Maafia ki nazar me - 11 in Hindi Love Stories by InkImagination books and stories PDF | माफिया की नजर में - 11

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माफिया की नजर में - 11

🖤 माफ़िया की नज़र में –

Part 11: "खून और भरोसा"

"कभी-कभी भरोसा करना मौत से ज़्यादा खतरनाक होता है, क्योंकि वो तुम्हें ज़िंदा रखकर मारता है।"अहाना का दिल अब जैसे रुक सा गया था। तहखाने का अंधेरा, गोलियों की गूंज, और रवि का खून से लथपथ ज़मीन पर गिरना—सब कुछ एक बुरे सपने की तरह था। रायान उसका हाथ कसकर पकड़े हुए था, उसकी आँखों में हताशा और दर्द साफ़ झलक रहा था। सामने विक्रम और निहारिका खड़े थे, उनकी नज़रों में नफ़रत और बदले की आग। और वो चिट्ठी—“रायान पर भरोसा करो, वो तुम्हारी आखिरी उम्मीद है”—अहाना के ज़हन में बार-बार गूंज रही थी।“अहाना, मेरे साथ चलो!” रायान ने फिर से चिल्लाया, उसकी आवाज़ में एक अजीब सी हताशा थी।लेकिन अहाना रुक गई। उसने रायान की तरफ देखा, फिर ज़मीन पर पड़े रवि की ओर। रवि ने कांपते हाथ से उसकी तरफ देखा और धीरे से कहा, “अहाना… भाग जाओ… वो लोग… तुम्हें नहीं छोड़ेंगे।”विक्रम ने ठंडी हँसी हँसी। “भागने का कोई फायदा नहीं, अहाना। तुम इस जाल में फँस चुकी हो।” उसने अपनी बंदूक फिर से तानी।अहाना की साँसें रुक रही थीं। “मुझे क्या करना चाहिए? रायान पर भरोसा करूँ, जिसे मेरे पापा ने अपनी आखिरी उम्मीद कहा? या रवि पर, जो मेरा चाचा होने का दावा करता है?”

🌌 तहखाने में आखिरी फैसला

तहखाने की दीवारें अब जैसे अहाना को घेर रही थीं। बाहर से गोलियों की आवाज़ें और करीब आ रही थीं। निहारिका ने एक कदम आगे बढ़ाया, उसकी आँखों में एक खतरनाक चमक थी। “अहाना, तुम्हें सच जानना चाहिए था। तुम्हारे पापा ने मेरे भाई को उस डील में मरने दिया। और रायान ने उनका साथ दिया।”रायान ने गुस्से से निहारिका की तरफ देखा। “तुम झूठ बोल रही हो, निहारिका! तुम्हारा भाई उस डील का हिस्सा था, और उसने ही हमें धोखा दिया!”अहाना का दिमाग सुन्न हो गया। “बस करो!” उसने चिल्लाकर कहा, उसकी आवाज़ में गुस्सा और दर्द था। “मुझे सच बताओ! मेरे पापा की मौत का ज़िम्मेदार कौन था?”रायान ने एक गहरी साँस ली और अहाना की आँखों में देखा। “तुम्हारे पापा ने माफ़िया की दुनिया छोड़ दी थी, अहाना। लेकिन विक्रम और निहारिका के भाई, अजय, ने एक डील रची थी—एक ऐसी डील जो तुम्हारे पापा और रवि को खत्म कर देती। मैंने तुम्हारे पापा को बचाने की कोशिश की, लेकिन… वो लोग पहले ही उनके पीछे थे।”निहारिका ने तिरस्कार से कहा, “तुमने कोशिश की? तुमने तो उस डील से फायदा उठाया, रायान! तुमने सत्ता के लिए मेरे भाई को मरने दिया!”रवि, जो अब भी ज़मीन पर था, ने कांपती आवाज़ में कहा, “अहाना… रायान सच कह रहा है। तुम्हारे पापा ने मुझे बचाने के लिए वो डील की। लेकिन विक्रम और अजय ने हमें धोखा दिया।”अहाना की आँखों में आँसू थे। वो रवि की तरफ झुकी और उसका हाथ पकड़ा। “तो तुम मेरे चाचा हो… और तुमने इतने साल मुझसे ये सब क्यों छुपाया?”रवि ने दर्द से कराहते हुए कहा, “क्योंकि… मैं तुम्हें इस अंधेरे से दूर रखना चाहता था। लेकिन अब… अब तुम इसके बीच में हो।”विक्रम ने गुस्से से चिल्लाया, “बस बहुत हुआ!” उसने अपनी बंदूक अहाना की तरफ तानी। लेकिन इससे पहले कि वो गोली चला पाता, रायान ने तेज़ी से उसका हाथ पकड़ा और उसे ज़मीन पर पटक दिया। तहखाने में अचानक मारधाड़ शुरू हो गई। रायान के बॉडीगार्ड्स और विक्रम के आदमियों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई।अहाना ने रवि को सहारा दिया और उसे तहखाने के एक कोने में ले गई। “तुम ठीक हो?” उसने कांपते हुए पूछा।रवि ने मुश्किल से सिर हिलाया। “अहाना… भाग जाओ। रायान के साथ। वो… वो तुम्हें बचाएगा।”

🌃 भागने की राह

रायान ने अहाना की तरफ देखा, उसकी आँखों में हताशा थी। “अहाना, मेरे साथ चलो! हमारे पास वक़्त नहीं है!”अहाना ने रवि की तरफ देखा, फिर रायान की ओर। उसका दिल दो हिस्सों में बँट चुका था। लेकिन पापा की चिट्ठी की वो लाइन—“रायान पर भरोसा करो”—उसे पुकार रही थी। उसने एक गहरी साँस ली और रायान का हाथ पकड़ लिया। “ठीक है… चलो।”रायान ने उसे तहखाने के पिछले रास्ते की ओर खींचा। बाहर बारिश शुरू हो चुकी थी, और अंधेरे में गोलियों की आवाज़ें अब भी गूंज रही थीं। रायान की SUV बाहर खड़ी थी। उसने अहाना को पीछे की सीट पर बिठाया और अपने बॉडीगार्ड को चिल्लाया, “गाड़ी चलाओ!”गाड़ी तेज़ी से शहर की सड़कों पर दौड़ने लगी। अहाना ने पीछे मुड़कर देखा—हवेली अब धुंधली हो रही थी। “रवि…” उसने धीरे से कहा, उसकी आँखों में आँसू थे।रायान ने उसका हाथ पकड़ा। “वो ठीक होगा, अहाना। मेरे लोग उसे हॉस्पिटल ले जाएँगे।”अहाना ने रायान की तरफ देखा। “मुझे सच बताओ, रायान। वो डील… वो क्या थी? और मेरे पापा की मौत में तुम्हारा कितना हाथ था?”रायान की आँखें नीचे झुक गईं। “वो डील… ड्रग्स और हथियारों की थी। तुम्हारे पापा ने उसे इसलिए स्वीकार किया, ताकि रवि को बचाया जा सके। लेकिन विक्रम और अजय ने हमें धोखा दिया। उन्होंने तुम्हारे पापा को निशाना बनाया। मैं वहाँ था, अहाना। मैंने कोशिश की… लेकिन मैं नाकाम रहा।”अहाना की आँखों में आँसू थे, लेकिन अब वो गुस्से में बदल रहे थे। “तो तुमने मुझे ये सब क्यों नहीं बताया? तुमने मुझे इस अंधेरे में क्यों फँसने दिया?”रायान ने उसकी आँखों में देखा। “क्योंकि मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता था। तुम्हारे पापा ने मुझसे वादा लिया था—तुम्हारी हिफाज़त का। और मैं उस वादे को निभाने की कोशिश कर रहा हूँ।”

🌫️ एक नया झटका

गाड़ी एक सुनसान सड़क पर रुकी। रायान ने अहाना को एक छोटे से सुरक्षित मकान में ले जाया। “यहाँ तुम सुरक्षित हो,” उसने कहा। “लेकिन हमें सावधान रहना होगा। विक्रम और निहारिका अभी भी तुम्हारे पीछे हैं।”अहाना ने अपनी डायरी निकाली और उसमें वो चिट्ठी फिर से देखी। “रायान, अगर तुम सच कह रहे हो, तो मेरे पापा ने तुम पर भरोसा क्यों किया?”रायान ने एक गहरी साँस ली। “क्योंकि मैं उनके लिए बेटे जैसा था। और वो जानते थे कि मैं तुम्हारी जान की कीमत पर भी तुम्हें बचाऊँगा।”तभी अहाना का फोन वाइब्रेट हुआ। एक अनजाना नंबर से मैसेज था:

“अहाना, तुमने गलत इंसान पर भरोसा किया। रायान का सच अभी बाकी है। कल रात 12 बजे, पुरानी मिल के पास। ये तुम्हारी आखिरी चेतावनी है।”अहाना का दिल रुक गया। उसने रायान की तरफ देखा, जो अब भी उसकी आँखों में जवाब ढूंढ रहा था। “क्या रायान अभी भी कुछ छुपा रहा है?”


💥 To Be Continued…अहाना अब रायान के साथ है, लेकिन एक नया संदेश फिर से उसे शक के भंवर में धकेल रहा है।
विक्रम और निहारिका का अगला कदम क्या होगा?
रायान का सच क्या है—वो रक्षक है, या धोखेबाज़?

Part 12 में होगा: अहाना का एक और खतरनाक फैसला।पुरानी मिल में एक नया रहस्य।रायान और अहाना के बीच एक ऐसा पल, जो उनकी ज़िंदगी को हमेशा के लिए बदल देगा।
अगर ये हिस्सा आपके दिल की धड़कनें बढ़ा गया, तो फॉलो करना न भूलें। क्योंकि अब कहानी का हर पल एक नया तूफ़ान लाएगा।

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