुबां तक आते थे मगर कागज़ पर उतरते-उतरते काँप जाते थे।
वो जानता था कि इस चिट्ठी में लिखे हर अल्फ़ाज़ उसकी ज़िंदगी बदल सकते हैं।
उसकी उँगलियों में थरथराहट थी, लेकिन दिल में सिर्फ़ एक ही ख्वाहिश – "उसे अपने दिल की बात बता दूँ।"
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पहला प्यार
आरव और सिया की पहली मुलाक़ात कॉलेज की लाइब्रेरी में हुई थी।
सिया किताबों के बीच खोई हुई थी और आरव उसे देखते ही दिल हार बैठा।
ना जाने क्यों, सिया की मुस्कान उसे बहुत अलग लगी।
धीरे-धीरे दोस्ती हुई। कभी कॉफ़ी, कभी ग्रुप स्टडी, और कभी बस कैंटीन में बैठकर बातें करना।
आरव के लिए ये सब साधारण पल नहीं थे, बल्कि उसकी ज़िंदगी के सबसे खूबसूरत लम्हे थे।
लेकिन आरव कभी हिम्मत जुटा कर सिया से अपने दिल की बात नहीं कह पाया।
उसे डर था – "कहीं दोस्ती भी ना खो बैठे…"
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चिट्ठी का इज़हार
उस रात आरव ने पहली बार हिम्मत जुटाई।
उसने कागज़ पर लिखा –
"सिया, शायद तुम्हें ये चिट्ठी पढ़कर हंसी आए।
लेकिन यकीन मानो, तुम्हें पहली बार देखने के बाद से ही मेरे दिल की धड़कनें तुम्हारे नाम पर चलने लगी हैं।
मुझे नहीं पता प्यार की सही परिभाषा क्या होती है,
लेकिन अगर किसी की मुस्कान देखकर पूरा दिन अच्छा लग जाए,
किसी की आवाज़ सुनकर सारी थकान मिट जाए,
और किसी की आँखों में देखकर अपने सपने नजर आएँ –
तो हाँ, मैं तुमसे प्यार करता हूँ।"
उसने आगे लिखा –
"मुझे पता है दोस्ती और मोहब्बत के बीच बहुत नाज़ुक लकीर होती है।
शायद ये चिट्ठी लिखकर मैं हमारी दोस्ती को खतरे में डाल रहा हूँ,
लेकिन मैं अपने दिल की बात और छुपा नहीं सकता।
अगर तुम्हें लगे कि मैं इसके काबिल नहीं हूँ,
तो इस चिट्ठी को फाड़ देना,
लेकिन अगर तुम्हारे दिल में भी मेरे लिए थोड़ी सी जगह हो,
तो एक बार मुस्कुरा देना… बस इतना ही काफी होगा।"
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सिया का जवाब
अगले दिन जब आरव ने हिम्मत करके चिट्ठी सिया की किताब के बीच रख दी,
तो उसकी धड़कनें तेज़ हो गईं।
पूरे दिन बेचैनी में गुजरा।
ना क्लास समझ आई, ना दोस्तों की बातें।
सिर्फ़ एक ही सवाल – "क्या सिया ये चिट्ठी पढ़ेगी? और उसका जवाब क्या होगा?"
शाम को जब दोनों कैंटीन में मिले, तो सिया की आँखों में कुछ अलग ही चमक थी।
वो मुस्कुराई… और धीरे से बोली –
"आरव, मुझे तुम्हारा लिखा हर अल्फ़ाज़ दिल को छू गया।
शायद मैं भी यही सब महसूस कर रही थी, लेकिन कह नहीं पा रही थी।
तुम्हारी चिट्ठी ने मेरे दिल की चुप्पी तोड़ दी।"
आरव की आँखों में चमक आ गई।
उसकी चिट्ठी ने उनकी दोस्ती को खत्म नहीं किया,
बल्कि उसे एक नए रिश्ते में बदल दिया – प्यार के रिश्ते में।
💌 अंतिम पंक्तियाँ
प्यार हमेशा बड़े इज़हार का मोहताज नहीं होता।
कभी-कभी एक सच्चे दिल से लिखा गया Love Letter भी वह कर जाता है,
जो हज़ारों मुलाक़ातें नहीं कर पातीं।
आरव और सिया की कहानी हमें यही सिखाती है कि अगर भावनाएँ सच्ची हों,
तो शब्दों की ताक़त रिश्तों को नई पहचान दे सकती है।
कभी चुप रहना भी मोहब्बत होती है,
लेकिन जब दिल की धड़कनें अल्फ़ाज़ बन जाएँ,
तो वही सबसे खूबसूरत लम्हा होता है।
कौन जाने, आपके दिल में भी कहीं कोई अनकहा इज़हार छुपा हो…
तो हिम्मत जुटाइए, और अपने जज़्बात को एक चिट्ठी में उतार दीजिए।
शायद वही आपकी ज़िंदगी की सबसे बड़ी खुशी बन जाए।
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