Three best forever - 29 in Hindi Comedy stories by Kaju books and stories PDF | थ्री बेस्ट फॉरेवर - 29

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थ्री बेस्ट फॉरेवर - 29

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( >💜💜💜 "ही ही ही,,,जा रहा जा रहा" वो ही ही हस्ते हुए बोला और सबके बिच आकर खड़ा हो गया और मनीष को मस्ती ओर जानें का इशारा किया। अब आगे,,,

वर्तमान

"ऐसा हुआ था,,," राहुल अपनी बात खत्म किया। सभी आखें फाड़े उसे देखने लगे। वही रियू भी हैरान थी पर खुश थी । 

सभी लड़के हैरानी से "इसका मतलब मनीष को भी यही करने को बोला था" 

मनीष हैरानी से "नही" 

राहुल बोला "तो अब तू बता उसने तुझे क्या करने को बोला था" 
मनीष बताना शुरु किया,,,,

फ्लैश बैक
मनीष मस्ती के पास आकर रुका और बोला "क्या टास्क है ऐसा जो तुमने इस बार भी मुझे ही घसीट लिया,,,? कही फिर से पहले की तरह फिर मुझसे चपाटा तो न,,," 

मस्ती मुंह बिगाड़ते हुए "अबे हर बार एक जैसा करूंगी क्या,,," 

मनीष राहत की सास लिए "फिर ठीक है बोलो क्या करना है?" 

मस्ती बेपरवाही से बोली "राहुल मेरी तारीफ करेगा और तुझे उसपर गुस्सा करना है" 

मनीष हैरान हुए "हैएएए,,,, ये कैसा टास्क है?" 

मस्ती आंखे चढ़ाए "क्यू? सिंपल सा ही तो टास्क है कौन सा उसका खून करने को बोल रही जो ऐसा रिएक्शन दे रहा " 

उसकी बात सुन मनीष अचकचा गया। 

"ठीक है पर वो तारीफ करेगा जो अच्छी बात है ऐसे में मेरा गुस्सा करना बड़ा अजीब नही लगेगा,,, मतलब जल्द बाजी मत कर जरा सोच कर देख ऐसे बेमतलब गुस्सा करना,,," मनीष उसे बहला कर समझाने की कोशिश करने लगा। 

लेकिन मस्ती तो मस्ती है एक बार जो बोल दी बोल दी तूफान आ जाए या बाढ़ भूकंप उसे कोई नहीं रोक सकता।

मस्ती उसे घूरते हुए भड़की "टास्क में तेरा जो रूल है चुप चाप निभा वरना मैं,,," 

मनीष हार मानते हुए बोला "ठीक है ठीक है जा रहा हु जिद की भी हद होती हैं" 

"और सुन शुरुआत वो ही करेगा तुझे बस मूर्ति बनकर खड़े रहना है अब जा" ओर मनीष वापस राहुल सामने खड़ा हो गया वही सभी कन्फ्यूज होकर बैठे उनका मुंह ताक रहे थे सबके दिमाग में एक ही सवाल का घोड़ा दौड़ रहा था की आख़िर टास्क है क्या?

वर्तमान 

पुरी बात जानकर सभी हैरानी से मुंह फाड़े एक दूसरे का मुंह ताकने लगे। अपने दिमाग पर जोर हाथ से हथौड़ा ठोकने के बाद भी किसी को समझ में नहीं आ रहा था की आखिर इसमें टास्क था क्या ? लेकिन रियू ही एक थी जो अच्छे से समझ गई थी मस्ती का टास्क वो बेपरवाही से खड़ी मुस्कुरा रही थी। वही सभी लड़के बहस कर रहे थे की आख़िर टास्क था क्या????

रियू उनका कीच कीच सुन पक गई बोली "अरे यार चुप करो तुम सब,, इतना माथा पच्ची क्यू करना जो टास्क दिया उससे ही पूछ लो ना"  

उसकी बात सुन सभी मस्ती की ओर रुख किए 
चिल्लाए "मस्त,,, ई,,,???" 

पर चिल्लाते चिल्लाते सबकी आवाज गले में अटक गई क्योंकि मस्ती टास्क कंप्लीट होते ही फुर्र फुर्र फुर्र हो चुकी थी। 

राहुल बोला "ये लड़की तो कांड करके खिसक ली" 

रियू उसे घुर कर "कांड नही टास्क" 

राहुल खिसियानी हसी हंसकर "हा हा वही" 

समजित सर खुजाते हुए "वो तो गई अब कैसे पता चलेगा कि टास्क क्या था?" 

स्ट्रॉन्ग बोला "मुझे तो अब ऐसा लग रहा की तीन थप्पड़ राहुल के थोपडे पे जड़ना ही मस्ती का दिया टास्क था" 
मनीष कुछ सोच रहा था की स्ट्रॉन्ग की बात सुन अचानक उसे कुछ खटका उसे समझ में आ गया मस्ती का टास्क अगर सीधे मुद्दे पर बोलती तो मनीष उसकी बात बिल्कुल नहीं मानता इसलिए उसने घुमा फिराकर जाल में फंसाकर ऐसा चाल चला की सबके सब फस गए । 

मनीष अपना माथा मलते हुए मन में "ये लड़की ना बहुत बिगड़ती जा रही है लेकिन मैं करू भी तो क्या करूं?" 

रियु जम्हाई लेते हुए  "मुझे नही पता" 

मनीष हकबका कर उसे देखा "तुमने सुन लिया?" 

रियू कंधे उचका कर "क्या,,? खैर छोड़ मैं जा रही सोने तुम बेअक्कलो यही पड़े रहो और अपना बेदिमाग बुद्धि चलाते रहो" ये बोल  लगातार जम्हाई लेते हुए बंगले से बाहर निकल आई और अपने रूम की तरफ बढ़ गई।

"बच गया सुन लेती तो आफत आ जाती" धीरे से बुदबुदाकर मनीष राहत की सास लिया उसे लगा था की रियू उसकी मन की बात सुन ली वो घबरा गया था।

उत्साह बोला "ये भी चली गई अब?" 

स्ट्रॉन्ग उसे घुरकर बोला "तो अब हम क्या सारी रात चुडैल डायनों से वार्तालाप करते बैठे,,,? चलो सब सोने सुबह जल्दी उठना है वरना ज्ञानेद्रीय सर का खौफनाक ज्ञान झेलना पड़ेगा" 

ये सुन सबके सब ज्ञानेद्रीय सर का ज्ञान याद कर वहा से ऐसे भागते हुए गायब हुए जैसे कोई पागल सांड उनके पीछे पड़ा हो

सभी अपने अपने रूम में पहुंच चादर तान कर सो गए।

सुबह 9:30 

साढ़े नौ हो गए थे पर अभी तक कोई उठा नही सारे टीचर्स को छोड़ कर,,सभी टीचर्स फ्रेश होकर इन घोड़े गधे बेचकर सोए पड़े हुए स्टूडेंट का इंतजार कर रहे थे। 

इंतजार करते हुए उन्हें आधा घंटा हो गया था उन्हे लग रहा था तयारी कर रहे होंगे पर उन्हें क्या पता था उनकी सुबह अभी तक हुई ही नहीं थी।

सभी टीचर्स तो घबराए हुए थे क्युकी ज्ञानेद्रीय सर का गुस्से में पारा हाई था।

मोहिंता मेम घबराई हुई सी बोली "मैं,,मैं जाकर बुला लाती हु" और जाने लगी की 

"रुकिए,,," ज्ञानेद्रीय सर के सख्त आवाज सुन वो चिहुंक कर अपनी जगह पर जम गई।

ज्ञानेद्रीय सर बिना उनकी ओर देखे पर 
सॉफ्ट वाइस में बोले "आप यही रहिए मैं जाता हूं" 

"ठीक है पर,,पर जरा प्यार से प्लीज सर" उनकी सॉफ्ट वॉइस सुन मोहींता मेम प्यारी मुस्कान देते हुए बोली। तो विजेंद्र सर का मुंह बन गया वो तीखी नजरों से ज्ञानेद्रीय सर को घूरने लगे।
उनकी नजर भी ज्ञानेद्रीय सर महसूस कर रहे थे साथ ही प्रिंसिबल सर की नजर भी उन पर ही थी।

"Hmm" ज्ञानेद्रीय सर इतना बोल आगे बढ़ गए और सबसे पहले मस्ती और रियू के रूम की तरफ जाने लगे की रुक गए क्युकी रियू और मस्ती पूरी तयारी के साथ उनकी तरफ़ ही आ रही थी।

दोनो साथ में बोली "good morning टीचर्स,,,," 

सभी टीचर्स "good morning" 

मस्ती रीयू इधर उधर देख "अभी तक कोई नही आया ?" 

ज्ञानेद्रीय सर भौंहे उठाए "तुम्हे दिख रहा कोई ?" दोनों दात दिखाते हुए ना में सिर हिला दिए।


"Ok " और दोनो सरपट भागते हुए एक रूम से लेकर दूसरे रूम में घुसकर सबको जगाने लगे जिसकी निंद खत्म नहीं होती उन्हे ज्ञानेद्रीय सर की आवज की नकल कर जगाते। 

ऐसे ही दोनो ने मिलकर सबको डरा धमकाकर रेडी करवा लिया सभी ज्ञानेद्रीय सर के सामने डरे हुए एक दूसरे से सिमट कर खड़े थे। 

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( >💜💜💜 देखते है आगे क्या होता है? और जल्द ही हाजिर होगा आपका प्यारा 😎आशिक बंकू एक मजेदार ep लेकर टाटा मेरी दिवानियो 😘💜💜💜