✨एक साथ, एक सेवा - फर्ज़ और फैमिली के बीच संतुलन✨
("सच्चा प्यार वही है, जो जिम्मेदारियों के बीच भी सॉस ले सके... और जब एक ड्यूटी वर्दी पहन ले, तब दूसरी उसके थके हुए लबों पर मुस्कान बन जाए।")
अब वो पल आ गया था, जब दो प्रेमी, दो अफसर बनकर देश की सेवा में जुट चुके थे- एक IAS, एक IPS -दोनों ही अपने-अपने कर्तव्यों के बोझ तले थे... लेकिन अब इम्तिहान इस बात का नहीं कि मोहब्बत टिकेगी या नहीं- बल्कि इस बात का था कि वो एक-दूसरे में खोए बिना, अपने फर्ज में कैसे खुद को बनाए रखेंगे।
शादी के बाद - दो अफसर, एक रिश्ता
शादी के बाद पहली पोस्टिंग आई आरजू एक जिले की SDM बनीं, दानिश उसी राज्य में IPS Trainee के तौर पर रिपोर्ट करने वाले थे। दोनों को एक ही राज्य मिला था, पर जिले अलग-अलग थे। शादी के हफ्ते भर बाद ही दोनों अलग हो गए फर्ज निभाने।
दानिश- "हर रात बात करते करते सो जाऊँगा।"
आरजू - "और मैं सुबह उठकर सबसे पहले तुम्हारा गुड मॉर्निंग चेक करूँगी।"
जिम्मेदारियों का वजन और रिश्ते की जमीन
काम का बोझ बहुत था। दिन-रात मीटिंग्स, फील्ड विज़िट्स, और अधिकारियों के झंझट... कभी-कभी 2-3 दिन तक बात नहीं हो पाती। एक दिन आरजू ने दानिश को मेसेज कियाः
"पता है, आज पहली बार तुम्हारी आवाज सुने बिना नींद आई... पर सुकून नहीं आया।"
दानिश ने रात 1 बजे जवाब दियाः
"तुम्हारी खामोशी मेरी नींद तोड़ती है... पर फर्ज को भी निभाना है ना।"
टेक्नॉलजी बना सेतु - और अवनी फिर आई काम
अब आरजू और दानिश वीडियो कॉल पर अपने दिन की रिपोर्ट साझा करते। कभी-कभी एक-दूसरे की फाइल्स की मदद भी करते। आप जानते हैं इसी दौरान अवनी की भी परीक्षा क्लियर हो गई थी, और वह भी अब अन्य राज्य में SDM के रूप में अपने कर्तव्यों का बाखूबी निर्वहन कर रही थी। वो अक्सर दानिश से कहतीः
"भाई, अब तुम्हारा रिश्ता सिर्फ दिल से नहीं, टाइम मैनेजमेंट से भी होना चाहिए।" और आरजू से कहतीः
"भाभी तुम दोनों अब देश की सेवा में हो... अगर तुमने खुद को खो दिया, तो ये मोहब्बत हार जाएगी।"
छोटी छुट्टियाँ, बडी मुलाकातें
महीने में एक बार, जब दोनों को थोड़ी राहत मिलती, तो एक दूसरे के पास चले जाते। लंच बॉक्स में पराठे, रात को छत पर लेटकर बातों में बचपन का इश्क़ फिर से जीते।
आरजू - "कभी-कभी लगता है, ये सब सपना था।"
दानिश - "अगर सपना है, तो मैं सोना नहीं चाहता।"
आरजू - "और अगर हक़ीक़त है तो?"
दानिश-..." तो डरता हूं कि कहीं छूट न जाए।"
आरजू - "हम इत्तेफाक नहीं थे, इरादा थे... और इरादे छूटते नहीं।"
एक दिन - दोनों का ट्रांसफर हुआ
एक दिन दोनों का ट्रांसफर आदेश आया। इस बार एक ही जिले में। दानिश का IPS पोस्टिंग उसी जिले में SP के रूप में और आरजू वहीं की ADM बनीं। ये संयोग नहीं था, सिर्फ़ मेहनत, सेवा और मोहब्बत की सिफारिश थी।
शाम को ऑफिस से लौटकर, कुर्सी पर बैठा दानिश आरजू से बोलाः
"आज तुमने कितने फाइलों पर साइन किए?" आरजू - "45... और तुमने?"
दानिश - "6 FIR और 2 गैंग पकड़े... लेकिन थकान तुमसे मिलकर उतर गई।"
आरजू मुस्कुराई - और बोली:
"हम अब भी वही हैं... बस अब हमारी मोहब्बत में पोस्टिंग का ठप्पा लग गया है।"
उस रात दानिश ने अपनी डायरी में एक बार फिर लिखाः
"जब मोहब्बत ड्यूटी से टकराती है, और फिर भी मुस्कुराती है...
तो वो रिश्ता सिर्फ साथ नहीं, एक मिशन बन जाता है।"
अब उनका रिश्ता सिर्फ दो दिलों का नहीं, एक सिस्टम का हिस्सा था, जो देश को बदलने चला था।
(फिर कुछ साल बाद जब उनके घर एक नन्हा मेहमान आता है, और मोहब्बत अब एक माँ-बाप की ज़िम्मेदारी भी साथ लिए आती है। जहाँ हँसी, जज़्बात और प्यार की परिपक्वता दिखाई देगी...।)