🖋️ एपिसोड 11: “जब नई ज़िंदगी दस्तक देती है…”
> “जब कोई नया रिश्ता जन्म लेता है,
तो पुराने रिश्ते भी नए सिरे से जीना सीखते हैं।”
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स्थान: दिल्ली — रेहाना और आरव का घर, तीसरे महीने की शुरुआत
घर में कुछ बदलने लगा था —
दीवारों का रंग, अलमारी में बच्चों के खिलौनों की तस्वीरें,
और सबसे ज़्यादा — रेहाना की आँखों में।
वो अब सिर्फ पत्नी नहीं रही थी…
वो अब एक माँ बनने जा रही थी।
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सुबह का समय — आरव चाय बना रहा था
रेहाना तकिए में सिर दबाए मुस्करा रही थी।
> “आज फिर ग्रीन टी?”
“डॉक्टर ने कहा है… तुम्हारे और बेबी के लिए अच्छा है।”
“और मेरे लिए तुम्हारा प्यार ही काफी है…”
“तो फिर एक चाय, दो दिलों और तीन धड़कनों के नाम।”
(दोनों हँसते हैं)
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Scene Change — रेहाना की माँ घर आईं
माँ ने रेहाना का हाथ पकड़ा और माथे पर चूम लिया।
> “जब तू पैदा हुई थी ना, तो मुझे पहली बार लगा था कि ज़िंदगी सच में खूबसूरत है।”
“अब वही अहसास तेरे लिए भी आने वाला है।”
रेहाना भावुक हो गई।
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फ्लैशबैक — रेहाना की पहली सोनोग्राफी रिपोर्ट
जब उस काले-सफेद स्क्रीन पर पहली बार दिल की धड़कन दिखी थी…
तो आरव की आँखों से आंसू निकल आए थे।
> “ये... हमारी धड़कन है?”
“हाँ… हमारी कहानी अब तीन हिस्सों में बँट गई है — मैं, तुम और वो।”
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तीसरे महीने का आखिरी दिन — हॉस्पिटल विजिट
डॉक्टर ने कुछ टेस्ट्स और बेड रेस्ट की सलाह दी।
रेहाना की सेहत थोड़ी कमज़ोर थी।
> “मुझे कुछ हो गया तो?”
“तुम कुछ नहीं होगी।
जब तुम मेरी कमज़ोरी थी, तब भी मैं मज़बूत था।
अब जब तुम मेरी ताकत हो, तो सोचो क्या बन जाऊँगा।”
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आरव का केयर मोड — ON
• हर तीन घंटे में टाइमर लगा कर फल
• प्रेग्नेंसी म्यूज़िक प्लेलिस्ट
• बेबी डायरी बनाना
• हर दिन एक नया नाम सोचने की कोशिश
रेहाना मुस्कराती —
> “तुम मुझसे ज़्यादा इस बच्चे से प्यार करने लगे हो क्या?”
“तुम दोनों एक ही तो हो… कैसे अलग करूँ?”
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Scene Change — सातवां महीना शुरू
घर में अब नन्हें कपड़ों की महक थी।
दीवार पर गुलाबी और नीले रंग की लाइट्स।
एक शाम, आरव थका-सा ऑफिस से लौटा।
> “तुम्हें आराम चाहिए था ना… फिर क्यों इतना डेकोरेशन?”
“क्योंकि वो हमारी दुनिया में आने वाला है…
और मुझे उसे बताना है कि यहाँ उसका वेलकम है।”
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एक रात — रेहाना की नींद टूटी
पेट में हल्का-सा खिंचाव, बेचैनी और घबराहट।
आरव तुरन्त उठा, डॉक्टर को फोन किया।
रेहाना का BP थोड़ा बढ़ा हुआ था।
डॉक्टर ने तुरंत निगरानी की सलाह दी।
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Scene – हॉस्पिटल का कमरा, रात 3:00 बजे
रेहाना लेटी थी, और आरव उसका हाथ थामे बैठा था।
> “अगर कुछ हो गया तो?”
“मैंने तुम्हें कभी खोने का सोच भी नहीं सकता…
और अब जब तुम दो हो — मैं तुम्हारे लिए दुनिया से लड़ जाऊँगा।”
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अगली सुबह — सब नॉर्मल
डॉक्टर ने बताया कि ये एक सामान्य कॉम्प्लिकेशन था।
लेकिन अब रेहाना को पूरा बेड रेस्ट चाहिए।
आरव ऑफिस से छुट्टी लेता है।
अब उसका पूरा दिन — रेहाना, बेबी और डायरी के नाम।
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📖 डायरी से एक पन्ना
> _“तुम जब मेरी ज़िंदगी में आई थी,
तब लगा था कहानी पूरी हो गई…
लेकिन अब जब तुम माँ बनने जा रही हो —
तो लगता है मेरी कहानी की असली शुरुआत अब हो रही है।”_
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रेहाना का नया रूप — माँ की तैयारी
• झूले की सिलाई
• बेबी के कपड़े खुद डिज़ाइन करना
• lullaby रिकॉर्ड करना
• बच्चों की कहानियाँ फिर से पढ़ना
आरव ने कहा —
> “तुम्हारे अंदर एक माँ नहीं…
एक पूरी किताब बस गई है।”
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🎉 गर्भवती पूजा — पारिवारिक आयोजन
छोटा-सा मंडप, हल्दी के रंग, माँ की आँखों में गर्व
और आरव के चेहरे पर वो चमक जो पहली बार प्यार में होती है।
रेहाना ने कान में फुसफुसाया —
> “क्या मैं अच्छी माँ बनूंगी?”
“तुम सबसे खूबसूरत माँ बनोगी…
क्योंकि तुमने मुझे फिर से बच्चा बना दिया है।”
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एपिसोड का अंतिम दृश्य — एक और रात, एक और सपना
रेहाना सपने में अपने बच्चे को गोद में देखती है।
सुबह उठते ही वो डायरी में लिखती है:
> “तेरा नाम क्या होगा, पता नहीं…
पर तेरा आना, मेरी सबसे प्यारी कहानी होगी।”
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✨ एपिसोड की आख़िरी लाइन:
> “जब कोई नया रिश्ता जन्म लेने वाला होता है…
तब प्यार का सबसे प्यारा रूप दिखता है —
निस्वार्थ, निडर और माँ जैसा।”
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🔔 Episode 12 Preview: “जब पहली बार तुम्हें देखा…”
> वो पल, जब माँ और पिता पहली बार अपने बच्चे को गोद में लेते हैं…
क्या वाकई ज़िंदगी वहीं से शुरू होती है?