sisakati Wafa-ek adhuri Mohabbat ki mukmmal Dastan - 13 in Hindi Love Stories by Babul haq ansari books and stories PDF | सिसकती वफ़ा: एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल दास्तान - 13

Featured Books
Categories
Share

सिसकती वफ़ा: एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल दास्तान - 13

                           भाग-13

                  रचना:बाबुल हक़ अंसारी

                “ज़ीरो ऑवर – सच या मौत”


अलार्म की कर्कश चीख ने पूरे बिल्डिंग की दीवारों को हिला दिया।
लाल फ्लैशिंग लाइट्स गलियारों को खून की तरह रंग रही थीं,
और ऊपर से धातु के गेट धड़ाम-धड़ाम गिरते जा रहे थे — लॉकडाउन शुरू हो चुका था।


"भागो!" — आर्यन ने चिल्लाया,
और तीनों बिजली की रफ्तार से अगले कॉरिडोर की ओर दौड़ पड़े।
पीछे से मशीन गन की गोलियां फर्श और दीवारों को चीर रही थीं।
धातु के टुकड़े और चिंगारियां हवा में तैर रही थीं,
हर कदम पर मौत उनके एड़ी के बिलकुल पीछे थी।


आयशा का सांस फूल रहा था,
लेकिन उसने हाथ में पकड़ी डेटा-की को सीने से चिपकाए रखा —
"अगर ये खो गया तो हम हार गए!"
अयान ने उसकी ओर बिना देखे कहा — "ये खोने के लिए नहीं, जीतने के लिए लाए हैं।"

मोड़े पर आते ही सामने ट्रिप-लेज़र ग्रिड चमका —
एक गलत कदम और दर्जनों ऑटोमैटिक टर्रेट्स उन्हें राख बना देंगे।
आर्यन झुककर अपनी बेल्ट से एक सिलेंडर निकाला,
और जैसे ही उसने बटन दबाया,
धुएं का बादल पूरे ग्रिड में फैल गया, लेज़र कुछ पल के लिए डिसेबल हो गए।
"तीन सेकंड!" — उसने गरजते हुए कहा।


तीनों एक साथ फर्श पर स्लाइड करते हुए ग्रिड पार कर गए।
अयान के कानों में गोलियों की गूंज अब भी बज रही थी,
लेकिन उसकी नज़रें अब सिर्फ़ एक जगह थीं — सर्वर रूम का दरवाज़ा।


दरवाज़े के पास खड़ा था हुड वाला आदमी,
चेहरे पर वो ही शैतानी मुस्कान,
और हाथ में एक रिमोट —
"सोचा था इतनी आसानी से पहुंच जाओगे?"

"हम सच लेने आए हैं," अयान ने दाँत भींचते हुए कहा।
हुड वाला हँसा — "तो सच के साथ अपनी कब्र भी खुद खोदो… क्योंकि ये तुम्हारा ज़ीरो ऑवर है।"


उसने बटन दबाया —
और पूरा सर्वर रूम, आग और धुएं के inferno में बदलने लगा…




---
आग की लपटें सर्वर रूम के कांच के पार उफनती लहरों की तरह उठ रहीं थीं।
गर्मी इतनी थी कि गलियारे की दीवारों की पेंट पिघलने लगी थी।
अयान ने एक पल भी गंवाए बिना अपने बैकपैक से फायर-शील्ड कंबल निकाला,
उसे आयशा के चारों ओर लपेटते हुए बोला —
"तुम्हें किसी भी हालत में डेटा-की लेकर अंदर जाना होगा।"

"लेकिन…"
"कोई लेकिन नहीं!" — उसकी आवाज़ में ऐसी ठंडक थी कि आयशा चुप हो गई।

आर्यन ने जेब से एक मिनी-EMP ग्रेनेड निकाला,
"अगर ये सर्वर फटने से पहले ट्रिगर कर दिया, तो सिस्टम कुछ सेकंड के लिए फ्रीज हो जाएगा।
वो ही हमारा मौका है।"

हुड वाला आदमी अब भी मुस्कुरा रहा था,
मानो आग, गोलियां और मौत उसके लिए बस खेल हों।
"तुम तीनों सोचते हो… सच इतनी आसानी से पकड़ लोगे?"
उसने पिस्तौल निकाली और सीधा अयान की छाती पर तान दी।

लेकिन अयान पहले ही झुक चुका था —
एक पल में उसने फर्श से गिरे धातु के पाइप को उठाया,
और पिस्तौल को साइड में मारते हुए कहा —
"सच को पकड़ना नहीं… सच को बचाना है।"

लपटों की गरज और गोलियों की तड़तड़ाहट के बीच,

उनके पास बस साठ सेकंड थे…


(जारी है…)
अगला अध्याय: “अंतिम बाज़ी – सच की आखिरी सांस”
जहाँ उन्हें जलते हुए सर्वर रूम में घुसकर वो असली फुटेज निकालनी होगी,
लेकिन हर सेकंड, आग, गोलियां और धोखा, उनके चारों ओर मौत का घेरा कसते जाएंगे।
ये आगे की कहानी की अध्याय होगा