Maafia ki nazar me - 12 in Hindi Love Stories by InkImagination books and stories PDF | माफिया की नजर में - 12

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माफिया की नजर में - 12

🖤 माफ़िया की नज़र में –

Part 12: "पुरानी मिल का जाल"

"सच की तलाश में कभी-कभी इंसान उस जाल में फँस जाता है, जहाँ सिर्फ़ धोखा और दर्द इंतज़ार करते हैं।"अहाना का मन अब एक तूफ़ान में उलझ चुका था। रायान का दावा—“मैंने तुम्हारे पापा को बचाने की कोशिश की”—और वो अनजाना मैसेज—“रायान का सच अभी बाकी है”—उसे रातभर सोने नहीं दे रहा था। तहखाने की वो खौफनाक रात, रवि का खून से लथपथ गिरना, और निहारिका का धोखा—सब कुछ उसे एक ऐसी राह पर ले जा रहा था, जहाँ हर कदम खतरे से भरा था।वो रायान के सुरक्षित मकान में बैठी थी, पापा की डायरी को सीने से लगाए। उस चिट्ठी की वो लाइन—“रायान पर भरोसा करो, वो तुम्हारी आखिरी उम्मीद है”—उसके दिमाग में गूंज रही थी। लेकिन वो नया मैसेज, जो पुरानी मिल में बुला रहा था, उसे शक के भंवर में धकेल रहा था। “क्या रायान सच में कुछ छुपा रहा है? या ये सब विक्रम और निहारिका का जाल है?”GPS ट्रैकर की लाल बत्ती अब भी चमक रही थी, जैसे कोई अनजाना खतरा उसका पीछा कर रहा हो। अहाना ने रायान की तरफ देखा, जो खिड़की के पास खड़ा बाहर की बारिश को घूर रहा था। उसकी आँखों में एक अजीब सा दर्द था, लेकिन वो अब भी उसका रक्षक लग रहा था।“रायान,” अहाना ने धीरे से कहा, “मुझे सच चाहिए। अगर तुमने मेरे पापा को नहीं मारा, तो वो डील क्या थी? और वो लोग मेरे पीछे क्यों पड़े हैं?”रायान ने उसकी तरफ देखा, उसकी आँखों में एक गहरी उदासी थी। “अहाना, मैंने तुमसे सच कहा। लेकिन… शायद मैंने पूरा सच नहीं बताया।”अहाना का दिल धक् से रह गया। “पूरा सच? यानी तुम कुछ छुपा रहे हो?”रायान ने एक गहरी साँस ली, लेकिन इससे पहले कि वो कुछ कह पाता, अहाना का फोन फिर से वाइब्रेट हुआ। एक और मैसेज:

“पुरानी मिल, रात 12 बजे। अगर सच चाहती हो, तो अकेले आना। रायान को मत लाना।”अहाना ने रायान की तरफ देखा, उसका दिल तेज़ी से धड़क रहा था। “मुझे क्या करना चाहिए?”


🌌 पुरानी मिल की सैर
रात 11:45 बजे।
अहाना पुरानी मिल के बाहर खड़ी थी। चारों ओर सन्नाटा था। टूटी-फूटी दीवारें, जंग लगे मशीनों के अवशेष, और हवा में बारिश की ठंडी सिहरन। वो अकेली थी, लेकिन GPS ट्रैकर अब भी उसके बैग में था, उसकी लाल बत्ती चमक रही थी। “क्या मैं गलती कर रही हूँ?” उसने खुद से पूछा।रायान को बताए बिना निकलना आसान नहीं था। उसने उसे सोता छोड़ दिया था, लेकिन उसका दिल भारी था। “पापा ने कहा था, रायान पर भरोसा करो। लेकिन अगर वो सच छुपा रहा है, तो?”वो मिल के अंदर कदम रखी। अंधेरे में सिर्फ़ चाँद की रोशनी थी, जो टूटी छत से रेंग रही थी। तभी एक आवाज़ ने सन्नाटे को तोड़ा। “तुम आई। अच्छा किया।”अहाना मुड़ी। सामने निहारिका खड़ी थी, उसकी आँखों में एक ठंडी मुस्कान थी। उसके पीछे विक्रम था, और उनके साथ दो और आदमी, जिनके चेहरों पर मास्क थे।“निहारिका?” अहाना की आवाज़ काँप रही थी। “तुम… तुमने मुझे यहाँ बुलाया?”निहारिका ने हल्के से सिर हिलाया। “हाँ, अहाना। क्योंकि तुम्हें सच जानना था। और सच ये है कि रायान ने तुम्हारे पापा को सिर्फ़ मरने नहीं दिया—उसने उनकी हत्या की।”अहाना का दिल रुक गया। “झूठ! मेरे पापा की चिट्ठी में लिखा था कि रायान पर भरोसा करो!”विक्रम ने ठंडी हँसी हँसी। “चिट्ठी? वो चिट्ठी रायान ने लिखवाई थी, ताकि वो तुम्हें अपने जाल में फँसा सके। तुम्हारे पापा ने उस डील में रायान को रोका था, लेकिन रायान ने सत्ता के लिए उन्हें धोखा दिया।”अहाना की आँखों में आँसू थे। “नहीं… ये सच नहीं हो सकता।”निहारिका ने एक कदम आगे बढ़ाया। “सच यही है, अहाना। और अब तुम उस सच का हिस्सा हो। रायान तुम्हें बचाने नहीं, अपने गुनाह छुपाने के लिए इस्तेमाल कर रहा है।”

🌃 रायान का आगमनतभी मिल के बाहर एक गाड़ी की तेज़ आवाज़ गूंजी। अहाना ने पलटकर देखा—रायान की काली SUV थी। वो तेज़ी से अंदर घुसा, उसकी बंदूक हाथ में थी। “अहाना!” उसने चिल्लाया। “वहाँ से हटो!”विक्रम ने अपनी बंदूक तानी। “रायान सिंगानिया। आखिरकार। आज तेरा और इस लड़की का हिसाब पूरा होगा।”अहाना ने रायान की तरफ देखा, उसकी आँखों में सवाल थे। “रायान, ये सच है? तुमने मेरे पापा की हत्या की?”रायान की आँखें दर्द से भरी थीं। “नहीं, अहाना। मैंने तुम्हारे पापा को बचाने की कोशिश की। लेकिन… मैंने एक गलती की। मैंने विक्रम पर भरोसा किया। वो और अजय उस डील के पीछे थे। उन्होंने तुम्हारे पापा को फँसाया।”निहारिका ने गुस्से से चिल्लाया, “झूठ! तुमने मेरे भाई को मरने दिया, रायान! और अब तुम इस लड़की को भी उसी रास्ते पर ले जा रहे हो!”अहाना का दिमाग सुन्न हो गया। वो रायान और निहारिका के बीच खड़ी थी, दोनों की बातें उसे भटका रही थीं। तभी मिल की छत से एक तेज़ आवाज़ आई—जैसे कोई भारी चीज़ गिरी हो।मायरा थी। वो मिल की टूटी छत से नीचे कूदी, उसके हाथ में एक धातु की रॉड थी। “अहाना!” उसने चिल्लाया। “मैं जानती थी कि तू मुसीबत में है!”अहाना चौंक गई। “मायरा? तुम… तुम यहाँ कैसे?”मायरा ने साँस लेते हुए कहा, “मैंने तुझे घर से निकलते देखा। और तेरा ये GPS ट्रैकर… मैंने इसे ट्रैक किया।”विक्रम ने गुस्से से मायरा की तरफ देखा। “ये क्या तमाशा है?” उसने अपने आदमियों को इशारा किया। “इन्हें खत्म करो!”लेकिन इससे पहले कि कोई कुछ कर पाता, रायान ने तेज़ी से विक्रम को पकड़ा और उसे ज़मीन पर पटक दिया। मायरा ने निहारिका पर रॉड से हमला किया, और तहखाने में फिर से मारधाड़ शुरू हो गई।अहाना ने डायरी को कसकर पकड़ा और एक कोने में छुप गई। उसकी नज़र एक पुराने बक्से पर पड़ी, जो मिल के कोने में पड़ा था। उसने उसे खोला—अंदर एक और चिट्ठी थी, उसके पापा की लिखावट में।“अहाना, अगर तुम ये पढ़ रही हो, तो तुम रायान के साथ हो। वो तुम्हारी रक्षा करेगा, लेकिन उसकी गलती को माफ़ मत करना। उसने मुझ पर भरोसा किया, लेकिन गलत लोगों पर भी। मेरी मौत का ज़िम्मेदार सिर्फ़ वो नहीं, बल्कि मैं भी हूँ। मैंने ये दुनिया चुनी। तुम इसे मत चुनना।”अहाना की आँखों में आँसू थे। तभी एक गोली की आवाज़ गूंजी। उसने पलटकर देखा—रायान ज़मीन पर गिरा था, उसके सीने से खून बह रहा था।

💥 To Be Continued…अहाना अब एक ऐसे मोड़ पर है, जहाँ हर सच एक नया घाव दे रहा है।
रायान की चोट क्या उसका आखिरी बलिदान है?
मायरा का आना क्या अहाना को बचा पाएगा, या और खतरे में डालेगा?
पापा की आखिरी चिट्ठी का मतलब क्या था?

Part 13 में होगा:अहाना का सबसे बड़ा बलिदान।विक्रम और निहारिका का आखिरी हमला।एक ऐसा सच, जो रायान और अहाना को हमेशा के लिए जोड़ेगा… या तोड़ देगा।
अगर ये हिस्सा आपके दिल की धड़कनें बढ़ा गया, तो फॉलो करना न भूलें। क्योंकि अब कहानी का हर पल एक नया तूफ़ान लाएगा।

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