game of luck in Hindi Human Science by Vijay Sharma Erry books and stories PDF | किस्मत का खेल

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किस्मत का खेल

यह रही आपकी मांगी हुई कहानी —कहानी :किस्मत का खेल✍️ लेखक: विजय शर्मा ऐरीदिल्ली के पॉश इलाके में रहने वाला अर्जुन माथुर अपने रईसी और शानो-शौकत के लिए जाना जाता था। एक हीरा व्यापारी का इकलौता बेटा, दिखने में स्मार्ट, पैसे की कोई कमी नहीं। उसके पिता का सपना था कि अर्जुन फैमिली बिजनेस संभाले और एक रईस घराने की लड़की से शादी करे। लेकिन अर्जुन के दिल में पहले से ही उसकी कॉलेज गर्लफ्रेंड, तन्वी का राज था। तन्वी भी हाई प्रोफाइल फैमिली से थी। दोनों की शादी तय हो चुकी थी और बस 10 दिन बाद शादी थी।शादी की तैयारियों में घर रोशन था। अर्जुन के दोस्त उसे पार्टी के लिए क्लब लेकर गए। शराब और शोरगुल के माहौल में अर्जुन का सिर चढ़ गया। वहीं क्लब के पास एक गरीब बस्ती थी। रात के अंधेरे में अर्जुन नशे में बस्ती की ओर निकल गया। तभी सामने दिखी सादगी में लिपटी एक साधारण सी लड़की— नेहा।नेहा गरीब घर की थी, ट्यूशन पढ़ा कर परिवार का गुजारा करती थी। वह देर रात ट्यूशन से लौट रही थी। अर्जुन नशे में था और उसे लगा कि शायद ये भी कोई पार्टी गर्ल है। धुत हालत में उसने मर्यादा की सारी हदें पार कर दीं। अगले दिन जब होश आया तो उसे रात की कोई याद नहीं थी।📍 लेकिन अगली सुबह घर पुलिस के साथ नेहा और उसका पिता पहुंचे। समाज की इज्जत के डर से, नेहा के पिता ने सीधा कोर्ट का रुख किया। मामला मीडिया में फैल गया। अर्जुन के पिता के सिर पर मान-सम्मान का बोझ था।पिता ने कहा —“अर्जुन, हमने कभी किसी की बेटी को रुलाया नहीं, अगर तेरी गलती से किसी का जीवन बर्बाद हो रहा है तो इसका प्रायश्चित तुझे करना होगा।”तन्वी के घर वालों ने रिश्ता तोड़ दिया। अर्जुन के लिए ये किसी वज्रपात से कम नहीं था। कोर्ट के आदेश पर अर्जुन ने नेहा से शादी कर ली।शादी के दिन अर्जुन का सिर झुका हुआ था। लेकिन नेहा के चेहरे पर आंसुओं के साथ एक शालीनता थी। अर्जुन ने देखा कि नेहा न तो पैसों की लालची थी और न ही बदला लेने वाली। बस किस्मत के फेर में एक आम लड़की की जिंदगी बदल गई थी।शादी के बाद अर्जुन के दिल में बगावत थी। उसने नेहा से दूरी बनाए रखी। नेहा चुपचाप अपना घर संभालती रही। धीरे-धीरे अर्जुन ने नोटिस किया कि नेहा घर में हर काम बखूबी करती है। उसके पिता और मां को दिल से इज्जत देती है। फैक्ट्री में घाटा चल रहा था, नेहा ने छोटे-छोटे सुझाव दिए और व्यापार में जान आने लगी।एक दिन अर्जुन के पिता ने कहा —“जिसे हम हादसा समझ रहे थे, वो तुम्हारे जीवन की सबसे बड़ी सौगात बन गई है बेटा।”अर्जुन सोच में डूबा रहा। समय के साथ अर्जुन ने जाना कि नेहा कितनी समझदार है, कितनी कर्मठ है। धीरे-धीरे उसके मन में नेहा के लिए आदर और प्रेम पनपने लगा।फिर एक दिन अर्जुन ने खुद नेहा के पास आकर कहा —“नेहा… मैंने तुझे कभी अपनाया नहीं, लेकिन अब मैं तुझे दिल से पत्नी मानना चाहता हूँ। क्या तू मुझे माफ कर सकती है?”नेहा की आंखें भर आईं, उसने कहा —“मैंने पहले ही सब माफ कर दिया अर्जुन जी। आपकी गलती ने मेरी किस्मत बदल दी, अब मैं बस एक अच्छी पत्नी बनने की कोशिश कर रही हूँ।”अर्जुन ने नेहा का हाथ थाम लिया। उस दिन अर्जुन ने अपने कमरे के दरवाजे पर लिखा —“ये घर अब सिर्फ महलों का नहीं, एक प्यार भरे दिल का भी है।”💐 समय बीता… अर्जुन और नेहा की जोड़ी एक मिसाल बन गई। तन्वी जो कभी अर्जुन की मोहब्बत थी, बाद में एक बार किसी पार्टी में मिली तो बोली —“शायद ऊपर वाला जोड़ी खुद तय करता है अर्जुन… तुम्हारा नशा तो उतर गया, लेकिन तुम्हें असली प्यार मिल गया।”अर्जुन ने मुस्कराकर नेहा की तरफ देखा और बोला —“सच कहा तन्वी… जो किस्मत लिखती है, वो कभी मिटती नहीं।”✨ कहानी का संदेश:जिंदगी के रास्ते अनचाहे मोड़ लाते हैं, पर सही इंसान के साथ चलो तो हर गलत फैसला भी सही हो जाता है।— समाप्त —