that night of terror in Hindi Horror Stories by Kanchan Singla books and stories PDF | खौफ की वो रात

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खौफ की वो रात

रिया आधी रात को सड़क पर कार ड्राइव कर रही थी। वह गाने सुनने के लिए कार का एफएम ऑन करती है। एफ एम ऑन होते ही एफ एम से आवाज आती है....

आज की खास पेशकश आर जे रेवांश के साथ खौफ की इस रात में आपके पसंदीदा आर जे रेवांश पेश करते हैं एक छोटी सी कहानी.... "खौफ की वो रात" !!

यह आरजे रेवांश की आवाज थी......... दोस्तों डरना किसे पसंद होता है...???
सबको नहीं होता है लेकिन डरते सब हैं, यह कहने वाले भी कि उन्हें डर नही लगता,, कहीं ना कहीं एक खौफ हम सबके भीतर छुपा होता है,, चाहे उसे हम दिखाएं या ना दिखाएं। यह खौफ हमारा एक हिस्सा होता है और यह खौफ कई तरह का हो सकता है लेकिन आज हम अपनी कहानी से संबंधित खौफ की बात करेंगे, जैसे इस खौफ की रात में अकेले ड्राइव कर रही कोई लड़की जो कोई भूतिया कहानी सुन रही हो.... हा.. हा... हा...( एक कर्कश डरावनी हंसी की आवाज सुनाई देती है।) इतना कहकर आर जे रेवांश मजाक के लहजे में कहता है.... लगा ना खौफ उन्हें जो इस वक्त अकेले ड्राइव कर रहे हैं।

आर जे रेवांश की बातें सुनकर एक बार को रिया के मन में हल्का सा खौफ आ जाता है क्योंकि वो अकेले ड्राइव कर रही थी, एक पल के लिए उसे ऐसा लगा जैसे यह सब उसके लिए ही बोला हो। वह अक्सर यह कहती रहती थी...मुझे डर नहीं लगता। इसके बावजूद भी वो आर जे रेवांश को सुनना जारी रखती है। 

यह कहानी है....खौफ की उस रात की जब एक लड़की आधी रात को अकेले ड्राइव करके घर जा रही थी लेकिन वो कभी घर नही पहुंच पाई जानते हैं क्यों....???

(कहानी के साथ उसके बैकग्राउंड में एक डरावन सा संगीत भी चल रहा था,, जो माहौल को और भी ज्यादा  डरावना बना रहा था।)

क्योंकि उसके भीतर छुपा खौफ जाग गया था। और कहते हैं ना...जो डर गया वो मर गया...!!....,,जैसे मैं भी मर चुका हूं।

अमावस की काली गहरी रात थी। सड़क भी अंधेरी और सुनसान थी, हवा से बातें करती हुई एक कार चले जा रही थी। अचानक से अंधेरे में उस लड़की की कार के सामने एक छोटी बच्ची आ गई। उस लड़की ने कार को झटके के साथ रोकते हुए ब्रेक लगाया। वो लड़की कार रोकते ही गुस्से में कार से बाहर निकली और उसने देखा कि उसकी कार के सामने लगभग एक पांच साल की बच्ची खड़ी हुई थी। उसके बाल बिखरे हुए थे और कपड़े भी फटे हुए थे।
उसके हाथ में एक छोटा सा कटोरा भी था। 

उस छोटी बच्ची ने उस लड़की को देखते ही अपना कटोरा उसके सामने कर दिया। वो लड़की पहले से ही गुस्से में थी और उस बच्ची के इस तरह से उसके सामने भीख मांगने के लिए कटोरा आगे करने पर वह गुस्से में आग बबूला हो गई और उस बच्ची पर चिल्लाते हुए कहने लगी.... "तुम्हारे जैसे भिखमंगो की वजह से हम लोगो का जीना मुश्किल हो गया है,, कहीं भी किसी भी वक्त हाथ में कटोरा लिए टपक पड़ते हो तुम गंदे लोग।"

उसकी कड़वी बात सुनकर वो छोटी बच्ची रोने लगती है और रोते रोते कहती है.... दीदी प्लीज़ मुझे कुछ खाने को दे दो,, सुबह से कुछ नहीं खाया है।

वो लड़की उस बच्ची के आंसू देखकर भी नही पिघलती और फिर से उस पर चिल्लाते हुए कहती है....मैं क्या अपने साथ सुपर मार्केट लेकर घूम रही हूं....???,, तुम्हारे जैसे भूखे कहीं से प्रकट हो और मैं उन्हें खाना बांटना शुरू कर दूं,, हटो मेरे सामने से....इतना कहकर वो लड़की, उस बच्ची को उसके बाजू से पकड़ते हुए एक कोने में धक्का दे देती है,, धक्का लगते ही वो बच्ची नीचे सड़क पर गिर जाती है और उसके हाथ में वहां उस सड़क पर पड़े हुए पत्थर चुभ जाते हैं। वो बच्ची पत्थर चुभते ही जोर से चिल्लाती है। 

लेकिन वो लड़की उस बच्ची को नजरंदाज कर अपनी कार में बैठ जाती है। वह अपने हाथों में सेनिटाइजर लगाते हुए कहती है....कितने गंदे होते हैं ये लोग,, मुझे भी गंदा कर दिया,, घर जाकर शॉवर लेना पड़ेगा।

वह अपनी कार स्टार्ट करके आगे बढ़ जाती है। उसके जाते ही वो छोटी बच्ची उठ कर खड़ी हो जाती है। सामान्य सी दिख रही उस बच्ची की आखें अब पलट कर काली हो जाती हैं। वह अपना पूरा मुंह खोलकर बहुत तेज चिल्लाती है। यह एक भयानक और बेहद दर्दनाक आवाज थी। वो बच्ची अपने हाथों की तरफ देखती है और कहती है....फिर से !! फिर से !!
तुम लोग कब सुधरोगे....??? कब इंसानियत आएगी तुम लोगो में....??? एक बच्ची को देखकर भी दया नहीं आयी...??? अब मैं भी दया नहीं करूंगी तुम्हारे साथ भी वही होगा जो बाकी सब के साथ हुआ था,, तुम भी मरोगी मेरी तरह ही भूख से तड़प तड़प कर। इतना कहकर वो बच्ची एक डरावने प्रेत में बदल जाती है और हवा में उड़ते हुए उस लड़की की कार के ऊपर आकर बैठ जाती है।

उस लड़की को अहसास होता है कि उसकी कार का ब्रेक फेल हो गया है। कार उसके नियंत्रण से बाहर हो जाती है। 
यह महसूस होते ही वह डर जाती है,, उसे मौत का खौफ सताने लगता है। वो लड़की अपनी कार का दरवाजा खोलती है और चलती कार से कूद जाती है। वह कार से कूदकर लुढकती हुई सड़क के साथ लगी झाड़ियों में गिर चुकी थी। वह बुरी तरह से जख्मी हो चुकी थी लेकिन बहुत सारी चोट लगने के बाद भी वह बच गई थी।

वह जैसे तैसे खुद को संभालते हुए जैसे ही खड़ी हुई, उसे वो छोटी बच्ची अपने सामने मुस्कुराते हुए खड़ी हुई नजर आयी। उस बच्ची को देखकर वो जख्मी हालत में भी उस पर गुस्सा करते हुए उसके पास आने लगी। बच्ची उसे देखकर मुस्कुराए जा रही थी। वो लड़की उसकी मुस्कुराहट से चिढ़ चुकी थी। जैसे ही वो लड़की उस बच्ची के पास आकर खड़ी हुई वह उस पर हाथ उठाने वाली थी कि तभी वो बच्ची उसके सामने से गायब हो गई। 

वो बच्ची उस लड़की के पीछे खड़ी होकर उसके कपड़ों को पीछे से हल्के हाथों से खींचते हुए बोली..."दीदी" !!

आवाज सुनकर उस लड़की ने पलट कर देखा और देखते ही उसके मुंह से एक तेज चीख निकली। उस लड़की का चेहरा खौफ से सफेद पड़ गया था। वह उसे देखने के बाद वहां से भागने लगी लेकिन कुछ दूरी पर भागते भागते वह ठोकर लगने पर नीचे सड़क पर गिर गई। उसके हाथों में सड़क पर पड़े छोटे छोटे पत्थर गढ़ गए थे। जिनसे थोड़ा थोड़ा खून आने लगा था। 

नीचे गिरने के बाद जैसे ही उस लड़की ने वापस से उठने के लिए अपना चेहरा ऊपर उठाया उसके सामने वही बच्ची खड़ी हुई थी इस बार उसके हाथ में दो कटोरे थे। वह दोनों कटोरों को ध्यान से देखते हुए बोली तुम इन दोनों में से कौन सा वाला कटोरा लोगी। थोड़ी देर खुद ही दोनों कटोरों को देखने के बाद वह बोली ये वाला बड़ा है इसे तुम रख लो। 

वह लड़की डरी हुई दहशत से उस बच्ची को देख रही थी। उस छोटी बच्ची का पेट एकदम अंदर की तरफ धंसा हुआ था,, उसका चेहरा भी बेहद डरावना नजर आ रहा था,, उसके गालों में से मांस जगह जगह से हट कर अंदर की हड्डियों को उकेरता हुआ उन से हट चुका था। वो लड़की डरते हुए पीछे की तरफ सरकने लगी। उसे ऐसे देख वो बच्ची हंसते हुए कहने लगी तुम भी मेरी तरह ही मरोगी, फिर हम साथ में भीख मांगेंगे। यह कहकर वो बच्ची एक डरवानी हंसी के साथ हंसने लगती है।

उस लड़की के पेट में अचानक बहुत तेज दर्द होने लगा। यह भूख का दर्द था। उसे इतनी तेज भूख लग रही थी कि उस वक्त उसे कुछ भी मिलता वह उसे खा लेती। उसकी भूख बढ़ती जा रही थी। भूख इतनी भयंकर थी कि उस लड़की का दम निकल रहा था। इतनी कमजोरी महसूस हो गई थी कि वह अपनी जगह से हिल भी नहीं पा रही थी। उसने अपने दोनों हाथों से अपनी पेट को पकड़ा हुआ था, जो भूख की वजह से दर्द कर रहा था। वह चिल्ला भी नहीं पा रही थी। वह सड़क पर पड़ी मिट्टी को ही उठाकर खाने लगी। भूख की तड़प से कितनी तकलीफ होती है वह अब महसूस कर पा रही थी। उसने दयनीय नजरों से छोटी बच्ची की तरफ देखा जो उसे देखकर अभी भी मुस्कुरा रही थी। उसे लग रहा था कि शायद वो इस पल मरने वाली है लेकिन उसकी भूख की तड़प बढ़ती ही जा रही थी, वह हर पल तड़प रही थी। उसकी त्वचा धीरे धीरे पीली होकर सूखने लगी थी, जैसे वह कुपोषण का शिकार हो रही हो। उसके जिस्म से मांस हटकर हड्डियां दिखने लगी थी। वह धीरे-धीरे बहुत ही दर्दनाक मौत मर रही थी।

उसकी हालत देखकर वो बच्ची बेहद खुश थी। उसे अपनी मौत का दर्दनाक दृश्य याद आ रहा था, कैसे वो भी इन जैसे लोगो की वजह से भूख से तड़प कर मरी थी। कुछ ही पलों के बाद वह लड़की भूख से तड़प तड़प कर बेहद दर्दनाक मौत मर चुकी थी। वो छोटी बच्ची उसके पास खड़ी होकर उसे तड़पते हुए और आखिरी सांस लेते हुए देख रही थी।

कहानी खत्म हो चुकी थी अब कोई आवाज भी नहीं आ रही थी। रिया के रोंगटे खड़े हो गए थे क्योंकि यह तो उसी की कहानी थी। कुछ घंटे पहले ही तो उसे एक छोटी बच्ची मिली थी, वह भी ऐसी हालत में थी, उसने भी वही किया था जो उस लड़की ने बच्ची के साथ किया।

रिया अब इस कहानी को सुनकर डर चुकी थी। उसे ऐसा लग रहा था जैसे यह उसी की कहानी हो। थोड़ी देर बाद बंद एफएम से आवाज आती है क्या हुआ रिया ??? डर लग रहा है,, तुम्हें अपनी कहानी पसंद नहीं आई ?? आरजे रेवांश ! यह कहकर एक भयंकर अट्टहास के साथ हंसने लगता है।

रिया अपने कानों पर हाथ रख लेती है। वह बेहद डरी हुई थी। उसकी धड़कने जम सी गई थी। अचानक उसे एहसास होता है कि उसकी कार के ब्रेक फेल हो गए हैं। वह कार का दरवाजा खोल कर कार से कूद जाती है। 

इसी के साथ एक भयंकर आवाज गूंजती है...." तुम भी उस लड़की की तरह ही मारी जाओगी "

रिया कार से जैसे ही कूदती है और खुद को संभालते हुए खड़ी होती है....उसे आवाज सुनाई देती है....

"जो भी मेरी कहानी सुनता है उसकी जिंदगी का अंत भी उसी कहानी की तरह ही होता है। "

रिया उसकी आवाज सुनकर और भी ज्यादा दहशत से भर जाती है। वह भागना शुरू कर देती है। वह बस भागती हुई जा रही थी। तभी उसे एक तेज आवाज सुनाई देती है....."रिया"

अपना नाम सुनकर रिया पलट कर देखती है एक छोटी डरावनी बच्ची को खड़ा हुआ पाती है जिसे देख वह बेहद डर जाती है। वो छोटी बच्ची उसे कहते हैं कि तुम भी मरोगी। रिया उस छोटी बच्ची के हाथ में से दो कटोरे देखती हैं जैसा उसने आर जे रेवांश की कहानी में सुना था। उसे अहसास हो गया था कि अब उसके साथ वही होगा जो उस लड़की के साथ हुआ। वह पेट दर्द से चिल्ला रही थी। चिल्ला कर उसका गला भी सूख गया था। वह बेहद तड़प रही थी।

अब रिया को भी भूख का अहसास हो रहा था। हर सेकेंड में उसकी भूख बढ़ती जा रही थी। वह भूख से तड़पने लगी थी। 

उसकी तड़प देख उस छोटी बच्ची की आंखों में सुकून नजर आ रहा था। कुछ ही घंटो में रिया ने भूख से तड़प तड़प कर अपना दम तोड दिया था। उसकी सारी त्वचा सूख कर पीली पड़ने लगी थी। सारा मांस हड्डियों में समा गया था। उसका जिस्म किसी कुपोषण के शिकार इंसान की तरह नजर आ रहा था।

कुछ देर बाद रिया उस लड़की के साथ सड़क किनारे खड़े होकर हाथ में कटोरा पकड़े आती जाती गाड़ियों को देख रहे थी। लेकिन अब वह इंसान के रूप में नहीं बल्कि आत्मा के रूप में थी।

अंत में आर जे रेवांश की एक बेहद डरावनी और कर्कश आवाज गूंजती है...ये खौफ की रात, खौफ की उस रात से मिल गई। 


समाप्त!!