भाग:12.
“जब सच दुश्मन के हाथ में हो”
रचना: बाबुल हक़ अंसारी
पिछली झलक:
"धन्यवाद… अब ये मेरे पास रहेगा।" — काले हुड वाला आदमी
काली हुड में चेहरा छुपाए वो आदमी कैमरे को ऐसे घुमा रहा था
जैसे उसके पास दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आ गया हो।
आसमान में बादल गरज रहे थे,
और सड़क पर बिखरी बारिश की बूंदें स्ट्रीट लाइट में सोने जैसी चमक रही थीं।
अयान ने एक कदम आगे बढ़ाया —
"वो फुटेज हमें वापस दो, वरना…"
हुड वाला हँस पड़ा —
"वरना क्या? अब ये तुम्हारा सच नहीं… मेरी सौदेबाज़ी की कीमत है।"
तभी…
दूर से इंजन की गर्जना गूँजी।
दो काले बाइकर्स, दोनों के पास सब-मशीन गन, गली के मुहाने पर आकर ब्रेक मारते हैं।
बारिश की बौछार के बीच गोलियों की बौछार शुरू।
हर तरफ़ दीवारों में छेद, कार के शीशे चकनाचूर,
और हवा में बारूद की गंध भर गई।
आर्यन ने आयशा को ज़मीन पर गिराकर ढक लिया,
जबकि अयान बिजली की तरह कूदकर एक सड़क किनारे की टेबल के पीछे छिप गया।
बूढ़ा आदमी बुरी तरह हाँफ रहा था —
"ये लोग सिर्फ़ कैमरे के लिए नहीं आए… ये हमें भी ख़त्म कर देंगे!"
हुड वाला आदमी, बुलेटप्रूफ जैकेट पहने, गोलियों के बीच आराम से SUV के दरवाज़े की तरफ़ बढ़ रहा था।
अयान के चेहरे की नसें तन गईं —
"अगर ये निकल गया तो सब खत्म!"
वो झटके से उछला, फिसलते हुए सड़क पर घूमा,
और हुड वाले के हाथ को पकड़कर कैमरा झपटने की कोशिश की।
बारिश, खून और सड़क का पानी — सब मिलकर ज़मीन को फिसलन भरा बना रहे थे।
दोनों गिरे, और एक-दूसरे पर ताबड़तोड़ घूंसे बरसाने लगे।
अचानक…
हुड वाले ने अयान की गर्दन पर चाकू रख दिया।
"तुम्हें जीते जी ये कैमरा नहीं मिलेगा।"
आर्यन ने पीछे से एक टूटा हुआ रोडसाइन उठाकर उसकी पीठ पर दे मारा।
हुड वाला लड़खड़ाया, कैमरा उसके हाथ से छूटा —
लेकिन जैसे ही अयान ने उसे पकड़ने के लिए हाथ बढ़ाया…
एक बाइकर ने गोलियों की बौछार से कैमरे को उड़ा दिया।
फुटेज के टुकड़े, टूटे चिप्स और प्लास्टिक के हिस्से सड़क पर बिखर गए।
बारिश उन पर गिर रही थी, और उनकी क़ीमत मिट्टी में मिल रही थी।
आयशा चीख पड़ी — "हमारा सबूत…!"
अयान घुटनों पर गिरा, सांस टूट रही थी, आँखों में आग जल रही थी।
आर्यन ने उसका कंधा पकड़ा —
"खेल अब बदल गया है… अब हमें सच उनके ही अड्डे से चुराना होगा।"
हुड वाला, चेहरे पर मुस्कान और होंठ से बहते खून के साथ SUV में बैठा —
"तुम सोचते हो तुम शिकारी हो… लेकिन असली शिकारी मैं हूँ।"
SUV बारिश की धुंध में गायब हो गई,
और गली में बस गोलियों की गंध और हार का स्वाद रह गया।
बारिश में भीगी गली अब बारूद और धुएँ से घुट रही थी।
बाइकरों के टायर से उठती जलती रबर की गंध, टूटी कारों की खनखनाहट और दूर से आती पुलिस सायरन की आवाज़ — सब मिलकर एक अराजक धुन बजा रहे थे।
अयान ने सड़क पर बिखरे कैमरे के टुकड़ों को उठाने की कोशिश की, लेकिन उनमें से कोई भी अब काम का नहीं था।
उसकी मुट्ठियाँ कस गईं — यह सिर्फ़ सबूत का नुकसान नहीं था, यह उनकी पूरी लड़ाई पर वार था।
आर्यन ने चारों तरफ़ नज़र दौड़ाई — गली के दोनों छोर बंद हो चुके थे, और बचे हुए बाइकर पीछे हटते हुए SUV की सुरक्षा में घुस गए।
आयशा ने भीगते हुए काँपते हाथों से अयान का चेहरा उठाया —
"ये खेल… अब हमारे हाथ में नहीं रहा।"
अयान ने उसकी आँखों में देखा — "नहीं, खेल अब शुरू हुआ है।"
बारिश की धारियों के बीच उसकी आँखों में सिर्फ़ एक तस्वीर थी — दुश्मन का चेहरा और उसके पीछे छुपा सच।
SUV एक आख़िरी मोड़ पर मुड़ी और अंधेरे में खो गई,
लेकिन अयान जानता था… अगली मुलाकात आख़िरी होगी।
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(जारी है…)