🌸 क्यूट सी लड़की 💕
कॉलेज का पहला दिन 🎒 हमेशा कुछ नया लेकर आता है — नई क्लास, नए चेहरे 😯, और दिल में थोड़ी घबराहट। लेकिन उस दिन मेरे लिए सबसे खास था — उसकी पहली झलक।
कॉरिडोर के कोने पर खड़ी थी वो — गुलाबी दुपट्टा 🩷, हाथ में नोटबुक 📓, और चेहरे पर मासूम सी मुस्कान 😊। उसके बाल कभी एक आँख पर गिरते, और वो हल्के से उन्हें पीछे करती थी। पहली बार में ही दिल ने कहा —
“ये कुछ अलग है…” 😍
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✨ पहली नज़र का असर ✨
मैंने अपने दोस्त से धीरे से पूछा —
"भाई, ये कौन है?" 🤔
“श्रुति,” वो बोला। “B.Com फर्स्ट ईयर। स्कूल टॉपर थी और बहुत सादी लड़की है।” 🎓
मैंने फिर उसकी तरफ देखा — उसकी चाल में नज़ाकत थी, उसकी मुस्कान में सुकून 😌। ऐसा लगा जैसे कोई शायरी चल रही हो सामने।
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🐢 धीरे-धीरे करीब 💬
कॉलेज के दिन यूँ ही बीतने लगे। कभी कैंटीन में दिख जाती ☕, कभी लाइब्रेरी में 📚, कभी ग्राउंड में अकेली बैठी मिलती 🍃।
फिर एक दिन डिबेट कॉम्पिटिशन था 🎤। मैं स्टेज पर गया और देखा — श्रुति जजेस में बैठी है! 😳
नर्वस हो गया था, पर जब उसकी आँखों में देखा 👀, तो हिम्मत मिल गई। मैंने दिल से बोला, और पहली बार कुछ खास महसूस किया।
जब विनर अनाउंस हुआ — मैं था। 🏆
वो मेरे पास आई, मुस्कराई और बोली:
“आपकी बातें दिल को छू गईं... बिल्कुल आपकी तरह।” 😊
उस दिन लगा, कुछ तो है... कुछ जो सिर्फ मुस्कान में नहीं, एहसास में था।
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📖 वो कुछ अलग थी... 🌼
श्रुति बहुत शांत थी, लेकिन उसकी बातों में गहराई थी 🧠। वो जब भी कुछ बोलती, लगता जैसे कोई कहानी सुनाई जा रही हो 📜।
एक दिन कॉलेज के पेड़ के नीचे वो बैठी थी 🌳, हाथ में डायरी ✍️, कुछ लिख रही थी।
मैंने पूछा — “क्या लिख रही हो?”
उसने देखा, मुस्कुराई 😊 और कहा —
“कुछ अहसास... जो किसी को बताने से पहले कागज़ पर बोलना ज़रूरी होता है।” 💌
मैं चुप हो गया... क्योंकि उस दिन शब्दों से ज़्यादा उसकी खामोशी ने असर किया था।
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💞 दोस्ती या कुछ और...? 🫢
अब हम रोज़ साथ रहते — साथ क्लास, साथ प्रोजेक्ट्स, साथ लाइब्रेरी 📚 और हाँ, साथ चाय भी ☕।
लोग पूछने लगे —
“तुम दोनों कुछ चल रहा है क्या?” 😉
मैं हँस कर टाल देता 😅, पर अंदर से... मैं खुद भी नहीं जानता था। शायद दोस्ती से कुछ आगे का सफर शुरू हो चुका था।
एक दिन उसने मुझसे पूछा —
“अगर तुम्हें किसी की आदत लग जाए, और वो आदत ही तुमसे दूर चली जाए... तो क्या करोगे?” 💭
मैंने मुस्कुरा कर कहा —
“उसे अपनी कहानी बना लूंगा, ताकि वो हमेशा मेरे साथ रहे।” 📘
उसने मेरी आँखों में देखा, और पहली बार मेरी हथेली को थाम लिया... 💑
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💔 अलविदा का मौसम 🍂
कॉलेज खत्म हो रहा था। प्लेसमेंट, इंटर्नशिप्स और भागती ज़िंदगी 🏃♂️ शुरू होने वाली थी। श्रुति का परिवार वापस लखनऊ शिफ्ट हो रहा था।
आखिरी दिन वो मेरे पास आई, हाथ में एक लिफाफा और आँखों में नमी 😢।
“ये पढ़ना, जब मुझे बहुत मिस करोगे…” उसने कहा।
मैं कुछ कह नहीं पाया।
घर जाकर लिफाफा खोला —
उसमें एक छोटा सा कागज़ था:
“मेरे लिए तुम सिर्फ क्यूट नहीं... मेरे सबसे सच्चे हिस्से हो।” ❤️
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🕰️ कई साल बाद... 💌
अब मैं एक लेखक बन चुका हूँ। अपनी कहानियों में हर बार एक क्यूट सी लड़की होती है — जो हँसती है, बोलती है, और अचानक खामोश हो जाती है।
हर बार लोग पूछते हैं — “ये लड़की कौन है?”
मैं बस मुस्कुरा देता हूँ 🙂 और कहता हूँ —
“वो मेरी नहीं रही... पर मेरी कहानी में हमेशा रहेगी।” ✨
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📝 समाप्त 🌈
कभी-कभी ज़िंदगी हमें मुकम्मल मोहब्बत नहीं देती... बस कोई ऐसा दे जाती है, जो हमेशा अधूरा रहकर भी पूरा लगता है।
वो क्यूट सी लड़की... अब मेरी कहानियों में ज़िंदा है। 💖📚