🌸 तेरे मेरे दरमियाँ – एपिसोड 11
“वादों के बाद, अब ज़िंदगी की तैयारी”
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“सच्चा रिश्ता सगाई से नहीं,
उसके बाद के वक़्त और इम्तिहानों से साबित होता है।”
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🏠 सीन 1: आरव और संजना की नई सुबह – सगाई के अगले दिन
संजना की आँखें जैसे ही खुलीं, उसके फोन में ढेरों नोटिफिकेशन थे।
बधाइयाँ, दिल वाले इमोजी, दोस्त की रील टैगिंग —
हर कोई उनके रिश्ते को दुआओं में बुन रहा था।
पर दिल में कहीं गहराई से एक सवाल था —
"अब आगे क्या?"
उधर आरव अपनी बालकनी में खड़ा था,
सामने सूरज धीरे-धीरे ऊपर आ रहा था।
उसके हाथ में वही डायरी थी जिसमें वो पिछले दो साल से अपने सपने लिखता आ रहा था।
आज पहली बार उसने लिखा —
> "अब मैं अकेले के लिए नहीं,
अब मेरे हर फैसले में 'हम' शामिल हैं।"
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📞 सीन 2: वीडियो कॉल – आरव और संजना
संजना: "आज बहुत कुछ सोच रही थी…"
आरव: "वही जो मैं सोच रहा हूँ शायद — अब अगला कदम क्या हो?"
संजना: "हाँ… शादी कब, कहाँ, कैसे? और क्या हम इसके लिए तैयार भी हैं?"
आरव: "मैं तुम्हारे साथ हर मोड़ पर हूँ, लेकिन माँ को लेकर थोड़ा चिंता है।"
संजना: "क्या वो अभी भी पूरी तरह तैयार नहीं हैं?"
आरव: "वो चाहती हैं कि मैं पहले अपने करियर में स्टेबल हो जाऊँ… फिर शादी।"
संजना (थोड़ी देर चुप रहकर): "शायद वो ठीक सोच रही हैं।"
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👩👦 सीन 3: आरव और उसकी माँ की बातचीत – रात को खाना खाते हुए
माँ: "बेटा, सगाई तो हो गई… लेकिन अब जल्दबाज़ी न करना।
अभी तुम्हें खुद को संभालना है — घर, खर्च, ज़िम्मेदारी सब कुछ।"
आरव: "माँ, मैं उसे और ज़्यादा इंतज़ार नहीं करवाना चाहता…"
माँ: "अगर वो तुम्हें सच में चाहती है,
तो वो भी समझेगी कि एक मजबूत नींव के बिना घर नहीं बनता।"
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🎓 सीन 4: संजना का एडमिशन – दिल्ली यूनिवर्सिटी, मास्टर्स प्रोग्राम
संजना को यूनिवर्सिटी से स्कॉलरशिप मिल गई थी।
PG कोर्स का ऑफर लेटर हाथ में लेकर उसने फोन किया:
"आरव! ये देखो…"
"Wow! दिल्ली यूनिवर्सिटी! Proud of you!"
"पर डर भी लग रहा है…"
"क्यों?"
"क्योंकि अब हम एक-दूसरे से दूर हो जाएंगे… कुछ महीनों के लिए।
हर दिन बात नहीं हो पाएगी, मिलना भी मुश्किल होगा।"
"तो क्या हुआ?
हमारा प्यार अब दूरी से नहीं, भरोसे से बंधा है संजना।
और ये तो बस कुछ महीने हैं… फिर पूरी ज़िंदगी तुम्हारे साथ बितानी है।"
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🚉 सीन 5: स्टेशन पर विदाई – दिल्ली जाने से पहले
ट्रेन की सीटी बज रही थी।
संजना का हाथ आरव के हाथों में था।
"मेरे बिना खुद को कमजोर मत समझना…"
"और तुम खुद को अकेला मत समझना…"
"तुम्हारा नाम मेरी हर डायरी के पन्ने पर लिखा रहेगा…"
"और मेरी हर दुआ में तुम्हारा चेहरा होगा…"
संजना ट्रेन में चढ़ गई।
जैसे ही खिड़की से बाहर देखा —
आरव अब भी वहीं खड़ा था… मुस्कुराते हुए, लेकिन आँखें भीग चुकी थीं।
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💼 सीन 6: नई ज़िंदगी की शुरुआत – दोनों शहरों में
आरव को मुंबई में अपनी पहली जॉब मिल गई — एक एड एजेंसी में।
तनख्वाह कम थी, लेकिन शुरुआत बड़ी थी।
संजना दिल्ली यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहने लगी।
क्लासेज़, लाइब्रेरी, रिसर्च, असाइनमेंट —
वो अब पूरी तरह अपने सपनों के पीछे भाग रही थी।
पर हर शाम दोनों एक ही टाइम पर एक-दूसरे को टेक्स्ट करते:
> "आज थोड़ा थक गया हूँ…"
"मैं भी… पर तुम्हारी याद ने थकान मिटा दी।"
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🧾 सीन 7: एक झटका – आरव की माँ की तबियत
एक रात माँ की तबियत अचानक बिगड़ गई।
आरव उन्हें हॉस्पिटल ले गया।
डॉक्टर ने कहा — “High BP और Anxiety… Stress बिल्कुल नहीं देना है।”
आरव ने फोन उठाया और संजना को कॉल किया:
"संजना, माँ ठीक नहीं हैं… मुझे कुछ वक्त उनके लिए चाहिए।
शायद हमें शादी को थोड़ा टालना पड़े…"
"क्या तुम मुझसे इजाज़त माँग रहे हो या मेरी परख ले रहे हो?"
"नहीं… मैं सिर्फ ये कह रहा हूँ कि मैं तुम्हारे साथ रहना चाहता हूँ,
पर अभी माँ मेरी पहली ज़िम्मेदारी हैं।"
"और मैं तुम्हारी माँ के साथ हूँ — जैसे एक बेटी होती है।
तुम अकेले नहीं हो आरव… मैं हर दर्द, हर फ़र्ज़, हर हालात में तुम्हारे साथ हूँ।"
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🌟 सीन 8: वीडियो कॉल – दीवाली की रात
इस बार दीवाली दोनों ने अपने-अपने शहरों में मनाई।
पर वीडियो कॉल पर दिए जले थे।
"मैंने तुम्हारे लिए मिठाई बनाई है,
वीडियो में दिखाऊं?"
संजना ने मुस्कराकर पूछा।
"और मैंने तुम्हारे लिए कैंडल खरीदी है —
जिसमें दो बातियाँ हैं, एक तुम और एक मैं।
दूरी में भी जल रहे हैं, साथ-साथ।"
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📖 सीन 9: संजना की डायरी – साल के आख़िरी दिन
*"2025 का अंत है…
मैं अब सिर्फ किसी की मंगेतर नहीं,
बल्कि खुद की पहचान बना चुकी हूँ।
आरव मुझसे दूर है, लेकिन उसकी मोहब्बत हर दिन पास लगती है।
मुझे अब डर नहीं लगता शादी से,
क्योंकि मुझे यक़ीन है — ये रिश्ता किसी रस्म से नहीं,
हमारे विश्वास से बंधा है।"*
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📆 सीन 10: न्यू ईयर सरप्राइज – आरव की फ्लाइट दिल्ली
31 दिसंबर की रात…
संजना लाइब्रेरी से लौट रही थी।
फोन पर आरव की कॉल:
"तुम कहाँ हो?"
"बस हॉस्टल की तरफ बढ़ रही हूँ…"
"तो जल्दी मुड़ो… कोई तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है।"
वो मुड़ी — सामने आरव खड़ा था, जैकेट में, हाथ में फूल लिए।
"Happy New Year, Miss To-Be-Wife!"
संजना दौड़कर उससे लिपट गई।
"अब और दूरी नहीं चाहिए… अब अगला कदम हमारा मिलन होगा!"
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🔚 एपिसोड 11 समाप्त
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🔔 एपिसोड 12 में:
✅ शादी की तारीख़ तय करने की उलझन
✅ दोनों परिवारों की सहमति
✅ और एक बड़ा इमोशनल मोड़ —
जहाँ एक पुराना किरदार फिर से लौटेगा… कुछ अधूरे सवालों के साथ!
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