📝 कहानी: "वो स्कूल में बहुत क्यूट दिखती है" 🏫❤️✨
शुभम ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ता था। शांत, थोड़ा शर्मीला, लेकिन दिल का बहुत साफ। उसे पढ़ाई से ज्यादा दिलचस्पी थी उस लड़की में, जो हर रोज़ नीली यूनिफॉर्म में उसके स्कूल के गेट से हँसते हुए अंदर आती थी — रिया।
रिया पहली बार जब स्कूल आई थी, शुभम उसे देखते ही रुक गया था। कंधे तक खुले बाल, मासूम चेहरा और आँखों में एक अजीब सी चमक। उसकी हँसी कुछ ऐसी थी जो क्लासरूम की बोरियत को भी रोशन कर देती थी।
"वो स्कूल में बहुत क्यूट दिखती है," शुभम ने पहली बार अपने सबसे अच्छे दोस्त अमन से कहा।
अमन हँसा, "भाई, ये लाइन तो पूरे स्कूल के लड़कों की है, तू क्या अलग है?"
शुभम मुस्कराया, लेकिन उसके दिल में कुछ अलग था। उसे रिया की सिर्फ खूबसूरती नहीं, बल्कि उसका अंदाज़ भी पसंद था। वो हमेशा सबकी मदद करती थी, क्लास में एक्टिव रहती थी और सबसे घुलमिल कर रहती थी।
🌸 धीरे-धीरे बढ़ने लगी बातें
शुभम और रिया का कोई सीधा रिश्ता नहीं था, लेकिन एक दिन गणित की क्लास में टीचर ने दोनों को एक ही प्रोजेक्ट ग्रुप में डाल दिया।
शुभम के लिए यह जैसे किस्मत का तोहफ़ा था।
पहली बार शुभम ने रिया से सीधे बात की।
"तुम्हें मैथ अच्छा लगता है?" शुभम ने झिझकते हुए पूछा।
रिया मुस्कराई, "हाँ, लेकिन कभी-कभी परेशान कर देता है। साथ में करेंगे तो आसान हो जाएगा।"
बस, वही दिन था जब शुभम का दिल और भी तेज़ धड़कने लगा। अब वो प्रोजेक्ट बहाना बन गया और बातें बढ़ने लगीं।
📝 खास लम्हे
रोज़ स्कूल के बाद दोनों लाइब्रेरी में बैठते, कुछ पढ़ते और बहुत कुछ अनकहा भी कह जाते। रिया भी शुभम को पसंद करने लगी थी। उसकी सादगी, उसकी इमानदारी और वो हल्की-सी झिझक, जो आजकल के लड़कों में नहीं होती।
एक दिन रिया ने कहा, "शुभम, तुम बहुत अलग हो। बाकी लड़के मुझे बस ‘क्यूट’ समझते हैं, लेकिन तुम मेरी बातें सुनते हो… समझते हो।"
शुभम की मुस्कान वहीं रुक गई, वो कुछ बोलना चाहता था, पर शब्द नहीं निकले।
💌 प्रपोज़ल – एक सीधा लेकिन दिल से
अंत में प्रोजेक्ट खत्म हो गया, लेकिन शुभम चाहता था कि उनका रिश्ता न खत्म हो। उसने अमन से सलाह ली, और एक छोटे से कागज़ पर लिखा:
"तुम सिर्फ क्यूट नहीं हो, तुम मेरी पहली पसंद हो। क्या हम दोस्त से थोड़ा और बन सकते हैं?"
अगले दिन उसने वो नोट रिया को दिया। रिया ने मुस्कराते हुए पढ़ा, और बिना कुछ कहे शुभम का हाथ पकड़ लिया।
बस, वो दिन एक नई शुरुआत बन गया।
📚 अब भी वही स्कूल… लेकिन कुछ अलग
अब स्कूल वैसा ही था — वही क्लास, वही पीरियड्स — लेकिन शुभम और रिया की आँखों में चमक और दिल में कुछ खास था।
वे दोनों अब भी पढ़ाई में ध्यान देते, लेकिन उनके लंच ब्रेक की छोटी-सी बातें, लाइब्रेरी की मुलाकातें और स्टेशनरी शेयर करने के बहाने उन्हें और करीब ला रहे थे।
📅 बोर्ड एग्ज़ाम के बाद का वादा
बोर्ड एग्ज़ाम आने लगे। दोनों ने एक-दूसरे से वादा किया — "पहले सपनों को पूरा करेंगे, फिर एक-दूसरे का सपना बनेंगे।"
रिया डॉक्टर बनना चाहती थी और शुभम इंजीनियर।
💖 अंत – लेकिन एक नई शुरुआत के साथ
आखिरी दिन स्कूल का था, दोनों ने स्कूल के बाहर एक सेल्फी ली। रिया ने कहा, "अब ये सिर्फ स्कूल वाली क्यूटनेस नहीं रही, अब ये यादें हैं, जो पूरी ज़िंदगी साथ रहेंगी।"
शुभम मुस्कराया, "और तुम सिर्फ मेरी कहानी की क्यूट लड़की नहीं, अब तुम मेरी जिंदगी हो।"