जिंदगी में कई बार ऐसा होता है की जब हम अपने सोचने का तरीका बदलते है तब हमारी जिंदगी भी बदल जाती है । जिंदगी में जो कुछ भी होता है वो सिर्फ 1 % ही होता है बाकि 99 % तो हम जो हुआ है उसके बारे में क्या सोचते है यानि की हमारा Reaction ही होता है ।
एक लड़का था जो देख नहीं सकता था । ये लड़का भीख मांगकर अपना जीवन गुजारता था । एक दिन ये अँधा लड़का हर रोज की तरह एक बड़ी सी Building के आगे बैठकर भीख मांग रहा था । उसी समय वहा से एक अनमोल नामका लड़का गुजरता है और इस अंधे लड़के को भीख मांगता हुआ देखता है ।
अनमोल उसी Building में एक ऑफिस में काम करता था । जब अनमोल ने देखा की ये लड़का भीख मांग रहा है तो वो उसकी मदद करने के लिए उसके पास पहुँचता है । अनमोल वहा जाकर देखता है की इस लड़के के पास एक डिब्बा है और उस डिब्बे में थोड़े सिक्के भी है ।
कुछ लोग आते है इस लड़के को पैसे देते है और कुछ लोग उसे बस देखकर ही चले जाते है ।
अनमोल ने ये भी देखा की इस लड़के के पीछे एक बोर्ड लगा हुआ था जिस पर लिखा था की में एक अँधा लड़का हु , मेरी मदद कीजिये । ये सब देखकर अनमोल अब ये सोचने लगा की इस दुनिया में भी बड़े कमाल के लोग है जिसे मदद की जरुरत है उसे कोई नहीं करता है ।
उस बोर्ड पर जो लिखा था उसे वो मिटा देता है और उसकी जगह पर और कुछ लिख देता है । अब अनमोल कुछ पैसे उस डिब्बे में रखता है और ऑफिस की और बढ़ता है ।
फिर अनमोल ऑफिस पहुँचता है और हररोज की तरह अपना काम करता है । शाम को जब वो ऑफिस से अपने घर जाने के लिए निकलता है तभी उसे वो अँधा लड़का याद आता है ।
वो ये सोचता है की में एक बार घर जाने से पहले उस लड़के को देख लू । मेरे लिखने की वजह से उसके जीवन में कोई बदलाव आया है की नहीं । वो अब उस अंधे लड़के के पास जाता है । उसके पहुंचते ही वो लड़का खड़ा हो जाता है ।Instagram🆔 : writer_samir_
कहानी हमें सिखाती है कि हमारी सोच और नजरिया हमारी जिंदगी पर कितना असर डालता है। कहानी को आगे बढ़ाने के लिए, हम कुछ इस तरह से जोड़ सकते हैं:
कहानी का अगला हिस्सा
अनमोल जब उस अंधे लड़के के पास पहुँचता है, तो वह देखता है कि अब उसके भीख के डिब्बे में पहले से कहीं ज्यादा पैसे थे। लड़का अनमोल के कदमों की आहट सुनकर तुरंत खड़ा हो गया।
"आप ही वो इंसान हैं, जिसने मेरी मदद की थी?" लड़के ने पूछा।
अनमोल थोड़ा हैरान हुआ, "तुम्हें कैसे पता चला?"
लड़के ने जवाब दिया, "क्योंकि सुबह से ही मेरे डिब्बे में इतने ज्यादा सिक्के और नोट आ रहे हैं। मुझे यह भी महसूस हुआ कि किसी ने मेरे पीछे लगे बोर्ड को बदला है। लेकिन आपने ऐसा क्या लिखा था, जिसकी वजह से लोग अब मेरी इतनी मदद कर रहे हैं?"
अनमोल मुस्कुराया और बोला, "मैंने कुछ ज्यादा नहीं लिखा, बस जो तुमने लिखा था, उसे थोड़ा बदल दिया।"
"क्या लिखा था?" लड़के ने उत्सुकता से पूछा।
अनमोल ने कहा, "पहले तुम्हारे बोर्ड पर लिखा था, 'मैं एक अँधा लड़का हूँ, मेरी मदद कीजिए।' मैंने इसे बदलकर लिख दिया, 'आज का दिन बहुत खूबसूरत है, लेकिन मैं इसे देख नहीं सकता।'"
यह सुनकर लड़के की आँखों में आँसू आ गए। अनमोल ने उसे समझाया कि पहले के संदेश में लोग सिर्फ उसकी लाचारी देख रहे थे, लेकिन नए संदेश में तुमने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि वे कितने भाग्यशाली हैं कि उनके पास आँखें हैं। यह देखकर लोगों को तुम्हारे प्रति सहानुभूति महसूस हुई और उन्होंने खुशी-खुशी तुम्हारी मदद की।
यह सुनकर लड़का अनमोल के सामने झुक गया और धन्यवाद करते हुए बोला, "आपने सिर्फ मेरा बोर्ड नहीं बदला, बल्कि मेरी जिंदगी के प्रति मेरा नजरिया भी बदल दिया। अब मैं यह समझ गया हूँ कि समस्या मेरी लाचारी में नहीं, बल्कि उसे पेश करने के तरीके में थी।"
उस दिन के बाद, वह लड़का भीख मांगना छोड़कर एक छोटे से काम की तलाश में निकल पड़ा, क्योंकि उसे यह समझ आ गया था कि जिंदगी में लाचारी को पेश करने की जगह, अपनी हिम्मत और सोच को बदलना ज्यादा जरूरी है।
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