तारों की छाँव में
समीर एक खोया हुआ सितारा था, जो अपनी दुनिया की तलाश में भटक रहा था। वह एक सफल डॉक्टर था, पर उसका दिल हमेशा आसमान में, दूर-दूर के ग्रहों में और तारों में उलझा रहता था। उसने विज्ञान की दुनिया को छोड़ा नहीं था, पर उसकी सच्ची खुशी टेलीस्कोप के लेंस से रात के आसमान को देखने में थी।
एक रात, जब वह अपने छत पर बैठे एक धूमकेतु को देख रहा था, तभी उसे एक आवाज सुनाई दी, "क्या तुम तारों से बातें करते हो?"
यह थी मीरा, उसकी नई पड़ोसन। मीरा एक पेंटर थी, जो अपनी दुनिया को रंगों और ब्रश की मदद से बयाँ करती थी। वह छत पर अपनी पेंटिंग कर रही थी।
"मैं तो बस उन्हें समझने की कोशिश करता हूँ," समीर ने मुस्कुराते हुए कहा। "पर तुम क्या कर रही हो? इतनी रात में पेंटिंग?"
"मैं सूरज को ढलते हुए और चाँद को निकलते हुए एक ही कैनवास पर उतारने की कोशिश कर रही हूँ।" मीरा ने जवाब दिया। "एक ऐसी तस्वीर, जिसमें रात और दिन दोनों की खूबसूरती हो।"
उनकी दोस्ती तारों की तरह चमकने लगी। समीर ने मीरा को बताया कि कैसे हर तारा एक कहानी कहता है, और हर गैलेक्सी एक कविता है। मीरा ने उसे सिखाया कि कैसे रंगों में भावनाओं को भरा जाता है, और कैसे एक खाली कैनवास पर सपनों को उतारा जाता है।
एक दिन, समीर ने मीरा को बताया कि वह अपने डॉक्टर के काम से खुश नहीं है। उसका दिल कुछ और ही चाहता है, पर वह डरता है कि लोग क्या कहेंगे। "मैंने इतनी मेहनत से डॉक्टर की डिग्री ली है, मैं उसे कैसे छोड़ सकता हूँ?"
मीरा ने मुस्कुराते हुए कहा, "तुम्हारे हाथ की लकीरें तुम्हारी तकदीर नहीं लिखतीं, समीर। तुम्हारी सच्ची खुशी ही तुम्हारी तकदीर है।"
मीरा की यह बात समीर के दिल को छू गई। उसने फैसला किया कि वह अपने सपनों को पूरा करेगा। उसने अपनी नौकरी छोड़ी और एक एस्ट्रोनॉमी (खगोल विज्ञान) का कोर्स जॉइन किया।
एक शाम, जब वे दोनों अपनी छत पर थे, तो समीर ने मीरा का हाथ थाम लिया। "मीरा, तुमने मुझे खुद से मिलाया। तुमने मुझे वो रास्ता दिखाया, जिसकी तलाश मुझे सालों से थी।"
"तुम्हें बस एक धक्का चाहिए था, समीर। तुम्हारे तारे तो हमेशा तुम्हारे साथ थे।" मीरा ने प्यार से कहा।
समीर ने मीरा से पूछा, "क्या तुम मेरे साथ चलोगी? इन तारों के सफर पर?"
मीरा ने उसकी तरफ देखा, "हाँ, पर एक शर्त पर। हम दोनों अपने सपनों को एक साथ पूरा करेंगे। तुम तारों को खोजोगे और मैं उन्हें अपनी पेंटिंग में उतारूँगी।"
उनका प्यार एक ऐसा आसमान बन गया, जिसमें समीर के तारे और मीरा के रंग एक साथ चमकने लगे। उन्होंने एक साथ मिलकर एक एस्ट्रोनॉमी क्लब शुरू किया, जहाँ वे बच्चों को तारों के बारे में बताते और उन्हें पेंटिंग सिखाते।
समीर ने अपने दिल की सुनी थी, और मीरा ने उसे हिम्मत दी थी। उनकी कहानी यह सिखाती है कि कभी-कभी हमें अपनी खुशी के लिए सब कुछ छोड़ना पड़ता है, और सही इंसान हमें उस रास्ते पर चलने की हिम्मत देता है। वे दोनों एक साथ आसमान को देखते, और हर रात उनके लिए एक नई कहानी लेकर आती। उनका प्यार आसमान की तरह अनंत था और तारों की तरह हमेशा चमकता रहा।
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