"रात के ठीक बारह बजे, जब पूरा गाँव नींद में डूबा था, एक लड़की अकेली सड़क पर चल रही थी। अचानक, उसके मोबाइल पर एक मैसेज आया—'तुम्हें वहां नहीं जाना चाहिए था। अब बहुत देर हो चुकी है।'"
जब भी कोई इस सुनसान सड़क का नाम लेता है, गांववालों की आंखों में डर की एक परछाई तैर जाती है। "भूतिया घाटी रोड", जो कभी एक सुंदर, पेड़ों से ढकी घाटी थी, अब एक खौफनाक दहशत का नाम बन चुकी है।
शहर से आए चार दोस्त—राहुल, आर्या, इशान और मानसी—एक डॉक्युमेंट्री बनाने के इरादे से गांव "नरकपुर" पहुंचे थे। उन्होंने गांव के लोगों से उस खतरनाक सड़क के बारे में सुना, पर उनकी बातों को अंधविश्वास मानकर हंस कर टाल दिया।
“एक सड़क डरावनी कैसे हो सकती है? ये सब बकवास है,” राहुल ने कहा, कैमरा कंधे पर टांगे।
गांव की बूढ़ी अम्मा ने एक बात कही जो सबके दिमाग में गूंजती रही—
"वो सड़क खून मांगती है... और जब तक उसे उसका हिस्सा नहीं मिलता, वो चैन से नहीं बैठती...
अगली रात, वे सभी ‘भूतिया घाटी रोड’ पर पहुंचे। जैसे ही कार ने उस सड़क पर कदम रखा, मोबाइल नेटवर्क गायब हो गया। कोहरे की एक घनी चादर चारों ओर फैल गई। हेडलाइट की रोशनी में कुछ दूर एक औरत खड़ी दिखाई दी, सफेद साड़ी में, सिर झुका हुआ।
“हमें रोकना चाहिए?” इशान ने कहा।
राहुल ने मना किया, “ये गांववालों की चाल होगी हमें डराने की।”
लेकिन जैसे ही कार उस औरत के पास पहुँची, वो अचानक हवा में गायब हो गई।
मानसी ने चीखते हुए कहा, “उसके पैर उल्टे थे… वो इंसान नहीं थी!”
सड़क पर चलते-चलते उनकी कार बंद हो गई। बाहर उतरने पर उन्हें ज़मीन पर खून के धब्बे दिखे—ताज़ा खून, बिल्कुल गाढ़ा लाल।
और तभी झाड़ियों से आई एक फुसफुसाती आवाज़—
"तुम में से एक को यहीं रुकना होगा..."
अचानक, इशान गायब हो गया। चीख सुनाई दी, लेकिन आवाज़ की दिशा पकड़ना नामुमकिन था। कैमरा जो उसके पास था, जमीन पर टूटा पड़ा था—रिकॉर्डिंग चल रही थी।
रिकॉर्डिंग में साफ़-साफ़ दिखा—एक काली परछाई इशान को घसीटते हुए झाड़ियों में ले जा रही थी, उसकी आंखें पूरी सफेदी में थीं, और चेहरे पर एक भयानक मुस्कान।
भागते हुए बाकी तीन एक पुराने वीरान मकान में घुसे। वहां एक पुराना अखबार पड़ा था—
“2011: चार युवकों की रहस्यमयी मौत, एक लड़की की आत्मा का संदेह।”
उनके चेहरे पीले पड़ गए। आर्या धीरे से बोली, “ये चारों… ये तो हमारी ही तरह डॉक्युमेंट्री बना रहे थे…”
मानसी की आंखों में आंसू थे, “क्या…हम वही दोहरा रहे हैं?”
और तभी उन्हें वो दिखा—एक दीवार पर लिखा था खून से—
"हर दशक में चार…तीन लौटते हैं… एक यहीं रह जाता है…"
उन्हें पता चला कि वो लड़की, जिसकी आत्मा यहां भटकती है, आर्या की जुड़वां बहन थी—जिसे बचपन में इसी रोड पर रहस्यमयी ढंग से मार दिया गया था। आर्या को खुद याद नहीं था, क्यूंकि बचपन की उस ट्रॉमा से उसका दिमाग़ ब्लैंक हो चुका था।
अब आत्मा अपनी बहन को वापस चाहती थी।
"वो आर्या को ले जाएगी!" राहुल चिल्लाया।
लेकिन बहुत देर हो चुकी थी।
आर्या, धीरे-धीरे आत्मा की तरह बदलती गई—उसकी आंखें खाली, शरीर बेजान… और वो बस मुस्कुराई—
"अब मेरी जगह पूरी हो गई है…"
सुबह के अखबार में एक खबर थी—
“तीन पर्यटक मिले बेसुध, एक लड़की का कोई सुराग नहीं।”
गांववालों ने कहा—"अब वो सड़क फिर से शांत है…कुछ सालों के लिए..."
लेकिन आखिरी दृश्य में, जब राहुल अपने कमरे में बैठा वीडियो चेक कर रहा था… कैमरे की आखिरी फुटेज में… उसने देखा—
उसके पीछे…आर्या खड़ी थी… वही सफेद आंखें… वही भयानक मुस्कान…
सड़क फिर शांत है…
पर अगला दशक कब आएगा, कोई नहीं जानता।
और अगली बार कौन ‘एक’ बनेगा… शायद… आप।
अब वो दशक बदल चुका है। लेकिन भूतिया घाटी रोड की भूख कभी शांत नहीं होती। इस बार कहानी की शुरुआत उस काली परछाई की असली पहचान से होगी…
राहुल, अब एक मानसिक अस्पताल में था। दिन-रात बड़बड़ाता—“वो लौट आई है… वो यहीं है…”
डॉक्टरों ने उसका रिकॉर्डिंग फुटेज देखा, लेकिन हर बार… आर्या की परछाई वहाँ से गायब हो जाती।
“क्या ये उसके दिमाग़ का वहम है? या कुछ ऐसा जो कैमरा नहीं देख सकता?” डॉक्टरों में बहस छिड़ी रही।
उसी अस्पताल की एक नर्स, नीरा, जब रात में ड्यूटी पर थी, राहुल के कमरे से तेज़ हँसी सुनाई दी—आर्या की…
अगली सुबह, नीरा लापता थी।
एक पुरानी, फटी हुई डायरी गांव के पुरातन मंदिर के नीचे से मिली। ये डायरी किसी "शशिकला" नाम की लड़की की थी।
“मुझे इस घाटी से प्यार है… लेकिन बाबा ने कहा यहां कुछ बुरा है… एक राक्षसी परंपरा… हर दस साल में एक बलि…”
शशिकला एक पढ़ी-लिखी लड़की थी, लेकिन गांव के तांत्रिकों ने उसे चुड़ैल करार दिया—क्योंकि वो पूछती थी सवाल। एक रात उसे इसी घाटी की सड़क पर जिंदा जला दिया गया।
मरने से पहले उसकी आंखों से एक वादा झलक रहा था—
"मैं लौटूंगी… और हर दशक में किसी को अपने साथ ले जाऊंगी…"
अब साल है 2025… और एक YouTube चैनल के चार व्लॉगर—नील, सिया, जतिन और जोया—ने “Most Haunted Places in India” की सीरीज़ शुरू की है।
उनकी अगली लोकेशन?
“Bhootia Ghati Road – The Curse that Never Ends”
गांववालों ने मना किया, पुलिस ने चेतावनी दी, पर उनका उत्साह कंटेंट से बड़ा था।
“भूत-वूत कुछ नहीं होते… views होते हैं!” जतिन ने कहा।
लेकिन जैसे ही उन्होंने घाटी की सड़क पर पैर रखा, कैमरा स्क्रीन फ्रीज़ हो गई… और पीछे से वही आवाज़ आई—
“तुम चार हो… लेकिन लौटोगे तीन…”
पहली रात ही सिया की नींद में आर्या आई। सफेद आँखें… वही मुस्कान।
“मुझे अपना एक चाहिए… कौन देगा?”
अगली सुबह, सिया की आवाज़ बदल चुकी थी।
उसने कहा—“हमारा काम शुरू हो चुका है।”
कैमरे की रिकॉर्डिंग से नील को पता चला कि सिया अब वो नहीं रही जो आई थी। वो शशिकला की आत्मा का नया शरीर बन चुकी थी।